वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट (सीएसएफ) एक ऐसी सर्जरी है जिसमें मस्तिष्क से हार्ट तक अतिरिक्त सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड को निकाला जाता है। यह प्रक्रिया खासतौर पर हाइड्रोसेफलस नामक स्थिति के इलाज के लिए की जाती है।
सीएसएफ एक फ्लूइड यानि तरल होता है जो मस्तिष्क की विशेष गुहाओं (वेंट्रिकलों) में बनता है। यह मस्तिष्क को घेरे रहता है और पोषक तत्व देता है और मस्तिष्क के ऊतकों से और इनके द्वारा अपशिष्ट को हटाता है।
हाइड्रोसेफलस एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के अंदर अत्यधिक मात्रा में सीएसएफ जमने लगता है और इससे सोचने की क्षमता, मूवमेंट और अन्य शारीरिक क्रियाएं प्रभावित होती हैं।
सीएसएफ के दौरान मस्तिष्क के वेंट्रिकल के अंदर एक शंट यानि ट्यूब डाली जाती है जबकि दूसरी शंट को गर्दन की रक्त वाहिका के जरिए हार्ट के दाएं ऊपरी चैंबर में डाला जाता है।
शंट में वाल्व होता है जो मस्तिष्क में सीएसएफ की मात्रा बढ़ने पर खुलता है। इस सर्जरी में लगभग एक घंटा लगता है। हालांकि, मरीज को अस्पताल में दो से तीन दिन रूकना पड़ सकता है। ऑपरेशन के बाद मरीज को कम से कम दो से तीन हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी जाती है।
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट क्या है - What is Ventriculoatrial Shunt Placement in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट क्यों की जाती है - Why Ventriculoatrial Shunt Placement is done in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट कब नहीं करवानी चाहिए - When Ventriculoatrial Shunt Placement is not done in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट से पहले की तैयारी - Preparations before Ventriculoatrial Shunt Placement in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट कैसे की जाती है - How Ventriculoatrial Shunt Placement is done in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट के बाद देखभाल - Ventriculoatrial Shunt Placement after care in Hindi
- वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट की जटिलताएं - Ventriculoatrial Shunt Placement Complications in Hindi
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट क्या है - What is Ventriculoatrial Shunt Placement in Hindi
सीएसएफ मस्तिष्क की विशेष गुहा यानि वेंट्रिकल में बनने वाला एक फ्लूइड होता है। यह फ्लूइड लगातार मस्तिष्क को वेंट्रिकलों से जोड़ने वाली विशेष नाडियों के जरिए प्रवाहित होता है। आमतौर पर यह पूरे मस्तिष्क को घेरे रहता है और चोट से बचाने के लिए कुशन की तरह काम करता है।
सीएसएफ के अवशोषण और उत्पादन के बीच असंतुलन आने से हाइड्रोसेफलस नाम स्थिति उत्पन्न होती है। इसमें वेंट्रिकल बढ़ जाते हैं जिससे मस्तिष्क की कोशिकओं और खोपड़ी के अंदर दबाव बनने लगता है। यह स्थिति स्पाइना बिफिडा नामक जन्म विकार, इंफेक्शन, मस्तिष्क को चोट या ट्यूमर की वजह से पैदा हो सकती है। यह बच्चों, बड़ों, वृद्ध और शिशु को प्रभावित कर सकती है।
इस सर्जरी में मस्तिष्क के वेंट्रिकलों के अंदर ट्यूब डाली जाती है। फिर इस ट्यूब को गर्दन की नस के जरिए भेजा जाता है और दाएं एट्रियम की ओर हल्के से भेजा जाता है। इसके दोनों सिरे वाल्व से कनेक्ट होते हैं जो मस्तिष्क से सीएसएफ निकालने की मात्रा को कंट्रोल करते हैं। इस पूरे इंटरनल सिस्टम को वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट कहते हैं। यह शंट कुछ दिनों से लेकर कई सालों तक चल सकता है।
आमतौर पर इस तरह के सिस्टम में दो तरह के वॉल्व होते हैं - एक फिक्स्ड प्रेशर वॉल्व और दूसरा प्रोग्रामेबल वॉल्व।
फिक्स्ड वॉल्व तब खुलता है तब मस्तिष्क में सीएसएफ की मात्रा पहले से सेट की गई मात्रा से बढ़ जाती है। वहीं प्रोग्रोमेबल वॉल्व में प्रेशर सेटिंग को स्किन के ऊपर स्पेशन मैगनेट लगाकर एडजस्ट किया जा सकता है।
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट क्यों की जाती है - Why Ventriculoatrial Shunt Placement is done in Hindi
हाइड्रोसेफलस के इलाज के लिए इस सर्जरी की सलाह दी जाती है। मरीज की उम्र के हिसाब से इसके लक्षण अलग हो सकते हैं। शिशु में इसके लक्षण हैं :
- उल्टी
- चिड़चिड़ापन
- उनींदापन
- सिर का साइज बड़ा होना
- आंखों का नीचे की ओर झुके होना
बच्चों और किशोरों में हाइड्रोसेफलस के लक्षण हैं :
- ध्यान लगाने में दिक्कत होना
- डबल दिखना या धुधंला दिखाई देना
- पर्सनैलिटी में बदलाव आना
- भूख कम लगना
- पेशाब न रोक पाना
वयस्कों में इसके लक्षण हैं
- सिरदर्द
- याद्दाश्त कमजोर होना
- बौद्धिक क्षमता कम होना
- चलने में दिक्कत
- संतुलन न बना पाना
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट कब नहीं करवानी चाहिए - When Ventriculoatrial Shunt Placement is not done in Hindi
निम्न स्थितियों में यह सर्जरी नहीं की जाती है :
- सीएसएफ में इंफेक्शन
- जिस जगह सर्जरी होनी है, वहां पर इंफेक्शन
- कार्डियोवस्कुलर बीमारियां जैसे कि पल्मोनरी हाइपरटेंशन और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर
- कैथेटर सिस्टम के पुर्जों से एलर्जी।
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट से पहले की तैयारी - Preparations before Ventriculoatrial Shunt Placement in Hindi
सर्जरी से कुछ दिन पहले डॉक्टर से मिलने जाना होता है जिसमें डॉक्टर निम्न बातें पूछते हैं :
- मेडिकल हिस्ट्री
- कोई एलर्जी तो नहीं है
- प्रेगनेंट तो नहीं हैं
- जड़ी बूटी, विटामिन और डॉक्टर के पर्चे के बिना मिलने वाली दवा ले रहे हैं
सर्जरी से पहले कुछ टेस्ट करवाए जाते हैं :
- शारीरिक जांच
- ब्लड टेस्ट
- सीएसएफ के प्रवाह को मापने और वेंट्रिकल में देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट
- एमआरआई
- सीटी स्कैन
- लंबर पंक्चर (पीठ के निचले हिस्से से सीएसएफ निकालने की प्रक्रिया)
- आइसोटोप सिस्टरनोग्राफी (सीएसएफ के अवशोषण को मॉनिटर करने के लिए)
- इंट्राक्रैनिअल प्रेशर मॉनिटरिंग (मस्तिष्क पर पड़ रहे असामान्य दबाव)
इसके अलावा सर्जरी के लिए तैयार होने के लिए निम्न निर्देश दिए जाते हैं :
- खून पतला करने वाली दवा ले रहे हैं, तो सर्जरी से कुछ दिन पहले बंद कर दें। डॉक्टर आपको बताएंगे कि सर्जरी वाले दिन तक कौन-सी दवा ले सकते हैं।
- ऑपरेशन से पहले नहा लें और मेकअप, ज्वेलरी और नेल पॉलिश निकाल दें।
- सर्जरी से एक रात पहले ही कुछ भी खाएं-पिएं नहीं।
- सिगरेट पीते हैं तो बंद कर दें।
- सर्जरी से कुछ दिन पहले फ्लू, जुकाम या बुखार रहा है तो डॉक्टर को बताएं। ऐसे में सर्जरी को टाला जा सकता है।
- घर ले जान के लिए कोई दोस्त या रिश्तेदार हो।
- सर्जरी के लिए मरीज से एक फॉर्म साइन करवाया जाता है।
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट कैसे की जाती है - How Ventriculoatrial Shunt Placement is done in Hindi
अस्पताल पहुंचने के बाद मरीज को हॉस्पीटल गाउन पहनाई जाती है। सर्जरी के दौरान जरूरी दवाएं और तरल पदार्थ देने के लिए हाथ या बांह में ड्रिप लगाई जाती है।
इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान खून के थक्के बनने से रोकने के लिए स्पेशल स्टॉकिंग पहनाए जाते हैं। फिर निम्न तरीके से सर्जरी की जाती है :
- मरीज को बेहोश करने के लिए ड्रिप या मास्क के जरिए जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
- गले के जरिए ट्रैकिया के अंदर आराम ये ब्रीदिंग ट्यूब लगाई जाती है जिससे सर्जरी के दौरान सांस लेने में मदद मिलती है।
- जिस जगह सर्जरी होनी है, अब सिर के उस हिस्से से बाल हटाए जाते हैं।
- सर्जन कान के पीछे यू शेप का छोटा-सा कट लगाते हैं और खोपड़ी में एक छोटा छेद करते हैं। इसके बाद वो गर्दन के साइड में एक और कट लगाते हैं।
- फिर मस्तिष्क के वेंट्रिकल पर लगे छेद के जरिए एक पतली-सी ट्यूब को एक सिरे से अंदर डाला जाता है।
- इसके बाद शंट के दूसरे सिरे को पहले कट जो कि कान के पीछे है, उसके अंदर डाला जाता है और उसे दूसरे कट की ओर (जो गर्दन की साइड में है) स्किन के अंदर हल्का-सा दबाया जाता है।
- अब गर्दन की रक्त वाहिका के अंदर शंट डाला जाएगा और इसे हार्ट के दाएं ऊपरी चैंबी में इसे हल्के-से पुश किया जाएगा।
- फिर सर्जन कट को बंद कर देंगे और उस पर पट्टी लगा देंगे।
इस ऑपरेशन में 60 मिनट का समय लगता है। मरीज को दो से तीन दिन ऑपरेशन के बाद अस्पताल में रूकना पड़ सकता है। हालांकि, यह मरीज की सेहत, शंट को लेकर शरीर की प्रतिक्रिया और रिकवरी कितनी जल्दी हो रही है, इस बात पर निर्भर करता है।
अस्पताल में रूकने के दौरान निम्न चीजें हो सकती हैं :
- मरीज को बेचैनी, थकान और बेसुध महसूस होता है। होश में आने पर उसे गले में खराश और मुंह में सूखापन भी हो सकता है। ये सभी जनरल एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट होते हैं जो कुछ घंटों में चले जाते हैं।
- ब्लड प्रेशर, पल्स और ऑपरेशन वाली जगह को नियमित मॉनिटर किया जाएगा। ऑक्सीजन मास्क से ही सांस लेनी होगी।
- अभी भी फ्लूइड और दवाओं के लिए बांह में ड्रिप लगी होगी।
- थोड़ी-थोड़ी देर में दर्द निवारक दवाएं दी जाएंगी।
- कान के पीछे शंट वॉल्व लगने की वजह से बंप महसूस होगा। बाल आने पर ये कम दिखेगा।
- हॉस्पीटल स्टाफ मरीज को बिस्तर से उठकर चलने-फिरने के लिए कहेगा।
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट के बाद देखभाल - Ventriculoatrial Shunt Placement after care in Hindi
अस्पताल से छुट्टी लेने के बाद घर पहुंचने पर निम्न तरीके से देखभाल की जाती है :
- शंट को बॉडी एडजस्ट कर रही होती है जिससे मस्तिष्क में प्रेशर महसूस होता है। इस वजह से थोड़ा सिरदर्द हो सकता है। डॉक्टर मरीज को दर्द की दवा देंगे।
- सर्जरी वाली जगह को साफ और सूखा रखें।
- डॉक्टर से पूछे बिना बॉक्सिंग और फुटबॉल जैसे गेम न खेलें क्योंकि इनमें सिर में चोट लगने का खतरा होता है। स्विमिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी एक्टिविटी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
- सर्जरी के बाद 6 महीने तक गाड़ी न चलाएं।
- ऑपरेशन के बाद दो से तीन हफ्ते तक प्लेन में न बैठें।
- काम पर दो से चार हफ्ते बाद ही लौटें।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट की जटिलताएं - Ventriculoatrial Shunt Placement Complications in Hindi
इस सर्जरी से निम्न संभावित जटिलताएं जुड़ी हो सकती हैं :
- ऑपरेशन वाली जगह पर इंफेक्शन
- शंट इंफेक्शन
- शंट में ब्लॉकेज
- मस्तिष्क के अंदर ब्लीडिंग
- ऑपरेशन वाली जगह के आसपास या शंट के रास्ते पर नील पड़ना।
- मस्तिष्क में चोट
- ऑपरेशन वाली जगह के आसपास या शंट के रास्ते पर दर्द होना।
- मिर्गी
फॉलो-अप के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं?
टांके खुलवाने के लिए सर्जरी से सात से दस दिन बाद अस्पताल जाना होगा। फॉलो-अप में पीरिओडिक इमेजिंग टेस्ट से देखा जाएगा कि मस्तिष्क के अंदर शंट से संबंधी कोई परेशानी तो नहीं है।
नोट : ऊपर दी गई संपूर्ण जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है।
सर्जरी की लागत
वेंट्रिकुलोएट्रियल शंट प्लेसमेंट के डॉक्टर

Dr. Dikpal Jadhav
न्यूरोसर्जन
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amitava Ray
न्यूरोसर्जन
22 वर्षों का अनुभव

Dr. Srikala Prasad T
न्यूरोसर्जन
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Shankar Ganesh C V
न्यूरोसर्जन
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
- The Leeds Teaching Hospitals [Internet]. NHS Foundation Trust. National Health Service. UK; Hydrocephalous and shunts
- Cleveland Clinic [Internet]. Ohio. US; Cerebrospinal Fluid (CSF) Leak
- Hydrocephalus Association [Internet]. California. US; Brain 101: The Ventricles and CSF Flow
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- Hernandez A, Sherwood ER. Anesthesiology principles, pain management, and conscious sedation. In: Townsend CM Jr, Beauchamp RD, Evers BM, Mattox KL, eds. Sabiston Textbook of Surgery. 20th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 14
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