हाई बीपी का उपचार कैसे किया जाता है?
हाई बीपी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे दिल का दौरा, दिल का रुक जाना और गुर्दे का रोग जैसी बीमारियां हो सकती हैं। हाई बीपी के इलाज का लक्ष्य होता है कि हाई बीपी को कम किया जाए और अपने ज़रूरी अंग जैसे कि दिमाग, गुर्दा और हृदय को ख़राब होने से बचाया जाए। अनुसन्धान में यह पाया गया है कि हाई बीपी के इलाज से स्ट्रोक में 35%-40%, दिल के दौरे में 20%-25%, और दिल के रुक जाने में 50% से ज़्यादा कमी आई है।
हाई बीपी को अब ऐसे वर्गीकृत किया जाता है :
- 60 साल से कम आयु वाले लोगों में रक्त चाप 140/90 से ज़्यादा होना
- 60 साल से ज़्यादा आयु लोगों में रक्त चाप 150/90 से ज़्यादा होना
हाई बीपी से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना चाहिए जैसे कि स्वस्थ आहार खाना, धूम्रपान से दूर रहना, ज़्यादा व्यायाम करना आदि। दवाइयों द्वारा इलाज उन लोगों का किया जाता है जिनकी उम्र 60 साल से कम होती है और रक्त चाप 140/90 से ज्यादा होता है और उन लोगों का इलाज भी होता है जिनकी उम्र 60 साल से ज़्यादा होती है और रक्त चाप 150/90 से ज्यादा होता है।
हाई बीपी का इलाज जीवनशैली में परिवर्तन करने से और संभवतः दवा चिकित्सा द्वारा किया जाता है -
हाई बीपी के इलाज के लिए दवाइयां
हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए बहुत सारी दवाइयां उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ यह हैं :
- एंजियोटेनसिन-परिवर्तित एंजाइम (ऐस)
- एंजियोटेनसिन द्वितीय रिसेप्टर ब्लॉकर्स
- मूत्रवर्धक
- बीटा अवरोधक
- कैल्शियम चैनल अवरोधक
- अल्फा ब्लॉकर्स
- अल्फा-एगोनिस्ट
- रेनिन अवरोधकों
- संयोजन दवाएं
- अक्सर जिन लोगों को हाई बीपी है उन्हें पहले मूत्रवर्धक दवा लेने की सलाह दी जाती है।
- अगर आपको कोई चिकित्सिक समस्या है तो आपके डॉक्टर मूत्रवर्धक दवा के आलावा कोई और दवा भी शुरू कर सकते है। उदहारण के तौर पर, ACE अवरोधक उन लोगों को दिया जाता है जिन्हे मदुमेह होता है। अगर एक दवाई काम नहीं करती तो दवाई बढ़ा दी जाती है या बदल दी जाती है।
- अगर आपका रक्तचाप सामान्य रक्तचाप से 20/10 अंक ज़्यादा है, तो आपके डॉक्टर आपकी दवाइयों की शुरुआत दो दवाइयों या संयोजक दवाओं से करेंगे।
चेतावनी: डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी दवाई न लें।
हाई बीपी की लगातार जांच कराना
हाई बीपी की दवाइयां लेने के बाद, जब तक आपका ब्लड प्रेशर ठीक न हो जाए आप अपने डॉक्टर से महीने में कम से कम एक बार तो ज़रूर मिलें। साल में एक या दो बार आपके डॉक्टर आपके गुर्दे का स्वास्थय जांचने के लिए आपके खून में मौजूद पोटैशियम (मूत्रवर्धक दवा इसे कम करती हैं और ACE अवरोधक और ARB दवा इसे बढ़ा देती हैं) और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स और बीयूएन/क्रिएटिनिन का स्तर जानने के लिए जांच करेंगे।
अगर आपका रक्तचाप ठीक जो जाता है, तब भी आप अपने डॉक्टर से हर तीसरे से छटे महीने तक मिलें।
हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन
अच्छी जीवनशैली का हाई बीपी को ठीक करने में और होने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। आप अपने हाई बीपी में कमी निम्लिखित जीवन शैली परिवर्तन द्वारा ला सकतें है:
- अगर आपका वजन अधिक है तो आप तुरंत वजन कम करें (और पढ़ें - बीएमआई)
- धूम्रपान करना छोड़ दें
- स्वस्थ आहार खाएं जिसमें ज़्यादा से ज़्यादा फल, सब्ज़ियां, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद हों
- अगर आपको हाई बीपी है तो आप अपने आहार में सोडियम की मात्रा 1500 मिलीग्राम प्रतिदिन से कम करें। स्वस्थ व्यसक यह कोशिश करें कि वह सोडियम का सेवन प्रतिदिन 2300 मिलीग्राम से ज़्यादा न करें (तक़रीबन नमक की एक छोटी चम्मच)
- रोज़ाना एरोबिक व्यायाम करना (जैसे कि रोज़ाना 30 मिनट तक तेज चलना)
- शराब के सेवन पर नियंत्रण रखना
ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ-साथ यह सब उपायें हाई बीपी की दवाइयों की प्रभावशीलता बढ़ाते हैं।