महिला हो या पुरुष पैरों में दर्द किसी को भी हो सकता है. इसके कारण और लक्षण महिला व पुरुष दोनों के लिए लगभग एक जैसे ही होते हैं. आमतौर पर पैरों में दर्द का मुख्य कारण गलत खानपान या लाइफस्टाइल को माना गया है. इसके अलावा, विटामिन-डी की कमी व एडिमा रोग के चलते भी पैरों में दर्द हो सकता है. इस अवस्था में कुछ दवाइयों, आइस पैक व हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल करने से कुछ आराम मिल सकता है.

आज लेख में आप महिलाओं के पैरों में दर्द के कारण, इलाज व दवा के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. महिलाओं के पैरों में दर्द का कारण
  2. सारांश
  3. महिलाओं के पैरों में दर्द का इलाज
महिलाओं के पैरों में दर्द के कारण व इलाज के डॉक्टर

महिलाओं के पैरों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गठिया व मोटापा आदि. आइए, महिलाओं के पैरों में दर्द होने के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मैग्नीशियम की कमी

मेनोपॉज के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन लेवल के कम होने पर मैग्नीशियम की कमी भी होने लगती है. इसकी वजह से मसल रिलेटेड प्रॉब्लम जैसे कि क्रैम्प्स व थकान हो सकती है.

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रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम

कुछ महिलाओं में प्री-मेनोपॉज के समय रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या होने लगती है. इसकी वजह से खासकर रात के समय पैरों में दर्द या खिंचाव हो सकता है.

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डिहाइड्रेशन

पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन न करने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या होती है. ऐसे में मसल्स में तरल पदार्थ की कमी से मसल स्ट्रैचिंग और पैरों में दर्द की समस्या होने लगती है.

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एस्ट्रोजन की कमी

एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं के शरीर में सर्कुलेटरी सिस्टम डिसऑर्डर से बचाता है. एस्ट्रोजन लेवल में कमी प्री-मेनोपॉज के दौरान सर्कुलेटरी समस्याओं का कारण बन सकता है. इसकी वजह से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम होने के कारण पैरों में दर्द हो सकता है.

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मोटापा

कई बीमारियों की जड़ मोटापा है. इसके चलते पैरों पर पूरे शरीर का अधिक वजन पड़ता है, जिस कारण महिलाओं के पैरों और घुटनों में दर्द हो सकता है.

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मांसपेशी में खिंचाव

उठने-बैठने के गलत पोश्चर या चलते समय मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है. इसके कारण पैरों में दर्द व ऐंठन महसूस हो सकती है.

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एडिमा

एडिमा रोग ऐसी स्थिति है, जिसमें पैरों में सूजन, भारीपन व दर्द हो सकता है. जो आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है.

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गठिया

पैरों के दर्द की एक मुख्य वजह गठिया भी है. इसकी वजह से पैरों में दर्द और अकड़न की समस्या हो सकती है.

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विटामिन-डी की कमी

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर में विटामिन-डी की कमी अधिक पाई जाती है. इसकी वजह से महिलाओं के पैरों में अक्सर दर्द रहता है. विटामिन-डी की कमी से मसल पेन, साथ ही मानसिक व शारीरिक हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है.

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महिलाओं में पैरों के दर्द का मुख्य कारण, एडिमा गठिया या विटामिन-डी की कमी हो सकती है. इसे हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, मैग्नीशियम और विटामिन-डी से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ठीक किया जा सकता है. एसिटामिनोफेन जैसी दवा भी पैर के दर्द में आराम दे सकती है. यहां हम स्पष्ट कर दें कि लाइफस्टाइल या डाइट में किसी भी तरह के बदलाव से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.

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इस अवस्था में महिला दवा के अलावा डॉक्टर की सलाह पर कुछ व्यायाम भी कर सकती है. इससे उनकी स्थिति में कुछ सुधार जरूर होता है. इन इलाज के बारे में नीचे बताया गया है -

एक्सरसाइज

नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है. इससे पैरों की तरह दर्द में आराम मिल सकता है. अगर पैरों में दर्द ज्यादा है, तो डॉक्टर ये पूछकर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए.

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कम कैफीन का सेवन

कैफीन के सेवन से बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस होता है. इसकी वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ती है. डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ने से मांसपेशियों में तनाव और क्रैम्प जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अधिक से अधिक पानी का सेवन मसल्स को रिलैक्स रखता है और पैरों के दर्द में आराम मिलता है.

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मैग्नीशियम व विटामिन-डी

मैग्नीशियम और विटामिन-डी से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मांसपेशियों व हड्डियां मजबूत बनती हैं. इसकी वजह से पैरों में दर्द, थकान या पैरों में ऐंठन जैसी समस्याएं कम हो सकती है.

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हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से महिलाओं में एस्ट्रोजन लेवल ठीक होता है और हार्मोंस बैलेंस होते हैं. इससे पैरों में दर्द, जोड़ों में दर्द या सूजन की समस्या कम हो सकती है.

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दवा

पैरों में दर्द के लिए ओवर द काउंटर दवाइयां व नॉनस्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे - इबुप्रोफेन, नेपरोक्सन या एसिटामिनोफेन दवा का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है. इससे पैरों में होने वाले दर्द या सूजन से आराम मिल सकता है. ध्यान रहे कि किसी भी दवा के प्रयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

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