अपडेटेड 14 सितंबर 2020
नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 की वजह से होने वाली वैश्विक महामारी कोविड-19 ने अब तक दुनियाभर में 2 करोड़ 90 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है और करीब 9 लाख 30 हजार लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। भारत में भी कोविड-19 बीमारी बेहद तेजी से फैल रही है और रोजाना करीब 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या 48 लाख के पार हो चुकी है और मृतकों की संख्या करीब 80 हजार के आसपास। 

भारत में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के मकसद से ही 25 मार्च 2020 को, देशभर में 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जिसे बा में 1 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। भले ही अब अर्थव्यवस्था और सामाजिक गतिविधियां खुल रही हैं, लेकिन देश अब भी कोविड-19 की गिरफ्त में है, और हर दिन नए संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इनमें से बहुत से मामले एसिम्प्टोमैटिक (अलक्षणी), प्री-सिम्प्टोमैटिक (पूर्व-लक्षणी) या केवल हल्के लक्षणों वाले हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO और भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लाखों लोगों में बीमारी के हल्के या प्री-सिम्प्टोमैटिक (पूर्व-लक्षणी) मामले ही देखने को मिलते हैं, ऐसे में देशभर के कई घरों में इस तरह के लोगों के इलाज के लिए होमबेस्ड केयर की जरूरत होगी। 

(और पढ़ें- कोविड-19 से उबरने के बाद क्या सामान्य हो जाता है मरीज का जीवन, जानें)

MoHFW के दिशा निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने वाले वैसे मरीज जिन्हें "चिकित्सीय अधिकारी द्वारा इलाज के लिहाज से बेहद हल्का या प्री-सिम्प्टोमैटिक केस माना जाता है" उनकी देखभाल घर पर ही की जा सकती है। कोविड-19 वैसे संदिग्ध जो अपने टेस्ट रिजल्ट का इंतजार कर रहे हों, उन्हें आदर्श रूप से अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में क्वारंटीन करना चाहिए न कि घर पर क्योंकि घर पर उनके द्वारा परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित कर जोखिम में डालने का खतरा हो सकता है।

इसके अलावा, कोविड-19 के कंफर्म्ड मरीजों के संपर्क में आने वाले करीबी लोग, यहां तक ​​कि जो केवल एक या दो बार ही पुष्टि हो चुके मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें घर पर ही आइसोलेट रहकर WHO, MoHFW और सीडीसी द्वारा अनुशंसित दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। यह याद रखना बेहद जरूरी है कि कोविड-19 के कई लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम, इन्फ्लूएंजा और अन्य मौसमी बीमारियों और संक्रमणों से मिलते जुलते हैं। ऐसे में सिर्फ कोविड-19 ही नहीं बल्कि इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भी अपनी देखभाल और रिकवरी के लिए जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।

10 मई 2020 को, MoHFW ने माइल्ड और एसिम्प्टोमैटिक कोविड-19 मरीजों के होम-बेस्ड देखभाल के लिए अपने दिशा निर्देशों में कुछ संशोधन किया था: इस तरह के मरीज अब बिना किसी परीक्षण के 17 दिनों के बाद होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं, बशर्ते कि उन्हें 10 दिन तक लगातार कोई बुखार न आया हो। इन 17 दिनों को या तो उस दिन से गिना जाता है जब पहले दिन मरीज में लक्षण दिखाई दिए हों या फिर उस तारीख से जब मरीज का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया हो।

  1. कोविड-19 के कौन से मरीज घर पर ही देखभाल के योग्य हैं?
  2. फ्लू जैसे लक्षण वाले लोगों के लिए गाइडलाइन्स
  3. घर में देखभाल की उपयुक्ता के लिए दिशानिर्देश
  4. कोविड-19 मरीज के घर पर देखभाल के लिए टिप्स
  5. कोविड-19 मरीज के साथ घर पर रहने वाले परिवार के सदस्यों के लिए टिप्स
  6. आखिर में इन बातों का ध्यान रखें
कोविड-19 मरीज की घर पर ऐसे करें देखभाल के डॉक्टर

कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होने के बाद आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है या नहीं, इसका फैसला मरीज नहीं लेता बल्कि स्थानीय और राज्य के स्वास्थ्य विभाग, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण विशेषज्ञ और अस्पतालों में मौजूद हेल्थकेयर प्रफेशनल्स लेते हैं। यह एक वैश्विक महामारी है और इस कारण होने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान हेल्थकेयर प्रफेशनल्स और राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सिफारिश पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। 

सबसे पहली चीज तो ये कि टेस्टिंग के लिए अपने सैंपल्स जमा करने के लिए आपको किसी अस्पताल या कोविड-19 सेंटर में रिपोर्ट करना होगा। यदि आप ऐसा कर रहे हों तो पहले ही कॉल करके वहां पर बता देना बेहतर होगा। अपने लक्षणों के बारे में ईमानदार रहें और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को यह तय करने दें कि आपको किस प्रकार की तत्काल देखभाल और इलाज की आवश्यकता है। अगर आप कोविड-19 संक्रमण के लिए पॉजिटिव टेस्ट होते हैं हेल्थकेयर प्रफेशनल आपको आपकी सेहत के आकलन के बारे में बताएंगे और इस बात की भी पुष्टि करेंगे कि आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है या नहीं। यदि आपमें निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखते हैं तो आपको तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा:

  • सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एआरआई) जिसका संबंध कोविड-19 से हो
  • मध्यम, गंभीर बीमारी
  • यदि मरीज की उम्र 60 साल से अधिक हो
  • अगर मरीज को पहले से ही हृदय रोग, डायबिटीज, क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिजीज या कैंसर जैसी कोई बीमारी हो

अगर आपको ऊपर बताई गई समस्याओं में से कोई भी दिक्कत नहीं है और कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी आपके लक्षण अगर हल्के हैं या कोई लक्षण नहीं है और आपमें कम जोखिम या कोई जोखिम कारक नहीं है तो आपको निर्धारित समय के लिए क्वारंटीन या आइसोलेट होने का सुझाव दिया जाएगा। इस प्रकार का आइसोलेशन घर पर किया जा सकता है, लेकिन केवल सिर्फ तभी जब उचित क्वारंटीन और देखभाल के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं मौजूद हों।

(और पढ़ें- ज्यादा समय तक आइसोलेट रहने से कमजोर हो सकती हैं हड्डियां)

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MoHFW ने कोविड-19 के पुष्टि हो चुके सभी मरीजों के लिए आरोग्य सेतू ऐप को डाउनलोड करने और ऐक्टिवेट करने, इसे अपडेट रखने और जिला देखभाल अधिकारी को अपने होम केयर स्टेज के दौरान अपनी सेहत की स्थिति के बारे में बताने को अनिवार्य कर दिया है।

यहां ये याद रखना जरूरी है कि जिन लोगों में कोविड-19 जैसे लक्षण दिख रहे हैं, ऐसा जरूरी नहीं कि वे नए कोरोना वायरस संक्रमण से इंफेक्ट हुए हों। कोविड-19 के तीन प्रमुख मार्कर्स हैं- तेज बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में कठिनाई। इसके अतिरिक्त कुछ और लक्षण भी हाल के दिनों में इसमें जोड़े गए हैं जैसे- सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता की हानि। लेकिन किसी व्यक्ति के कोविड-19 संक्रमित होने की संभावना केवल तभी अधिक होती है:

  • आपने हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की उच्च दर वाले देश या क्षेत्र की यात्रा की हो
  • आप कोविड-19 के कंफर्म्ड मरीज के संपर्क में आए हों
  • आप कोविड-19 के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन (स्टेज-3) वाले क्षेत्र में रहते हों

यदि आपमें उपरोक्त जोखिम वाले कारक नहीं हैं, लेकिन फिर भी अगर आपको बुखार, खांसी, शरीर में दर्द, गले में खराश, थकान जैसी समस्याएं हो रही हों तो आप सामान्य सर्दी या अन्य सांस की बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं- लेकिन कोविड-19। यहां कुछ चीजें हैं जो आपको अवश्य करनी चाहिए:

  • डॉक्टर से परामर्श करें और अपनी मेडिकल हिस्ट्री और ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में उन्हें बताएं
  • कोविड-19 का परीक्षण तभी करवाएं जब डॉक्टर इसे आवश्यक समझें
  • सामान्य सर्दी या श्वसन संक्रमण के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार को ही अपनाएं
  • जब तक आप ठीक नहीं हो जाते, तब तक खुद को आइसोलेट करके रखें ताकि परिवार के बाकी लोगों को यह संक्रमण न हो
  • जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते, तब तक भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर जाने या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल न करें

यदि आपको हल्के या बिना लक्षणों वाला कोविड-19 संक्रमण है और आपको कम या बिना किसी जोखिम वाला माना जा रहा है तो हेल्थकेयर प्रफेशनल आपको घर पर ही क्वारंटीन होने के लिए कहेंगे। क्वारंटीन होने और घर पर ही देखभाल की यह सिफारिश आरामदायक विकल्प लग सकता है, और आप यह भी सोच सकते हैं कि आप घर पर रहते हुए अपने नियमित जीवन के सारे काम कर सकते हैं लेकिन आप गलत सोच रहे हैं। 

(और पढ़ें- कोविड-19 के असिम्प्टोमैटिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं)

घर पर ही कोविड-19 मरीजों की देखभाल, चाहे उनके लक्षण कितने ही हल्के क्यों न हों, एक बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है। सीडीसी के अनुसार हेल्थकेयर प्रफेशनल या राज्य स्वास्थ्य विभाग को पहले यह आकलन करना होगा कि आपके घर में होमबेस्ड केयर की जरूरी और उचित सुविधाएं हैं या नहीं। इसके लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना होगा:

  • घर पर देखभाल प्राप्त करने के लिए रोगी की स्थिति पर्याप्त स्थिर या स्टेबल होनी चाहिए।
  • घर पर कम से कम एक स्वस्थ व्यक्ति ऐसा होना चाहिए जो केयरगिवर या देखभालकर्ता के रूप में काम कर सके।
  • एक अलग बेडरूम और एक अलग बाथरूम होना चाहिए जहां रोगी घर के अन्य सदस्यों के साथ कोई भी स्थान साझा किए बिना ठीक हो सके।
  • भोजन और अन्य आवश्यकताएं घर पर ही या उसके पास आसानी से उपलब्ध हों।
  • रोगी और घर के अन्य सदस्यों के पास सुरक्षात्मक उपकरण (दस्ताने, फेस मास्क, कीटाणुनाशक) की पर्याप्त आपूर्ति और पहुंच हो।
  • रोगी और घर के अन्य सदस्य स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का सख्ती से और सावधानीपूर्वक पालन करें यानी उन्हें श्वसन स्वच्छता, हाथ की स्वच्छता और खांसी से जुड़े शिष्टाचार (खांसते समय कोहनी से मुंह को ढंकना) का पालन करें।
  • घर के किसी भी सदस्य को कोविड-19 संक्रमण से जटिलताओं का अधिक खतरा नहीं होना चाहिए। इसका मतलब है कि घर का कोई भी सदस्य 60 वर्ष से अधिक उम्र का न हो, घर में कोई गर्भवती महिला न हो, अन्य बीमारियों के कारण प्रतिरक्षित व्यक्ति न हो, या कोई ऐसा व्यक्ति न हो जिसे कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, क्रोनिक किडनी रोग आदि हो।

यदि आपके घर में क्वारंटीन के लिए ऊपर बताई गई सभी सुविधाएं हैं, तभी आपको तब तक घर में रहने की अनुमति होगी, जब तक कि आप फिर से कोविड-19 नेगेटिव न हो जाएं। अन्यथा, राज्य के स्वास्थ्य विभाग को आपकी देखभाल के लिए अन्य अलग सुविधा प्रदान करनी होगी, जैसे कि पुनर्निर्मित होटल।

एक बार जब आपका घर क्वारंटीन के लिए सुरक्षित और उपयुक्त मान लिया गया तो उसके बाद आपको कम से कम 17 दिनों के लिए सेल्फ-आइसोलेशन में जाना होगा। घर पर कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने के कुछ आवश्यक सुझाव निम्नलिखित हैं:

  • कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित मरीज को एक ऐसा कमरे में रखें जो पूरी तरह से हवादार हो। कमरे में दरवाजे-खिड़कियां हों और हवा के साथ-साथ सूरज की रोशनी भी आती हो। जहां तक संभव हो मरीज को ऐसे कमरे में रखें, जिसमें अटैच टॉइलेट हो ताकि, उन्हें उस टॉइलेट का इस्तेमाल न करना पड़े जिसे घर के बाकी सदस्य इस्तेमाल करते हैं।
  • मरीज को घर में इधर-उधर घूमने न दें खासकर उन जगहों पर जो कॉमन प्लेस हो। जैसे- किचन, लिविंग रूम आदि। 
  • सभी लोग बीमार मरीज के आसपास रहने की बजाए कोई एक ही व्यक्ति हो जो बीमार की देखभाल करे। इस बात का भी ध्यान रखें कि जो व्यक्ति कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहा हो वह खुद पूरी तरह से स्वस्थ हो। उसे किसी तरह की कोई बीमारी न हो और उसकी इम्यूनिटी भी मजबूत हो।
  • जब तक मरीज कोविड-19 संक्रमण से पूरी तरह से उबर नहीं जाता और उसमें से कोरोना वायरस के सभी लक्षण खत्म नहीं हो जाते, तब तक किसी भी मेहमान या आगंतुक को घर में न आने दें।
  • मरीज से सीधे संपर्क में आने या फिर उसके कमरे में जाने के बाद तुरंत हाथों को अच्छी तरह से साबुन-पानी या हैंड सैनेटाइजर से साफ करें। हाथों को धोने के बाद उन्हें सुखाने के लिए टीशू पेपर या पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें। अगर आप कपड़े या तौलिए का इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान रखें कि वह पूरी तरह से साफ हो और उसे नियमित रूप से बदलते रहें।
  • सांस संबंधी किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए मरीज को भी फेस मास्क पहनाकर रखें और मरीज का ध्यान रखने वाले केयरटेकर भी हमेशा मास्क पहनकर रखें। ध्यान रहे कि मास्क नाक और मुंह को अच्छे से कवर करके रखे। (और पढ़ें- घर पर ही मास्क बनाएं औऱ कोविड-19 के संक्रमण से बचें)
  • जब भी आप मरीज की देखभाल कर रहे हों तो केयरटेकर को मास्क के साथ-साथ ग्लव्स भी पहनने चाहिए। साथ ही मास्क और ग्लव्स को दोबारा इस्तेमाल न करें। एक बार इस्तेमाल करके फेंक दें और फिर हर बार नया इस्तेमाल करें।
  • मरीज द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को छूने या खाने बनाने से पहले और बाद में हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखं और हाथों को अच्छे से साबुन पानी से धोएं। मरीज और केयरगिवर दोनों को साबुन पानी या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से हाथों को साफ करना चाहिए।
  • अगर सांस से जुड़ी दिक्कतों की वजह से मरीज हर वक्त मास्क पहनकर नहीं रख सकता है कि तो उन्हें श्वसन सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसका मतलब है कि छींकते या खांसते वक्त मुंह क टीशू पेपर से ढंक लेना चाहिए और उसे तुरंत डस्टबिन में डाल देना चाहिए। (और पढ़े- भूल से भी न करें मास्क से जुड़ी ये 6 गलतियां)
  • मरीज के शरीर के फ्लूड्स जैसे- मुंह से निकलने वाले सिक्रिशन, नाक से बहने वाले, यूरिन और स्टूल के संपर्क में आने से बचें।
  • मरीज के खाने और पानी का बर्तन भी पूरी तरह से अलग रखें और उसे घर के बाकी सदस्यो के बर्तन के साथ न धोएं।
  • मरीज जिस कमरे में हैं वहां हर दिन अच्छी तरह से सफाई करें। जिन चीजों को मरीज हर दिन छूता हो जैसे बेड, बेड साइड टेबल और बाकी के फर्नीचर को भी घर में नियमित इस्तेमाल होने वाले साबुन या डिटर्जेंट से अच्छी तरह से साफ करें। साथ ही मरीज के टॉइलेट और बाथरूम की भी हर दिन सफाई करें।
  • मरीज के कपड़े, बिस्तर की चादर, तौलिया आदि चीजों की सफाई का भी पूरा ध्यान रखें। उन्हें अलग लॉन्ड्री बैग में रखें और घर के बाकी सदस्यों के कपड़ों से अलग ही रेग्युलर डिटर्जेंट के साथ धो सकते हैं।
  • मरीज के रूम की सफाई करते वक्त या उनके द्वारा छुई गई चीजों को हैंडल करते वक्त ग्लव्स और प्रोटेक्टिव क्लोदिंग पहन कर रखें।
  • स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट या हेल्थकेयर प्रोवाइडर को मरीज की सेहत के बारे में नियमित रूप से अपडेट देते रहें। अगर मरीज की स्थिति बिगड़ने लगती है तो तुरंत हेल्थकेयर प्रफेशनल को सूचित करें और उनके सुझाव का पालन करें।

घर पर ही कोविड-19 मरीज की देखभाल करना संभव तो है, लेकिन घर के सभी सदस्यों के लिए बेहद जरूरी है- रोगी के लिए प्राथमिक देखभालकर्ता के रूप में काम करने वाले एक सदस्य के साथ ही- कि सभी लोग स्वच्छता और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बहुत गंभीरता से लें ताकि इस बेहद संक्रामक बीमारी के प्रसार को कम किया जा सके। निम्नलिखित टिप्स हैं जिनका पालन कोविड-19 मरीज के निकट संपर्क और परिवार के सदस्यों को करना चाहिए:

  • घर के सभी सदस्यों को रोगी से अलग कमरे में रहना चाहिए। यदि यह संभव न हो तो मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी हमेशा बनाकर रखें और मरीज से अलग होकर ही सोएं।
  • परिवार के सभी सदस्यों को हाथों की स्वच्छता का पालन करना चाहिए, यानी साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोने चाहिए या अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए। उन्हें स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और राज्य के स्वास्थ्य विभागों द्वारा सुझाए गए अन्य सभी सुरक्षा और स्वच्छता सावधानियों का भी पालन करना चाहिए, जिसमें मुंह, नाक या आंखों को गंदे हाथ से न छूना शामिल है।
  • घर के सदस्यों को रोगी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ही कमरे, बाथरूम, बर्तन, चादर और अन्य घरेलू वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। रोगी के संपर्क में आने वाली सभी सतहों को छूने से बचना चाहिए।
  • मरीज के साथ उसी घर में रहने वाले परिवार के सदस्यों को भी सेल्फ-आइसोलेशन का पालन करना चाहिए और घर से बाहर तब तक न जाएं जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो। आगंतुकों को घर में आने की इजाजत न दें और आवश्यक वस्तुओं की संपर्क रहित डिलिवरी ही करवाएं।
  • घर में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था करें और घर में सभी सतहों की नियमित सफाई और उन्हें कीटाणुरहित बनाना भी आवश्यक है।
  • घर के सदस्यों को पालतू जानवरों की देखभाल करनी चाहिए और उन्हें रोगी से अलग रखना चाहिए।
  • कपड़े, खाने वाले बर्तन आदि को अच्छी तरह से और रोगी द्वारा उपयोग की गई चीजों से अलग ही धोएं।
  • सभी डिस्पोजेबल दस्ताने, मास्क, टीशू पेपर आदि को एक अलग डस्टबिन में रखा जाना चाहिए और देखभाल के साथ उसका निपटारा करना चाहिए। इन कचरे से निपटने के तुरंत बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  • यदि घर के किसी अन्य सदस्य में कोविड-19 के या किसी अन्य बीमारी के कोई लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें आइसोलेट करें और स्वास्थ्य प्रफेशनल को को तुरंत इस बात की सूचना दें।

(और पढ़ें- सेल्फ-क्वारंटीन में सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी का भी खतरा)

घर पर ही कोविड-19 मरीज की देखभाल एक नाजुक मुद्दा है, मुख्य रूप से क्योंकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग रोगी के परिवार और देखभाल करने वाले व्यक्ति के संपर्क में रहते हैं। सीडीसी के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई सिफारिशों का भी पालन करना चाहिए ताकि मरीज के परिवार को संक्रमण से दूर रखा जा सके। भारत के साथ-साथ अन्य राष्ट्रों में भी कोविड-19 मरीजों की देखभाल में शामिल सभी लोगों द्वारा अत्यंत सावधानी बरती जानी चाहिए।

Siddhartha Vatsa

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सामान्य चिकित्सा
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Harshvardhan Deshpande

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13 वर्षों का अनुभव

Dr. Supriya Shirish

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2 वर्षों का अनुभव


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संदर्भ

  1. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Coronavirus disease (COVID-19) Pandemic
  2. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Home care for patients with COVID-19 presenting with mild symptoms and management of their contacts
  3. Centers for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Coronavirus Disease 2019 (COVID-19): How to Protect Yourself
  4. Centers for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Interim Guidance for Implementing Home Care of People Not Requiring Hospitalization for Coronavirus Disease 2019 (COVID-19)
  5. Centers for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Preventing the Spread of Coronavirus Disease 2019 in Homes and Residential Communities
  6. Government of India Ministry of Health & Family Welfare [Internet] Directorate General of Health Services (EMR Division). New Delhi. India; Guidelines for home quarantine.
  7. World Health Organization, Geneva [Internet]. World Health Organization Coronavirus Disease (COVID-19) Situation Report 112.
  8. Ministry of Health and Family Welfare, Government of India [Internet]. Revised guidelines for Home Isolation of very mild/pre-symptomatic COVID-19 cases 10 May 2020.
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