तेज गर्मी के बाद मानसून का महीना ठंडक लेकर आता है। मानसून की ठंडी हवाएं गर्मी से राहत दिलाती हैं। कई लोगों के लिए तो ये मौसम साल का सबसे खूबसूरत समय होता है। खाने के शौकीन भी बड़ी बेसब्री से इस वक्त का इंतजार करते हैं लेकिन आपको बता दें कि यही वो समय होता है जब बैक्टीरिया सबसे ज्यादा पनपता है और इस वजह से बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए आयुर्वेद में मानसून के दौरान खानपान में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

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ठंडे तापमान और गीले पर्यावरण में छोटी सी असावधानी भी आपकी सेहत को प्रभावित कर सकती है। चूंकि इस मौसम में बैक्टीरिया और फफूंदी का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए इस दौरान कई तरह के संक्रमण और बीमारियां फैल सकती हैं। इसके अलावा मानसून में फ्लू से लेकर डेंगू जैसी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा भी बना रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु (मध्य जुलाई से मध्य सितंबर) के दौरान हमारे शरीर की पाचन शक्ति धीमी हो जाती है जिस कारण पाचन तंत्र कमजोर पड़ जाता है। इस दौरान खानपान का ध्यान रखकर भी स्वस्थ रहा जा सकता है। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आयुर्वेद के अनुसार आपको बारिश के मौसम में अपने आहार में किन चीजों को शामिल करना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार क्या खाएं 

  • सिर्फ ताजा खाना ही खाएं
  • हल्का भोजन करें। भोजन की मात्रा का भी ध्यान रखें और तला हुआ एवं मसालेदार खाना न खाएं
  • अपने आहार में शुद्ध घी, दाल, हरे चने, चावल और गेहूं जैसी स्वास्थ्यवर्धक चीजों को शामिल करें 
  • रोज एक चम्मच घिसी हुई अदरक पर थोड़ा नमक छिड़कर खाएं। अदरक में मौजूद औषधीय गुण इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और कई बीमारियों से बचाने में सहायक हैं
  • खूब पानी पिएं क्योंकि यह पाचन में सुधार करता है। आप चाहें तो पानी को गर्म करके भी पी सकते हैं, इससे पानी में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं

इन चीजों से करें परहेज 

  • सड़क के किनारे ठेले या रेहड़ी पर मिलने वाली चीजें न खाएं। इस मौसम में स्ट्रीट फूड खाने से इंफेक्शन और पेट खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है
  • बासी भोजन न करें और स्वस्थ रहने के लिए ताजा खाना खाने की कोशिश करें 
  • ऐसे भोजन का सेवन न करें जो पचने में अधिक समय लेते हैं जैसे कि मीट
  • सब्जी खरीदते समय सावधानी बरतें क्योंकि इस समय सड़ी-गली सब्जियां खूब बिकती हैं, खराब सब्जी खाने से आपकी सेहत भी बिगड़ जाएगी

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इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार मानसून के मौसम में दिन में सोना नहीं चाहिए। अपने आसपास सफाई रखें और पैरों को भी सुखाकर रखें। बारिश में भीगने से बचें और यदि ऐसा होता है तो जल्द से जल्द कपड़े बदल लें। आयुर्वेद में बारिश के मौसम में डिओड्रेंट लगाने की सलाह दी जाती है।

इन बातों का ध्यान रखकर आप मानसून के मौसम में भी स्वस्थ रह सकते हैं। अगर आपका पाचन कमजोर है या आपको कब्ज रहती है तो आपको इस मौसम में और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

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