गरम मसाला न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पानी से उत्पन्न रोगों और पेट संबंधी विकारों को रोकने में भी मदद करता है। यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे भूख में कमी, खट्टी डकार, सफेद जीभ, पेट का भारीपन, पेट फूलना या पेट की सूजन, गैस की समस्या, पेट का गुरगुर करना, पेट में दर्द, आंत में कीड़े आदि को रोकने में मदद करता है।
गरम मसाला भारत में उत्पन्न होता है। अक्सर 10 से अधिक प्रकार के मसालों को मिलाकर गरम मसाला तैयार किया जाता है जो हमें स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप गरम मसाले के नुस्खे में किन-किन मसालों को मिलाते हैं जो आपको स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेंगे।
वास्तव में गरम मसाले का निर्माण पानी से होने वाले रोगों को रोकने के लिए किया गया था जो प्राचीन भारत में बरसात के मौसम में बहुत आम थे। लेकिन अब यह सभी मौसमों में उपयोग किया जाता है। यहां तक कि अब भारत में गरम मसाले के बिना कुछ खा भी नहीं सकते हैं। इसलिए गरम मसलों के दो अलग-अलग फार्मूलें हैं जो गर्मी और ठंड के मौसम में उपयोग किए जाने चाहिए। तो चलिए जानते हैं गरम मसाला रेसिपी के बारे में -
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- गरम मसाला बनाने का तरीका - How to make garam masala in hindi
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गरम मसाले के फायदे - Garam masala ke fayde in hindi
- गरम मसाले के फायदे बढ़ाए पाचन अग्नि - Garam masala ke fayde for digestive fire in hindi
- गरम मसाला के लाभ कब्ज के लिए - Garam masala health benefits for constipation in hindi
- गरम मसाला का उपयोग कैंसर रखे दूर - Garam masala good for cancer in hindi
- गरम मसाला खाने के लाभ रक्त शर्करा के लिए - Garam masala for diabetes in hindi
- गरम मसाला बेनिफिट्स फॉर ओवरऑल - Benefits of eating garam masala for overall health in hindi
- गरम मसाला के नुकसान - Garam masala side effects in hindi
गरम मसाला बनाने का तरीका - How to make garam masala in hindi
गरम मसाला बनाने का तरीका ठंड के मौसम के लिए - Garam masala banane ki vidhi for cold weather in hindi
ठंड के मौसम के लिए गरम मसाला सामग्री
- कलौंजी 50 ग्राम
- धनिया 50 ग्राम
- भुना हुआ जीरा 50 ग्राम
- काली मिर्च 50 ग्राम
- सेंधा नमक 50 ग्राम
- दालचीनी 20 ग्राम
- तेजपत्ता 20 ग्राम
- सोंठ या सूखा अदरक पाउडर 20 ग्राम
- आमचूर 20 ग्राम
- बड़ी इलायची 20 ग्राम
- हल्दी 10 ग्राम
- भुना हुआ हींग 10 ग्राम
इन मसालों का सर्दियों में उपयोग करना चाहिए। यह शरीर में अधिक गर्मी पैदा करते हैं।
घर में गरम मसाला बनाने की विधि गर्मी के मौसम के लिए - Garam masala recipe for hot weather in hindi
गर्मी के मौसम के लिए गरम मसाला सामग्री -
- धनिया के बीज 100 ग्राम
- धनिया के पत्ते 100 ग्राम
- जीरा (सफेद) 100 ग्राम
- सेंधा नमक 50 ग्राम
- सफेद मिर्च 50 ग्राम
- कलौंजी 20 ग्राम
- दालचीनी 20 ग्राम
- छोटी इलायची 20 ग्राम
- तेजपत्ता 10 ग्राम
- सोंठ या सूखे अदरक का पाउडर 10 ग्राम
- हल्दी 10 ग्राम
इसे गर्मी के मौसम में उपयोग करने की सलाह दी गई है। इसके उपयोग से सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या नहीं होती है। यह जठरांत्र और अम्लता के लिए भी फायदेमंद है। जिन लोगों को अम्लता, सीने में जलन, जीईआरडी (GERD) और पेट के अल्सर की समस्या है, वे इसका उपयोग किसी भी मौसम में कर सकते हैं। क्योंकि यह ज्यादा गर्मी पैदा नहीं करते हैं, ये मसाले पेट सम्बंधित रोगों में समान रूप से प्रभावी होते हैं।
गरम मसाले के फायदे - Garam masala ke fayde in hindi
गरम मसाले के फायदे बढ़ाए पाचन अग्नि - Garam masala ke fayde for digestive fire in hindi
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गरम मसाले का नाम शरीर को गर्मी प्रदान करने और पाचन आग को सुधारने की क्षमता के लिए पड़ा है। इस 5,000 वर्षीय पुरानी चिकित्सा के प्राकृतिक उपचार की नींव पाचन अग्नि है। आयुर्वेद के अनुसार आपको अपने शरीर को सही प्रकार से और सही मात्रा के गर्म खाद्य पदार्थों को देने की आवश्यकती है।
गर्मा मसाले का उपयोग शरीर के तापमान को बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप चयापचय में वृद्धि होती है। यह कम पाचन और शरीर में विषाक्त पदार्थों के निर्माण को भी रोकता है। गरम मसाला भोजन में छह प्रकार के स्वाद लाता है ताकि उपभोक्ता पर इसका संतुलित प्रभाव पड़े।
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गरम मसाला के लाभ कब्ज के लिए - Garam masala health benefits for constipation in hindi
चूंकि गरम मसाला पाचन में सुधार करता है, इसके परिणामस्वरूप पाचन में कम समय लगता है जिससे कब्ज की संभावना को कम करने में मदद मिलती है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि कब्ज की समस्या के कारण हमारे शरीर से नियमित आधार पर विषाक्त पदार्थ नहीं निकल पाते हैं।
ट्रॉपिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक छोटे से अध्ययन के अनुसार गरम मसाले का सेवन अच्छी तरह पोषण देने के साथ पाचन प्रक्रिया को तेज करता है। साथ ही इस अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने बिना मसाला युक्त भोजन का सेवन करने वाले लोगों की पाचन परिक्रिया धीमी पाई गई।
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गरम मसाला का उपयोग कैंसर रखे दूर - Garam masala good for cancer in hindi
सामान्य तौर पर मसाले कैंसर की रोकथाम में भी मदद करते हैं। गर्म मसाले पर एक अध्ययन में पाया गया है कि इसमें प्राकृतिक एंटीकैंसर पदार्थ होते हैं। न्यूट्रीशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में जानवरों पर 10 दिनों के लिए गर्म मसाला के सेवन का मूल्यांकन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इसकी खपत से उनके विषाक्तता प्रणाली एंजाइम के स्तर में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया। इससे यह निष्कर्ष निकला कि गरम मसाला शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने के द्वारा कैंसर के निवारक के रूप में कार्य करता है।
शोध में गर्म मसाला के सेवन के परिणामस्वरूप ट्यूमर में भी कमी देखी गई है। यह आश्चर्य वाली बात नहीं है क्योंकि इस मसाले में से कई मसाले कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थ हैं।
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गरम मसाला खाने के लाभ रक्त शर्करा के लिए - Garam masala for diabetes in hindi
गरम मसाले में दालचीनी होती है। वैज्ञानिक रूप से दालचीनी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह मधुमेह को रोकने में मदद करती है और उसे नियंत्रित रखती है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने दालचीनी को रक्त शर्करा के स्तर को निम्न करने के लिए प्रभावी पाया है। इसके अलावा यह इंसुलिन हार्मोन की संवेदनशीलता में भी सुधार कर सकती है जो रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन्स है।
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गरम मसाला बेनिफिट्स फॉर ओवरऑल - Benefits of eating garam masala for overall health in hindi
दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, मधुमेह विरोधी, रोगाणुरोधी, कैंसर विरोधी, लिपिड और हृदय रोग कम करने वाले यौगिक होते हैं। इसके साथ-साथ यह पार्किंसंस रोग और अल्जाइमर रोग जैसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकारों में भी मदद करती है। लेकिन दालचीनी एकमात्र तत्व नहीं है जो फायदेमंद है। गरम मसाले में मौजूद जीरा, लौंग, इलायची आदि तत्व भी हमें कई प्रकार की बीमारियों से बचाने हैं।
इसलिए इन छोटे-छोटे मसालों का सेवन करें। अच्छी बात यह है कि गरम मसाले में इतने मसलों का मिश्रण होने से आपको एक ही बार के भोजन में कई सारे पोषक तत्व मिल जायेंगे।
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गरम मसाला के नुकसान - Garam masala side effects in hindi
गरम मसाला उन लोगों के लिए संभवतः सुरक्षित है जो इसका लगातार उपयोग करते आए हैं। यदि आप इसका पहली बार सेवन कर रहे हैं तो कुछ मामलों के निम्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे - एसिडिटी, गले या जीभ में फोड़ा, सीने में जलन, पेशाब में जलन, आंत्र मूवमेंट के बाद जलन, नाक से खून आना प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए आप गर्मी के मौसम में उपयोग करने वाले गरम मसाले के नुसखे को अपना सकते हैं।