मलेरियल फाल्सीपेरम और विवैक्स एंटीजन टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट मलेरिया का कारण बनने वाले दो सबसे सामान्य एंटीजन प्लासमोडियम और पी. विवैक्स की उपस्थिति का पता लगाने और उनमें अंतर करने में मदद करता है।
प्लासमोडियम एक परजीवी है जो कि मादा एनोफिलीज नामक मच्छर की लार ग्रंथि में होता है। इस मच्छर के काटने से ही यह मानव शरीर के अंदर पहुंचता है। ये परजीवी शरीर के अंदर पहुंचकर, विशेष प्रोटीन (एंटीजन) बनाने लगते हैं और इसके परिणामस्वरूप बुखार जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं।
प्लासमोडियम की चार प्रजातियां मलेरिया फैला सकती हैं। ये हैं पी. विवैक्स, पी.फाल्सीपेरम, पी. मलेरिए और पी.ओवल। हर प्रजाति विभिन्न प्रकार के एंटीजन बनाती हैं।
यह टेस्ट शरीर में मलेरिया के एंटीजन की जांच करता है और यह एंटीजन के प्रकार का भी पता लगाता है ताकि बीमारी फैलाने वाली प्रजाति का भी पता लगाया जा सके। यह टेस्ट संक्रमित लोगों में मृत्यु के खतरे को कम करने में काफी मदद करता है।
हर साल, बीस करोड़ से भी अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं और लगभग साढ़े चार लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। पी.फाल्सीपेरम से हुआ संक्रमण सबसे गंभीर होता है। पी. विवैक्स लिवर में कुछ महीनों तक असक्रिय रह सकता है और यह संक्रमण पैरासाइट के शरीर में आने के एक साल बाद दोबारा हो सकता है।