घर के छोटे-छोटे काम करने में सबको बहुत आलस आता है। जब घर की छोटी-छोटी चीज़ों पर जमा मैल आपका ध्यान खींचने लगती है, तभी आपको उनकी सफाई करने की याद आती है। ऐसा ही एक काम है चादर बदलना जो हम अक्सर भूल जाते हैं। हालांकि, इस काम में बमुश्किल दो से तीन मिनट लगते हैं, लेकिन फिर भी हमें चादर बदलना याद नहीं रहता है। 

अगर आप हफ्तों तक बेडशीट नहीं बदलते हैं तो इससे एक्जिमा, डर्माटाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं आपका बिस्तर कई और बीमारियों का घर भी बन सकता है।

आइए जानते हैं कि नियमित रूप से बेडशीट बदलने की जरूरत क्यों होती है।

क्यों बदलें नियमित बेडशीट

अगर आपको चादर पर कोई दाग या मैल नज़र आता है तो इसका मतलब है कि आपकी बेडशीट गंदी हो चुकी है और अब इसे बदलने की जरूरत है। त्वचा की मृत कोशिकाएं, बॉडी ऑयल, कीटाणु वगैरह तकिये के कवर और बेडशीट पर जमने लगते हैं और इस वजह से बेडशीट पर बैक्टीरिया दोगुनी तेजी से बढ़ने लगता है। आपको बता दें कि गंदी बेडशीट का आपकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।

एलर्जी और अस्थमा की समस्या

बेडशीट पर चिपके धूल के कण अस्थमा और एलर्जी की स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। गंदी बेडशीट पर सोने की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, जिससे गहरी नींद नहीं आ पाती है। कई बार सांस लेने में दिक्कत और खांसी की वजह से भी नींद खराब होती है।

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इसलिए अस्थमा के मरीज़ों को अपना बिस्तर नियमित साफ करना चाहिए। इसी तरह जिन लोगों को धूल से एलर्जी है, उन्हें भी अपने बिस्तर को साफ रखना चाहिए। असल में गंदी बेडशीट में कई ऐसे कीटाणु होते हैं जो एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। सामान्यतः एक व्यक्ति से औसतन 1.5 ग्राम मृत कोशिकाएं झड़ती हैं। हज़ारों कीटाणुओं के पनपने के लिए ये पर्याप्त होते हैं।

बेडशीट में कैसे पनपते हैं बैक्टीरिया

बैक्टीरिया को पनपने के लिए सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है। इसलिए जिन लोगों को बहुत ज्यादा पसीना आता है, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके शरीर से निकल रहा पसीना भी बैक्टीरिया को जन्म दे सकता है। जिन लोगों को बहुत ज्यादा पसीना आता है, उन्हें बिस्तर पर बेडशीट बिछाने से पहले उसे धूप में अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए। इससे बैक्टीरिया के पनपने का खतरा कम होता है।

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हालांकि, अपने ही शरीर से निकलने वाला बैक्टीरिया, बाहरी बैक्टीरिया की तरह हानिकारक नहीं होता है। ऑफिस से घर लौटते वक्त, बस या ट्रेन से सफर करते समय आपके शरीर पर कई बैक्टीरिया चिपक जाते हैं और बाहर से आते ही बिस्तर पर लेटने से आपको त्वचा संक्रमण भी हो सकता है। इसलिए बाहर से घर लौटने के बाद नहाए बिना अपने बिस्तर पर न लेटें। इससे स्किन संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है। ध्यान रखें कि नहाए बिना बिस्तर पर लेटने से आपके शरीर के कीटाणु आपके साथ सो रहे व्यक्ति तक भी पहुंच सकते हैं।

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कितनी बार बदलें बेडशीट

विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप रोजाना सुबह अपनी बेडशीट को धूप में अच्छी तरह से सुखाते हैं तो आपको 2 हफ्ते में एक बार अपनी बेडशीट बदलनी चाहिए। 14वे दिन बेडशीट पर बैक्टीरिया सबसे ज्यादा हो सकते हैं। अगर आप रोजाना बिस्तर पर जाने से पहले नहाते नहीं हैं या बिछाने से पहले बेडशीट को धूप में नहीं सुखाते हैं तो आपको 7 से 10 दिन के अंदर ही बेडशीट बदलनी चाहिए।

कैसे करें बेडशीट साफ

सादे पानी से बेडशीट धोने से उस पर मौजूद बैक्टीरिया नहीं मरते हैं। इसलिए बेडशीट साफ करने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें। सूती चादर को 60 डिग्री सेल्सियस पर धोएं। इससे चादर पर मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाएंगें।

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 बेडशीट को धोने के बाद उसे धूप में सुखाना जरूरी है। अगर आप ठंडे पानी से बेडशीट धो रहे हैं तो ड्रायर का इस्तेमाल जरूर करें।

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