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फीनोबार्बिटल टेस्ट क्या है?

फीनोबार्बिटल टेस्ट आपके रक्त में फीनोबार्बिटल ड्रग की मात्रा का पता लगाता है। फीनोबार्बिटल दवा का प्रयोग वयस्कों और बच्चों में मिर्गी का इलाज करने के लिए किया जाता है। यह बार्बीचुरेट्स श्रेणी की ही एक दवा है।

इस दवा को ड्रिप द्वारा दिए जाने से यह प्रभावपूर्ण तरीके से एपिलेप्टिकस (जब दौरा पांच या इससे अधिक देर तक रहता है या फिर बिना किसी प्रभाव के बार-बार दौरे पड़ते हैं) की स्थिति को रोक सकता है। फीनोबार्बिटल का उपयोग चिंता विकार को कम करने के लिए और अन्य बार्बीचुरेट्स की लत से संबंधित लक्षणों को कम करने के लिए भी किया जाता है।

हालांकि दौरे का प्रभावकारी इलाज करने के लिए फीनोबार्बिटल का रक्त में सही स्तर होना चाहिए। यदि इसके स्तर अधिक होंगे तो दवा के अतिरिक्त प्रभाव और दवा की विषाक्तता हो सकती है। यदि इसके स्तर कम होंगे तो दौरे पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सही रेंज को थेराप्यूटिक इंडेक्स कहा जाता है। फीनोबार्बिटल के लिए ये रेंज थोड़ी कम है।

इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर बताएंगे कि फीनोबार्बिटल की जो रेंज आप ले रहे हैं वह ठीक है या नहीं।

  1. फीनोबार्बिटल टेस्ट क्यों किया जाता है - Phenobarbital Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. फीनोबार्बिटल टेस्ट से पहले - Phenobarbital Test Se Pahle
  3. फीनोबार्बिटल टेस्ट के दौरान - Phenobarbital Test Ke Dauran
  4. फीनोबार्बिटल टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Phenobarbital Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

फीनोबार्बिटल टेस्ट किसलिए किया जाता है?

यह टेस्ट रक्त में फीनोबार्बिटल के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर आपको इस टेस्ट की सलाह निम्न स्थितियों में दे सकते हैं :

  • दवा शुरू करने के कुछ दिन बाद
  • यदि खुराक बदली गई है
  • यदि अन्य एंटी-एपिलेप्टिक दवा दी गई है
  • यदि फीनोबार्बिटल को प्रभावित करने वाली कोई दवा ले रहे हैं
  • यदि फिनोबार्बिटल लेने के बाद भी दौरे पड़ रहे हैं
  • यदि आप गर्भवती हैं

थेराप्यूटिक रेंज में समय-समय पर बदलाव होने पर भी इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है:

  • थेरेपी की शुरुआत में, अधिक खुराक से शुरूआत करना
  • समय के साथ, डॉक्टर ने प्रभाव बनाए रखने के लिए खुराक बढ़ा देना 
  • 70 वर्ष की उम्र के बाद दवा को कम करना

इसके अलावा यदि आपको फिनोबार्बिटल के अतिरिक्त प्रभाव या इसकी विषाक्तता महसूस होती है या फिर फिनोबार्बिटल के स्तर अधिक हैं तो भी इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है:

फिनोबार्बिटल के अतिरिक्त प्रभाव में निम्न शामिल हैं:

फीनोबार्बिटल की विषाक्तता के लक्षण हैं:

  • बौनापन
  • धीरे-धीरे सांस लेना 
  • शरीर का तापमान कम होना 
  • ध्यान न लगा पाना 
  • फफोले 
  • आंख की पुतली अनियंत्रित रूप से हिलना
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फीनोबार्बिटल टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए आपको विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है। यदि आप कोई भी ऐसी दवा ले रहे हैं जो कि फिनोबार्बिटल को प्रभावित कर सकती हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। इसमें कई दवाएं शामिल हो सकती हैं, जैसे 

  • गर्भनिरोधक गोलियां
  • रक्त को पतला करने वाली दवा जैसे वार्फरिन
  • डिसुलफिरम
  • डॉक्सीसाइक्लिन
  • ग्रिसीओफुल्विन
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
  • सर्दी, एलर्जी, अस्थमा, दर्द, डिप्रेशन या चिंता के लिए दवाएं
  • मोनोएमिन ऑक्सीडेस इन्हीबिटर जैसे - आईसोकार्बोक्साज़िड, सेलेजिलाइन और ट्रैनाइलसाइप्रोमिन
  • अन्य एंटीएपिलेप्टिक जैसे फेनीटोइन और वैल्प्रोएट
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड जैसे मिथाइलप्रेडनिसोलोन और प्रेडनीसोन
  • ट्रैंक्विलाइजर
  • सीडेटिव

यदि आप शराब पीते हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें क्योंकि ये टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

फीनोबार्बिटल टेस्ट कैसे किया जाता है?

फीनोबार्बिटल टेस्ट एक ब्लड सैंपल पर किया जाता है। डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर रक्त की थोड़ी सी मात्रा ले लेंगे। आपको सुई लगने से हल्का सा दर्द हो सकता है लेकिन यह जल्दी ही ठीक हो जाता है।

ब्लड टेस्ट से जुड़े कुछ जोखिम निम्न हैं :

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फीनोबार्बिटल टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

इस टेस्ट के परिणाम माइक्रोग्राम प्रति मिलीलीटर (mcg/mL) में लिखे जाते हैं। हालांकि उम्र, लिंग और पिछले स्वास्थ्य के अनुसार परिणाम अलग आ सकते हैं।

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Phenobarbital
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Phenobarbital
  3. Epilepsy Foundation [internet]. Maryland, U.S.A.; Tonic-clonic Seizures
  4. National Health Service [internet]. UK; Blood Tests
  5. ARUP Labs [Internet]. University of Utah. Phenobarbital

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