आयुर्वेद में गिलोय का प्रयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है. औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है. जितने फायदे गिलोय के हैं, उतना ही फायदेमंद गिलोय का जूस भी है. गिलोय में पाए जाने वाले सभी औषधीय गुण गिलोय के जूस में भी मिल जाते हैं. अच्छा डाइजेशन और इम्यूनिटी बूस्ट होना जैसे फायदे गिलोय के जूस के सेवन से मिल सकते हैं. वहीं, अगर किसी प्रकार की दवा का सेवन कर रहे हैं, तो गिलोय के जूस से नुकसानदायक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं. 

आज इस लेख में आप गिलोय जूस के फायदे, नुकसान और बनाने की विधि के बारे में जानेंगे -

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  1. गिलोय के जूस के फायदे
  2. गिलोय के जूस के नुकसान
  3. गिलोय का जूस कैसे बनाएं
  4. सारांश
गिलोय जूस के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

गिलोय का आयुर्वेदिक उपचार में काफी महत्व है. इसे कई शारीरिक स्थितियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही इसका प्रयोग आमतौर पर रोजाना इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए किया जा सकता है. इससे बुखार व डायरिया जैसी स्थितियों को ठीक किया जा सकता है. इसमें कुछ एक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो इसे अच्छा मेडिकल हर्ब बनाते हैं. आइए, इसके अन्य फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

डायबिटीज के इलाज में सहायक

गिलोय जूस का सेवन ब्लड शुगर को कम करने में सहायक हो सकता है. गिलोय के जूस में बरबाइन नामक कंपाउंड मिलता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक माना जाता है. यह सेल्स को इंसूलिन रेजिस्टेंट बनाकर शुगर लेवल कम कर सकता है. इसके अलावा, गिलोस में एंटी हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव भी पाया जाता है, जो मधुमेह जैसी समस्या को कुछ हद तक ठीक कर सकता है.

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इम्यून सिस्टम करे बूस्ट

गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है. इसका मतलब है कि यह शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद कर सकता है. गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकता है और कई बीमारियों का रिस्क कम कर सकता है. यह बैक्टीरिया और इंफेक्शन से बचाने में भी सहायक हो सकता है. गिलोय से निकलने वाले अर्क में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी पाया जाता है.

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दिल की बीमारियों से बचाए

गिलोय के जूस का सेवन करने से दिल की बीमारियों का रिस्क भी कम हो सकता है. आमतौर पर यह देखने को मिला है कि इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम किया जा सकता है. साथ ही ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे दिल के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है. ये दोनों ही दिल की बीमारियों के मुख्य फैक्टर माने जाते हैं.

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कैंसर से बचाए

गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट होता है और यह सेल्स को फ्री रेडिकल से बचाने में मदद कर सकता है. यही नहीं गिलोय के जूस का सेवन करने से ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और ओवेरियन कैंसर का रिस्क भी कम हो सकता है. इसमें एंटी कैंसर प्रभाव पाए गए हैं.

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अगर गिलोय के जूस को पीने से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, तो वहीं कुछ मामलों में इसके जूस का सेवन नुकसानदायक भी साबित हो सकता है. आइए, इसके कुछ दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं -

  • अगर व्यक्ति डायबिटिक हैं और ब्लड शुगर को कम करने की दवाइयां ले रहा है, तो गिलोय के जूस का सेवन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि यह भी ब्लड शुगर लेवल को कम करता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया जैसी स्थिति बन सकती है.
  • अगर ऑटो इम्यून बीमारियां, जैसे - रूमेटाइड अर्थराइटिस व क्रोन डिजीज आदि है, तो इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को स्टिमुलेट करता है.
  • गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए गिलोय के जूस का सेवन करना सुरक्षित नहीं, इसलिए इसका सेवन करने से बचें.

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गिलोय के जूस को बनाने का तरीका आसान है, जिसे नीचे बताया गया है -

  • सबसे पहले गिलोय की 2 मीटर लंबी टहनी को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें.
  • फिर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और बाद में पीसकर पेस्ट बना लें.
  • इसके बाद 1 लीटर पानी में इस पेस्ट को मिक्स कर लें और फिर गैस पर चढ़ा दें.
  • पानी को तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा न रह जाए.
  • इसके बाद गैस बंद कर दें और पानी को ठंडा होने के लिए छोड़ दें.
  • जब पानी सामान्य हो जाए, तो इसे छानकर सेवन करें.

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आयुर्वेद के अनुसार गिलोय कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देने वाली जड़ी-बूटी है. इसके जूस का सेवन कई स्वास्थ्य स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है. कैंसर से बचाव या इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए गिलोय के जूस का सेवन खासतौर से किया जाता है. वहीं, ऑटोइम्यून बीमारी से ग्रस्त मरीज के लिए इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है. गिलोय की टहनी को पीसकर इसका जूस बनाया जाता है. ध्यान रहे कि इस जूस को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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