ऑपरेशन थिएटर में जाने के बाद सर्जरी से पहले निम्न चरणों का पालन किया जाता है -
- आपसे सर्जरी की सुबह ही अस्पताल में भर्ती होने को कहा जाएगा और सर्जरी के लिए एक अनुमति फॉर्म भरवाया जाएगा
- सर्जरी से तुरंत पहले आपको सभी प्रकार के आभूषण आदि निकालने को कहा जाएगा और साथ ही आपकी आंखों में कांटेक्ट लेंस भी नहीं होने चाहिए
- आपको अस्पताल की गाउन पहनने को कहा जाएगा और सर्जरी के दौरान व बाद में एक विशेष तरह के मोज़े पहने रहने को कहा जाएगा। सर्जिकल मोजों से पैर में रक्त के थक्के नहीं जमते हैं
- नर्स आपकी नब्ज, रक्तचाप और सांस की दर की जांच करेंगी और आपको सर्जरी से पहले कुछ दवाएं भी दी जा सकती हैं, ताकि आप सर्जरी से पहले आराम कर सकें
- इसके बाद आपको सुलाने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाएगा ताकि आपको सर्जरी महसूस न हो
पेट के कैंसर की सर्जरी को पेट के कैंसरयुक्त भाग या पेट के किसी हिस्से या पूरे पेट को निकालने के लिए किया जाता है। यह प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करता है। सर्जिकल तरीके निम्नानुसार हैं -
- गैस्ट्रेक्टमी
- एन्डोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन
- फीडिंग ट्यूब प्लेसमेंट
- लिम्फडेनिकटमी
- ट्यूमर एब्लेशन
- गैस्ट्रिक बाईपास
गैस्ट्रैक्टोमी (Gastrectomy)
गैस्ट्रैक्टमी सर्जरी में पेट का हिस्सा या पूरा पेट निकाला जाता है। जब पेट का ऊपरी या निचला भाग निकाला जाता है और बाकी पूरा पेट स्वस्थ होता है तो उसे पार्शियल गेस्ट्रैक्टमी (partial gastrectomy) कहा जाता है। यदि पेट के ऊपरी हिस्से को हटा दिया जाता है, तो भोजन नली का कुछ हिस्सा इसके साथ काटा जा सकता है। इस प्रक्रिया में, पेट के ऊपरी भाग और छाती के कुछ हिस्से पर एक ऊर्ध्वाधर चीरा बनाया जाता है। कभी-कभी 2 सर्जिकल चीरों की भी आवश्यकता हो सकती है।
यदि पेट के निचले हिस्से को हटा दिया जाता है, तो ग्रहणी (duodenum) के कुछ हिस्से को भी निकला जा सकता है। यदि अन्य अंगों में कैंसर के फैलने का खतरा होता है तो निकटस्थ लिम्फ नोड्स को हटाया जा सकता है। यदि स्प्लीन, लिवर जैसे आसन्न अंगों में भी कैंसर का खतरा है, तो प्रभावित भागों को भी निकाल दिया जाता है।
यदि पूरे पेट को हटा दिया जाता है, तो एसोफेगस और छोटी आंतों के ऊपरी कुछ भाग को सर्जरी के माध्यम से एक-दूसरे से जोड़ा जाता है। इससे पाचन तंत्र की निरंतरता सुनिश्चित होती है। अगर पेट का कोई हिस्सा हटाया जाता है, तो शेष भाग को या तो सर्जरी से ऊपरी तरफ घुटकी से या निचली तरफ छोटी आंत से जोड़ दिया जाता है।
यदि कैंसर पूरे पेट में फैल गया है तो टोटल गैस्ट्रेक्टमी की जाती है।
सर्जरी के दौरान आपके पेट पर एक ऊर्ध्वाधर (vertical) चीरा बनाया जा सकता है, या एक साथ दो चीरे या त्वचा पर ऊतक की आकृति के आकार का चीरा लगाया जा सकता है। सामान्यतः यह प्रक्रिया 1-3 घंटों के बीच पूरी हो जाती है।
निम्नलिखित दो तरीके हैं, जिससे गॉटेस्ट्रोमी किया जा सकता है :
ओपन गैस्ट्रेक्टमी
इस प्रक्रिया में पेट के आस-पास एक चीरा बनाया जाता है। पेट के नीचे मौजूद वसा और मांसपेशियों की परतों को सावधानी से काटा जाता है। निकटतम स्वस्थ अंगों, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान न पहुंचे इसका ख़ास ख्याल रखा जाता हैI पूरे पेट या उसके प्रभावित हिस्से को हटा दिया जाता है। ओमेन्टम का कुछ हिस्सा भी हटाया जा सकता है। ओमेन्टम एक मोटी परत है जो पाचन तंत्र में पेट को सही स्थिति पर बनाए रखती है। प्रक्रिया के बाद चीरे को टांके से सिल दिया जाता है।
लैप्रोस्कोपिक गैस्ट्रेक्टमी
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में ओपन सर्जरी की अपेक्षाकृत बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है। सर्जरी के उपकरण सम्मिलित करने के लिए छोटे-छोटे कई चीरे बनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक चीरे के माध्यम से, एक कैमरा डाला जाता है जो सर्जन को पेट की आंतरिक संरचनाओं को देखने और सावधानीपूर्वक और सही तरीके से सर्जरी करने में मदद करता है। छोटे चीरों के कारण, ओपन सर्जरी की तुलना में इस प्रक्रिया में रक्त की कमी भी कम होती है। दोनों पार्शियल और टोटल गैस्ट्रेक्टमी लैपेरोस्कोपिक रूप से की जा सकती हैं।
एन्डोस्कोपिक म्यूकोसल रिसेक्शन
इस प्रक्रिया में पेट में मौजूद कैंसर ग्रस्त हिस्से के साथ-साथ पेट की भित्ति के भी कुछ हिस्से को निकला जाता है जो कैंसर से अप्रभावित होती है। यह सर्जरी केवल तब ही प्रभावी होती है जब यह प्रारंभिक चरण में की जाती है यानि जब कैंसर पेट की आंतरिक परत तक सीमित होता है और लिम्फ नोड्स भी प्रभावित नहीं होते हैं।
एंडोस्कोप को मुंह के माध्यम से पेट में डाला जाता है। एन्डोस्कोप एक लम्बी ट्यूब होती है जिसके एक सिरे पर वीडियो कैमरा लगा होता है। ट्यूब मुंह से गले में चले जाती है, जिसके बाद वह पेट में उतर जाती है। एंडोस्कोप के माध्यम से कैंसरयुक्त ऊतकों को निकालने के लिए आवश्यक उपकरणों को डाला जाता है। सर्जन स्पष्ट रूप से वीडियो कैमरा की सहायता से सभी आंतरिक भागों को ठीक ढंग से देख सकता है।
इस प्रक्रिया के दौरान त्वचा पर कोई चीरा देने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि ओंकोसर्जन को आवश्यकता महसूस होती है तो निकाले गए पेट के ऊतक को परिक्षण के लिए भेजा जाता है।
फीडिंग ट्यूब प्लेसमेंट
इस सर्जरी को आमतौर पर गैस्ट्रोक्टोमी के समय किया जाता है अगर संपूर्ण पेट को या उसके काफी हिस्से को हटा दिया जाता है, तो पाचन सामान्य तरीके से नहीं हो सकता। रोगी की पोषण स्थिति में बाधा आ सकती है इस सर्जरी में जेजुनम में एक ट्यूब लगाई जाती है। ट्यूब का एक छोर मरीज के शरीर के बाहर रहता है इस सिरे से सेब और तरल पदार्थ सीधे आंत में डाले जाते है। यह सर्जरी के बाद होने वाले कुपोषण से रोगी को बचता है।
लिम्फडेनिकटमी
लिम्फडेनिकटमी शब्द का अर्थ है लिम्फ नोड्स को हटाना गैस्ट्रैक्टोमी में आमतौर पर लिम्फ नोड्स को हटाया जाता है। लिम्फ नोड्स कैंसर के प्रसार का एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इसलिए, उनको हटाने से यह सुनिश्चित होता है कि कैंसर आगे नहीं फैलेगा। पेट के आसपास के सभी लिम्फ नोड्स हटा दिए जाते हैं; चाहे वे कैंसर-ग्रस्त हों या न हों।
ट्यूमर एब्लेशन
कुछ मामलों में, कैंसर को केवल कुछ हद तक ही समाप्त किया जा सकता है ऐसे में, कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए सर्जरी की जाती है। ऐसी ही एक प्रक्रिया ट्यूमर एब्लेशन है।
एंडोस्कोप को पेट तक पहुंचाया जाता है और इस प्रक्रिया के दौरान ट्यूमर को ख़त्म करने के लिए लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। यह आगे होने वाली जटिलताओं जैसे ट्यूमर से रक्तस्राव, पाचन तंत्र को अवरुद्ध करना आदि को रोकता है। इस प्रक्रिया में किसी चीरे की आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह का उपचार उपशामक चिकित्सा का हिस्सा होता है यह करीब आधे घंटे तक रहता है।
गैस्ट्रिक बाईपास
जब ट्यूमर पेट के निचले हिस्से में मौजूद होता है तो यह सर्जरी एक विकल्प होती है। ट्यूमर बड़ा होकर पेट के आउटलेट को ब्लॉक कर सकता है। यदि मरीज सर्जरी कराने के लिए फिट है, तो गैस्ट्रिक बाईपास एक विकल्प है। इस प्रक्रिया में पेट के ऊपरी हिस्से को जेजुनम से जोड़ा जाता है। यह आंत तक आसानी से भोजन का पारित होना सुनिश्चित करता है।
गैस्ट्रिक बाइपास ओपन या लैप्रोस्कोपिक विधि द्वारा किया जा सकता है। प्रारंभिक प्रक्रिया दोनों सर्जरी के लिए भिन्न होती है ओपन सर्जरी में पेट पर एक बड़ा चीरा बनाया जाता है। लैप्रोस्कोपिक विधि में कई चीरे लगाने पड़ते हैं जो ओपन सर्जरी के अपेक्षाकृत छोटे होते हैं। एक चीरे के माध्यम से वीडियो कैमरा डाला जाता है जो आंतरिक संरचनाओं की तस्वीर लेने में मदद करता है। आगे की प्रक्रिया दोनों तरीकों के लिए एक ही है।
अंतर्निहित फैटी ऊतक और मांसपेशियों को आसन्न स्वस्थ संरचनाओं को नुकसान से बचाने के उद्देश्य से काट दिया जाता है। जेजुनम का एक हिस्सा सावधानी से छोड़ दिया जाता है और ऊपरी पेट से जोड़ दिया जाता है। प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ओवरलाइनिंग त्वचा को ठीक ढंग से सील दिया जाता है। गैस्ट्रिक बाईपास प्रक्रिया को पूरा होने के लिए करीब 2 घंटे की आवश्यकता होती है।
प्रोक्सिमल गैस्ट्रेक्टोमी
इस प्रक्रिया का प्रयोग पेट के ऊपरी भाग में मौजूद ट्यूमर को हटाने के लिए किया जाता है। यह वह भाग है जहां पेट भोजन नली से जुड़ता है। यहां पेट का ऊपरी भाग, भोजन नली का पूरा हिस्सा या निचला भाग और आसपास की लसिका ग्रंथियों को हटाया जाता है। इसके बाद जीआई पथ को दोबारा बनाया जाता है, इसमें पेट के बचे हुए हिस्से को खींच कर भोजन नली तक लाया जाता है।
सर्जरी के बाद
जब सर्जरी पूरी हो जाएगी तो आपको इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा जाएगा। अधिकतर समय आपको चक्कर और उनींदापन ही महसूस होगा। आपको जल्दी ही सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
जब आप उठेंगे तो आपके मुंह पर कुछ ट्यूब के साथ एक ऑक्सीजन मास्क लगा होगा। ये ट्यूब इस तरह से होती हैं -
- घाव से अतिरिक्त रक्त और पानी निकालने के लिए
- चेस्ट ड्रेन जिससे फेफड़ों को फूलने में मदद मिलती है यदि आपका पेट और भोजन नली निकाल ली गयी है तभी इस ट्यूब को लगाया जाता है
- पेशाब निकालने के लिए ब्लैडर में ट्यूब
- आपके रक्तचाप की जांच करने के लिए नस में एक छोटी ट्यूब
- नेजो गेसट्रिक ट्यूब जो नाक से पेट के बीच में होती है
- एक ट्यूब आपके गले में भी लगी होती है जिसमें आपको द्रव दिए जाते हैं और रक्ताधान किया जाता है
ये ट्यूब वे ड्रेन होती हैं जिनकी मदद से सर्जरी के स्थान से द्रव को इकट्ठा किया जाता है। ये नली एक से तीन हफ्ते में हटाई जा सकती हैं या जब द्रव 30 मिली से कम आये तब इसे हटाया जा सकता है या फिर दो दिनों तक लगातार द्रव को निकालकर इस ट्यूब को निकाला जा सकता है। एक बार ये नली निकल जाएं तो ड्रेन वाले स्थान को सूखा रखने को कहा जाएगा और वहां शुरुआती 48 घंटों के लिए पट्टी की जाएगी।
सर्जरी के तुरंत बाद आपको कुछ भी खाना या पीना नहीं होगा। एक से दो दिन बाद आपको पीने की अनुमति मिल सकती है, जिसमें आप पानी पी सकते हैं। अधिकतर लोग एक हफ्ते में खाना शुरू कर सकते हैं। कुछ लोगों को पोषण नियंत्रित रखने के लिए फीडिंग ट्यूब द्वारा पोषण दिया जाता है।
आपको एक ट्यूब के द्वारा आपके पेट या स्माल बोवेल में पोषण दिया जा सकता है या नस में ड्रिप लगाकर रक्त में पोषण दिया जा सकता है। फीडिंग ट्यूब निम्न स्थितियों में लगाई जा सकता है -
- यदि व्यक्ति किडनी से कुछ अवशोषित नहीं कर पा रहा है
- सर्जरी से पहले व्यक्ति कुपोषित था
- पेट में या भोजन नली में छेद होने के कारण
किसी भी व्यक्ति की रिकवरी इस बात पर निर्भर करती है कि उसके पेट का कितना हिस्सा निकाला गया है। आमतौर पर व्यक्ति को पांच से आठ दिनों तक अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है। आपके घाव को साफ करके उसके ऊपर पट्टी की जाएगी। टांकें दस दिनों तक लगे रहेंगे और आपको अस्पताल से डिस्चार्ज मिलने से पहले निकाल दिए जाएंगे। हालांकि, अगर घाव ठीक नहीं हुआ है तो आपको घर टांकों के साथ ही जाना होगा।