• हिं
  • हिं

रेटिना में सूजन - Macular Edema in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

February 22, 2021

February 22, 2021

रेटिना में सूजन
रेटिना में सूजन

रेटिना (दृष्टिपटल) ऊतकों की एक पतली परत होती है, जो आंख के पिछले भाग में अंदर की तरफ फैली होती है। यह ऑप्टिक नर्व के पास स्थित होती है। रेटिना का मुख्य कार्य उस रौशनी को प्राप्त करना होता है, जिस पर आंख का लेंस फॉकस कर रहा होता है। उसके बाद इस रौशनी को तंत्रिका संकेतों में बदल कर उसे मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है।

मैक्युला रेटिना का वह भाग होता है, जो दूर रखी चीजों और रंगों को बारीकी से देखने व पहचानने में मदद करता है। मैक्युला एक ऐसा हिस्सा है, जिसमें  किसी भी टीवी या मॉनिटर स्क्रीन के मुकाबले अधिक फोटोरिसेप्टर (रौशनी के प्रति संवेदनशील होने वाली कोशिकाएं) होते हैं।

(और पढ़ें - आंखों में दर्द के लक्षण)

मैक्युलर एडिमा क्या है - Types of Macular Edema in Hindi

मैक्युलर एडिमा क्या है?

रेटिना में अतिरिक्त द्रव्य पदार्थ जमा होने की स्थिति को मैक्युलर एडिमा या रेटिना की सूजन कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति के सामान्य रूप से देखने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। इस स्थिति का इलाज करवाना जरूरी होता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे दृष्टि को पूरी तरह से नष्ट कर देता है।

(और पढ़ें - आँखों में दर्द का घरेलू इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

रेटिना में सूजन के लक्षण - Macular Edema Symptoms in Hindi

मैक्युलर एडिमा के क्या लक्षण होते हैं?

मैक्युलर एडिमा में आमतौर पर किसी प्रकार का दर्द या अन्य तकलीफ महसूस नहीं होती है। जब रेटिना में सूजन होने लगती है, तो उस दौरान किसी प्रकार के लक्षण विकसित नहीं होते। इसके लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। मैक्युलर एडिमा में होने वाले आम लक्षण, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • काला धब्बा दिखाई देना
  • धुंधला दिखना
  • वस्तु हिलती हुई दिखना
  • रंग धुंधले दिखना या रंगों में बदलाव होना
  • पढ़ने में कठिनाई महसूस होना
  • किसी वस्तु की आकृति सही न दिखाई देना

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको लगता है कि आप ठीक से देख नहीं पा रह हैं या फिर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो जितना जल्द हो सके किसी आंखों के विशेषज्ञ से जांच कराएं। आंख शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है, इसलिए अगर आपको आंख संबंधी समस्या के कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो भी डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। इन लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

रेटिना में सूजन के कारण - Macular Edema Causes in Hindi

रेटिना में सूजन क्यों होती है?

मैक्युलर एडिमा आमतौर पर मैक्युला के अंदर खून जमा होने के कारण विकसित होता है। यह खून आमतौर पर आंख के अंदर मौजूद रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने के कारण उनके रिसाव से जमा होता है। ऐसी कई स्थितियां हैं, जिन के कारण रेटिना में द्रव या खून जमा होने लग जाता है, इनमें निम्न शामिल है:

  • डायबिटीज:
    डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में शुगर का अधिक स्तर उनकी आंख में मौजूद रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे आंख में खून का रिसाव होने लग जाता है। इस स्थिति को डायबिटिक मैक्युलर एडिमा कहा जाता है।
     
  • बढ़ती उम्र में मैक्युला क्षतिग्रस्त होना:
    इस स्थिति को एएमडी (Age-related macular degeneration) कहा जाता है। इस स्थिति में उम्र के साथ-साथ आंखों में मौजूद रक्त वाहिकाएं कमजोर होने लगती हैं। खून का रिसाव होने के कारण मैक्युला में सूजन होने लगती है।
     
  • मैक्युला पकर/विट्रियोमैक्युलर ट्रैक्शन:
    बढ़ती उम्र के कारण जब विटरियस पूरी तरह से मैक्युला से अलग नहीं हो पाता, तो उस स्थिति में मैक्युला पर स्कार ऊतक बनने लग जाते हैं और इनके नीचे छोटी-छोटी थैलियों के रूप में द्रव जमा होने लग जाता है।
     
  • रेटिनल वेन अकल्जन (RVO):
    यह रक्त वाहिकाओं से संबंधित रोग है, जिसमें रेटिना में मौजूद नसें रुक जाती हैं। ऐसी स्थिति में खून व द्रव मैक्युला में रिसने लग जाते हैं।
     
  • जन्मजात विकार:
    माता-पिता से प्राप्त रोगों व अन्य शारीरिक असामान्यताओं को जेनेटिक डिसॉर्डर कहा जाता है, इनमें मुख्य रूप से रेटिनोसाइसिस या रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा कहा जाता है।
     
  • आंख में सूजन होना:
    यूवाइटिस जैसे कुछ रोग हैं, जिनमें शरीर खुद के ऊतकों को क्षति पहुंचाने लगता है। ऐसी स्थिति में रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और मैक्युला में सूजन आ जाती है।
     
  • दवाएं:
    कुछ दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट के कारण भी रेटिना में सूजन हो सकती है।
     
  • आंख का ट्यूमर:
    यदि आंख में ट्यूमर (कैंसर युक्त या कैंसर रहित) हो गया है, तो उसके कारण भी रेटिना में सूजन आने लगती है।
     
  • चोट:
    आंख में किसी प्रकार की चोट लगना भी रेटिना में सूजन आने का कारण बन सकती है।

जोखिम कारक

इसके अलावा कुछ अन्य कारक भी हैं, जो रेटिना में सूजन आने का कारण बन सकते हैं:

  • डायबिटीज व हाई बीपी, इन रोगों के कारण रक्त वाहिकाओं से अधिक खून रिसने लग सकता है।
  • सर्जरी या सूजन संबंधी रोग, ऐसी स्थितियों में आंख के अंदर सूजन बढ़ सकती है।

(और पढ़ें - मैक्युलर डीजेनेरेशन के कारण)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

रेटिना में सूजन का निदान - Diagnosis of Macular Edema in Hindi

रेटिना की सूजन का परीक्षण कैसे किया जाता है?

मैक्युलर एडिमा का परीक्षण आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी आंख की पुतली को चौड़ा करेंगे ताकि वे आंख के पीछे के रेटिना को देख सकें। ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट भी कर सकते हैं, जिनकी मदद से आंख के अंदरुनी भाग को और बारीकी से देखा जा सकता है। रेटिना में सूजन की जांच करने के लिए मुख्य रूप से दो टेस्ट किए जाते हैं फ्लोरोसीन एंजियोग्राफी (Fluorescein angiography) और ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (Optical coherence tomography)।

  • फ्लोरोसीन एंजियोग्राफी:
    इस प्रक्रिया के दौरान नसों में फ्लोरसीन (पीले रंग की एक विशेष डाई) को नसों में इंजेक्ट किया जाता है। यह डाई रक्त वाहिकाओं के अंदर से गुजरती है और एक विशेष कैमरा की मदद इसे देखा जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि कौन सी रक्त वाहिका से खून का रिसाव हो रहा है और स्थिति कितनी गंभीर है।
     
  • ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी:
    रेटिना के अंदर बारीकी से जांच करने के लिए ओसीटी भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस टेस्ट के दौरान एक मशीन रेटिना को स्कैन करती है और इसकी मोटाई व अन्य बारीक चीजों को दिखाती है। इसकी मदद से डॉक्टर को रिसाव की जगह और मैक्युला की सूजन का पता लगाने में मदद मिलती है।

परीक्षण के दौरान आंख में मौजूद द्रव किस तरह का दिखाई देता है, उसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि मैक्युलर एडिमा फैला हुआ है, एक ही जगह पर है या छोटे-छोटे कई फफोलों से मिलकर बना है। मैक्युलर एडिमा के एक आम प्रकार को सिस्टोइड मैक्युलर एडिमा कहा जाता है, जिसमें छोटे-छोटे दाने मैक्युला के चारों ओर विकसित हो जाते हैं।

रेटिना में सूजन का इलाज - Macular Edema Treatment in Hindi

रेटिना में सूजन का उपचार कैसे किया जाता है?

इसके उपचार में सबसे पहले मैक्युलर एडिमा का कारण बनने वाली अंदरुनी स्थितियों व रेटिना में सूजन से संबंधित रिसाव का पता लगा कर उनका इलाज करना होता है। मैक्युलर एडिमा का इलाज मुख्य रूप से इसके कारण पर निर्भर करता है, जिसमें निम्न शामिल है:

  • दवाओं का इंजेक्शन:
    कुछ प्रकार की दवाएं जिन्हें एंटी-वीईजीएफ ड्रग कहा जाता है। एंटी-वीजीईएफ दवाएं रेटिना में असामान्य रक्त वाहिकाओं को कम करने में मदद करती है और साथ ही रक्त वाहिकाओं से खून के रिसाव को भी कम करती है। इस दवा को एक अत्यंत पतली सुई की मदद से आंख के अंदर इंजेक्ट किया जाता है।
     
  • स्टेरॉयड ट्रीटमेंट:
    जब सूजन व लालिमा आदि के कारण मैक्युलर एडिमा होता है, तो स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाओं को मुख्य रूप से आंख में डालने की दवा (आईड्रॉप्स), खाने की गोली या इंजेक्शन के रूप में दिया जा सकता है।
     
  • आईड्रॉप्स दवाएं:
    मैक्युलर एडिमा का एक विशेष प्रकार है जो आमतौर पर मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद विकसित होता है (सिस्टोइड मैक्युलर एडिमा), इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर सूजन व लालिमा रोकने वाली कुछ नॉन-स्टेरॉयडल आईड्रॉप्स दवाएं दे सकते हैं। इन दवाओं का कोर्स कुछ महीनों तक चल सकता है।
     
  • लेजर ट्रीटमेंट:
    इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट उस जगह पर कई छोटी-छोटी लेजर का लक्ष्य करते हैं, जहां से खून का रिसाव हो रहा है। इस उपचार प्रक्रिया का मुख्य लक्ष्य रक्त वाहिकाओं के रिसाव को बंद करके, दृष्टि में सुधार करना होता है।
     
  • विटरिएक्टॉमी सर्जरी:
    जब विटरियस के सामान्य रूप से न हटने के कारण मैक्युलर एडिमा हो जाता है। विटरिएक्टॉमी प्रक्रिया की मदद से मैक्युला को फिर से उसकी सामान्य आकृति में लाया जाता है। इसमें सर्जरी करने वाले डॉक्टर छोटे-छोटे उपकरणों का इस्तेमाल करके आंख से विटरियस को हटा देते हैं और मैक्युला से स्कार ऊतकों को उतार देते हैं। ऐसा करके मैक्युला के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति से रोकथाम की जा सकती है।

कुछ मामलों में रेटिना में सूजन होने के कारण आंख के अंदर का दबाव बढ़ जाता है, जिस स्थिति को ग्लूकोमा कहा जाता है। ऐसे मामलों में ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट आपको इलाज के दौरान ग्लूकोमा का इलाज करने वाली दवाएं भी देते हैं।

मैक्युलर एडिमा के इलाज में कुछ महीने का समय लग सकता है, इलाज में लगने वाला समय मुख्य रूप से रेटिना में सूजन आने के कारण और डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए गए इलाज के प्रकार पर निर्भर करता है। इस दौरान इलाज के सभी नियमों का ध्यानपूर्वक पालन करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा बनाए गए ये सभी नियम इलाज की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

रेटिना में सूजन के नुकसान - Macular Edema Complications in Hindi

रेटिना में सूजन से क्या जलिटताएं हो सकती हैं?

यदि रेटिना की सूजन को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो यह आंख में या देखने की क्षमता को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकता है, जिसको वापस सही नहीं किया जा सकता। मैक्युलर एडिमा के कुछ गंभीर इलाज ना करने के पर मरीज को अंधापन भी हो सकता है।



रेटिना में सूजन के डॉक्टर

Dr. Ekansh Lalit Dr. Ekansh Lalit ऑपथैल्मोलॉजी
6 वर्षों का अनुभव
Dr. Bhavna Harshey Dr. Bhavna Harshey ऑपथैल्मोलॉजी
20 वर्षों का अनुभव
Dr. Meenakshi Pande Dr. Meenakshi Pande ऑपथैल्मोलॉजी
22 वर्षों का अनुभव
Dr. Upasna Dr. Upasna ऑपथैल्मोलॉजी
7 वर्षों का अनुभव
डॉक्टर से सलाह लें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ