मामूली घाव एक प्रकार की चोट है जिसमें त्वचा कट, फट या छील जाती है। इसमें कट, खरोंच, चीरें, पंक्चर घाव, फटना, मामूली जलन और दबाने पर दर्द वाले फोड़े शामिल हैं। दुर्घटनाएं या चोटें इस प्रकार के घावों का सबसे आम कारण हैं।

कुछ ऐसे जोखिम वाले कारक हैं जोकिसी व्यक्ति के घाव से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ा देते हैं, उनमें आयु, बीमारी, स्टेरॉयड का उपयोग, विकिरण व कीमोथेरेपी, मधुमेह और अत्यधिक धूम्रपान शामिल हैं।

घावों के साथ होने वाले कुछ लक्षण रक्तस्राव, लालिमा, सूजन, जलन, मवाद, दर्द और सुकुमारता इत्यादि हैं। सभी घावों को संक्रमण से बचाने के लिए केयर किए जाने की आवश्यकता है।

प्राकृतिक उपचार से घर पर छोटे घावों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर, गहरे या संक्रमित घावों के लिए डॉक्टर की देखभाल की आवश्यकता होती है। छोटे घावों को ठीक करने के निम्न उपायों मे से आपके लिए जो बेहतर हो उस उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. मामूली घावों को साफ करने का सबसे आसान तरीका - mamuli ghavo ko saaf karne ka sabse asaan tarika
  2. घाव भरने के घरेलू उपाय में नारियल तेल का उपयोग - Ghaav bharne ke gharelu upay me nariyal tel ka upyog
  3. घाव भरने में नीम पेस्ट है उपयोगी - Ghaav bharne me neem paste hai upyogi
  4. घाव के उपचार में हल्दी का पेस्ट करेगा आपकी मदद - Ghaav ke upachar me haldi ka paste karega apki madad
  5. घाव को भरने के लिए एलोवेरा जेल का प्रयोग - Ghaav ko bharne ke liye aloe vera ka prayog
  6. घाव के घरेलू उपचार में लहसुन के औषधीय गुण - Ghaav ke gharelu upchar me lehsun ke aushadhiye gun
  7. घाव को जल्दी भरने में गेंदे के फूल के फायदे - Ghaav ko jaldi bharne me gende ke fool ke fayde
  8. घाव भरने में आलू का उपयोग - Ghaav bharne me aloo ka upyog
  9. घाव भरने के लिए इसबगोल की पत्तियाँ होगी लाभदायक - Ghaav bharne ke liye isabgol ki pattiyan hogi labhdayak
  10. घाव भरने में सहायक विटामिन - Ghaav bharne me sahayak vitamin
  11. घाव पकाने का तरीका शहद है - Ghaav pakane ka tareeka shehad hai
  12. घाव पकाने का उपाय सेब का सिरका है - ghaav pakane ka upay seb ka sirka hai
  13. घाव जल्दी भरने के उपाय लैवेंडर है - Ghaav jaldi bharne ke upay lavender hai
  14. घाव भरने के घरेलू नुस्खे कैमोमाइल है - Ghaav bharne ke gharelu nuskhe chamomile hai
  15. इन बातों का भी रखें ध्यान - In bato ka bhi dhyan rakhe
घाव ठीक करने के घरेलू उपाय के डॉक्टर

बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए घाव की उचित सफाई महत्वपूर्ण है। मामूली घावों को साफ करने का सबसे आसान तरीका साफ पानी के साथ हैं। चोटिल क्षेत्र को धोने के लिए 10 से 15 मिनट के लिए मध्यम दबाव में ठंडे पानी का उपयोग, हल्के साबुन के साथ करें। यदि आपके पास फ़िल्टर्ड पानी नहीं है तो उबला हुआ पानी ठंडा करके या आसुत (डिस्टिल्ड) जल का उपयोग करें। यह अधिकांश गंदगी, मलबे और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करेगा। इसके अलावा, ठंडा पानी दर्द को कम करने में मदद करेगा।एक साफ तौलिया का उपयोग करके हल्के हाथों से इस क्षेत्र को सुखाएं, फिर इसे जीवाणुरहित ड्रेसिंग या पट्टी से कवर करें।

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नारियल का तेल प्रभावी रूप से अपनी अद्भुत जीवाणुरोधी, जलन विरोधी, मॉइस्चराइजिंग और उपचार गुणों के कारण घावों को ठीक कर सकता है। यह कई अध्ययनों से सिद्ध हुआ है। नारियल का तेल संक्रमण को भी दूर रख सकता है और घाव का निशान भी मिटा सकता है।

घायल क्षेत्र पर अतिशुद्ध नारियल के तेल को लगाएं। नमी को रोकने के लिए उस पर एक पट्टी लगाएं। दिन में 2 या 3 बार नारियल के तेल को पुन: लगाएं और पट्टी बदल दें। निशान को रोकने के लिए कई दिनों तक इस उपाय का पालन करें।

भारतीय बकाइन, जिसे नीम के रूप में भी जाना जाता है, में आवश्यक फैटी एसिड की उच्च सामग्री होती है जो कोलेजन का निर्माण करती है, त्वचा का लचीलापन बनाए रखती है और घाव भरने को बढ़ावा देती है। साथ ही, इसमें एंटीसेप्टिक और जलन विरोधी गुण होते हैं।

इसका पेस्ट बनाने के लिए 1 चम्मच नीम का रस और 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं। घाव पर इस पेस्ट को लगाकर इसे कुछ घंटों के लिए छोड़ दें, फिर इसे गर्म पानी से साफ करें। इस क्रिया को कुछ दिनों तक दोहराएं।

एक अन्य विकल्प है कि, नीम के पत्तों, हल्दी और चेबुलिक म्यरॉबालन (हरड़) को बराबर मात्रा में थोड़ा नीबू के रस के साथ पीस लें। इसे घाव पर लगाएं और इसे सूखने दें। इस उपाय को दिन में 2 या 3 बार करें। (और पढ़े - नीम के फायदे और नुकसान)

हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक एजेंट है जो कि छोटे घावों को ठीक करने और संक्रमण को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जर्नल मॉलिक्यूलर और सेलुलर बायोकैमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हल्दी में पाया जाने वाला कर्कुमिन कोलेजन को व्यवस्थित करके और प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों में कमी करके घाव भरने में सुधार करता है।

यदि खून बह रहा हो, तो आप घाव पर हल्दी का पाउडर सीधे लगा सकते हैं, रक्तस्राव तुरंत बंद हो जाएगा। बेहतर हीलिंग के लिए 1/2 चम्मच हल्दी को एक पेस्ट बनाने के लिए पर्याप्त अलसी (तेल के रूप में भी जाना जाता है) में मिलाएं। दर्द को कम करने और संक्रमण को रोकने के लिए दिन में 2 या 3 बार इस पेस्ट को घाव पर लगाएं। आप गर्म दूध के एक गिलास में 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलकर कर सोने से कुछ समय पहले इसे पी सकते हैं। (और पढ़े - हल्दी के फायदे और नुकसान)

घावों का इलाज करने के लिए एलो वेरा का उपयोग हजारों सालों से होता रहा हैं। एलो वेरा में एनाल्जेसिक, सूजन विरोधी और सुखदायक गुण होते हैं। इसके अलावा, इसके जेल फाइटोकेमिकल्स में समृद्ध हैं, जो दर्द व सूजन कम कर सकते हैं, त्वचा में नमी की मात्रा में वृद्धि कर सकते हैं और उपचार को बढ़ावा दे सकते हैं।

नकारात्मक पक्ष पर, इसके प्रभाव के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन मिश्रित परिणाम दिखाते हैं। एक अध्ययन में, एलो वेरा के कारण शल्य चिकित्सा के घाव को भरने में देरी लग रही थी, इसलिए गंभीर चिकित्सा स्थितियों में उपयोग के लिए हमेशा अच्छे डॉक्टर की सलाह लें।

मामूली घाव के उपचार के लिए, एक एलो वेरा पत्ती काटे और जेल निकालकर इसे घाव पर लगाए और अब इसे सूखने दें। गर्म पानी से घाव वाले क्षेत्र को साफ़ करें और नरम तौलिये से इसे सुखाएं। दिन में कई बार यह क्रिया दोहराएं, जब तक घाव पूरी तरह से नहीं भर देता है। (और पढ़े - एलोवेरा के फायदे और नुकसान)

लहसुन का इस्तेमाल एंटीबायोटिक और एंटीमाइक्रोबिअल गुणों के कारण कई वर्षों से घावों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। यह रक्तस्राव को रोक कर दर्द कम करता है और घाव भरने में मदद करता है। इसके अलावा, लहसुन संक्रमण को रोकने के लिए शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को बढ़ा देता है।

रक्तस्राव के मामले में, पानी से घाव से साफ करें और उस पर कुछ कुचले हुए लहसुन को लगाएं। दर्द और रक्तस्राव तुरंत बंद हो जाएगा। घाव को ठीक करने में मदद करने के लिए, कुछ लहसुन को पेस्ट के रूप में कुचल दें और इसे जीवाणुरहित पट्टी के एक टुकड़े पर फैलाएं। घाव पर इसे रख कर इसके चारों ओर एक ऐसी ही पट्टी लपेट दें। इसे 20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर गर्म पानी से साफ करें। जब तक घाव पूरी तरह से ठीक नहीं होता रोज दो बार दोबारा यह क्रिया दोहराएं। (और पढ़े - लहसुन के फायदे और नुकसान)

गेंदे के फूल (कैलेंडुला) का इस्तेमाल मामूली घावों को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है। इस जड़ी बूटी में सूजन और हल्के रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं और साथ ही त्वरित उपचार को प्रोत्साहित भी कर सकते हैं।

रस निकालने के लिए कुछ ताजे गेंदे के फूलों को कुचल दें। इस रस को घाव पर एक दिन में 2 या 3 बार लगाएं। आप हेल्थ फूड स्टोर्स से कैलेंडुला मरहम भी खरीद सकते हैं और इसे निर्देशों के अनुसार अपने घाव पर लगा सकते हैं। (और पढ़े - गेंदे के फूल के फायदे)

आप छोटे घावों को ठीक करने के लिए आलू पोल्टिस (प्रलेप) का उपयोग कर सकते हैं। यह चोटिल क्षेत्र को मॉइस्चराइज करने में मदद करता है और त्वरित उपचार को प्रोत्साहित करता है।

1 से 2 कच्चे आलू भूनें और उन्हें एक साफ कपड़े पर फैलाएं। प्रभावित क्षेत्र पर पोल्टिस रखें। इसे 4 से 5 घंटे तक छोड़ दें, फिर इसे हटा दें और गर्म पानी से इस क्षेत्र को साफ करें। एक ताजा आलू पोल्टिस को पुन: लगाए। जब तक घाव ठीक नहीं हो जाता इसे रोजाना उपयोग करते रहें। (और पढ़े - आलू के फायदे और नुकसान)

इसबगोल की पत्तियों के प्राकृतिक जीवाणुरोधी और सूजन विरोधी गुण छोटे घावों को ठीक करने में मदद करते हैं। ये घाव से संबंधित खुजली या दर्द भी कम कर सकती हैं।

पेस्ट बनाने के लिए कुछ ताजे इसबगोल के पत्ते पीसे। इस पेस्ट को घाव पर लगाए। अब इसे सूखने दें, फिर इसे गर्म पानी से धो लें। घाव के ठीक होने तक एक दिन में इस उपाय का कई बार पालन करें। (और पढ़े - ईसबगोल के फायदे और नुकसान)

कई विटामिन और खनिज हैं जो विभिन्न प्रकार के घावों के उपचार प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं। नए सेल विकास को बढ़ावा देने के लिए गाजर, खरबूजा, कद्दू, खुबानी और टमाटर जैसे विटामिन A से भरपूर भोजन खाएं।

अपने शरीर को कोलेजन और नए त्वचा ऊतक बनाने में मदद करने के लिए विटामिन C युक्त समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे ब्रोकोली, अंगूर, कीवी, संतरे और मिर्च खाएं। हीलिंग को बढ़ावा देने के लिए विटामिन E जैसे गेहूं, अखरोट, बादाम और पालक आदि खाएं।

घाव के उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए जस्ता आधारित खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, नट और बीज खाएं। घाव भरने और त्वचा के स्वास्थ्य की सहायता के लिए B-कॉम्प्लेक्स विटामिन वाले खाद्य पदार्थ खाएं जैसे पनीर, पालक, फलियां और मछली।

शहद की पतली परत लगाने से हल्के घाव को पकाने में मदद मिलती है। शहद दो तरीकों से घाव का इलाज करता है - इसके एसिड गुण संक्रमण होने से बचाते हैं और शहद घाव से पस को निकालता है। इससे घाव तेजी से ठीक होने लगता है।

(और पढ़ें - शहद के फायदे)

घाव पकाने के उपाय के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करें। एक चम्मच सेब के सिरके को नहाने के गर्म पानी में डालें। उस पानी से या तो आप नहा सकते हैं या फिर घाव पर रूई से मिश्रण को लगा सकते हैं। सेब के सिरके में प्रोटीन, एन्ज़ाइम्स और कीटाणुओं को मारने के गुण होते हैं। इस प्रकार संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे)

लैवेंडर का आवश्यक तेल घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। बस आपको लैवेंडर के तेल की दो से चार बूंदों को घाव के क्षेत्र पर लगाना है। इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो से पांच बार दोहराएं। लैवेंडर का तेल घाव को भरता है और आखिर में रहने वाले निशान को भी साफ करता है।

(और पढ़ें - लैवेंडर के तेल के फायदे)

घाव भरने में कैमोमाइल बेहद मदद करता है। कैमोमाइल घाव को भरने के लिए बहुत ही पुरानी दवा है। आप अपने घाव के लिए कैमोमाइल प्रेस बना सकते हैं। बस गर्म पानी में कैमोमाइल टी बैग डालें। फिर उसमें से पानी को निचोड़ लें और फिर इस टी बैग को अपने घाव पर कुछ मिनट तक लगाकर रखें। कैमोमाइल में मौजूद फ्लेवनॉइड्स घाव को तेजी से भरते हैं।

(और पढ़ें - कैमोमाइल चाय के फायदे)

  • दर्द को कम करने के लिए चोट या सूजन होने पर बर्फ की सेक करें।
  • चिकित्सा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर लैवेंडर तेल लगाएं। चाय के पेड़ के तेल को 3 से 5 बार घाव पर जैतून के तेल के साथ घोलने के बाद लगाएं।
  • कुछ विच हैज़ल (पूर्वी उत्तर अमेरिका मे पाई जाने वाली एक सामानया झाड़ी का तेल) में एक कपड़े को भिगोएँ और सूजन को कम करने और घाव भरने में तेजी लाने के लिए इसे घाव पर लगाएं।
  • धूम्रपान और शराब पीने से बचें क्योंकि इससे घाव भरने में अधिक समय लगा सकता है।
  • चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ भोजन लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें।
  • घावों को साफ रखें और नियमित अंतराल पर हवा के संपर्क में रखें।
  • घावों में कुछ चुभाये नहीं क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है।
  • तनाव से बचें क्योंकि यह उपचार के साथ हस्तक्षेप कर सकता है।
  • यदि संभव हो तो, कुछ हल्का व्यायाम करें।
  • यदि संक्रमण के लक्षण विकसित होते हैं, जैसे कि दर्द बढ़ना, मवाद या बुखार, तो चिकित्सक से घाव की जांच करवाएं। (और पढ़ें – बुखार का घरेलू इलाज)
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