महामारी का रूप धारण कर चुकी डायबिटीज के खतरे से महिलाएं और बच्चें भी नहीं बच पा रहे हैं। मोटे बच्चे इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं। नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन (एनसीबीआई) की 2018 की स्टडी के अनुसार, ‘भारत में वयस्कों में डायबिटीज के इतने अधिक मामले हैं कि बच्चों में इस बीमारी के असर पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ‘अब तक टाइप 2 डायबिटीज के मामले वयस्कों में ही होते थे, लेकिन अब यह बीमारी बच्चों में भी तेजी से घर कर रही है।’ वहीं गर्भावस्था के दौरान महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे रक्त में ग्लूकोज बनना कम हो जाता है, जो कि डायबिटीज का संकेत होता है। इसका असर महिला के साथ ही उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज के टाइप-2 डायबिटीज में बदलने का अंदेशा रहता है।
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