पेट का कैंसर - Stomach Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

July 14, 2017

August 30, 2023

पेट का कैंसर
पेट का कैंसर

पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, कुछ असामन्य (कैंसर-युक्त) कोशिकाओं का समूह होता है जो पेट के एक हिस्से में ट्यूमर बना देती हैं।

पेट का कैंसर होने पर पेट में दर्द, मतली और उल्टी, वजन घटना, निगलने में कठीनाई, उल्टी में खून आना, मल में खून निकलना, और कम भोजन करने पर भी पेट का फूला हुआ महसूस होना आदि जैसे लक्षण होते हैं।

पेट के कैंसर का इलाज ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करता है। इलाज के विकल्प में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं।

(और पढ़ें - कैंसर क्या है)

पेट के कैंसर में जीवन-दर 

विश्व स्वस्थ संगठन (WHO) के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 7,23,000 मृत्यु पेट के कैंसर के कारण होती हैं।

अगर पेट से बाहर फैलने से पहले इसका निदान और इलाज किया जा सके तो इसके मरीजों की अगले 5 साल तक जीने का दर 67% तक होता है।

अगर कैंसर पेट के आसपास के ऊतकों में फैल जाए तो मरीज की अगले 5 साल तक की जीवन दर 31% तक रह जाती है। और अगर दूर तक फैल जाए तो इस स्थिति में मरीज की अगले 5 साल की जीवन दर 5% रह जाती है।

भारत में पेट के कैंसर की स्थिति 

भारत में पेट के कैंसर विकसित देशों की तुलना में कम देखा गया है। हालांकि भारत के कुछ प्रदेश जैसे दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में पेट का कैंसर काफी बड़ी संख्या में देखा गया है।

सन् 1991 में पेट का कैंसर भारत में पुरुषों में पांचवा सबसे सामान्य कैंसर और महिलाओं में सांतवां सबसे सामान्य कैंसर था।

2012 में टाटा मेमॉरियल सेंटर के अनुसार पेट का कैंसर भारत में कैंसर से मरने वाले लोगों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 25,200 पुरूषों और 27,500 महिलाओं की इसकी वजह से मृत्यु रिकॉर्ड की गयी। छिपे मामलों का कोई अनुमान उपलब्ध नहीं है।

पेट का कैंसर क्या है? - What is Stomach Cancer in Hindi?

पेट का कैंसर पेट की कोशिकाओं के डीएनए में हुए असामन्य परिवर्तन की वजह से ट्यूमर बनने से होता है। आमतौर पर यह पेट की आंतरिक परत में स्थित कोशिकाओं में होता है, और समय के साथ पेट की दीवार में फैल जाता है। यह आस-पास के अंगों में भी फैल सकता है जैसे लिवर, अग्नाश्य, ग्रासनली और आंतें।

पेट के कैंसर के लक्षण - Stomach Cancer Symptoms in Hindi

पेट के कैंसर के लक्षण / पहचान क्या है - पेट का कैंसर कैसे पता चलता है?

पेट कैंसर से जुड़े ऐसे कई लक्षण होते हैं जो अन्य कई प्रकार की गंभीर बीमारीयों से भी जुड़े होते हैं। इस कारण से पेट के कैंसर की शुरुआत में ही पहचान कर पाना कठिन होता है।

कई पेट के कैंसर के मरीजों का निदान तब तक नहीं हो पाता जब तक कैंसर काफी बढ़ न चुका हो।

पेट के कैंसर के शुरुआती लक्षण में निम्नलिखित शामिल हैं -

  • खाना खाते समय एकदम से पेट ज्यादा भरा हुआ महसूस होने लगना
  • निगलने में कठिनाई
  • खाना खाने के बाद पेट का ज्यादा फूला हुआ महसूस होना
  • बार बार डकार आना
  • सीने में जलन महसूस होना
  • अपच जो ठीक ना हो पा रही हो 
  • पेट दर्द या छाती की हड्डी में दर्द
  • पेट में हवा भरना जैसा महसूस होना
  • उल्टी आना (उल्टी में खून भी आ सकता है)

इनमें से कई लक्षण अन्य बहुत कम गंभीर बिमारियों के समान हैं। हालांकि, जिन्हें पेट के कैंसर का जोखिम अधिक हो, उन्हें निगलने में कठिनाई होने पर तत्काल डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

पेट का कैंसर बढ़ने पर होने वाले लक्षण

जब पेट का कैंसर जब अग्रिम चरण में पहुँच जाता है, तब लक्षण यह लक्षण हो सकते हैं -

पेट के कैंसर के कारण - Stomach Cancer Causes in Hindi

पेट का कैंसर कैसे/ क्यों होता है?

पेट का कैंसर तब शुरू होता है जब पेट में एक कोशिका के डीएनए में परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन की वजह से कोशिका जल्दी से विकसित होती हैं और जब कि नार्मल कोशिकाएं एक समय के बाद खत्म हो जाती हैं, यह कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं और एकत्रित हो कर ट्यूमर बना देती हैं।

समय के साथ, यह कैंसर कोशिकाएं ट्यूमर से टूटकर शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकती हैं। इस प्रक्रिया को "मेटास्टेटिस" कहा जाता है।

यह स्पष्ट नहीं है कि डीएनए में यह परिवर्तन क्यों होते हैं, हालांकि कई कारकों की पहचान की गयी है जो पेट का कैंसर होने जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

पेट का कैंसर होने का जोखिम बढ़ाने वाले कारक

पेट के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैं:

पेट के कैंसर से बचाव - Stomach Cancer Prevention in Hindi

पेट का कैंसर होने से कैसे रोका जा सकता है?

पेट के कैंसर का कोई स्पष्ट कारण नहीं है, इसलिए इसको रोकने का कोई सटीक तरीका नहीं है। पर रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ छोटे-छोटे बदलाव लाकर पेट में कैंसर होने के जोखिम को कम किया जा सकता है।

उदाहरण के तौर पर आप इन्हें इस्तेमाल भी कर सकते हैं -

  • रोजाना व्यायाम करें
  • फल और सब्जियों का अधिक सेवन करें
  • अपने खाने में अधिक नमकीन और भुने हुए पदार्थों की मात्रा को कम करें
  • धूम्रपान बंद करें
  • एस्पिरिन या अन्य एनएसएआईडी दवा का उपयोग केवल डॉक्टर की निगरानी में करें
  • पेट के कैंसर के जोखिम के बारे अपने डॉक्टर से बात करें – अगर आपको अपने पेट में कैंसर होने का खतरा बढ़ता दिखाई पड़ रहा है, तो डॉक्टर इस बारे में डॉक्टर से बात करें। आप पेट के कैंसर के संकेत देखने के लिए एंडोस्कोपी के बारे में भी डॉक्टर से सलाह ले कर सकते हैं।

पेट के कैंसर की जांच - Stomach Cancer Diagnosis in Hindi

पेट के कैंसर का निदान कैसे किया जाता है?

पेट के कैंसर की शुरूआत में उसके लक्षण या संकेत बहुत ही कम दिखते हैं। अक्सर पेट का कैंसर बढ़ने पर ही इसका निदान हो पाता है।

शारीरिक परिक्षण और मरीज से पहले की जानकारी लेना

आपके डॉक्टर सबसे पहले आपका शारीरिक परिक्षण करेंगे। इसमें रोग के संकेत, जैसे पेट में गांठ या कुछ अन्य महसूस होना, शामिल होता है। डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य सम्बंधित आदतों और पहले हुई बीमारीयों के बारे में पूछते हैं। एच पाइलोरी की जांच के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है।

लैब टेस्ट

अगर शारीरिक परिक्षण में पेट कैंसर के संकेत दिखते हैं तो उसके बाद कुछ टेस्ट करने की आवश्यकता पड़ेगी। टेस्ट पेट, खाने की नाली या जहाँ कहीं भी ट्यूमर होने की आशंका है, उधर की जांच करने के लिए किये जाते हैं।

  • ब्लड केमिस्ट्री स्टडीज - शरीर के अंगों और ऊतकों द्वारा खून में रिलीज किये जाने वाले कुछ खास पदार्थों की मात्रा जांचने के लिए यह ब्लड टेस्ट किये जाते हैं।
  • अपर एंडोस्कोपी – यह शरीर के अंदर की जानकारी लेने की प्रक्रिया होती है, जिसकी मदद से इसोफेगस, पेट, और ड्यूडिनम (छोटी आंत का पहला हिस्सा) आदि अंगो में हो रही असामान्य प्रक्रियाओं की जांच की जाती है। (और पढ़ें - एंडोस्कोपी कैसे होती है
  • बेरियम स्वालो - इस प्रक्रिया में पेट और इसोफेगस के कई एक्स-रे किए जाते हैं मगर इनसे पहले मरीज को तरल पदार्थ में बेरियम (सफेद चांदी जैसी एक धातु) मिलाकर पिलाया जाता है। इस टेस्ट को "अपर जीआई सीरीज" भी कहा जाता है।
  • सीटी स्कैन – सीटी स्कैन की मदद से शरीर के अंगों की महत्वपूर्ण जानकारीयां मिल पाती हैं। ये तस्वीरें कंप्यूटर द्वारा बनाई जाती हैं जो एक एक्स-रे मशीन से जुड़ा होता है। (और -पढ़ें  सीटी स्कैन कैसे होता है)
  • बायोप्सी – इसमें ऊतकों का सैंपल लेकर कैंसर सेल्स के होने की जांच की जाती है। कैंसर की पक्की पुष्टि का यह एक मात्र तरीका है। (और पढ़ें - बायोप्सी कैसे की जाती है)

पेट के कैंसर का इलाज - Stomach Cancer Treatment in Hindi

पेट के कैंसर का इलाज क्या है?

पेट के कैंसर के इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और टार्गेटेड ड्रग थेरेपी शामिल हैं। कौन सा विकल्प आपके लिए सही होगा, यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कैंसर की गंभीरता, मरीज का स्वास्थ्य और उनकी प्राथमिकताएं। आपके डॉक्टर सब बातों को मद्देनजर रखते हुए सही विकल्प चुनने में मदद करेंगे।

1. सर्जरी

सर्जरी का उद्देश्य ट्यूमर को शरीर से बाहर निकालना होता है। ट्यूमर के साथ साथ उसके आस-पास के कुछ स्वस्थ टिश्यू भी निकाले जाते हैं । सर्जरी के तीन विकल्प होते हैं -

  1. एंडोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन - इसका उद्देश्य कैंसर से प्रारंभिक चरणों में ही पेट से ट्यूमर को निकाल देना होता है।
  2. सबटोटल गैस्ट्रेक्टॉमी - इसमें पेट का कैंसर से प्रभावित भाग निकाल दिया जाता है।
  3. टोटल गैस्ट्रेक्टॉमी - इसमें सर्जरी की मदद से पूरे पेट को हटा दिया जाता है।

ये सभी सर्जरी पेचीदा होती हैं जिनके बाद रिकवरी में लंबा समय लग सकता है। सर्जरी की प्रक्रिया के बाद मरीज को दो सप्ताह तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। उसके बाद मरीज को घर पर स्वस्थ होने के लिए कई हफ्तों तक आराम करना होता है।

(और पढ़ें - पेट के कैंसर की सर्जरी)

2. रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी में उर्जा की किरणों की मदद से कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी को पेट के कैंसर के इलाज के लिए सामान्य रूप से प्रयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसमें आसपास के अन्य अंगों को हानि पहुंचने का खतरा रहता है। हालांकि, अगर पेट कैंसर काफी बढ़ चुका है या/ और अत्यधिक दर्द और खून बहने जैसे लक्षण दिखने लगे हैं तो ऐसे में रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी में कुछ ख़ास दवाइयों का उपयोग किया जाता है जो तेज़ी से बढ़ रही कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म कर देती हैं। इन दवाइयों को साइटोटोक्सिक (cytotoxic) दवाओं के नाम से जाना जाता है।

गैस्ट्रिक लिम्फोमा, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल स्ट्रोमल ट्यूमर और कुछ अन्य प्रकार के गैस्ट्रिक कैंसर के लिए कीमोथेरेपी मुख्य उपचार तरीका माना जाता है।

4. टार्गेटेड ड्रग थेरेपी

उदाहरण के लिए कुछ दवाइयां जैसे सूटेंट (सनीटीनिब; sunitinib), ग्लिवेक (इमानिटिनिब; imatinib) आदि गैस्ट्रोइंटेस्टिनल स्ट्रोमल ट्यूमर के मरीजों को दी जाती हैं। ये कैंसर की विशिष्ट प्रकार की असामान्यताओं पर हमला करती हैं।

पेट के कैंसर में परहेज़ - What to avoid in Stomach Cancer in Hindi

पेट कैंसर में क्या परहेज करना चाहिए?

कुछ हानिकारक खाद्य पदार्थ जिनका सेवन करने से बचना चाहिए। जिनमें से कुछ नीचे बताए गए हैं:-

  1. प्रोसेस्ड मीट – पाचन तंत्र में कैंसर और पेट के कैंसर के साथ मीट का गहरा रिश्ता माना जाता है। ऐसी स्थिति में कई डॉक्टर तैयार मीट के सेवन को कम करने की सलाह देते हैं और यहां तक कि कई डॉक्टर तो अब इसे पूरी तरह से छोड़ने की सलाह देने लगे हैं।
  2. नमक युक्त भोजन – शरीर को अपनी सामान्य प्रक्रिया के लिए एक सिमित और कम मात्रा में ही नमक की जरूरत पड़ती है पर कुछ लोग जरूरत से ज्यादा नमक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने लगे हैं। नमक की ज्यादा मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को पेट कैंसर से जोड़ा जाता है। आलू के चिप्स, और डिब्बाबंद नमकीन पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में ना करें, खाने के दौरान नमकदानी प्रयोग करने से भी बचें।
  3. हैलिकोबैक्टर पाइलोरी – हैलिकोबेक्टर पाइलोरी के संक्रमण होने से भी खुद को बचाना जरुरी है। ये सामान्य बैक्टिरिया होते हैं जो पेट में अल्सर कर देते हैं जिससे पेट कैंसर होने का खतरा बढ़ा जाता है।

पेट के कैंसर में क्या खाना चाहिए? - What to eat in Stomach Cancer in Hindi

पेट का कैंसर हो तो क्या खाएं?

पेट के कैंसर के इलाज के लिए आहार को एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। पोषण के लिए सही मात्रा में कैलोरी, विटामिन, प्रोटीन, और मिनरल्स लेने की जरूरत पड़ती है। जो शरीर में ताकत को बनाए रखता है और रोग ठीक करने में मदद करता है।

  • अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ – प्रोटीन के लिए अधिक मात्रा में दूध पीना, अंडे और पनीर खाएं।
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, मगर कम मात्रा में – साबुत अनाज का चयन करते समय, साबुत गेंहू से बनी ब्रैड, साबुत अनाज का पास्ता और साबुत चावल चयन करें। इन खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। लेकिन इन्हे कम मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि इनको खाने के बाद आप आप असहज महसूस कर सकते हैं। सेम की फलियां, मसूर की दाल, पत्तेदार सब्जियां और गोभी आदि पर भी ये बात लागू होती है। 
  • बिना नमक का आहार – पेट के कैंसर के मरीजों को अक्सर मतली महसूस होती है। बिना नमक का खाना खाने से इससे राहत मिल सकती है। 
  • साफ तरल पदार्थ – तरल पदार्थ जैसे सेब का जूस, शोरबा (सूप), चाय आदि को धीरे-धीरे पीना लाभदायक हो सकता है।

पेट के कैंसर के प्रकार - Stomach Cancer Types in Hindi

पेट के कैंसर के कितने प्रकार हैं?

कैंसर के चार प्रकार होते हैं - 

  1. एडिनोकार्सिनोमास (Adenocarcinomas) - यह कैंसर उन कोशिकाओं में विकसित होने लगता है, जो कोशिकाएं म्यूकोसा बनाती हैं - यह बलगम बनाने वाली पेट की सबसे सतही परत होती है। एडिनोकार्सिनोमास बहुत ही सामान्य प्रकार का पेट का कैंसर होता है। सभी प्रकार के पेट के कैंसरों में  90%-95% एडिनोकार्सिनोमास ही पाया जाता है।
  2. लिम्फोमा (Lymphoma) - यह कैंसर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) के ऊतकों का कैंसर होता है। जो पेट और लसीका के ऊतकों सहित इनमें कहीं भी विकसित हो सकता है। लिम्फोमा पेट के कैंसरों में बहुत ही कम देखने को मिलता है। अन्य सभी पेट के कैंसरों की तुलना में यह सिर्फ 4% ही देखने को मिलता है। 
  3. गेस्ट्रोइंटेस्टिनल स्ट्रोमल ट्यूमर (Gastrointestinal stromal tumors) - यह भी काफी दुर्लभ प्रकार का पेट का कैंसर होता है। यह एक विशेष प्रकार की कोशिका में विकसित होता है, जो पेट की परत पर पाई जाती है जिसको इंटरस्टीशल सेल भी कहा जाता है। माइक्रोस्कोप की मदद से जीआईएसटी (Gastrointestinal stromal tumors) की कोशिकाएं मासपेशियों और तंत्रिका कोशिकाओं के समान दिखने लग जाती हैं। इसका ट्यूमर पूरे पाचन तंत्र में कहीं भी विकसित हो सकता है, पर इसके 60-70% केस पेट में ही पाए जाते हैं।
  4. कार्सिनोइड ट्यूमर (Carcinoid tumors) - मुख्य रूप से यह पेट में हार्मोन पैदा करने वाली कोशिकाओं में विकसित होने लगता है। इसके ट्यूमर पेट में अन्य आंतरिक अंगों में नहीं फैलते हैं। पेट के कैंसर का यह प्रकार केवल 3% मरीजों में ही पाया जाता है।

पेट के कैंसर के चरण - Stomach Cancer Stages in Hindi

पेट के कैंसर के कितने चरण होते हैं?

पेट कैंसर के चरणों को इस बात पर निर्धारित किया जाता है कि कैंसर पेट में कितना विकसित हो चुका है, और निदान होने तक वह कितना फैल चुका है।

कैंसर का स्टेज यह पता लगाने की प्रक्रिया होती है कि निदान करने से पहले कैंसर कितना फैल चुका है। कैंसर के चरणों का प्रयोग ट्यूमर के फैलाव का वर्णन करने के लिए किया जाता है। स्टेज का पता अक्सर कुछ स्कैन और अन्य टेस्ट की मदद से किया जाता है।

कैंसर के स्टेज को जानना आवश्यक होता है, क्योंकि यह मरीज की बीमारी के लिए सबसे बेहतर इलाज खोजने में डॉक्टर की मदद करता है। इसके अलावा मरीज भी कैंसर की स्थिति को अच्छे से जान पाता है और उससे जुड़ी चिंताओं पर डॉक्टर से बात कर सकता है।

विभिन्न प्रकार के कैंसरों को विभिन्न प्रकार से चरणों में विभाजित किया जाता है। पर आम तौर पर डॉक्टर "कैंसर स्टेज सिस्टम" (Cancer stage system) या "टीएनएम सिस्टम" (TNM system) का उपयोग करते हैं।

1. कैंसर स्टेज सिस्टमम

  1. स्टेज 1 - इस चरण में कैंसर का ट्यूमर ग्रासनली (इसोफेगस; esophagus) या पेट के अंदर की ऊपरी परत के ऊतकों तक ही सिमित रह जाता है। लेकिन ऐसा हो सकता है कि कैंसर कोशिकाएं आसपास की कुछ सीमित लसीका ग्रथिंयों (lymph nodes) में फैल चुकी हैं।
  2. स्टेज 2 - इस चरण में कैंसर इसोफेगस या पेट की मांसपेशियों में ज़्यादा गहराई से फ़ैल चूका होता है। इसके अलावा कैंसर लसीका ग्रंथियों तक भी ज़्यादा फैल जाता है।
  3. स्टेज 3 - इस चरण में कैंसर इसोफेगस या पेट की सभी परतों में फ़ैल चुका होता है और शरीर में आसपास के अंगों में भी फैल चुका होता है। यह एक छोटे कैंसर के रूप में उभर कर भी लसीका ग्रंथियों में व्यापक रूप से फैल सकता है।
  4. स्टेज 4 - इस चरण में कैंसर शरीर के दूर के भागों तक भी फैल चुका होता है।

2. टीएनएम सिस्टम

टीएनएम प्रणाली में तीन वर्ग होते हैं -

  1. T (Tumor/ट्यूमर) - कैंसर का मुख्य ट्यूमर पेट की परत में कितनी गहराई या गंभीरता से फैल चुका है?
  2. N (Node/नोड) - क्या ट्यूमर लिम्फ नोड (लसीका ग्रंथि) तक फैल गया है? अगर फैल गया है तो कितना और कहां तक?
  3. M (Metastasis/मेटासटैसिस) - क्या शरीर के अन्य भागों में भी कैंसर विकसित हो रहा है?

टेस्ट के दौरान इन तीनों श्रेणियों को अंक दिए जाते  हैं। और इनको एक साथ मिलाकर पता चलता है कि कैंसर कितना फैल गया है।



संदर्भ

  1. Stanford Health Care [Internet]. Stanford Medicine, Stanford University; Stomach Cancer
  2. American Cancer Society [Internet] Atlanta, Georgia, U.S; What Is Stomach Cancer?.
  3. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Stomach Cancer.
  4. National Health Service [Internet]. UK; Stomach cancer.
  5. American Cancer Society [Internet] Atlanta, Georgia, U.S; Stomach Cancer Risk Factors.
  6. Stanford Health Care [Internet]. Stanford Medicine, Stanford University; Upper GI series
  7. Stanford Health Care [Internet]. Stanford Medicine, Stanford University; Targeted Therapy: About this Treatment
  8. American Cancer Society [Internet] Atlanta, Georgia, U.S; Radiation Therapy for Stomach Cancer.

पेट का कैंसर पर आम सवालों के जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरे पापा को चौथे स्टेज का पेट का कैंसर है। क्या इसके लिए कोई इलाज है? हमने डॉक्टर को दिखाया था, जिसके बाद उन्होंने बताया कि इस स्टेज पर कीमो और रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो अब हमें क्या करना चाहिए?

Dr. Chirag Bhingradiya MBBS , पीडियाट्रिक

इस स्टेज पर सिर्फ पैलीएटिव ट्रीटमेंट से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन इस इलाज से पहले मरीज की जांच करवानी जरूरी है।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

अगर किसी लड़की को कैंसर है, तो क्या मैं उसके साथ शारीरिक संबंध बना सकता हूं? क्या उसे किस करने से मुझे भी कैंसर हो सकता है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , सामान्य चिकित्सा

कैंसर संक्रामक रोग नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, लेकिन किसी तरह का संबंध बनाते समय आपको बस अन्य तरह के वायरल संक्रमण का ध्यान रखना चाहिए जैसे एचआईवी और एचबीएसएजी आदि जो यौन संबंध बनाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मेरी बहन को चौथे स्टेज का कैंसर है। दिन-ब-दिन उसका वजन कम हो रहा है, वह पर्याप्त मात्रा में भोजन भी नहीं ले रही है। क्या उसे थोड़ी एनर्जी के लिए ग्लूकोज की बोतल चढ़ा सकते हैं?

Dr. Amit Singh MBBS , सामान्य चिकित्सा

आपकी बहन को चौथे स्टेज का कैंसर है। इस स्टेज पर उन्हें दर्द से आराम और उनके जीवन को बेहतर महसूस कराने के लिए पैलीएटिव ट्रीटमेंट के लिए सलाह लें।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे पेट का कैंसर है, यह तीसरे स्टेज पर है। अपने जीवन को बचाने लिए मुझे किस तरह का इलाज करवाना पड़ेगा? क्या इसके लिए कैमोथेरपी सर्जरी करवानी चाहिए, क्या इससे मेरे बेहतर और अच्छे होने की संभावना बढ़ सकती है?

Dr. Ram Saini MD, MBBS , General Physician

स्टेज 3 में पेट के कैंसर के मरीज को सर्जरी के साथ-साथ कीमोथेरेपी की भी जरूरत होती है। कुछ मरीजों की बायोप्सी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें रेडियोथेरेपी की भी जरूरत होती है। इससे पहले सर्जरी मुश्किल होती है, इसलिए सर्जरी से पहले ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए कीमोथेरेपी दी जानी चाहिए। इसके साथ जीवन के बचने की गुंजाइश 5 साल (लगभग 40% से 50%) तक बढ़ जाती है। यह हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है।

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