जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, इसका असर उसकी स्किन पर देखने को मिल जाता है. उम्र बढ़ने पर त्वचा पर झुर्रियां व फाइन लाइंस आदि दिखने लगती हैं. इसके साथ ही उम्र बढ़ने के लक्षण बालों और सेहत से भी दिख जाते हैं. उम्र बढ़ने पर व्यक्ति को बार-बार थकान महसूस हो सकती है, बाल सफेद हो सकते हैं. अधिक उम्र में एजिंग के लक्षण दिखना सामान्य होता है और प्रत्येक व्यक्ति को इससे गुजरना पड़ता है, लेकिन कुछ लोगों में कम उम्र में ही बढ़ती उम्र के लक्षण नजर आने लगते हैं. इसे प्रीमेच्योर एजिंग के रूप में जाना जाता है. प्रीमेच्योर एजिंग में व्यक्ति की त्वचा पर कम उम्र में ही झुर्रियां व महीन रेखाओं जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. 

आज इस लेख में आप प्रीमेच्योर एजिंग का कारण बनने वाली आदतों के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण
  2. प्रीमेच्योर एजिंग का कारण बनने वाली आदतें
  3. प्रीमेच्योर एजिंग से कैसे बचें?
  4. सारांश
प्रीमेच्योर एजिंग का कारण बनने वाली आदतें के डॉक्टर

समय से पहले उम्र बढ़ने यानी प्रीमेच्योर एजिंग के त्वचा पर निम्न लक्षण दिख सकते हैं -

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बढ़ी उम्र में एजिंग के लक्षण दिखना सामान्य होता है. वहीं, अगर प्रीमेच्योर एजिंग हो रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं. खासकर, कुछ आदतें प्रीमेच्योर एजिंग का कारण बन सकती हैं, जो इस प्रकार है -

धूप में अधिक रहना

सूरज की यूवी किरणें प्रीमेच्योर एजिंग का एक मुख्य कारण हो सकती है. अगर आप धूप में अधिक समय बिताते हैं, लेकिन सनस्क्रीन का यूज नहीं करते हैं, तो प्रीमेच्योर एजिंग से गुजरना पड़ सकता है. सूर्य की किरणों के संपर्क में रहने से त्वचा जल्दी बूढ़ी दिख सकती है. दरअसल, सूरज की किरणें त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं. ऐसे में स्किन सेल्स डैमेज हो जाते हैं और त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. साथ ही गालों पर झाइयां भी नजर आने लगती हैं.  

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इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अधिक उपयोग

जो लोग मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं, उन्हें प्रीमेच्योर एजिंग से गुजरना पड़ सकता है. दरअसल, ब्ल्यू लाइट त्वचा में बदलाव कर देता है. ब्ल्यू लाइट कोलेजन और त्वचा की इलास्टिसिटी को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में आपको अपनी त्वचा पर झुर्रियां और महीन रेखाएं आदि दिख सकती हैं. ब्ल्यू लाइट हीट पैदा कर सकती है, इससे त्वचा पर गर्मी महसूस हो सकती है और रेडनेस दिख सकती है.

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धूम्रपान करना

धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है. इससे स्किन सेल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है. दरअसल, धूम्रपान करने से शरीर को निकोटीन नामक विषाक्त पदार्थ मिलता है. यह विषाक्त पदार्थ त्वचा में कोलेजन और इलास्टिसिटी को कम करता है. इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. साथ ही सिगरेट का धुआं त्वचा में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनता है. इससे त्वचा पर ड्राईनेस होने लगती है, साथ ही झुर्रियां और प्रीमेच्योर एजिंग नजर आने लगती है.

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अनहेल्दी डाइट लेना

अनहेल्दी डाइट प्रीमेच्योर एजिंग का एक अहम कारण हो सकती है. क्योंकि हम जो भी खाते हैं, उसका असर हमारी त्वचा पर सीधे तौर पर पड़ता है. ऐसे में अगर आप अधिक शुगर और रिफाइंड शुगर खाते हैं, तो आपको प्रीमेच्योर एजिंग का सामना करना पड़ सकता है. फास्ट फूड, अधिक तला-भुना और जंक फूड भी प्रीमेच्योर एजिंग को न्यौता दे सकता है.

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प्रीमेच्योर एजिंग का एक कारण शरीर में कोलेजन की कमी होना भी होता है और इस कमी को Sprowt Collagen के जरिए पूरा किया जा सकता है, जो पूरी तरह से प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट है -

शराब पीना

शराब पीने से लिवर के साथ-साथ त्वचा भी प्रभावित होती है. शराब पीने से त्वचा डिहाइड्रेट हो जाती है. साथ ही स्किन सेल्स भी डैमेज होने लगते हैं. ऐसे में शराब पीने की वजह से समय से पहले ही उम्र बढ़ने के लक्षण नजर आने लगते हैं.

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पर्याप्त नींद न लेना

सेहत के साथ ही त्वचा के लिए भी पूरी नींद लेना जरूरी होता है. अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपको प्रीमेच्योर एजिंग से गुजरना पड़ सकता है. अध्ययन से पता चलता है कि नींद की कमी स्किन सेल्स की उम्र को तेजी से बढ़ा देती है.

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तनाव में रहना

तनाव में रहने का असर आपकी त्वचा पर भी पड़ सकता है. दरअसल, जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है, तो मस्तिष्क कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन को रिलीज करता है. इससे प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण नजर आने लग सकते हैं. ऐसे में त्वचा की लोच कम हो सकती है, त्वचा ढीली पड़ सकती है.

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जिस तरह खराब आदतों की वजह से प्रीमेच्योर एजिंग होती है, उसी तरह आदतों में सुधार करके प्रीमेच्योर एजिंग को रोकने में भी मदद मिल सकती है. प्रीमेच्योर एजिंग रोकने के उपाय -

  • हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए अपनी डाइट में फलोंसब्जियों और दालों को जरूर शामिल करें. 
  • प्रीमेच्योर एजिंग को रोकने के लिए धूप में कम समय बिताएं. अगर धूप में जाना भी पड़ रहा है, तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें. धूप में निकलने से पहले एसपीएफ 30 या उससे अधिक का सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
  • धूप में निकलने से पहले सिर और आंखों को भी जरूर कवर कर लें.
  • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे पूरी तरह से बंद कर दें. साथ ही शराब का सेवन करने से भी बचें.
  • प्रीमेच्योर एजिंग को रोकने के लिए रेगुलर एक्सरसाइजयोग और मेडिटेशन जरूर करना चाहिए.
  • अपनी त्वचा का पूरा ख्याल रखें. त्वचा से गंदगी, मेकअप और पसीना साफ करते रहें. 
  • अधिक पीएच वाले और फ्रेगनेंस वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें. ये ड्राईनेस को बढ़ा सकते हैं.
  • तनाव को कम करने की पूरी कोशिश करें. इसके लिए ध्यान लगाएं या प्राणायाम करें.
  • नींद पूरी करके भी प्रीमेच्योर एजिंग से बचा जा सकता है. एजिंग के लक्षणों को रोकने के लिए दिनभ में 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.

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बढ़ती उम्र में एजिंग के लक्षण नजर आना आम है, लेकिन अगर कम उम्र में ही एजिंग के लक्षण नजर आने लगे, तो इस स्थिति को प्रीमेच्योर एजिंग कहा जाता है. प्रीमेच्योर एजिंग खराब जीवनशैली की वजह से हो सकती है. ऐसे में प्रीमेच्योर एजिंग से बचने के लिए अपनी त्वचा को धूप से बचाकर रखें. साथ ही धूम्रपान, शराब का सेवन न करें. रेगुलर एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट टिप्स को फॉलो करें. अगर फिर भी प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण नजर आएं, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

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