भारत में महिलाओं की नाक छिदवाना एक अहम परंपरा मानी जाती है। लेकिन मंगलसूत्र की तरह नाक में बाली या नथ पहनने पर किसी प्रकार का सख्त नियम नहीं है। शादीशुदा और कुंवारी कोई भी लड़की इसे पहन सकती है। आज के दौर में कई महिलाएं फैशन के चलते भी नाक में बाली पहनना पसंद करती हैं। नाक की बाली या नथ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग डिजाइन में पहनी जाती है और इसको उस समुदाय या क्षेत्र की पंरपरा से जोड़कर देखा जाता है। नाक और कान छिदवाने की परंपरा भारत सहित दुनियाभर के अन्य देशों में भी प्रचलित है। इस परंपरा को सदियों आगे बढ़ाया जा रहा है।

इस लेख में आपको नाक छिदवाने के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इसमें नाक छिदवाने के फायदे, नाक छिदवाने से होने वाले नुकसान और नाक छिदवाने के बाद की जानें वाली देखभाल के बारे में भी आपको विस्तार से बताया जा रहा है।

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  1. नाक छिदवाने के फायदे - Naak chidwane ke fayde
  2. नाक छिदवाने से होने वाले नुकसान - Naak chidwane ke nuksan
  3. नाक छिदवाने के बाद क्या करें - Naak chidwane ke baad kya kare
  4. नाक छिदवाने के बाद की उपयोगी सलाह - Naak chidwane ke baad ki upyogi salah

हमारे देश के नाक छिदवाने को परंपरा और संस्कृति से जोड़कर देखा जाता है। भारत की महिलाओं के अलावा दुनियाभर के कई समुदायों में महिलाओं और पुरूषों की नाक छिदवाने की परंपरा मौजूद है। नाक छिदवाने का सकारात्मक पहलु यह है कि इससे सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। कई वैज्ञानिक समूहों में कान और नाक को छिदवाना रोगों को सही करने की वैकल्पिक प्रक्रिया के तौर माना जाता है। इसको सुइयों की मदद से मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रोगों को ठीक करने वाली एक्यूपंक्चर पद्धति के अंतर्गत रखा जाता सकता है। नाक छिदवाने से होने वाले फायदों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

  • मासिक धर्म का दर्द कम होता है –
    आयुर्वेद के अनुसार नाक के नथुने की खास जगह पर छेद करने से महिलों को मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द कम होता है। इस वजह से लड़कियां और महिलाएं नाक में बाली पहनती हैं। (और पढ़ें - मासिक धर्म में पेट दर्द के उपाय)
     
  • प्रजनन अंगों के लिए महत्वपूर्ण होता है –
    नाक का बाएं नथुने की कई नसें महिला के प्रजनन अंगों से जुड़ी होती हैं। इस तरह से बाएं नथुने की सही जगह पर छेद करने और बाली पहनना बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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नाक छिदवाने के बाद छेद की जगह पर उभार (bump) हो जाता है। नाक छिदवाने के बाद नाक में सूजन, लालिमा, खून निकलना और चोट का निशान कुछ सप्ताह तक हो सकता है। साथ ही जब नाक का छेद ठीक होना शुरू होता है, तो इसमें खुजली होना, सफेद पस आना या बाली पहनने वाली त्वचा पर पपड़ी बनने की समस्या भी हो सकती है। नाक को छिदवाने के बाद पूरी तरह से सही होने में छह महीनों का समय लग जाता है। लेकिन अगर आप छेद की जगह पर उभार महसूस करें, तो यह किसी अन्य समस्या की ओर इशारा करता है।

नाक को छिदवाने के बाद सामान्य तौर पर तीन तरह से त्वचा में उभार हो सकता है:

  • प्सटल (Pustule) – इसमें पस युक्त दाना या फोड़ा हो जाता है।
  • ग्रेन्युलोमा (Granuloma) – नाक को छिदवाने के छह सप्ताह बाद घाव होना।
  • किलोइड्स (Keloid) – इसमें चोट का निशान उभर आता है, यह निशान मुख्य रूप से छेद वाली जगह पर बन जाता है। (और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज करें ये घरेलू उपाय)

नाक छिदवाने के बाद होने वाले उभार का कारण:

  • नाक छेदने में गलत तकनीक का उपयोग करना।  
  • गंदे हाथों से नाक को छूना। (और पढ़ें - नाक में फुंसी का इलाज)
  • नाक के छेद की जगह को गलत प्रोडक्ट से साफ करना।
  • बाली या अन्य आभूषण से होने वाली एलर्जी। (और पढ़ें - स्किन एलर्जी का उपचार)
  • नाक के छेद की जगह पर किसी चीज का लगना या बाली को जल्दी निकालना।

नाक के छेद वाली जगह पर पस या पपड़ी होने पर उसको निकालने का प्रयास ना करें। इससे आपको गंभीर समस्या या घाव का निशान बड़े होने की परेशानी भी हो सकती है। कई मामलों में नाक को छिदवाने के बाद होने वाले उभार को इलाज से सही किया गया है।  

(और पढ़ें - नाक में फ्रैक्चर)

नाक छिदवाने के बाद होने वाली समस्या या उभार को ठीक करने से पहले उसके सही कारण के बारे में पता होना चाहिए। नीचे आपको इस दौरान होने वाली समस्या के कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है।

  1. निक्कल से बाली न पहनें –
    नाक में पहने जाने वाली बाली अधिकतर निक्कल से बनी होती है। इस धातु से आपकी नाक की त्वचा में एलर्जी होने की संभावनाएं अधिक होती है। अगर आपको निक्कल (Nickel) धातु से किसी प्रकार की समस्या हो, तो ऐसे में आप 18 से 24 कैरेट सोने, स्टील, टिटेनियम या नियोबियम (Niobium) की धातु से बनी बाली को ही पहन सकती हैं।

    यदि आप नाक छिदवाने के छह महीने होने से पहले ही अपनी बालियों को बदलना चाहती हैं, तो खुद ही अपनी बालियों को ना निकाले। ऐसा करने से आपकी नाक का मांस फट सकता हैं। बाली निकालना बेदह ही जरूरी हो तो नाक छेदने वाले प्रशिक्षत व्यक्ति से ही नाक की बालियों को निकलवाएं। छह महीनों में नाक ठीक हो जाने के बाद आप खुद भी अपनी नाक की बालियों को बदल सकती हैं। (और पढ़ें - नाक के कैंसर का इलाज)
     
  2. दिन में दो बार छेद वाली जगह को साफ करें –
    नाक को छिदवाने के बाद आपको दिन में दो से तीन बार छेद के आसपास की जगह को साफ करना चाहिए। नाक में छेद करने वाला डॉक्टर या प्रशिक्षित व्यक्ति आपको इस विषय पर सही जानकारी प्रदान करेगा। छेद वाली जगह को छूने से पहले अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद हाथों को सूखाकर छेद वाली जगह को साफ करें। (और पढ़ें - तैलीय त्वचा के लिए क्लींजर)

    नाक में छेद करने वाला डॉक्टर या प्रशिक्षित व्यक्ति आपको इसकी सफाई के लिए विशेष तरह के क्लींजर के उपयोग की सलाह देता है। इस समय छेद को साफ करने के लिए साधारण या टाईक्लोसन (triclosan) युक्त साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। (और पढ़ें - बंद नाक का इलाज)
     
  3. कैमोमाइल का प्रयोग करें -
    कैमोमाइल में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो घावों को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं। साथ ही त्वचा में होने वाली कई तरह परेशानी को दूर करने में सहायक होते हैं। आप नमक के पानी की जगह पर कैमोमाइल का भी उपयोग कर सकते हैं। (और पढ़ें - घाव ठीक करने के घरेलू उपाय)

    जिस प्रकार से टी बैग की मदद से चाय को बनते हैं ठीक वैसे ही आपको कैमोमाइल का इस्तेमाल करना होता है। इसके लिए आप एक कप पानी में कैमोमाइल के टी बैग को करीब तीन से पांच मिनट के लिए डुबोकर रख दें। ऐसा करने के बाद साफ पेपर या टिशू पेपर को कैमोमाइल युक्त पानी में भिगोकर, उसे पांच से दस मिनट के लिए नाक के छेद पर रखें। 

    इस दौरान प्रभावित छेद में गर्माहट को बनाए रखने के लिए इस प्रक्रिया को हर दो मिनट में दोबारा दोहराते रहें। यदि आपको रैगवेड एलर्जी (ragweed allergy/ एक तरह की एलर्जी) हो, तो कैमोमाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए। (और पढ़ें - हर्बल चाय के फायदे)
     
  4. समुद्री नमक का इस्तेमाल करें –
    नाक छेदने के बाद डॉक्टर के द्वारा बताए गए साबुन का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि आपके पास इस दौरान इस्तेमाल करने वाला साबुन न हो तो इस स्थिति में आप समुद्री नमक से नाक की प्रभावित त्वचा को साफ कर सकती हैं। इसके उपयोग के लिए आपको करीब एक चौथाई चम्मच समुद्री नमक को करीब 250 मिली लीटर गर्म पानी में मिलाना होता है। इसके बाद टिशू पेपर या साफ पेपर को नमक के बने पानी में भिगोकर, उसको नाक के छेद वाली जगह पर पांच से दस मिनट के लिए रखें। यह प्रक्रिया आपके छेद के आस-पास बनने वाली पपड़ी को नरम बनाती है। लेकिन इसका उपयोग करते समय आपको थोड़ा दर्द हो सकता है। (और पढ़ें - सेंधा नमक के फायदे)

    नाक में प्रभावित त्वचा की गर्माहट को बनाए रखने के लिए इस प्रक्रिया को हर दो मिनट में दोबारा से दोहराते रहें। इस प्रक्रिया के बाद रूई के टुकड़े को नाक के पानी में भिगोकर छेद की जगह पर नरम हुई पपड़ी व गंदगी को हटाएं। रूई से छेद की ऊपरी और निचली दोनों ही जगह को अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद दोबारा टिशू पेपर की मदद से साफ की गई त्वचा पर नमक के पानी का छिड़काव करें। ऐसा करने के बाद छेद के आसपास की त्वचा को अन्य टिशू पेपर की मदद से सूखा लें। इस प्रक्रिया को दिन में दो या तीन बार दोहराएं। (और पढ़ें - नमक के फायदे चेहरे के लिए)
     
  5. नाक के छेद पर टी ट्री ऑयल लगाएं –
    टी ट्री ऑयल में प्राकृतिक रूप से एंटीफंगल, एंटीसेप्टिक और एंटीमाइक्रोबियम गुण होते हैं। इसको मुख्यतः नाक छिदवाने के बाद होने वाले उभार को सूखने से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह घाव जल्दी भरने के अलावा संक्रमण और सूजन को कम करने में सहायक होता है। लेकिन इसका उपयोग करते समय आपको सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि इससे आपको एलर्जी होने की संभावना होती है। यदि आप पहली बार अपनी त्वचा पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर रहीं हैं तो इससे पैच टेस्ट जरूर कर लें। पैच टेस्ट के माध्यम से आप इससे शरीर में होने वाली एलर्जी के संकेतों का पता कर सकती हैं। पैच टेस्ट से यदि आपको किसी तरह के एलर्जी के संकेत न दिखें, तो टी ट्री ऑयल की दो से चार बूंदों को नमक के पानी में मिलाकर नाक के छेद पर लगाएं। नमक के पानी में मिला टी ट्री ऑयल आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है। 

(और  पढ़ें - नाक की हड्डी बढ़ने का इलाज)

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नाक छिदवाने के बाद भी आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं। नाक छिदवाने के बाद के उपयोगी टिप्स को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।

  • नाक छिदवाने के बाद प्रभावित त्वचा पर किसी भी तरह के एंटीसेप्टिक प्रोडक्ट को इस्तेमाल न करें।
  • मेकअप से नाक पर हुए छेद को छुपाने का प्रयास ना करें या इस दौरान नाक पर मेकअप प्रोडक्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • जब तक नाक के छेद की जगह पूरी तरह से ठीक न हो जाए, तब तक नाक की बाली को बाहर न निकालें। (और पढ़ें - नाक की हड्डी टेढ़ी होना)
  • इस दौरान स्वीमिंग पूल में न नहाएं।
  • गंदे तकिए पर सिर रखकर ना सोएं, इससे संक्रमण का खतरा होता है।
  • नाक के छेद के आसपास की त्वचा पर बनने वाली पपड़ी को रगड़कर न निकालें।
  • नाक के छेद वाली जगह रूखी होने पर अपनी बाली को न हिलाएं। (और पढ़ें - सूखी नाक)
  • गंदे हाथों से नाक को ना छूएं।
  • नाक की बाली से ना खेलें, इससे जख्म गहरा हो सकता है। 

(और पढ़ें - नाक का मांस बढ़ना का इलाज)

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