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ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है, जो रक्त में पाया जाता है. यह कैलोरीज से बनता है, जो शरीर में एनर्जी रिलीज करने का काम करता है. शरीर में इसका स्तर संतुलित रहना जरूरी है. यदि इसका स्तर बढ़ता है, तो हृदय रोग व सीने में दर्द जैसी परेशानियां नजर आने लग सकती हैं. इस अवस्था को हाई ट्राइग्लिसराइड कहा जाता है, वहीं मेडिकल टर्म में इसे हाइपरट्राइग्लिसरीडेमिया कहा जाता है.

आज इस लेख में आप ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लक्षण - High Triglycerides Symptoms in Hindi

आमतौर पर हाइपरट्राइग्लिसरीडेमिया के बढ़ने पर कोई लक्षण नजर नहीं आता. वहीं, जब ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बहुत ज्यादा यानी 200 mg/dL से लेकर 499 mg/dL के बीच हो जाता है, तब कुछ शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जिनके आधार पर हाई ट्राइग्लिसराइड्स की पहचान की जाती है. ये शारीरिक समस्याएं निम्न प्रकार की हो सकती हैं -

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा)

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हाई ट्राइग्लिसराइड्स के कारण - High Triglycerides Causes in Hindi

ट्राइग्लिसराइड के लेवल के बढ़ने के कई कारण होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -

वजन बढ़ना

वजन और मोटापा बढ़ने से शरीर में फैट का स्तर बढ़ने लगता है. इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है.

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मेटाबोलिक सिंड्रोम

मेटाबोलिक सिंड्रोम भी ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ने का कारण हो सकता है.

(और पढ़ें - मेटाबॉलिज्म बढ़ने से क्या होता है?)

डायबिटीज

ब्लड शुगर अधिक बढ़ने से या डायबिटीज अनियंत्रित होने से ट्राइग्लिसराइड बढ़ सकता है. 

हाइपोथायरायडिज्म

हाइपोथायरायडिज्म के कारण थायराइड हार्मोन प्रभावित होते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी प्रभावित कर सकते हैं. इससे रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है.  

किडनी रोग

किडनी शरीर से केमिकल और अन्य व्यर्थ पदार्थों को फ्लश करने में मदद करती है. इससे शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिल सकती है. यदि किडनी संबंधित रोग हो जाएं, तो इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लग सकता है.

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प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी के समय शरीर के अधिकतर हार्मोन में विभिन्न बदलाव होते रहते हैं. इन बदलावों के चलते ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी प्रभावित हो सकता है. इससे ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि हो सकती है. 

आनुवंशिक

यदि परिवार में पहले किसी को हाई ट्राइग्लिसराइड की समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में परिवार के अन्य सदस्य को भी यह समस्या हो सकती है. दरअसल, कुछ मामलों में ही इस समस्या का कारण जीन को माना गया है. 

आहार

कुछ खाद्य पदार्थों को अधिक मात्रा में लेने पर भी ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है. इन खाद्य पदार्थों में हाई शुगर, हाई सैचुरेटेड फैट्स, शराब व अतिरिक्त कैलोरी का सेवन शामिल है.

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दवाइयां

ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने का एक कारण दवाइयों का उपयोग भी हो सकता है. ऐसा माना जाता है कि ड्यूरेटिक्स, स्टेरॉयड, बीटा ब्लॉकर, हार्मोन संबंधी दवाओं और इम्यूनोसप्रेशन वाली दवाओं को लेने से ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है.

हाई ट्राइग्लिसराइड्स का इलाज - High Triglycerides Treatment in Hindi

ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर इसे कम करने के लिए सही इलाज करना जरूरी होता है. इसके इलाज में डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाइयों का सेवन किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है -

स्टैटिन दवा

इस दवाई का इस्तेमाल हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए किया जाता है. यह खराब कॉलेस्ट्रॉल को कम करने और डायबिटीज में सुधार करने में मदद कर सकती है. इससे ट्राइग्लिसराइड का लेवल भी कम हो सकता है. स्टैटिन दवाइयों में एटोरवास्टेटिन कैल्शियम (लिपिटर) और रोसुवास्टेटिन कैल्शियम (क्रेस्टर) शामिल हैं.

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कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इनहिबिटर

यह दवाई स्मॉल इंटेस्टाइन से संचार प्रणाली में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकती है. इससे ट्राइग्लिसराइड का लेवल कम हो सकता है.

फाइब्रेट्स दवा

ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए डॉक्टर इस दवाई का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं. ये दवाइयां ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित कर सकती हैं. फाइब्रेट दवाई में फेनोफिब्रेट और जेमफिब्रोजिल शामिल है.

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निकोटिनिक एसिड दवा

इस दवाई का उपयोग करने पर भी ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम हो सकता है. दरअसल, यह ट्राइग्लिसराइड और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम कर सकती है.

इन दवाओं के अलावा लाइफस्टाल में बदलाव लाकर भी हाई ट्राइग्लिसराइड की समस्या को कम किया जा सकता है -

एक्सरसाइज

ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में नियमित एक्सरसाइज मदद कर सकती है. इसके लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करना अच्छा होगा.

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शुगर व कार्बोहाइड्रेट

ट्राइग्सिसराइड का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ा है, तो डॉक्टर शुगर और कार्बोहाइड्रेट के सेवन को कम करने या बंद करने के लिए कह सकते हैं. ये दोनों ही ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में इनका सेवन कम या बंद करके ट्राइग्लिसराइड को नियंत्रित किया जा सकता है.

शराब से परहेज

शराब ट्राइग्लिसराइड को बढ़ाने का काम कर सकती है. ऐसे में ट्राइग्लिसराइड के इलाज के लिए डॉक्टर सबसे पहले शराब का सेवन बंद करना चाहिए. अगर समस्या ज्यादा नहीं बढ़ी है, तो शराब बंद करते ही ट्राइग्लिसराइड का स्तर नियंत्रित हो सकता है.

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सारांश – Summary

शरीर में ट्राइग्लिसराइड के लेवल को नियंत्रण में रखना जरूरी होता है. इससे ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने से होने वाली परेशानियों को दूर रखा जा सकता है. इसके लक्षण सीने में दर्द के तौर पर दिखाई दे सकते है. वहीं, ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के कारणों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम, किडनी डिजीज और कुछ दवाइयां शामिल हैं. साथ ही हाई ट्राइग्लिसराइड का इलाज करने के लिए कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इनहिबिटर और निकोटिनिक एसिड दवाइयों का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है.

Dr. Farhan Shikoh

कार्डियोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amit Singh

कार्डियोलॉजी
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Dr. Shekar M G

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Dr. Janardhana Reddy D

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हाई ट्राइग्लिसराइड्स की दवा - OTC medicines for High Triglycerides in Hindi

हाई ट्राइग्लिसराइड्स के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
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Arvast CF 10 Capsule DRएक पत्ते में 10 कैप्सूल237.5
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