सीढ़ियां चढ़ने या भागते सांस फूलना आम बात है. वहीं, अगर थोड़ा-सा काम करते ही सांस फूलने लगे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. सांस फूलना किसी और बीमारी का लक्षण हो सकती है. सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होने का मुख्य कारण फेफड़ों में सही मात्रा में ऑक्सीजन  का न पहुंचना है. इसकी वजह से फेफड़ों पर अधिक प्रेशर पड़ता है और फेफड़े ठीक प्रकार से फूल नहीं पाते. इस अवस्था को सांस फूलना या सांस चढ़ना कहा जाता है. ऐसे में मरीज की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर रोफ्लुमिलास्ट व थियोफिलाइन जैसी कुछ दवाएं दे सकते हैं.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि सांस फूलने की समस्या होने पर किन-किन दवाओं का सेवन किया जा सकता है -

(और पढ़ें - सांस फूलने के घरेलू नुस्खे)

  1. सांस फूलने की समस्या के लिए टेबलेट
  2. सारांश
सांस फूलने की एलोपैथिक दवाएं के डॉक्टर

सांस फूलने और इससे जुड़ी समस्याओं को बढ़ने से रोकने के लिए डॉक्टर कई तरह की दवाएं देते हैं जैसे रोफ्लुमिलास्ट व ब्रोन्कोडायलेटर आदि. कुछ मामलों में डॉक्टर खून में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए इनहेलर का प्रयोग करने का सुझाव दे सकते हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं सांस फूलने पर दी जाने वाली दवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -

रोफ्लुमिलास्ट - Roflumilast

रोफ्लुमिलास्ट दवा को फॉस्फोडिएस्टरेज-4 इनहिबिटर  (phosphodiesterase-4 inhibitor) कहा जाता है. यह दवा सूजन को दूर करने में मदद करती है. इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन के फ्लो को बेहतर किया जा सकता. यह एक टेबलेट के रूप मिलती है, जिसे डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार लेना चाहिए. रोफ्लुमिलास्ट के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं -

(और पढ़ें - सांस फूलने की होम्योपैथिक दवा)

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ब्रोन्कोडायलेटर - Bronchodilator

ब्रोन्कोडायलेटर एयर पैसेज को खोलने में मदद करते हैं. यह दवा दो प्रकार की होती है - लॉग-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर और शॉर्ट-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर. इसमें शॉर्ट-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर्स का इस्तेमाल इमरजेंसी की अवस्था में किया जाता है. वहीं, लॉग-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर की प्रतिदिन एक या दो खुराक ली जाती हैं. इन्हें इनहेलर या नेबुलाइजर का उपयोग करने के बाद लेना चाहिए. ब्रोन्कोडायलेटर के तहत निम्न दवाएं शामिल हैं:

शॉर्ट-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर्स के प्रयोग से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं -

लॉग-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर्स में नीचे बताई गई दवाएं शामिल हैं -

  • ब्रोवाना (Brovana)
  • सीब्री निहेलर (Seebri Neohaler)
  • स्पिरिवा (Spiriva)

लॉग-एक्टिंग ब्रोन्कोडायलेटर के ये साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं -

(और पढ़ें - सांस फूलने पर क्या करें)

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स - Corticosteroids

एयर पैसेज में जलन या सूजन होने से सांस लेना मुश्किल हो जाता है. कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स शरीर में सूजन को कम करने वाली एक प्रकार की दवा है, जिसकी मदद से फेफड़ों में हवा का फ्लो आसान हो जाता है.

कई प्रकार के कॉर्टिकोस्टेरॉइड बाजार में उपलब्ध हैं. कुछ इनहेलर के माध्यम से रोज डॉक्टर के कहे अनुसार उपयोग करना चाहिए. अन्य कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स को इंजेक्शन या टेबलेट के रूप में लिया जाता है. प्रमुख कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स निम्न प्रकार से हैं -

  • फ्लोवेंट (Flovent): यह दवा इनहेलर के रूप में आती है, जिसका उपयोग दिन में दो बार कर सकते हैं. इसके साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, गले में खराश, आवाज में बदलाव व सर्दी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
  • पल्मीकोर्ट (Pulmicort): पल्मीकोर्ट में बुडेसोनाइड (Budesonide) नामक दवाई होती है. इसे हैंडहेल्ड इनहेलर के रूप में या नेबुलाइजर के साथ उपयोग किए जाता है.
  • प्रेडनीसोलोन (Prednisolone): प्रेडनिसोलोन गोली, लिक्विड या इंजेक्शन के रूप में आती है. इस आमतौर पर इमरजेंसी के समय दिया जाता है.

(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत के घरेलू उपाय)

थियोफिलीन - Theophylline

समस्या के बहुत अधिक बढ़ जाने पर जब ब्रोन्कोडायलेटर और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स उपयोगी साबित नहीं होते, तो ऐसे में ब्रोन्कोडायलेटर के साथ थियोफिलीन दवा का उपयोग किया जाता है. थियोफिलीन एयर पैसेज के मसल्स को रिलेक्स करती है. यह गोली या लिक्विड के रूप में मिलती है, जिसे रोज लिया जा सकता है. थियोफिलीन के साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं -

(और पढ़ें - सांस लेने में फायदेमंद योगासन)

फेफड़ों में ठीक से ऑक्सीजन न पहुंचने पर सांस फूलने की स्थिति पैदा हो जाती है. इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जो अपने आप ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन अगर किसी को इस वजह से काम करने में दिक्कत आने लगे या कोई हेल्थ प्रॉब्लम होने लगे, तो उसे डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए. सांस फूलने की समस्या होने पर डॉक्टर थियोफिलीन व फ्लोवेंट आदि दे सकते हैं. साथ ही डॉक्टर की सलाह पर हल्के व्यायाम व कुछ देर पैदल भी चला जा सकता है, जिससे मसल्स स्ट्रांग होते हैं और सांस लेने पर अधिक ऑक्सीजन शरीर में जा पाती है.

(और पढ़ें - गहरी सांस लेने के फायदे)

अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लें.

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