घर और बाहर के कार्यों के बीच संतुलन बनाना आसान बात नहीं है लेकिन महिलाएं इसे बहुत अच्छे से करती आ रही हैं। लेकिन क्या इस संतुलन के चक्कर में वे अपने स्वास्थ्य को भूल गई हैं? क्या आप भी उन महिलाओं में से एक हैं जो महत्वपूर्ण मीटिंग के लिए नाश्ते को छोड़ देती हैं? क्या आप दोपहर के भोजन के दौरान अपने कार्ब, प्रोटीन और वसा का सेवन अच्छे से कर रही है? ये छोटी चिंताएं हैं जिनका आप पर 20 की उम्र में कोई खास अंतर नहीं पड़ता है लेकिन ये आपको 30 के बाद परेशान कर सकती हैं। तो आइये जानते हैं 30 की उम्र के बाद महिलाओं को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए -

  1. महिलाएं मेटाबोलिज्म बढाने के लिए खाएँ अच्छे पोषक तत्व - Women should Take Best Nutrient for Metabolism in Hindi
  2. महिलाओं को वजन घटाने के लिए करना चाहिए फाइबर का सेवन - Women Should Take Fiber for Weight Loss in Hindi
  3. महिलाओं के लिए हार्मोन संतुलन डाइट प्लान हैं जरूरी - Hormone Balancing Diet Plan for Women in Hindi
  4. एनर्जी के लिए महिलाओं को खाना चाहिए आयरन रिच फूड - Women should Eat Iron Rich Foods for Energy in Hindi
  5. गर्भावस्था के लिए महिलाएं खाएँ फॉलेट से भरपूर खाना - Women should Take Folate Foods for Pregnancy in Hindi
  6. महिलाओं को हड्डियों के लिए ज़रूरी हैं कैल्शियम का सेवन - Women should Eat Calcium Rich Foods for Bones in Hindi

30 के पार होते ही महिलाओं की शीर्ष चिंताओं में से एक होती है उनकी चयापचय की दर में कमी होना। महिलाओं को अपने चयापचय को उच्च रखने के लिए अपने आहार को लेकर अच्छी प्लानिंग करनी होगी ताकि यह आहार योजना इस समस्या का सामना करने में मदद करे जो ऐज में शुरू हो जाती है।

बेंगलुरु स्थित नूट्रिशनिस्ट अंजू सूद कहती हैं, "इस समय के दौरान चयापचय में कमी आ जाती है, और महिलाओं का वजन बढ़ना भी इसका एक कारण है। नूट्रिशनिस्ट के अनुसार हम अभी पहले की तरह ही भोजन कर रहे होते हैं और अपने डाइट को चेक कर रहे होते हैं लेकिन फिर भी अतिरिक्त वजन को कम करना मुश्किल हो रहा होता है। लेकिन उनके अनुसार महिलाओं को अपने तीन प्रमुख पोषक तत्वों के सेवन में सुधार करना चाहिए जब वे 30 की उम्र में प्रवेश कर चुकी हो। "

"तीन प्रमुख पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा शामिल हैं। आपको चयापचय दर को बढ़ाने और कैलोरी बर्न करने की क्षमता में सुधार के लिए प्रोटीन के सेवन में वृद्धि की आवश्यकता है। इसके अलावा, कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का सेवन बढ़ाएं। सामान्य तौर पर कार्बोहाइड्रेट का सेवन आपके कुल भोजन का 60 से 70 प्रतिशत होता है (अन्य 15-20 प्रतिशत में प्रोटीन और वसा शामिल हैं)। आपका नाश्ता दिन का सबसे बड़ा भोजन होना चाहिए जिसमें समान रूप से कार्ब, प्रोटीन और वसा का सेवन हो सकें, जबकि आपका रात्रिभोज हल्का होना चाहिए। " 

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नूट्रिशनिस्ट शिल्पा अरोड़ा कहती हैं, "जब आप 30 की उम्र में प्रवेश करते हैं तो उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर और चयापचय को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक हो जाते हैं। लगातार वजन बढ़ने के विषय में वह सुझाव देती है कि फलों और सब्जियों के साथ समृद्ध आहार और संसाधित भोजन और संतृप्त वसा का कम सेवन वजन को काम करने के लिए 30 में महिला के लिए जरूरी है।" (और पढ़ें - मशहूर नूट्रिशनिस्ट राधिका कार्ले के अनुसान वजन घटाने के लिए अपनाएं ये भारतीय आहार)

यह एक तथ्य है कि जब आप अपने 30 के दशक में पहुँचती हैं तो आपके हार्मोन के कार्यों में भारी बदलाव आता है। डॉ अरोड़ा कहती हैं, "महिलाओं को अश्वगंधातुलसी और माका पाउडर आदि का सेवन करना चाहिए। ये हार्मोन का स्तर बनाए रखने में सहायता करते हैं। चेस्टबेरी एक और फल है जो हार्मोन को संतुलित करता है। "वह यह भी कहती हैं कि थाइरोइड डिसफंक्शन के जोखिम की जांच के लिए, आयोडीन स्तर पर नजर रखना आवश्यक है।"

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नूट्रिशनिस्ट शिल्पा का कहना है कि लोहे के समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन ऊर्जा के लिए भी जरूरी है, जो एक अन्य चिंता का विषय है जो आमतौर पर एक महिला को प्रभावित करता है। क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को प्रत्येक माहवारी के साथ आयरन खोना पड़ता है? इसलिए बच्चे के जन्म के दौरान, उन्हें अपने आहार में इसे वापस लाना होगा। एनीमिया का सबसे आम प्रकार शरीर में लोहे की कमी से पैदा होता है। इस प्रकार की एनीमिया केवल लोहे के समृद्ध पदार्थ जैसे सेम, मटरकद्दू के बीज, हरी सब्जियां, लाल मांस, मुर्गी और किशमिश के सेवन के साथ पूरी की जा सकती है।

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अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में आयोजित एक अध्ययन ने बताया कि लोहे की कमी ने महिलाओं में संज्ञानात्मक और मानसिक कार्य को प्रभावित किया। मार्च 2007 में प्रकाशित अध्ययन में महिलाओं के बीच 18 से 35 वर्षों के बीच लोहा और संज्ञानात्मक कार्य के बीच में संबंध पाया गया। अधिक से अधिक लोहे का सेवन करने वाली महिलाएं संज्ञानात्मक कार्य परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन करती हैं। 

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जैसे की कई महिलाएं 30 के बाद गर्भ धारण करने की योजना करती है तो उनके लिए आयरन और फोलेट सामग्री और अधिक जरूरी हो जाती है। फॉलेट एक विटामिन महिला है जिसे किसी भी जन्म के दोषों को रोकने के लिए बहुत अधिक आवश्यकता होती है।

डॉ रूपाली दत्ता एक सलाहकार नूट्रिशनिस्ट कहती हैं, 'जो महिलाएं गर्भावस्था की तैयारी कर रही है उनको अपने आयोडीन, लोहा और फोलेट स्थिति से जुड़ी जटिलताओं से बचने और गर्भावस्था के दौरान अपने बच्चे की रक्षा के बारे में पता होना चाहिए। स्तनपान कराने वाली माताओं को शारीरिक दृष्टि से इन मांगों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है।

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आप अपने फोलेट के स्तर को बढ़ा सकते हैं। बीन्स के एक कप में 200 से 300 माइक्रोग्राम फोलेट होते हैं। फोलेट डीएनए का उत्पादन करने और नए स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। अपने फोलेट सेवन को बढ़ाने के अन्य तरीके हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और खट्टे फल हैं।

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इसके अलावा प्रमुख स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है हड्डियों का कमजोर होना है। हां, यह एक बड़ी समस्या है जो आमतौर पर वृद्ध महिलाओं से जुड़ी होती है लेकिन अब यह समस्या 30 के बाद वाली महिलाओं को भी प्रभावित करती है। जैसा कि आप बूढ़े होते हैं, आपके एस्ट्रोजन का स्तर घटता है, जो बदले में आपकी हड्डी-घनत्व को प्रभावित करता है। इसलिए इस समय में विटामिन डी के साथ कैल्शियम सेवन आवश्यक हो जाता है। महिलाओं को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम के अच्छे स्रोतों में दूधदही, चिया बीज, पनीर, ब्रोकोलीबादाम इत्यादि शामिल हैं। 

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