मस्तिष्क में विचारों का आना-जाना सामान्य है. वहीं, कभी-कभी कुछ विचार मस्तिष्क में आकर अटक जाते हैं. फिर उस एक विचार को लेकर बार-बार सोचने का सिलसिला जो शुरू होता है, रुकने का नाम नहीं लेता. ऐसी अवस्था को ओवरथिंकिंग या रूमिनैट (Ruminating) कहा जाता है. वहीं, साइकोलॉजी में इसे ‘स्टिकी’ कहते हैं. साथ ही जब मन में विचारों का एक लूप चलने लगता है, तो इसे ‘स्टिकीनेस ऑफ माइंड’ भी कहा जाता है. अधिक सोचने की आदत व्यक्ति की मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इससे स्ट्रेस बढ़ सकता है. ऐसे में किताबें पढ़कर व मेडिटेशन के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है.

आज हम एक ही विचार को बार-बार सोचते रहने के कारणों और इससे बचने के उपायों के बारे में जानेंगे -

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  1. ओवरथिंकिंग के कारण
  2. दिमाग में एक ही विचार बार-बार आने से बचने के तरीके
  3. सारांश
दिमाग में बार-बार एक ही विचार आना के डॉक्टर

एक की विचार को बार-बार सोचते रहने के अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे मेंटल ट्रॉमा, आत्मसम्मान की कमी आदि. आइए, ओवरथिंकिंग के कुछ सामान्य कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  • लोगों को लगता है कि अपने जीवन या किसी समस्या के बारे में सोचते रहने से उन्हें अधिक जानकारी या समस्या का सही समाधान प्राप्त हो जाएगा.
  • मेंटल ट्रॉमा भी किसी के लिए ओवरथिंकिंग का कारण हो सकता है.
  • कुछ ऐसे तनाव जिनको कंट्रोल करना संभव नहीं होता, ऐसी स्थिति भी ओवरथिंकिंग का कारण बन सकती है.
  • दूसरों के साथ अपने संबंधों को ज्यादा महत्व देने वाले लोग भी ओवरथिंकिंग के शिकार बन जाते हैं, क्योंकि ऐसे लोग अपने संबंधों को बनाए रखने के लिए खुद का नुकसान तक कर लेते हैं.
  • डिप्रेशनचिंता व डर आदि के चलते भी कुछ लोग ज्यादा सोचना शुरू कर देते हैं.
  • कुछ परेशान करने वाले विचार जैसे संबंधों की असफलता, कोई दर्दनाक घटना आदि में भी व्यक्ति के दिमाग में एक ही बात बार-बार आती रहती है.
  • आत्मसम्मान की कमी होने पर भी ओवरथिंक करना एक आम बात है.
  • कोई ऐसी आने वाली तनावपूर्ण घटना, जैसे खास परीक्षा की स्थिति में भी दिमाग में बात घूमने लगती है.
  • जीवन बदलने वाली घटना की प्रतीक्षा, जैसे कि परीक्षा या स्वास्थ्य परीक्षण के परिणाम या व्यापार के लिए लोन मिलने की प्रतीक्षा आदि में भी दिमाग में चिंता के कारण बातें घूमने लगती हैं.

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जब हम दिमाग में चल रहे विचारों में एक बार फंस जाते हैं, तो इससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. बार-बार सोचने से शरीर पर विचारों का बुरा प्रभाव पड़ता है. एक ही विचार बार-बार आने के कारण हमारा दिमाग परेशान हो जाता है. ऐसे में उन्हें खुद को और ज्यादा परेशान करने से रोकना जरूरी है. मेडिटेशन, योग व अपनों के साथ समय बिताना आदि से विचारों को रोका जा सकता है. आइए, दिमाग में विचारों को आने से रोकने के तरीकों के बारे में जानते हैं -

मेडिटेशन

मेडिटेशन अनचाहे विचारों को दूर करने का सरल तरीका है. रोज आधा घंटा मेडिटेशन करें. शुरुआत में मेडिटेशन का समय 5 से 10 मिनट भी रख सकते हैं और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं. मेडिटेशन करते समय हल्का म्यूजिक सुनिए.

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योगाभ्यास

बार-बार आने वाले एक ही विचार से मुक्ति पाने का एक उपाय योग का अभ्यास भी है. रोज सुबह या शाम 20 से 25 मिनट तक योगाभ्यास करना चाहिए. योगाभ्यास में सांस लेने वाले आसनों को जरूर शामिल करना चाहिए. ऐसा करने से अपने मन पर कंट्रोल बना रहता है, जिससे बार-बार आने वाले विचारों से मुक्ति पाना आसान हो जाता है.

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बाहर घूमने जाएं

दिमाग को परेशान करने वाले विचारों को दूर करने के लिए समय निकालकर कुछ दिनों के लिए लंबी छुट्टी पर बाहर घूमने जाएं. कुदरत के साथ समय बिताएं, सुबह ताजी हवा में टहलें. ऐसा करने से मन फ्रेश होता है और मन में नए विचार आते हैं, जिससे दिमाग अच्छा महसूस करता है.

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अपनों के साथ समय बिताएं

अपने मित्रों और परिवार में बच्चे व बूढ़े लोगों के साथ समय बिताएं, बच्चों के साथ खेलें, उनके साथ बातें करें और बुजुर्गों के साथ अपने अनुभव शेयर कर सकते हैं. साथ ही बड़ों से बहुत कुछ सीख सकते हैं, उनके जीवन के अनुभवों को सुनकर मन शांत होगा और नई-नई बातें भी सीखेंगे और परेशान करने वाले विचारों को भूल जायेंगे.

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नई चीजों को सीखने में मन लगाएं

नई चीजों को सीखते रहना चाहिए  जो भी अच्छा लगे, जैसे - टाइपिंग, पेंटिंग, संगीत आदि. इससे दिमाग और मन नए कामों में व्यस्त हो जाता है और पुराने फालतू के विचार सोचने का समय ही नहीं रहता है.  

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किताब पढ़ना

दिमाग में चलते रहने वाले विचारों से बचने के लिए किताब भी अच्छा साधन है, इनका भी सहारा ले सकते हैं. धार्मिक किताबें जैसी कि गीता, कुरान व बाइबल आदि पढ़ सकते हैं या नॉवल्स पढ़ सकते हैं. ऐसा करने से मन में नए विचार आएंगे और पुराने विचार दिमाग में नहीं रहेंगे.

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पॉजिटिव सोचें

देखा गया है कि ज्यादा सोचने वाले लोग नेगेटिव ही सोचते हैं, इसलिए कोशिश करें कि जब भी सोचें, तो पॉजिटिव बातें ही सोचें. जहां तक हो सके अपने नजरिये को पॉजिटिव रखने की कोशिश करें.

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लाइफ स्टाइल में बदलाव

नेगेटिव विचारों को दूर करने के लिए अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते रहें. पहले अपने जीवन की समस्याओं को पहचाने और फिर समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाना शुरू करें.

इनके अलावा मन-पसन्द संगीत सुनना, अच्छी तस्वीरें देखना, कोई अच्छा टीवी शो देखना, भोजन में हल्का और पौष्टिक आहार लेना व ज्यादा मसालेदार खाना न खाना मन को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं.

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दिमाग में एक ही बात घूमते रहना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि कई कारणों की वजह से होने वाली एक स्थिति है. अधिक टेंशन, डिप्रेशन व भविष्य को लेकर डर आदि दिमाग में विचार लाते हैं, जिन्हें निकालना मुश्किल हो जाता है. कह सकते हैं कि दिमाग में बार-बार घूमते रहने वाले व परेशान करने वाले विचारों से लड़कर या जबरदस्ती दूर भगाने की कोशिश से नहीं, बल्कि कारणों को जानकर उन्हें शांत करने के तरीकों की मदद से और अपने नजरिये में बदलाव लाकर आसानी से कुछ हद तक उन पर जीत हासिल कर सकते हैं. वहीं, अधिक समस्या होने पर किसी डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं.

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