मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति, महिलाओं में मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने की स्थिति को कहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों में भी मेनोपॉज होता है? जी हां, पुरुषों को भी एक अवस्था के बाद मेनोपॉज से गुजरना होता है। इस स्थिति को एंड्रोपॉज या मेल मेनोपॉज के नाम से जाना जाता है। यह पुरुषों में उम्र के आधार पर होने वाले हार्मोन के स्तर में परिवर्तन का सूचक होता है। महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान जिस तरह से एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी आ जाती है उसी प्रकार एक समय के बाद पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी देखने को मिलती है।
सामान्य तौर पर पुरुषों में यह फेज 50 से 60 की उम्र के बीच में आता है। इस दौरान टेस्टोस्टेरोन लेवल काफी कम हो जाता है। हालांकि, टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने के लक्षण जल्दी पहचान में नहीं आते हैं। कई शोध बताते हैं कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल 30 वर्ष की आयु के बाद कम होना शुरू होते हैं और उम्र के साथ यह प्रक्रिया चलती रहती है। अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर टेस्टोस्टेरोन है क्या? टेस्टोस्टेरोन वृषण में निर्मित होने वाला एक प्रकार का हार्मोन है। यह सेक्स ड्राइव को ईंधन देने का काम करता है। इस लेख में हम आपको मेल मेनोपॉज से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देंगे।
- पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर और कार्य - Testosterone ka normal level aur kaam kya hai
- पुरुष रजोनिवृत्ति के लक्षण क्या हैं? - male menopause ke symptoms kya hain?
- पुरुषों में रजोनिवृत्ति का निदान और उपचार - Male menopause ka diagnosis aur Ilaaz
- पुरुषों में रजोनिवृत्ति के प्रभाव - male menopause ke kya prbhav hote hain?
- पुरुषों और महिलाओं की रजोनिवृत्ति में समानताएं और भिन्नताएं - male menopause aur female menopause me smaanta aur difference
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर और कार्य - Testosterone ka normal level aur kaam kya hai
इस विषय को लेकर अब भी शोध जारी है। हालांकि, प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन की नियत मात्रा बता पाना बहुत मुश्किल है। क्योंकि हर दिन के साथ शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता-घटता रहता है। एक से दूसरे व्यक्ति में भी इसकी मात्रा भिन्न होती है। हालांकि, सामान्य रूप से टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को ऐसे परिभाषित किया जा सकता है।
- 19 से 49 वर्ष की आयु के दौरान प्रति 10 लीटर (डेसिलिटर) खून में 249-836 नैनोग्राम टेस्टोस्टेरोन
- 50 वर्ष या उससे अधिक के लोगों में 193-740 नैनोग्राम प्रति 10 डेसिलिटर
टेस्टोस्टेरोन का कार्य क्या है
टेस्टोस्टेरोन, मेल सेक्स स्टेरॉयड हार्मोन (एंड्रोजन) है। पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने के साथ यह निम्न कार्यों के लिए भी आवश्यक होता है।
- लिंग और वृषण का विकास
- मांसपेशियों में वृद्धि, दाढ़ी-मूंछ और उम्र के साथ आवाज में बदलाव।
- हड्डियों के विकास में।
- वीर्य के निर्माण में
- मस्तिष्क के कार्य में, मूड स्विंग में
- शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने में।
पुरुष रजोनिवृत्ति के लक्षण क्या हैं? - male menopause ke symptoms kya hain?
जैसा कि ऊपर ही बताया गया कि शरीर के कई कार्यों में टेस्टोस्टेरोन की भूमिका होती है। इस हार्मोन में कमी आ जाने के कारण शारीरिक स्वास्थ्य पर कई प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं।
- कामेच्छा में कमी
- ऊर्जा में कमी और कमजोरी
- शरीर में फैट बढ़ना
- पुरुषों में स्तनों का विकास
- लिंग में सख्ती बनाए रखने में असमर्थता या कई मामलों में स्तंभन दोष
इनके अलावा, पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन के कारण मूड स्विंग, उदासी, अवसाद और नींद न आने जैसे मनोवैज्ञानिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। कुछ पुरुषों में यौन असमर्थता के चलते आत्मविश्वास की कमी और तनाव जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि टेस्टोस्टेरोन में कमी के चलते सेक्स के प्रति अरुचि या कई प्रकार की दिक्कतें होना स्वाभाविक है फिर भी आपको तनाव और चिंता महसूस होती है तो इस बारे में अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।
पुरुष रजोनिवृत्ति के कारण और जोखिम क्या हैं?
कई शोध में स्पष्ट हुआ है कि पुरुषों में 30 साल की आयु के बाद टेस्टोस्टेरोन के स्तर में प्राकृतिक रूप से गिरावट आनी शुरू हो जाती है। 80 वर्ष की आयु तक अधिकांश पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। वैसे तो यह प्रक्रिया सामान्य है, लेकिन कई ऐसे कारण हैं जो स्थिति को और गंभीर बना देते हैं।
- मोटापा
- पुरानी बीमारियां : निश्चित रूप से उम्र बढ़ने के साथ उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
- कुछ दवाएं भी शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को प्रभावित करती हैं।
पुरुषों में रजोनिवृत्ति का निदान और उपचार - Male menopause ka diagnosis aur Ilaaz
अधिकांश पुरुषों में उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट की रफ्तार काफी धीमी होती है। इसके लक्षण को देखते हुए उपचार भी किया जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी का पता लगाने के लिए टेस्टोस्टेरोन परीक्षण किया जाता है। यदि आपकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है और खून की जांच के परिणाम में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में गिरावट देखने को मिलती है तो आमतौर पर डॉक्टर मेल मेनोपॉज की पुष्टि से पहले आपकी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी सहित कुछ अन्य परीक्षण करके संतुष्ट होना चाहते हैं।
आमतौर पर, इस स्थिति में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ मामलों में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से इसका उपचार किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस थेरपी से हृदय रोग सहित अन्य कई प्रकार के साइड इफेक्ट होने का डर रहता है।
पुरुषों में रजोनिवृत्ति के प्रभाव - male menopause ke kya prbhav hote hain?
मांसपेशियों के विकास को प्रभावित करने और सेक्स ड्राइव में कमी के साथ-साथ मेल मेनोपॉज के चलते हड्डियों का घनत्व और हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी भी देखने को मिलती है। कई शोध में पता चला है कि यह पुरुषों में एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस और मृत्यु से संबंधित कई अन्य कारकों से भी जुड़ा होता है।
अब सवाल उठता है कि मेल मेनोपॉज, टेस्टोस्टेरोन की कमी और मेल हाइपोगोनैडिज्म से कैसे अलग है? इसे ऐसे समझिए - टेस्टोस्टेरोन की कमी ऐसी अवस्था है, जिसमें शरीर पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन नहीं करता है। यह कई कारणों से हो सकता है। उनमें से मुख्य हैं :
- उम्र
- वृषण पर चोट
- किसी प्रकार का संक्रमण
- लिवर सिरोसिस, किडनी फेल होना, हेमोक्रोमैटोसिस (खून में बहुत अधिक आयरन), एचआईवी/ एड्स, मोटापा, टाइप2 डायबिटीज और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ऐसी स्थिति, जिसमें वायुमार्ग सोते समय बंद हो जाता है, जिससे शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है) जैसी बीमारियां।
- दिमागी चोट
- क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (जिसमें पुरुष एक अतिरिक्त एक्स क्रोमोसोम के साथ पैदा होते हैं)
- शराब की आदत
- कीमोथेरेपी
- स्टेरॉयड और ओपिओइड सहित कुछ दवाओं के सेवन से
शोध के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन का स्तर युवावस्था की शुरुआत से लगभग 30 वर्ष की आयु तक बढ़ता है, फिर इसके बाद इसमें गिरावट आने लगती है। उम्र के आधार पर टेस्टोस्टेरोन निम्न कारकों पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।
- स्वास्थ्य : कोमोरबिडिटी (एक समय में एक से अधिक बीमारी होना) वाले लोगों में टेस्टोस्टेरोन की गिरावट अधिक होती है।
- वजन : अधिक वजन वाले लोगों में भी टेस्टोस्टेरोन की कमी जल्दी हो सकती है।
वहीं दूसरी ओर मेल हाइपोगोनैडिज्म ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर कम टेस्टोस्टेरोन निर्मित करता है। यदि हाइपोगोनैडिज्म भ्रूण के विकास के दौरान ही प्रभावी हो जाता है तो इससे किन्नर अथवा अविकसित जननांगों वाले बच्चों का जन्म होता है। उपरोक्त तीनों स्थितियों में शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है, लेकिन कारण और इसके प्रभाव भिन्न हो सकते हैं।
पुरुषों और महिलाओं की रजोनिवृत्ति में समानताएं और भिन्नताएं - male menopause aur female menopause me smaanta aur difference
समानता
- महिलाओं में रजोनिवृत्ति की तरह पुरुषों की रजोनिवृत्ति भी उम्र बढ़ाने पर होती है और इससे सेक्स हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है।
- महिलाओं में रजोनिवृत्ति की तरह मेल मेनोपॉज के चलते भी मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, कामेच्छा में कमी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- महिलाओं की तरह पुरुषों की रजोनिवृत्ति के उपचार के तौर पर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरपी को प्रयोग में लाया जाता है।
भिन्नता
अब पुरुषों और महिलाओं की रजोनिवृत्ति के बीच अंतर के बारे में जान लेते हैं। महिलाओं में रजोनिवृत्ति इस बात का सूचक है कि वह महिला अब प्रजनन नहीं कर सकती है, जबकि पुरुषों के साथ ऐसा नहीं है। मेल मेनोपॉज बेशक कामेच्छा को प्रभावित करता है, बावजूद इसके पुरुष रजोनिवृत्ति के बाद भी पिता बन सकते हैं।
पुरुषों में रजोनिवृत्ति यानी मेल मेनोपॉज के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra
एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव
