इरिडेक्टमी में आइरिस के छोटे से भाग को सर्जरी या लेज़र द्वारा निकाला जाता है। इस सर्जरी से आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद मिलती है जो कि मिलेनोमा या एंगल क्लोजर ग्लूकोमा की स्थितियों में आ जाता है। यदि किसी व्यक्ति ने पहले कई सारी इरिडेक्टमी सर्जरी करवाई है तो उसे यह सर्जरी करवाने के लिए मना किया जाता है।
सर्जरी से पहले डॉक्टर कुछ टेस्ट करेंगे जैसे टोनोमेट्री और गोनियोस्कोपी जिससे आपकी आंख के स्वास्थ्य का पता लगाया जाएगा। लेज़र इरिडेक्टमी के लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं होती है हालांकि, यदि आप सर्जिकल इरिडेक्टमी करवा रहे हैं तो आपको प्रक्रिया से पहले आठ घंटे तक भूखे रहने को कहा जाएगा। किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर आपको कुछ ऑय ड्राप देंगे और आपको एक ऑय पैच पहनने को कहेंगे। फॉलो अप आमतौर पर दो हफ्तों के बाद रखा जाता है लेकिन अगर आपको दिखाई देने में समस्या हो या फिर दर्द बढ़ता ही जाए तो इसके बारे में तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।
- इरिडेक्टमी सर्जरी क्या है - Iridectomy kya hai
- इरिडेक्टमी सर्जरी क्यों की जाती है - Iridectomy kyon ki jati hai
- इरिडेक्टमी सर्जरी की तैयारी - Iridectomy ki taiiyari
- इरिडेक्टमी सर्जरी कैसे की जाती है - Iridectomy kaise ki jati hai
- इरिडेक्टमी सर्जरी के बाद देखभाल - Iridectomy ke baad dekhbhaal
- इरिडेक्टमी सर्जरी के खतरे और जटिलताएं - Iridectomy ke khatre aur jatiltayen
इरिडेक्टमी सर्जरी क्या है - Iridectomy kya hai
इरिडेक्टमी सर्जरी के अंतर्गत आइरिस (आंख का रंगीन हिस्सा) को या तो सर्जरी के द्वारा या फिर लेजर के द्वारा हटाया जाता है। आजकल लोग अधिकतर लेजर सर्जरी से करवाना पसंद करते हैं।
मनुष्य की आंख द्रव से भरे दो भागों में विभाजित है। एक जैली जैसा कांच के समान पदार्थ जो कि बाहरी हिस्से में होता है और एक आंख में अंदर की तरफ पानी जैसा पदार्थ। एंटीरियर सेगमेंट भी दो भागों में बंटा हुआ होता है एंटीरियर और प्रोस्टेरियर जो कि आइरिस द्वारा विभाजित होते हैं। आंख में मौजूद रंगीन हिस्सा आइरिस कहलाता है जो कि एक पारदर्शी डोम जैसे पदार्थ कॉर्निया से ढका होता है। एंटीरियर सेगमेंट का जलीय भाग एक स्थान द्वारा आंख से निकाल दिया जाता है (जहां कॉर्निया और आइरिस मिलते हैं) यदि एंगल संकरा हो जाता है तो आंख पर दबाव पड़ जाता है जो कि अपर्याप्त ड्रेनेज के कारण होता है। जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है इसे नैरो एंगल ग्लूकोमा या एंगल क्लोजर ग्लूकोमा कहा जाता है।
इरिडेक्टमी में, आइरिस में एक छेद या एक चीरा लगाया जाता है, जिससे जलीय भाग को पूरी तरह निकाला जा सके और आंख के दबाव को कम किया जाएगा।
इरिडेक्टमी सर्जरी क्यों की जाती है - Iridectomy kyon ki jati hai
इरिडेक्टमी सर्जरी में निम्न स्थितियों में दी जाती है -
- एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा
- मिलेनोमा ऑफ़ आइरिस या सिलियरी बॉडी
जिन लोगों ने निम्न सर्जरी करवाई है उन्हें सर्जिकल इरिडेक्टमी करवाने की सलाह दी जाएगी -
- सर्जरी ऑफ़ ग्लूकोमा
- एंटीरियर चैम्बर में इंट्राओक्युलर लेंस लगाया गया है
लेज़र इरिडेक्टमी की सलाह निम्न स्थितियों में दी जाती है -
- एक्यूट एंगल ग्लूकोमा, जिसमें कम दिखाई देना, आंख में तेज दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
- सस्पेक्टेड एंगल क्लोजर
शुरुआती चरणों में मिलेनोमा के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन अगर लक्षण दिखाई देते हैं तो वे इस तरह से हो सकते हैं -
- आइरिस पर एक धब्बा
- फ़्लैश लाइट से संवेदनशीलता
- प्यूपिल के आकार में बदलाव
- ठीक तरह से दिखाई न देना या पेरीफेरल या साइड विज़न में कुछ न दिखना
इरिडेक्टमी सर्जरी की तैयारी - Iridectomy ki taiiyari
सर्जरी से पहले आपको निम्न तरह से तैयारी करनी होगी -
- डॉक्टर आपसे निम्न टेस्ट करवाने को कह सकते हैं -
- शुगर और हीमोग्लोबिन के लिए ब्लड टेस्ट
- हृदय की गतिविधि की जांच करने के
- लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और एक यूरिन टेस्ट
- टोनोमेट्री - इसमें आंख पर पड़ने वाले दबाव की जांच की जाती है
- गोनियोस्कोपी - इस टेस्ट में आइरिस और कॉर्निया में बने एंगल को मापा जाता है
- आपको लेजर इरिडेक्टमी के लिए किसी भी तैयारी की जरूरत नहीं है।सर्जिकल इरिडेक्टमी के लिए आपको सर्जरी से पहले आठ घंटे तक भूखे रहने को कहा जाता है
- सर्जरी से कुछ दिन पहले आपको रक्त को पतला करने वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन, वार्फरिन लेने से मना किया जाएगा
- डॉक्टर आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले कुछ आई ड्राप लगाने को कह सकते हैं
इरिडेक्टमी सर्जरी कैसे की जाती है - Iridectomy kaise ki jati hai
सर्जिकल इरिडेक्टमी निम्न तरह से की जाती है -
- आपको ऑपरेशन रूम में ले जाया जाएगा और मेडिकल टेबल पर लेटने को कहा जाएगा
- सर्जरी के लिए आपको लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा ताकि सर्जरी के स्थान को सुन्न कर दिया जाए। हालांकि, इस दौरान आप जगे हुए होंगे
- सर्जन एक साफ़ कपड़े को आपके मुंह पर रखेंगे, जिसमें आंखों के लिए छेद होंगे
- छोटे सर्जिकल उपकरणों और एक छोटे माइक्रोस्कोप की मदद से सर्जन कॉर्निया में एक चीरा लगाएंगे और आइरिस के एक छोटे भाग को काट देंगे, आमतौर पर ऊपर का हिस्सा काटा जाता है जिससे ड्रेनेज होती है
- कॉर्निया में लगा चीरा खुद ठीक हो जाता है, लेकिन फिर भी टांके लगाए जाते हैं
लेजर इरिडेक्टमी निम्न प्रक्रिया से की जाती है -
- डॉक्टर आपकी आंख में पिलोकार्पिन युक्त आई ड्राप डालेंगे ताकि पुतली जकड़ जाए
- आंखों को सुन्न करने के लिए आपको लोकल एनेस्थीसिया भी दिया जाएगा
- आपको एक विशेष तरह की कुर्सी पर बिठाया जाएगा और सर पर एक सहारा लगाया जाएगा, ताकि आप सर्जरी के दौरान हिलें नहीं
- आंखों के विशेषज्ञ स्पेशल लेसर (Nd:YAG laser) का प्रयोग करके आइरिस को खोलेंगे, जिससे जलीय भाग से पानी निकल जाएगा। यह ओपनिंग आइरिस के बिल्कुल निचले हिस्से में होती है और इससे आपको देखने में कोई समस्या नहीं होगी
- लेज़र इरिडेक्टमी में केवल पांच मिनट तक का समय लगता है
आप सर्जरी के दिन ही घर जा सकते हैं।
इरिडेक्टमी सर्जरी के बाद देखभाल - Iridectomy ke baad dekhbhaal
सर्जरी के बाद ठीक होने में आपको छह हफ़्तों तक का समय लग सकता है और आपको घर पर निम्न बातों का ध्यान रखना होगा -
- सर्जरी के बाद प्रभावित आंख पर कुछ दिनों तक आई पैच पहने रहें
- संक्रमण से बचने के लिए आपको आई ड्राप डालने को कहा जा सकता है
- दर्द को ठीक रखने के लिए एस्पिरिन लेते रहें
- सर्जरी के बाद आप अपनी रोजाना की गतिविधियों पर लौट सकते हैं
- तीन हफ्तों तक गंभीर व्यायाम न करें
- यदि इरिडेक्टमी इंट्राओक्युलर दबाव को कम करने के लिए की गयी है तो आपको दबाव को नियंत्रित रखने के लिए दवाएं लेने को कहा जाएगा
- यदि इरिडेक्टमी मिलेनोमा के लिए की गयी है तो पराबैंगनी किरणों के संपर्क में न आएं
सर्जिकल इरिडेक्टमी या लेजर इरिडेक्टमी से आंख में दबाव कम करने में मदद मिलेगी और आइरिस से ट्यूमर को हटाया जा सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
यदि आपको निम्न में से कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को तुरंत बता दें -
- दर्द या बेचैनी
- ठीक तरह से दिखाई न देना
- अधिक दर्द होना और विज़न का अब भी ठीक न होना
इरिडेक्टमी सर्जरी के खतरे और जटिलताएं - Iridectomy ke khatre aur jatiltayen
दोनों तरह की इरिडेक्टमी में निम्न तरह के सामान्य खतरे हैं -
- रक्तस्त्राव
- इरिडेक्टमी के क्लोजर के कारण आंख से दबाव कम कर पाने में विफलता
लेज़र इरिडेक्टमी से जुड़ी विशेष जटिलताएं इस तरह से हैं -
- आंख में अस्थायी रूप से दबाव बढ़ना
- आंख में सूजन
- जिस स्थान पर लेजर बीम लगी उस जगह पर निशान पड़ जाना या ऊतकों की क्षति
सर्जिकल इरिडेक्टमी से जुड़ी विशेष जटिलताएं इस तरह से हैं -
- मोतियाबिंद और संक्रमण का खतरा
- सर्जरी के स्थान पर क्षति होना
अस्वीकरण : उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से शैक्षिक दृष्टिकोण से प्रदान की जाती है और किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक द्वारा चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
सर्जरी की लागत
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