वैरीकोसेल - Varicocele in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

March 21, 2018

September 22, 2021

वैरीकोसेल
वैरीकोसेल

वैरीकोसेल क्या है?

अंडकोषिका त्वचा से बनी थैली है जो आपके अंडकोषों को अपने अंदर रखती है। इससे कई नसें जुड़ी होती है, जो हमारी प्रजनन ग्रंथियों को रक्त प्रदान करती हैं। अंडकोष की नसों में आने वाली सूजन के कारण ही वैरीकोसेल (varicocele) होता है। इसमें वृषण (अंडकोष) की भीतरी नसों में बढ़ोतरी हो जाती है।

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आमतौर पर यह किसी गंभीर समस्या का कारण नहीं होता हैं, लेकिन इनसे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता हैं। ऐसा तब होता है जब रक्त में पम्पिंग करने वाले वाल्व (valves) में खराबी आ जाती है और इस खराबी के कारण अंडकोष की कुछ नसों का आकार बढ़ जाता है या उनमें सूजन आ जाती है। ये समस्या 15 से 25 वर्ष की उम्र के बीच के पुरुषों को प्रभावित करती हैं। आपको बता दें कि वैरीकोसेल के सभी मामले शुक्राणुओं के उत्पादन को प्रभावित नहीं करते हैं।

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सामान्य रूप से वैरीकोसेल केवल एक तरफ के अंडकोष को प्रभावित करता हैं, इसे हम आमतौर पर बाई तरफ के हिस्से में ही देखते हैं, क्योंकि पुरूषों की शरीर की रचना दोनों पक्षों में एक समान नहीं होती है।

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वैरीकोसेल के प्रकार - Types of Varicocele in Hindi

वैरीकोसेल कितने प्रकार का होता है?

वैरीकोसेल को दो प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है -

1. शंट टाइप (shunt type):

जब किसी गंभीर कारण के चलते शुक्राणुओं से संबंधित नसों के साथ अंडकोष की अन्य नसों को नुकसान पहुंचाता है, इससे भी वैरीकोसेल हो सकता है।

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2. प्रेशर टाइप (pressure type):

इसमें शुक्राणु से संबंधित नसें खून से भर जाती है, जिसमें वैरीकोसेल (अंडकोष की सूजन) होने लगती है।

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वैरीकोसेल के लक्षण - Varicocele Symptoms in Hindi

वैरीकोसेल के लक्षण क्या हैं?

वैरीकोसेल से संबंधित कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि आपको बस इस समस्या का अनुभव ही हो सकता है:-

  • आपके एक अंडकोष पर गांठ बन जाना।
  • आपके अंडकोष में सूजन। (और पढ़ें - सूजन के घरेलू उपाय)
  • आपके अंडकोष का बढ़ा हुआ दिखना या इनकी नसों में दर्द होना। इसमें अंडकोष किसी भरे हुए थैले की तरह दिखता है। (और पढ़ें - नसों में दर्द का इलाज)
  • आपके अंडकोष में हल्का-हल्का लगातार दर्द होना।
  • ज्यादातर पुरुष वैरीकोसेल के लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं। हालांकि, कुछ पुरुष विशेष रूप से कसरत करने के बाद या लंबे समय तक खड़े होने पर प्रभावित अंडकोषों में दर्द या असुविधा महसूस कर सकते हैं। यह असुविधाजनक स्थिति लेट जाने पर महसूस नहीं होती। आम तौर पर रोगी को वैरीकोसेल के बारे में पता ही नहीं चल पाता और जब डॉक्टर निसंतानता (वन्ध्यत्व) के लिए पुरुष की जांच करते हैं तो उन्हें वैरीकोसेल के बारें में अंदेशा होता है और तब वे इसका इलाज करते हैं। (और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय)
  • ज्यादातर मामलों में, अंडकोषिका की त्वचा बहुत ही मोटी होती है, इसलिए उसको मात्र देख लेने से वैरीकोसेल का पता लगाना मुश्किल  होता है। हालांकि, यदि वैरीकोसेल काफी बड़ा है, तो यह किसी द्रव्य से भरी थैली के रूप में महसूस होता है और दिखाई देता है। (और पढ़ें - वैरिकोज वेन्स क्या है)
  • वैरीकोसेल में दोनों अंडकोष बराबर नहीं होते हैं, इसमें प्रभावित अंडकोष की गांठ का हिस्सा बड़ा तो दूसरा उससे छोटा होता है। अगर वैरीकोसेल का इलाज बचपन या किशोरावस्था में किया जाए, तो अंडकोष का आकार बढ़ सकता है, जबकि वयस्कों में वैरीकोसेल का इलाज होने पर अंडकोष के आकार में वृद्धि नहीं होती है।

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वैरीकोसेल के कारण और जोखिम कारक - Varicocele Causes and risk factors in Hindi

वैरीकोसेल के कारण क्या हैं?

स्पर्मेटिक कोर्ड (spermatic cord) अंडकोष को उनकी जगह पर बनाये रखने में मदद करती है। इस कोर्ड में नसें, धमनियां, और तंत्रिकाएं मौजूद होती हैं, जो अंडकोषीय ग्रंथियों के संचालन में काम आती है। अंडकोष की थैली के अंदर स्वस्थ नसों में एक तरफ से वाल्व अंडकोष तक खून ले जाते हैं, और फिर उसी रक्त को दिल के पास वापस भेज दिया जाता हैं। कभी-कभी इन रक्त की नसों से खून आगे नहीं जा पाता है। इस परेशानी में रक्त आगे की ओर नहीं बढ़ पाता है और लोगों को इस वजह से वैरीकोसेल हो जाता है। 

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वैरीकोसेल के लिए कोई निर्धारित जोखिम कारक नहीं हैं और न ही इसके होने का कारण तय है। हालांकि वैरीकोसेल होने के कुछ संभावित कारण हो सकते है:-

  • नसों के वाल्व (valves) ठीक ढंग से काम नहीं कर पाते हैं।
  • यदि रक्त प्रवाह कम हो, तो रक्त आपकी शिराओं (नसों) में जमा हो सकता है।
  • यदि रक्त शिराओं से पीछे की ओर बहने लगे, तो यह सूजन का कारण बनता है। (और पढ़ें - अंडकोष में दर्द का इलाज)
  • इसके अलावा, अंडकोष से दिल की ओर जाने वाली बड़ी नस का बाएं और दाएं अलग-अलग जुड़ा होना। दिल की ओर शिराओं (नसों) में बहने वाले रक्त के प्रवाह को बाईं तरफ अधिक दबाव की आवश्यकता होती है।
  • बाएं अंडकोष के प्रभावित होने की सबसे अधिक संभावनाएं होती हैं। भले ही यह एक तरफ के अंडकोष को प्रभावित करें लेकिन इससे दोनों ही पक्षों के शुक्राणुओं के बनने पर प्रभाव पड़ता है।
  • दुलर्भ मामलों में लसिका ग्रंथि (lymph nodes) में सूजन व पेट के पिछले हिस्से में असामान्य परिवर्तनों के कारण रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। इसके चलते अंडकोष की नसों में तेजी से सूजन आ जाती है। इसमें व्यक्ति को दर्द होता है। 

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वैरीकोसेल का निदान - Diagnosis of Varicocele in Hindi

वैरीकोसेल का निदान कैसे होता है?

अंडकोष की थैली जब एक तरफ से नीचे की ओर लटकी हुई हो और यह ऐसी लगे जैसे इसमें कुछ भरा हो तो यह समस्या होती है। इसमें अंडकोषों का अंदरूनी अंग छोटा भी हो सकता है। इसके निदान के लिए:

  • वैरीकोसेल का निदान शारीरिक परीक्षण के दौरान किया जाता है, इसमें रोगी को खड़ा रखकर उसके अंडकोष व स्पर्मेटिक कॉर्ड को दबाकर या महसूस किया जाता है। (और पढ़ें - इनगुइनल हर्निया सर्जरी)
  • आमतौर पर चिकित्सक इसके परीक्षण के दौरान रोगी को खड़े होने के लिए कहते हैं, क्योंकि लेटे होने पर नसों की सूजन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। (और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)
  • कुछ मामलों में, वैरीकोसेल के निदान की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड का भी सहारा लेते हैं। यह परीक्षण वैरीकोसेल की गंभीरता को समझने में डॉक्टरों की सहायता करता है। (और पढ़ें - शीघ्र पतन रोकने के घरेलू उपाय)
  • वैरीकोसेल से पीड़ित जो पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता को लेकर चिंतित होते हैं, उनके वीर्य और रक्त का भी परीक्षण किया जाता है। वैरीकोसेल के आकार और गंभीरता के आधार पर डॉक्टर उपचार के लिए सही दिशा निर्धारित करते हैं। (और पढ़ें - रक्त की जांच)

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वैरीकोसेल का उपचार - Varicocele Treatment in Hindi

वैरीकोसेल का इलाज कैसे करें?

हर परिस्थिति में वैरीकोसेल को ठीक करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसी स्थितियां होती है जहां वैरीकोसेल का उपचार करने से पुरूषों की प्रजनन क्षमता में काफी सुधार हो सकता है। इसके अलावा कुछ तरीकों को अपनाकर पुरूष इस तरह की समस्या से होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं-

  • अधिक शारीरिक गतिविधियों या लंबे समय तक खड़े होने के दौरान, सहायक परिधान (jockstrap) को पहनना ताकि दबाव न पड़े।
  • ऐसी गतिविधियों से दूर रहना, जिनसे असुविधा हो।
  • अपने डॉक्टर द्वारा सलाह के मुताबिक आप कभी-कभी दर्द को दूर करने वाली दवाओं जैसे कि इबुप्रोफेन (ibuprofen) या एसिटामिनोफेन (acetaminophen) ले सकते हैं।

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यदि ये उपचार पर्याप्त रूप से प्रभावी नहीं हों और आप अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में चिंतित हो, तो आपको वैरीकोसेल के इलाज के लिए सर्जरी का विकल्प चुनना होगा।

वैरीकोसेल व व्यक्ति की प्रजनन क्षमता में होने वाली कमी का सीधा संबंध है। किसी भी व्यक्ति को वैरीकोसेल होने का मतलब यह नहीं है कि उसको किसी बच्चे को जन्म देने में परेशानी होगी। गौरतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को वैरीकोसेल है लेकिन साथ में उसके सीमैन का स्तर भी अच्छा नहीं है तो जरूरी नहीं कि पुरुष की खराब प्रजनन क्षमता की वजह मात्र वैरीकोसेल है।

वैरीकोसेल का सर्जिकल उपचार

वैरीकोसेल को सही करने का सबसे आम तरीका सर्जरी का उपयोग कर नसों में सूजन से हुई सिकुड़न को दोबारा ठीक किया जाता है। अंडकोष में इन नसों को आसानी से पहचाना जा सकता है, लेकिन इस सर्जरी को रान के पास या अंडकोष के ऊपरी हिस्से में किया जा सकता है, क्योंकि इस हिस्से की कई नसों में बेहद कम जुड़ाव होता है। हाल ही में कुछ समय पहले मूत्र रोग विशेषज्ञों ने माइक्रोस्कोप की मदद से छोटी नसों के ऑपरेशन करना भी शुरू कर दिया है।

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लैप्रोस्कॉपी (छोटी सर्जरी) में रोगी को एन्सथीसिया देने के बाद जब वो बेहोश हो जाए तो उसकी नाभि के नीचे एक छोटे से हिस्से से बेहद पतली दूरबीन को शरीर के अंदर भेजा जाता है। इस तरह की प्रक्रिया में वैरीकोसेल को उन जगहों से दूर किया जाता है जहां पर यह प्रभावित नसें पेट के निचले हिस्स से नीचे अंडकोष की तरफ आती हैं।  

किसी बड़ी नस के द्वारा वैरीकोसेल का इलाज

वैरीकोसेल को ठीक करने के लिए इस प्रक्रिया में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इस विधि को ट्रांसवेनस (शिरा के माध्यम से) किया गया इलाज कहते हैं। इसमें इलाज से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्र में रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए एक विशेष प्रकार की डाई को नसों में इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। इसमें रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में बेहद ही पतली ट्यूब (कैथेटर) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कैथेटर को गले की नस (jugular vein) या जांघ की नस (femoral vein) से प्रभावित अंडकोष की नसों तक ले जाकर सुकड़ी हुई नसों को ठीक कर दिया जाता है।

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इस प्रक्रिया में  रोगी को सही होने में बेहद कम समय लगता है। लेप्रोस्कोपिक व माईक्रोस्कोपी सर्जरी होने के बाद पुरूष सिर्फ दो दिनों में ही अपने सभी काम कर सकते हैं।

अगर किसी व्यक्ति को वैरीकोसेल होने पर भी कोई परेशानी ना हो और उसको प्रजनन क्षमता से भी जुड़ी कोई परेशानी न दिखाई दे तो उसको इलाज की आवश्यक नहीं होती है। लेकिन यदि इस समस्या में रोगी को असुविधा हो रही हो या प्रजनन क्षमता की समस्याएं चल रही हों, तो वैरीकोसेल को ठीक करना बेहद जरूरी हो जाता है। लोगों में प्रजनन क्षमता से जुड़ी परेशानी को दूर करने के लिए कई बार वैरीकोसेल का इलाज करना कामगार सिद्ध होता है।

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किशोर में वैरीकोसेल का होने पर इसके इलाज की सलाह तब दी जाती है, जब उसके अंडकोष की एक गांठ दूसरे से काफी छोटी हो या फिर उसको इसमें तेज दर्द हो रहा हो। इस स्थिति में किशोर सर्जरी का भी सहारा ले सकते हैं।

वैरीकोसेल को तेजी से दोबारा ठीक करने की प्रक्रिया में शामिल हैं:

  • सूजनग्रस्त नसों को ठीक करने के लिए रान के पास से की जाने वाली छोटी सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल करना। 
  • इंबोलाईजेशन (embolisation) प्रक्रिया, जिसमें एक ट्यूब को रान व गले के माध्यम से प्रभावित नसों तक ले जाकर समस्यां को दूर किया जाता है।

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स्व-देखभाल के उपाय

अगर इस बिमारी की वजह से आपके अंडकोष में दर्द हो, तो इससे राहत पाने के लिए आप एथलेटिक सपोर्ट (जिसे आम भाषा में "सपोर्टर" कहा जाता है, और इसे आम तौर पर खिलाड़ी जरूर पहनते हैं) पहन सकते हैं, या दर्द निवारक दवा ले सकते हैं।

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संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Varicocele
  2. Urology Care Foundation [Internet]. American Urological Association; What are Varicoceles?
  3. Peter Chan et al. Management options of varicoceles . Indian J Urol. 2011 Jan-Mar; 27(1): 65–73. PMID: 21716892
  4. Leslie SW, Siref LE. Varicocele. [Updated 2019 May 2]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-.
  5. Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Testicle injuries and conditions

वैरीकोसेल की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Varicocele in Hindi

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कीमत

₹5400.0

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