कैल्शियम ऐसा मिनरल है, जो शरीर में सबसे ज्यादा पाया जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि कैल्शियम का 99% हिस्सा दांतों व हड्डियों में जमा होता है. इसलिए, हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम को सबसे जरूरी माना गया है.

मानव शरीर को मुख्य रूप से कैल्शियम डेयरी उत्पादों, हरी पत्तेदार सब्जियोंअनाज से मिलता है. वहीं, शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर कैल्शियम की गोली लेने की सलाह देते हैं.

आज इस लेख में जानेंगे कि बाजार में कैल्शियम की कौन-कौन सी गोलियां उपलब्ध हैं, इनके फायदे व नुकसान क्या हैं और इनका सेवन कैसे करना चाहिए -

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  1. कैल्शियम की गोलियों के नाम
  2. कैल्शियम की गोलियां खाने के फायदे
  3. कैल्शियम की गोली के नुकसान
  4. कैल्शियम की गोली का सेवन कब, कैसे व कितना करें
  5. सारांश
कैल्शियम की गोली खाने के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

कैल्शियम की गोलियां बाजार में कई नामों से उपलब्ध हैं. इनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है - 

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कैल्शियम की गोली शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है. इसके सेवन से हड्डियां स्वस्थ रहती हैं और कोलोन कैंसर से भी बचा जा सकता है. आइए, विस्तार से कैल्शियम के फायदे के बारे में जानते हैं -

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मजबूत हड्डियां

इंसान के शरीर को हड्डियों के निर्माण और सुरक्षा के लिए कैल्शियम की जरूरत पड़ती है. यह उन लोगों के लिए और ज्यादा जरूरी है, जिनमें हड्डियां कमजोर होने का खतरा अधिक रहता है जैसे कि बुजुर्ग लोग व मेनोपॉज के बाद महिलाएं. वहीं, कमजोर हड्डियों की समस्या को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है. इसमें हड्डी के जल्दी फ्रैक्चर होने की आशंका रहती है.

वहीं, शोध बताते हैं कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स और ऑस्टियोपोरोसिस का आपस में गहरा संबंध है. शोध यह भी बताते हैं कि डाइट में सही मात्रा में कैल्शियम और विटामिन-डी को शामिल करने से ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा कम हो सकता है.

कोलोन कैंसर से सुरक्षा

कैल्शियम का सेवन कोलोन कैंसर से सुरक्षा करता है, इस बारे में कई शोध प्रकाशित हो चुके हैं. शोध के अनुसार, कैल्शियम सप्लीमेंट के सेवन से एडिनोमेटस पॉलिप्स का खतरा कम हो सकता है, जो कैंसर होने का एक कारण है.

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नियंत्रित वजन

शोध बताते हैं कि कैल्शियम का सेवन और वजन कम करने का आपस में रिश्ता है. शोध के अनुसार, कम फैट वाले कैल्शियम से समृद्ध फूड के सेवन से कुल कैलोरी कम होती है, जो मोटापे के जोखिम को भी कम कर सकता है. यह मोटे लोगों में भी वजन घटाने की क्षमता को बढ़ा सकता है.

प्रीक्लेम्पसिया से बचाव

प्रीक्लेम्पसिया प्रेग्नेंट महिलाओं को होने वाली एक शारीरिक स्थिति है. इसमें महिला को हाई ब्लड प्रेशर, हाथ और पैरों में सूजन और यूरिन में प्रोटीन की समस्या हो सकती है. प्रीक्लेम्पसिया से बचने में कैल्शियम की भूमिका पर शोध हो चुके हैं.

शोध के अनुसार, लगभग 20 सप्ताह की गर्भावस्था की शुरुआत में हर दिन 1000 मिलीग्राम कैल्शियम के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया और प्रीमेच्योर डिलीवरी के खतरे को कम किया जा सकता है.

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हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम कम

कैल्शियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को भी कम करने में मददगार साबित हुआ है. शोध ने कैल्शियम के सेवन और हाइपरटेंशन के खतरे के बीच के संबंध को स्थापित किया है. सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में बदलाव को भी शोध में पाया गया है.

सही मेटाबॉलिक मार्कर

शोध कहते हैं कि कैल्शियम सप्लीमेंट के सेवन से मेटाबॉलिक मार्कर दुरुस्त होता है, खासकर तब जब कैल्शियम के साथ विटामिन-डी सप्लीमेंट का भी सेवन किया जाए. शोध के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं ने कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन किया, उनके बच्चों का ब्लड प्रेशर कम रहता है.

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं द्वारा कैल्शियम और विटामिन-डी सप्लीमेंट के सेवन से सूजन, इंसुलिन और हाई ट्राइग्लिसराइड स्तर में भी सुधार पाया गया.

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हाल के शोध बताते हैं कि कैल्शियम सप्लीमेंट के अधिक सेवन से सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं -

कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. कैल्शियम की गोली का सेवन उम्र, डाइट और जरूरत को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. आइए विस्तार से जानते हैं कि कैल्शियम की गोली का सेवन कब, कैसे और कितना करना चाहिए.

  • सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि कैल्शियम सप्लीमेंट शरीर में कैल्शियम की कम को दूर करने में मदद करते हैं. एक वयस्क को रोजाना औसतन 1000 एमजी कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है. 50 वर्ष से अधिक की महिलाओं और 70 से अधिक की उम्र के पुरुषों को रोजाना 1200 एमजी कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है. इसका मतलब यह हुआ कि यदि रोजाना भोजन से 500 एमजी कैल्शियम मिल जाता है, तो कैल्शियम सप्लीमेंट के तौर पर सिर्फ 500 एमजी लेना ही सही है.
  • किसी भी कैल्शियम सप्लीमेंट को चुनने से पहले उसमें कैल्शियम की मात्रा की जांच करना जरूरी है. यह जानना भी बहुत जरूरी है कि एक व्यक्ति का शरीर कैल्शियम के बड़े डोज को एक बार में ही एब्जॉर्ब नहीं कर सकता है. डॉक्टर सप्लीमेंट फॉर्म में एक बार में कैल्शियम के 500 एमजी को ही लेने की सलाह देते हैं.
  • यदि रोजाना की डोज 600 एमजी लेने की सलाह दी गई है, तो डोज को एक बार में न लेकर बांटकर लेना चाहिए.
  • कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन फूड के साथ करने की सलाह दी जाती है. यदि प्रोडक्ट में कैल्शियम साइट्रेट है, तो इसे फूड के साथ या फूड के बिना भी लिया जा सकता है. 
  • यदि कैल्शियम सप्लीमेंट चबाने वाला प्रोडक्ट है, तो इसे निगलने से पहले सही तरीके से चबाना बहुत जरूरी है. यदि यह एक टेबलेट फॉर्म में है, तो इसे पीने से पहले पानी में अच्छी तरह से घुलने देना चाहिए. इसे चबाने या निगलने की सलाह नहीं दी जाती है. यदि किसी पाउडर फॉर्म में कैल्शियम का सेवन किया जा रहा है, तो इसे मापने वाले चम्मच से माप कर ही सही मात्रा में सेवन करना चाहिए. 
  • बेहतर तो यह होगा कि रोजाना कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन एक ही समय पर और डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाए.

कैल्शियम की गोलियां कोलोन कैंसर से सुरक्षा करने के साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करती हैं. वहीं, इसके सेवन से हार्ट अटैक और किडनी स्टोन का खतरा भी पाया गया है. कैल्शियम की गोली का सेवन करते समय उम्र और लिंग के अनुसार डोज का ध्यान रखना जरूरी है. इसके साथ ही कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन अमूमन फूड के साथ ही करने की सलाह दी जाती है. सबसे जरूरी बात यह है कि कैल्शियम की गोली का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

Siddhartha Vatsa

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