डायबिटिक केटोएसिडोसिस क्या है?
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस, मधुमेह रोगियों को होने वाली एक गंभीर समस्या है। शरीर में केटोन्स नामक ब्लड एसिड की उच्च मात्रा के उत्पादन की स्थिति में यह समस्या होती है। यह स्थिति तब विकसित होती है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इंसुलिन, शुगर (ग्लूकोज) को कोशिकाओं में प्रवेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्लूकोज, मांसपेशियों और अन्य ऊतकों के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है। पर्याप्त इंसुलिन के अभाव में हमारा शरीर ईंधन के रूप में वसा का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है। इस प्रक्रिया के कारण रक्त में कीटोन्स नामक ब्लड एसिड बढ़ने लगते हैं। समय पर इसकी पहचान और इलाज न हो पाने के कारण डायबिटिक कीटोएसिडोसिस की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
यदि आपको मधुमेह है या मधुमेह का खतरा है, तो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के संकेतों के बारे में पता करके पूर्ण सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का इलाज न हो पाए तो यह कोमा या मृत्यु का कारण बन सकता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में यह समस्या बहुत आम है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं। आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस लेख में हम डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।