पैरों में जलन होना बहुत ही आम समस्या है और किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। यह जलन कभी कभी बहुत तीव्र हो सकती है। अकसर पैरों में जलन का अनुभव, तंत्रिका तंत्र में किसी तरह की कमी या रोग के कारण होता है। यह समस्या कभी-कभी शुगर, पुरानी शराब का अधिक उपयोग या कुछ विषैले पदार्थों के उपयोग के कारण होता है।

इसके अन्य कारणों में विटामिन बी, फोलिक एसिड, थाइमिन या कैल्शियम की कमी प्रमुख है। कीड़ों के काटने या डंक मारने से, क्रोनिक किडनी रोग (Chronic kidney disease) आदि से भी पैरों में जलन होती है।

पैरों में जलन होने पर, लालिमा, सूजन, अधिक पसीना आना, दर्द, त्वचा में पीलापन और शारीरिक तापमान अधिक होना आदि लक्षण प्रदर्शित हो सकते हैं। 

(और पढ़ें - टांगों में दर्द के घरेलू उपचार)

पैर में जलन का इलाज उसके होने के कारण पर निर्भर करता है। इसे दवाओं की सहायता से भी नियंत्रित किया जा सकता है। असुविधा को कम करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं या फिर डॉक्टर से उचित निदान और इलाज करवा कर समस्या से निजात पा सकते हैं।

  1. पैरों में जलन के कारण - Burning sensation in feet causes in Hindi
  2. पैरों में जलन का इलाज - Burning sensation in feet treatment in Hindi
  3. पैरों में जलन के घरेलू उपाय - Burning sensation in feet home remedies in Hindi

अकसर तंत्रिका तंत्र में कुछ समस्या होने पर ही पैरों में जलन महसूस होती है। क्षतिग्रस्त तंत्रिका तंत्र (Damaged nerve fibers) या तो अधिक सक्रिय हो जाते हैं या फिर बिलकुल काम नहीं करते। जिस कारण कोई दर्द न होने पर भी क्षतिग्रस्त तंत्रिकाएं मस्तिष्क को दर्द का सन्देश भेजती हैं।

ज्यादातर लोगों में तंत्रिका तंत्र में कमी होने पर पहले पैरों की नसें ही क्षतिग्रस्त होती हैं। जिसके परिणामस्वरूप पैरों में झनझनाहट और सुन्न होने का अनुभव होता है।

शुगर और शराब का अत्यधिक सेवन न्यूरोपैथी (तंत्रिका तंत्र में कमी) का सबसे आम कारण है। इसके अन्य कारण निम्नलिखित हैं :

  1. क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) (और पढ़ें - किडनी रोग का उपचार)
  2. विटामिन की कमी (विटामिन बी 12, फोलेट और विटामिन बी 6)
  3. शराब का अत्यधिक सेवन। (और पढ़ें - शराब की लत से छुटकारा पाने के असरदार तरीके)
  4. थायराइड हार्मोन का घटा हुआ स्तर (और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड लक्षण)
  5. लाइम डिजीज (Lyme disease): यह बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है जिसमें अन्य बीमारियों के सामान ही लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
  6. एचआईवी / एड्स
  7. एमाइलॉइड पॉलीन्यूरोपैथी (Amyloid polyneuropathy): एमाइलॉइड प्रोटीन के जमा होने के कारण पेरीफेरल तंत्रिकाओं (Peripheral nerves) में होने वाला रोग।
  8. कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव जैसे कीमोथेरपी ड्रग्स, विटामिन बी 6 ओवरडोज, एचआईवी दवाओं आदि के कारण।
  9. भारी धातु विषाक्तता (सीसा, पारा, आर्सेनिक)
  10. रक्त वाहिकाओं की सूजन
  11. सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis): यह कोशिकाओं में सूजन के कारण उत्पन्न होने वाला रोग है।
  12. गुलियन बेरी सिड्रोंम (जीबीएस) [Guillain Barre syndrome (GBS)]: इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय (Peripheral) तंत्रिका तंत्र के कुछ हिस्सों पर हमला करती है।
  13. क्रोनिक इंफ्लेमेटरी डिमाइलिनेटिंग पॉलीन्यूरोपैथी (सीआईडीपी) [Chronic inflammatory demyelinating polyneuropathy (CIDP)]

न्यूरोपैथी के अलावा, संक्रमण के कारण भी पैरों में सूजन और जलन हो सकती है। यह स्थिति एथलीट में अधिक देखने को मिलती है जिनमें त्वचा में फंगस के कारण संक्रमण होता है।

पेरीफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) भी पैरों में जलन का कारण हो सकती है। इसके कारण पैरों में रक्त संचरण कम हो पाता है जिस वजह से पैर दर्द होते हैं या उनमें सूजन और जलन होती है।

गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के कुछ समय बाद भी, कुछ लोगों को जलन महसूस होती है। गैस्ट्रिक बाईपास के बाद विटामिन बी के अवशोषण में कमी पैरों में न्यूरोपैथी का कारण बन सकती है।

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न्यूरोपैथी के कारण पैरों में होने वाली जलन का सबसे महत्वपूर्ण उपचार तंत्रिकाओं की होने वाली क्षति को रोकना है। कुछ परिस्थितियों में तो इस रोग का उपचार उसके कारणों का पता करके हो जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों जैसे स्मॉल फाइबर न्यूरोपैथी (Small fiber neuropathy) में कारण का पता न चलने पर डॉक्टर उसके लक्षणों के आधार पर इलाज करते हैं।

डायबेटिक (शुगर) न्यूरोपैथी वाले लोगों के लिए, रक्त शर्करा का स्तर सामान्य रखना ही इसका इलाज है। इसमें आम तौर पर खान पान में परिवर्तन, दवाओं के सेवन और इंसुलिन इंजेक्शन लगवाने की आवश्यकता होती है।

इसके इलाज के अन्य उपाय इस प्रकार हैं :

  1. अतिरिक्त विटामिन बी 12 का सेवन या इंजेक्शन लेने से इस पोषक तत्व की कमी दूर की जा सकती है।
  2. शराब का अत्यधिक सेवन रोकने से तंत्रिका क्षति को रोका जा सकता है।
  3. क्रोनिक किडनी डिजीज की स्थिति में डायलिसिस (Dialysis) द्वारा न्यूरोपैथी के कारण विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने और पैर की जलन को ख़त्म करने में मदद मिलती है।
  4. थायरॉयड के सेवन से न्यूरोपैथी को कम करके पैरों की जलन से छुटकारा मिलता है। (और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड लक्षण)
  5. जीबीएस और सीआईडीपी (GBS and CIDP) के उपचार के लिए प्लाज्मा परिवर्तन (प्लास्माफेरेसिस) या इम्यून ग्लोबुलिन थेरेपी (आईवीआईजी) करवाकर पैरों की जलन से आराम मिलता है।

दवाओं के सेवन से भी जलन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। एथलीट के पैरों में जलन होने पर एंटिफंगल दवाएं, फंगल संक्रमण का इलाज करती हैं और जलन में राहत देती हैं।

कोई भी शारीरिक समस्या होने पर भारतीय सबसे पहले घरेलू उपाय करने की कोशिश करते हैं। और अगर इससे आराम मिलता है तो दवाओं का सेवन करने की कोई आवश्यकता भी नहीं है। तो आइये जानते हैं पैरों में होने वाली जलन से छुटकारा पाने के लिए आप कौन कौन से घरेलू उपाय अपना सकते हैं :

पैरों की जलन दूर करने के लिए उपयोग करें ठंडा पानी - Cold water for burning feet in Hindi

ठंडा पानी पैरों की जलन दूर करने के सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। ठंडा पानी पैरों की सूजन, जलन और झनझनाहट से तुरंत राहत प्रदान करता है।

  1. एक टब में ठंडा पानी भरें।
  2. अपने पैरों को कुछ मिनट के लिए इसमें डुबोयें।
  3. थोड़ी देर के लिए बाहर निकाल लें और फिर दोबारा डुबोयें।
  4. यह प्रक्रिया दिन में कई बार दोहरायें।
  5. ठंडे पानी में ज्यादा देर तक या बर्फ में पैरों को नहीं रखें क्योंकि इससे और अधिक समस्या हो सकती है।

पैरों की जलन दूर करने में सहायक है सेब का सिरका - Apple cider vinegar for burning feet in Hindi

सेब का सिरका शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने में तो मदद करता ही है साथ ही इसका उपयोग पैरों की जलन दूर करने में भी किया जाता है।

  1. एक से दो चम्मच, कच्चे और फ़िल्टर नहीं किए गए (unfiltered) सेब का सिरका गर्म पानी से भरे गिलास में मिलाएं। अच्छे परिणाम के लिए इसे रोज़ दिन में एक बार पियें।
  2. वैकल्पिक रूप से, गर्म पानी से भरे टब में दो बड़े चम्मच सेब का सिरका, समुद्री नमक या सेंधा नमक मिलायें। इस मिश्रण में पैरों को लगभग 20 मिनट के लिए रोज़ भिगोयें। आप कुछ ही दिनों में अच्छा परिणाम महसूस करेंगे।

पैरों की जलन दूर करे हल्दी के गुण - Turmeric for burning feet in Hindi

हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) नामक यौगिक अच्छी मात्रा में होता है, जिससे आपके शरीर में रक्त संचरण में मदद मिलती है। इसके अलावा, हल्दी में अनुत्तेजक (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो पैरों में जलन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

  1. गर्म पानी के एक गिलास में एक से दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पियें। बेहतर परिणामों के लिए यह प्रक्रिया नियमित रूप से दो बार करें।
  2. आप दो बड़े चम्मच हल्दी में पानी मिलाकर पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और कुछ दिनों के लिए प्रति दिन एक या दो बार प्रभावित क्षेत्र पर इसे लगा सकते हैं।

सेंधा नमक दिलाये पैरों की जलन से छुटकारा - Epsom salt for burning feet in Hindi

सेंधा नमक आपके पैरों को जलन से तुरंत राहत दे सकता है। यह मैग्नीशियम सल्फेट से बना होता है जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह नसों को ठीक से काम करने में मदद करता है।

  1. एक टब में आधा कप सेंधा नमक डालें।
  2. अब टब में गर्म पानी डालें और अच्छी तरह मिलायें।
  3. अपने पैरों को 10 से 15 मिनट के लिए इसमें भिगोयें।
  4. कुछ दिनों के लिए प्रतिदिन एक बार इस उपाय का पालन करें।

नोट: यह विधि शुगर, हाई ब्लडप्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है, इसलिए इस उपाय को करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें। (और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाएं ये आहार)

अदरक पहुंचाये पैरों की जलन में आराम - Ginger for burning feet in Hindi

अदरक आपके पैरों की जलन के लिए एक प्रभावी उपाय है। अदरक के गुण शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाते हैं, जिससे जलन में शीघ्र राहत मिलती है।

  1. गर्म नारियल तेल या जैतून के तेल में एक चम्मच अदरक का रस मिलायें।
  2. रोज़ इस मिश्रण से 10 से 15 मिनट पैरों की मालिश करें।
  3. वैकल्पिक रूप से, आप रोज़ दो से तीन कप अदरक की गर्म चाय पी सकते हैं।

जब तक आपको समस्या से राहत नहीं मिलती इन उपचारों का पालन करें।

करेला करे पैरों की जलन दूर - Bitter gourd for burning feet in Hindi

आयुर्वेद में, करेला पैरों में होने वाली जलन के उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

  1. एक मुट्ठी भर करेले की पत्तियां पानी के साथ पीस कर पेस्ट बना लें।
  2. इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगायें आपको जल्द ही जलन से राहत मिलेगी।
  3. आवश्यकतानुसार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।

संदर्भ

  1. healthdirect Australia. Diabetic neuropathy. Australian government: Department of Health
  2. healthdirect Australia. Neuropathy. Australian government: Department of Health
  3. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Chronic inflammatory demyelinating polyneuropathy
  4. Nancy Hammond, et al. Nutritional Neuropathies. Neurol Clin. 2013 May; 31(2): 477–489. PMID: 23642720
  5. Makkar RP et al. Burning feet syndrome. A clinical review. Aust Fam Physician. 2003 Dec;32(12):1006-9. PMID: 14708150
  6. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Diabetes and Your Feet
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