प्लीहा निकालने की सर्जरी को स्पलेनेक्टॉमी कहा जाता है। प्लीहा या स्प्लीन पेट में मौजूद एक ऐसा अंग है जो खून साफ करता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह सर्जरी स्प्लीन कैंसर, ट्यूमर और प्लीहा में फुंसी की स्थिति में की जाती है।
स्पलेनेक्टॉमी के लिए आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि आप पूरी प्रक्रिया के दौरान सोते रहें। सर्जन स्पलेनेक्टॉमी ओपन प्रक्रिया से भी कर सकते हैं, जिसके लिए पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है या फिर लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया की जाती है, जिसमें तीन से चार छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इस प्रक्रिया को करने में 45 से 60 मिनट का समय लगता है।
सर्जरी के बाद आपको दो से सात दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। साथ ही व्यक्ति को ठीक होने में छह हफ्ते तक का समय लग सकता है।
- स्पलेनेक्टॉमी क्या है - Splenectomy kya hai
- स्पलेनेक्टॉमी क्यों की जाती है - Splenectomy kyon ki jati hai
- स्पलेनेक्टॉमी की तैयारी कैसे करें - Splenectomy ki taiyari kaise karein
- स्पलेनेक्टॉमी कैसे की जाती है - Splenectomy kaise ki jati hai
- स्पलेनेक्टॉमी के बाद देखभाल - Splenectomy ke baad dekhbhaal
- स्पलेनेक्टॉमी के खतरे और जटिलताएं - Splenectomy ke khatre aur jatiltaein
स्पलेनेक्टॉमी क्या है - Splenectomy kya hai
उदर के अंग प्लीहा को निकालने वाली सर्जरी को स्पलेनेक्टॉमी कहा जाता है।
प्लीहा मुट्ठी के आकार का एक अंग है जो कि आपके पेट में मौजूद होता है। यह एक महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि यह रक्त को फ़िल्टर करता है और शरीर में संक्रमण से लड़ता है। इसके साथ ही इसमें लाल रक्त कोशिकाओं का संग्रहण होता है और यह लिवर तक रक्त प्रवाह का भी संचालन करता है।
हालांकि, कुछ स्थितियों में प्लीहा अत्यधिक कार्य करने लग जाता है, आकार में बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप स्प्लीन सेल डैमेज हो जाता है। ऐसी स्थितियों से अन्य परेशानियां जैसे पीलिया और एनीमिया हो सकते हैं। कुछ रोगों में प्लीहा पूरी तरह से कार्य करना बंद कर देता है तो ऐसे में शरीर को कम से कम नुकसान पहुंचाने के लिए प्लीहा को निकालना जरूरी हो जाता है।
जब प्लीहा का एक हिस्सा निकाला जाता है तो इसे पार्शियल स्पलेनेक्टॉमी कहा जाता है, वहीं अगर पूरे अंग को निकाला जाता है तो इसे टोटल स्पलेनेक्टॉमी कहा जाता है। बच्चों में स्प्लीन केवल पांच वर्ष का होने के बाद ही निकाला का सकता है।
स्पलेनेक्टॉमी क्यों की जाती है - Splenectomy kyon ki jati hai
सर्जन निम्न स्थितियों में इस सर्जरी को करवाने की सलाह दे सकते हैं -
- हेरेडिटरी सपेहेरोसाइटोसिस - इस स्थिति के निम्न लक्षण हो सकते हैं -
- पीली त्वचा
- हृदय की दर का तेज होना
- वृद्धि में समस्या
- थकान
- सांस फूलना
- आइडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक परपूरा - इस स्थिति के निम्न लक्षण हो सकते हैं -
- पेशाब, उल्टी या मल में खून आना
- नाक और मुंह से खून आना
- माहवारी में आधा रक्तस्त्राव
- त्वचा का रंग बैंगनी होना
- त्वचा के नीचे लाल रंग के बिंदु दिखना
- सिकल सेल रोग - इस स्थिति के निम्न लक्षण हो सकते हैं -
- अत्यधिक थकान
- सांस फूलना
- लगातार दर्द होना
- बार-बार संक्रमण होना
- थैलासीमिया - इस रोग के निम्न लक्षण होते हैं -
- स्प्लेनिक एब्सेस - इस रोग के निम्न लक्षण होते हैं -
- बुखार
- पेट में दर्द
- पेट के बाएं भाग में ऊपर की तरफ नरम मांस
अन्य स्थितियों में ट्रॉमा, कैंसर और प्लीहा की आर्टरी का फटना शामिल हैं।
स्पलेनेक्टॉमी की तैयारी कैसे करें - Splenectomy ki taiyari kaise karein
प्लीहा के विकारों की जांच करने के लिए सर्जन शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं और साथ ही निम्न टेस्ट भी किए जा सकते हैं -
- ब्लड टेस्ट
- बोन मेरो टिशू बायोप्सी
- लंग फंक्शन टेस्ट
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)
- इमेजिंग टेस्ट
- अल्ट्रासाउंड
- मेग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)
- कम्प्युटराइज़्ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन)
सर्जरी से पहले कुछ दिनों तक आपको निम्न तरह से खुद को तैयार करना होगा -
- स्वस्थ भोजन खाएं
- हल्का व्यायाम करें जैसे साइकल चलना या 20 मिनट तक टहलना
- धूम्रपान न करें क्योंकि इससे हीलिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है
- डॉक्टर द्वारा बताई गयी सभी वैक्सीन लें, क्योंकि प्लीहा निकल जाने के बाद आपको संक्रमण होने का अधिक खतरा है
सर्जन आपसे निम्न की जानकारी ले सकते हैं -
- यदि आप किसी भी तरह की दवा ले रहे हैं, जैसे विटामिन, सप्लीमेंट या ओटीसी तो इनके बारे में डॉक्टर को बता दें
- सर्जन आपसे रक्त को पतला करने वाली दवाएं न लेने को कह सकते हैं, जैसे वार्फरिन, एस्पिरिन, विटामिन इ और क्लोपिडोग्रेल
- डॉक्टर आपको सर्जरी के दिन ली जाने वाली दवाओं के बारे में बताएंगे
- यदि आप गर्भवती हैं या फिर गर्भवती हो सकती हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें
- डॉक्टर आपको आहार संबंधी निर्देश देंगे, जिनका आप बताए अनुसार पालन करें
सर्जरी के दिन के लिए निम्न तैयारी कर लें -
- नहाकर तैयार हो जाएं और सर्जरी के स्थान पर शेव कर लें
- किसी भी तरह का मेकअप या आभूषण पहनकर सर्जरी के लिए न जाएं
- आरामदायक वस्त्र पहनकर जाएं
- डॉक्टर द्वारा बताई गयी दवाओं को ठोस पानी से लें
स्पलेनेक्टॉमी कैसे की जाती है - Splenectomy kaise ki jati hai
स्पलेनेक्टॉमी के लिए आमतौर पर व्यक्ति को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, इससे आप प्रक्रिया के दौरान सो जाते हैं। यह सर्जरी या तो लेप्रोस्कोपिक हो सकती है या फिर ओपन सर्जरी हो सकती है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी उन लोगों के लिए की जाती है, जिनका प्लीहा बढ़ा हुआ हो। हालांकि, यदि आपके प्लीहा के आसपास पहले सर्जरी हो चुकी है तो डॉक्टर आपको ओपन सर्जरी करवाने के लिए कहेंगे।
स्पलेनेक्टॉमी निम्न तरह से की जाती है -
- सर्जन आपकी छाती के बीचों-बिच और पेट की बायीं तरफ एक बड़ा चीरा लगाएंगे
- इसके बाद वे प्लीहा के आसपास की त्वचा और ऊतकों को हटाएंगे और रक्त वाहिकाओं को साथ में बांध देंगे
- सर्जन आपके पेट में सोखने वाले स्पंज रख सकते हैं, जो कि अतिरिक्त रक्त और द्रव को सोख लें और इसके बाद वे प्लीहा को निकालते हैं
- इसके बाद सर्जन स्पंज को निकाल देंगे और त्वचा व मांसपेशियों को एक सार करके टांके लगा देंगे
- अंत में सर्जरी के घाव पर पट्टी कर दी जाएगी
लेप्रोस्कोपिक स्पलेनेक्टॉमी निम्न तरह से की जाती है -
- सर्जन आपके पेट पर तीन से चार चीरे लगाएंगे
- इसके बाद आपके पेट में एक लेप्रोस्कोप (एक उपकरण जिसमें कैमरा और लाइट होती है) डालेंगे। सर्जन इस उपकरण के जरिये आपके पेट में देख सकते हैं।
- इसके बाद सर्जन आपके पेट में कार्बन डाई ऑक्साइड डालकर उसे फुलाएंगे।इससे उन्हें ऑपरेशन के लिए और जगह मिल जाएगी।
- सर्जन इसके बाद विशेष उपकरणों को चीरे के जरिए पेट में डालेंगे और सर्जरी के स्थान वाली रक्त वाहिकाओं को काट कर बांध देंगे।
- इसके बाद स्प्लीन को निकाल देंगे।
- इस प्रक्रिया के बाद सर्जन चीरों को बंद करके घुलनशील टांकें लगा देंगे और घाव को सर्जिकल टेप से बंद कर दिया जाएगा।
सर्जरी को पूरा होने में 45 मिनट से एक घंटे तक का समय लग सकता है। आपको दो से सात दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। जब आप सर्जरी के बाद उठेंगे तो -
- आपके शरीर में एक ड्रेनेज ट्यूब लगी होगी, जिसमें सभी द्रव होंगे। घाव ठीक हो जाने के बाद ट्यूब को हटा दिया जाएगा।
- आपको दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द निवारक गोलियों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, जो कि आपको एक प्लास्टिक ट्यूब के द्वारा दी जाएंगी। ये प्लास्टिक ट्यूब आपकी कमर में एपीड्यूरल प्रक्रिया द्वारा लगाई गई होगी। जो लोग लेप्रोस्कोपिक स्पलेनेक्टॉमी करवाते हैं उन्हें ओपन सर्जरी करवाने वाले लोगों की तुलना में कम दर्द होता है
आप सर्जरी के अगले दिन से खाना शुरू कर सकते हैं। सर्जन आपके पेट की क्षमता के अनुसार आपको भोजन के बारे में बताएंगे।
स्पलेनेक्टॉमी के बाद देखभाल - Splenectomy ke baad dekhbhaal
आपको सर्जरी के बाद ठीक होने में छह हफ्तों तक का समय लग सकता है। आपको रिकवरी पीरियड के दौरान निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं -
- घाव के पास दर्द, जो समय के साथ कम हो जाता है
- त्वचा का लाल होना या नीला पड़ना
- सांस लेने में तकलीफ
- उल्टी या मतली
आपको घर पर निम्न बातों का ध्यान रखना होगा -
- जब तक सर्जन द्वारा न कहा जाए, किसी भी तरह का भारी सामान न उठाएं और व्यायाम न करें
- घर में थोड़ा बहुत चलें और थोड़ा बहुत घर का काम भी कर सकते हैं
- सर्जन आपको घर पर दर्द से निवारण के लिए दवाएं देंगे
- छींकते और खांसते समय घाव पर तकिये से हल्का सा दबाव डालें, ताकि दर्द न हो
- सर्जन के कहने पर नहाएं और पट्टी को रोजाना बदलें
निम्न तरह से कार्य करके आप संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं -
- इम्युनिटी की सभी दवाएं लें
- स्वस्थ आहार लें, ताकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ रहे
- हाथों को पानी और साबुन से धोते रहें
- डिस्चार्ज होने के दो हफ्तों बाद तक भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं
स्पलेनेक्टॉमी से बढ़े हुए स्प्लीन और एनीमिया के लक्षणों को ठीक करने में मदद मिलेगी।
स्पलेनेक्टॉमी के खतरे और जटिलताएं - Splenectomy ke khatre aur jatiltaein
इस सर्जरी से निम्न खतरे जुड़े हुए हैं -
- सांस की समस्या
- रक्त के थक्के बनना
- रक्तस्त्राव
- फेफड़ों का काम न करना
- सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ना
- ऑपरेशन की जगह पर हर्निया
- पेट, अग्नाशय और कोलन में चोट
अस्वीकरण : उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से शैक्षिक दृष्टिकोण से प्रदान की गयी है और किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक द्वारा चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
सर्जरी की लागत
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