गोनोरिया एक यौन संक्रामक रोग है जो नेइसेरिया गोनोरिया से होती है। यह संक्रमण असुरक्षित वजाइनल, एनल सेक्स या ओरल सेक्स से फैलता है। यदि कोई शख्स इससे ग्रसित है और वह दूसरों से अपना सेक्स टॉय शेयर करता तो यह दूसरे शख्स में भी फैल सकता है। नेइसेरिया बैक्टीरिया शरीर के बाहर ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकता है। तो गले लगने से, चुम्बन से यह बैक्टीरिया नहीं फैलता है और ना ही साथ नहाने या तौलिया प्रयोग करने से।

गोनोरिया टेस्ट किसी व्यक्ति में इसके संक्रमण की जांच करने के लिए किया जाता है। यह शरीर में नेइसेरिया गोनोरिया की उपस्थिति का पता लगाता है।

पहले गोनोरिया टेस्ट की सलाह यौन रूप से सक्रिय 25 वर्षीय महिलाओं को दी जाती है जो कि यौन संक्रामक रोगों के खतरे में होती हैं। पुरुषों में यह टेस्ट साल में एक बार करने के लिए कहा जाता है। इस टेस्ट की सलाह उन पुरुषों को दी जाती है जो अन्य पुरुषों के साथ यौन रूप से सक्रिय होते हैं।

व्यक्ति को अन्य जोखिमों से बचाने के लिए और रोग को फैलने से रोकने के लिए यह टेस्ट करना जरूरी है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह रक्त या जोड़ों में फैलकर गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, जिसे डिस्सेमिनेटिड गोनोकोकल संक्रमण कहा जाता है।

  1. गोनोरिया टेस्ट क्यों किया जाता है - Gonorrhoea Test kisliye kiya jata hai
  2. गोनोरिया टेस्ट से पहले - Gonorrhoea test ki taiyari kaise karein?
  3. गोनोरिया टेस्ट के दौरान - Gonorrhoea test kaise kiya jata hai?
  4. गोनोरिया टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Gonorrhoea test ke result ka kya matlab hai

यदि आपके शरीर में गोनोरिया के लक्षण दिखाई देते हैं या फिर आपको किसी संक्रमण के होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि संक्रमित महिला में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखाई दें या फिर अन्य किसी वजाइनल संक्रमण और पेट के रोग से जुड़े लक्षण दिखाई दें। हालांकि, कुछ महिलाओं को दस दिनों में ही संक्रमण के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। पुरुषों में, संक्रमण होने के दो से पांच दिनों में लक्षण दिखाई दे सकते हैं या इन्हें दिखाई देने में तीस दिन का समय भी लग सकता है।

महिलाओं में आमतौर पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं -

यदि महिला में संक्रमण का इलाज न किया जाए तो पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो सकती है, जिससे निम्न जटिलताएं पैदा हो सकती हैं -

पुरुषों में गोनोरिया के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं -

  • वृषणों में दर्द, सूजन या कोमलता
  • लिंग से सफ़ेद, पीला या हरे रंग का द्रव निकलना
  • पेशाब करते समय दर्द

यदि पुरुषों में संक्रमण का इलाज ना किया जाए तो निम्न जटिलताएं हो सकती हैं -

पुरुषों और महिलाओं में रेक्टल संक्रमण से मलाशय में दर्द, स्त्राव और रक्तस्त्राव भी हो सकता है।

गर्भवती महिला से गर्भावस्था की शुरुआत में यह टेस्ट करवाने के लिए कहा जाता है ताकि, डिलीवरी के दौरान शिशु के शरीर में कोई संक्रमण न जाए। गोनोरियल संक्रमण से नवजात शिशुओं में अंधापन हो सकता है।

ट्रीटमेंट के बाद यह टेस्ट एक या दो हफ्ते में किया जा सकता है ताकि, यह पता लगाया जा सके कि संक्रमण पूरी तरह ठीक हो चुका है।

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इस टेस्ट के लिए आपको किसी भी तैयारी की जरूरत नहीं है। यदि आप किसी भी तरह की दवाएं, विटामिन या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। टेस्ट के 24 घंटे के दौरान महिलाओं को योनि पर क्रीम नहीं लगानी चाहिए।

डॉक्टर महिलाओं में वजाइनल और पुरुषों में यूरेथ्रल स्वैब से निम्न प्रक्रिया को पूरा करते हैं -

पुरुषों के लिए -

  • डॉक्टर मूत्राशय के ऊपरी हिस्से को कॉटन की मदद से साफ करेंगे।
  • इसके बाद कॉटन स्वैब को आराम से दो सेमी तक यूरेथ्रा में डालकर डिस्चार्ज का सैंपल लिया जाएगा।
  • इसके बाद सैंपल पर लेबल लगाकर इसे टेस्टिंग के लिए लैब में भेज दिया जाएगा।

महिलाओं के लिए -

  • महिला को घुटने मोड़कर एग्जामिनेशन टेबल पर लेटने को कहा जाएगा।
  • योनि को स्पेकुलम से खोलने के बाद डॉक्टर स्वैब की मदद से वजाइना या गर्भाशय ग्रीवा से सैंपल ले लेंगे।
  • इसके बाद सैंपल पर लेबल लगाकर इसे टेस्ट के लिए लैब में भेज दिया जाता है

टेस्ट के दौरान आपको थोड़ी सी बेचैनी हो सकती है। टेस्ट के दौरान थोड़ा सा रक्तस्त्राव या योनि से स्त्राव भी निकल सकता है।

यदि मलाशय या गले में कोई संक्रमण होता दिखाई देता है तो रेक्टल और थ्रोट सैंपल भी लिया जा सकता है। टेस्ट के लिए यूरिन भी लिया जा सकता है।

यदि यूरिन टेस्ट करने के लिए कहा जाता है तो डॉक्टर आपको सैंपल लेने के लिए निम्न निर्देश देंगे -

  • अपने हाथों को अच्छे से धोएं और जननांगों को क्लीनिंग वाइप्स से साफ करें।
  • यूरिन को शुरुआत में टॉयलेट बाउल में करना शुरू करें। इसके बाद बीच में ही कंटेनर लगा दें और मार्क तक यूरिन का सैंपल ले लें।
  • कंटेनर को हटा लें और पेशाब टॉयलेट में ही खत्म करें।
  • सैंपल के कंटेनर पर लेबल लगाकर उसे लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दें।
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सामान्य परिणाम -

सामान्य परिणाम को नेगेटिव लिखा जाता है, जिसका मतलब है कि आपको गोनोरियल संक्रमण नहीं है।

असामान्य परिणाम -

असामान्य परिणाम को पॉजिटिव लिखा जाता है और इसका मतलब है कि आपको गोनोरियल संक्रमण है। 

आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसके यौन साथी की भी जांच करवाई जानी चाहिए।

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