पैरों में जलन की समस्या नर्व्स डैमेज, डायबिटीज, क्रोनिक किडनी डिजीज या फिर शराब के सेवन के कारण हो सकती है. इस स्थिति में कई बार पैरों में जलन के साथ दर्द, झुनझुनी व सुन्नता की समस्या हो जाती है. इसे ठीक करने में आयुर्वेदिक दवा अहम भूमिका निभाती है.

आज इस लेख में हम पैरों में जलन की आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में विस्तार से बताएंगे -

(और पढ़ें - पैरों में जलन की होम्योपैथिक दवा)

  1. पैरों में जलन के लिए आयुर्वेदिक दवाएं
  2. सारांश
पैरों में जलन का आयुर्वेदिक इलाज व दवा के डॉक्टर

पैरों में जलन बहुत कष्टदायी है और इसके शुरुआती लक्षण दर्द, झुनझुनी और सुन्नता है. कई बार यह इतना ज्यादा हो जाता है कि राहत के लिए दर्द निवारक दवा लेने की जरूरत पड़ जाती है. पैरों में जलन का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से किया जा सकता है. ये दवाएं पैरों में जलन का कारण बनने वाली समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं, आइए जानते हैं -

अश्वगंधा कैप्सूल

अश्वगंधा को एडेप्टोजेनिक और स्ट्रेस को दूर करने वाली आयुर्वेदिक औषधि माना गया है. इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल नर्वस सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए किया जाता है. पेरीफेरल न्यूरोपैथी की स्थिति में इस आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. अश्वगंधा वात की स्थिति में भी लाभदायक है और पैरों में जलन का एक कारण वात होना भी है.

पैरों में थकान, दर्द व सेंसेशन के साथ ही डायबिटीज के दौरान होने वाले वेट लॉस में भी अश्वगंधा का इस्तेमाल किए जाने से राहत मिलती है. यह एक रेजूवनेटिव जड़ी-बूटी है, जो टिशू को पर्याप्त पोषण प्रदान करती है, खासकर मांसपेशियों और हड्डियों को. इसके इस्तेमाल से मांसपेशियों में ताकत वापस आती है और मांसपेशियों को राहत भी मिलती है.

(और पढ़ें - पैरों में दर्द की होम्योपैथिक दवा)

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चंद्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी मांसपेशियों में होने वाले जलन के साथ ही दर्द व कमजोरी जैसी समस्या को दूर करने में मददगार है. चंद्रप्रभा वटी में ड्यूरेटिक गुण होता है. ये मांसपेशियों को रिलैक्स करने और पैरों में होने वाले हर डिस्कम्फर्ट को दूर करने में कारगर है.

चंद्रप्रभा वटी में प्राकृतिक मल्टी विटामिन होते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट कर पैरों के साथ-साथ पूरे शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं. इसके सेवन से पैरों में होने वाली जलन से तुरंत राहत मिलती है. साथ ही यूरिनरी ट्रैक्ट डिसऑर्डर के इलाज के लिए भी चंद्रप्रभा वटी शानदार आयुर्वेदिक दवा है.

कायाकल्प वटी

यह आयुर्वेदिक दवा खून को साफ करके शरीर में तत्वों के संतुलन को फिर से स्थापित करने का काम करती है. इसमें हल्दी, मंजिष्ठा, गिलोय, बकुची व करंज जैसे इंग्रेडिएंट्स होते हैं, जो पैरों में जलन की समस्या को कम करने में मदद करते हैं. इसका हर्बल कॉम्बिनेशन टॉक्सिन को साफ करने और माइक्रोऑर्गेनिज्म को हटाने में सहायता करके व्यक्ति को अंदर से स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है.

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हजरुलयहूद भस्म

यह भस्म किडनी की पथरी, यूरिन में जलन की समस्या को ठीक करने में अहम भूमिका निभाती है. किडनी के रोग की वजह से पैरों में जलन की समस्या हो रही है, तो इस भस्म का हर्बल कॉम्बिनेशन उसे ठीक कर सकता है. यह यूरिनरी डिस्कंफर्ट से भी तुरंत राहत दिलाती है.

सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस आयुर्वेदिक दवा के सेवन से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, बल्कि यह भस्म शरीर को डिटॉक्सिफाई करके पैरों में जलन की समस्या को दूर करने में सहायक होती है.

शिलाजीत कैप्सूल

शिलाजीत कैप्सूल बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है. यह शरीर में कमजोरी व डायबीटिज की समस्या के चलते पैरों में होने वाली जलन को ठीक करने में मदद करती है. इसके सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और शरीर मजबूत बनती है. शिलाजीत में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी है, जिसकी वजह से पैरों में जलन होने के साथ सूजन वाली समस्या को भी दूर किया जा सकता है. यह टेस्टोस्टेरोन बूस्टर के तौर पर भी काम करता है और पुरुषों के सीमेन स्तर को बढ़ाने में सहायक है.

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डायबिटीज, किडनी के रोग व नर्व्स डैमेज जैसी स्थिति से पैरों में जलन के साथ ही सूजन, झुनझुनी और सुन्नता की समस्या हो जाती है. इस तकलीफ से निजात दिलाने में आयुर्वेदिक दवाइयां मददगार साबित हो सकती हैं. अश्वगंधा कैप्सूल, हजरुलयहूद भस्म व शिलाजीत कैप्सूल जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां पैरों में जलन को कम करने में अहम भूमिका निभाती हैं. यहां हम स्पष्ट कर दें कि आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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