बेहद ज़्यादा या असंतुलित पाचन एसिड (digestive acids) पेट द्वारा बनता है जिसकी वजह से पेट दर्द, पेट में गैस, मतली, मुंह से बदबू आना और अन्य लक्षण होने लगते हैं। यह एक सामान्य समस्या है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। जो लोग अक्सर एसिडिटी की समस्या से पीड़ित रहते हैं उनकी समस्या को हम "एसिड स्टमक" कह सकते हैं। मसालेदार भोजन, व्यायाम की कमी, अनियमित खाने की आदतें, तनाव या शराब पीने से अक्सर एसिड की समस्याएं हो सकती हैं।

कुछ सरल प्राकृतिक उपायों की मदद से पेट की एसिडिटी का इलाज किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, थोड़ा सा पानी पीने से आपके पेट में अतिरिक्त एसिड को कम करने में मदद मिलेगी। जिन्हे अक्सर एसिडिटी से झूझना पड़ता है वे रोज़ाना सोने से पहले और सुबह को उठते ही एक ग्लास गुनगुना पानी ज़रूर पियें। कभी भी खाना खाते समय या खाना खत्म करते ही पानी न पियें। इससे आपका पाचन असंतुलित हो सकता है और एसिडिटी की समस्या और भी ज़्यादा बढ़ सकती है। एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आपके किचन और फ्रिज में कई ऐसी सामग्रियां रखी हुई है जिनके इस्तेमाल से आपको बहुत जल्द आराम मिल सकता है।

तो आइये आपको बताते हैं एसिडिटी को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय -

  1. एसिडिटी खत्म करने का घरेलु उपाय है तुलसी - Acidity ka gharelu upay hai tulsi in Hindi
  2. एसिडिटी कम करने का तरीका है दालचीनी - Acidity kam karne ka tarika hai cinnamon in Hindi
  3. एसिडिटी ठीक करने का घरेलू उपाय है छाछ - Pet me jalan ka upay hai chach in hindi
  4. एसिडिटी दूर करने के तरीके में करे सेब के सिरके का उपाय - Acidity ka gharelu nuskha hai seb ka sirka in hindi
  5. पेट में जलन होने पर करें लौंग का उपयोग - Pet me jalan ka gharelu upay hai laung in hindi
  6. एसिडिटी से छुटकारा दिलता है जीरा - Acidity ka desi nuskha hai cumin in Hindi
  7. एसिडिटी से बचने का उपाय है अदरक - Acidity se bachne ka upay hai ginger in Hindi
  8. एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाता है गुड़ - Acidity se turant rahat dilata hai gud in Hindi
  9. एसिडिटी से तुरंत आराम दिलाता है सौफ - Pet ki jalan se turant aram dilata hai fennel in Hindi
  10. पेट की जलन का घरेलू उपाय है दूध - Pet ki jalan ka gharel upay hai cold milk in Hindi

तुलसी के पत्तों के अरामदायक और जलने की समस्या को ठंडा करने के गुण मौजूद होते हैं जो एसिडिटी, गैस और मतली से जुडी परेशानी से जल्द राहत दिलाने में मदद करते हैं। 

तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल दो तरीकों से करें

पहला तरीका -

  1. जैसे ही आपको एसिडिटी की तकलीफ हो फ़ौरन तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें।
  2. पत्तियों को बिल्कुल चबा चबाकर खाएं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा एक कप पानी में तीन से पांच तुलसी की पत्तियों को उबलने के लिए रख दें और कुछ मिनट तक उस पानी को उबलने दें।
  2. आप तुलसी की पत्तियों की चाय में शहद भी मिला सकते हैं।
  3. दूध बिल्कुल न मिलाएं और इस चाय को एक ही बार में पी जाएँ।

(और पढ़ें - तुलसी के फायदे

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दालचीनी आपके पाचन स्वास्थ के लिए बेहद अच्छी होती है। ये प्राकृतिक एंटासिड की तरह काम करती है और पेट की गैस को दूर करने में मदद करती है।

दालचीनी का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी के पाउडर को मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण को कुछ मिनट के लिए उबलने को रख दें।
  3. दालचीनी की चाय को उबलने के बाद पी जाएँ।
  4. इस चाय को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें।
  5. आप अपने सलाद और सूप में भी दालचीनी के पाउडर को मिला सकते हैं।

(और पढ़ें - दालचीनी के फायदे

एसिडिटी के लिए अन्य घरेलू उपाय है छाछ। इसमें लैक्टिक एसिड होता है जो पेट की एसिडिटी को सामान्य करने में मदद करता है। आप बाजार से छाछ खरीदके भी अपने घर में बना सकते हैं। 

छाछ का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. आधा चम्मच मेथी के बीज में थोड़ा सा पानी डालकर एक पेस्ट तैयार करने के लिए इसे मिक्सर में मिक्स कर लें।
  2. अब इसे छाछ में डाल दें और एसिडिटी की वजह से होने वाले पेट दर्द के लिए इसे जल्दी से पी जाएँ।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा जब तक आपको आराम नहीं आ जाता तब तक आप छाछ को पूरे दिन में कई बार भी पी सकते हैं।
  2. अच्छा परिणाम पाने के लिए आप छाछ में काली मिर्च और धनिये के पत्ते मिलाकर भी पी सकते हैं।

(और पढ़ें - छाछ के फायदे

सेब के सिरका में अल्कलाइज़िंग प्रभाव होता है। इसकी मदद से ये पेट की एसिडिटी का इलाज करने में मदद करता है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल कैसे करें -

  1. एक कप पानी में एक या दो चम्मच सेब का सिरका मिलाएं।
  2. अब इस मिश्रण को पी जाएँ।
  3. पूरे दिन में एक या दो बार इस मिश्रण को ज़रूर पियें।
  4. आप इसे खाना खाने से पहले भी पी सकते हैं।

(और पढ़ें - सेब के सिरके के फायदे

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लौंग में कार्मिनटिव प्रभाव मौजूद होते हैं जो पेट में हाइड्रोक्क्लोरिक एसिड को बढ़ाते हैं। इसकी मदद से एसिडिटी को कम करने और गैस की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। ये कहा जाता है कि पेट में एसिडिटी पेट में कम एसिड की वजह से उतपन्न होती है। इसलिए लौंग एसिड को सामान्य स्थिति में लाने में मदद करती है।

लौंग का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. दो या तीन लौंग को अच्छे से चबाएं जिससे उसका जूस आपके सिस्टम तक आसानी से पहुंच सके।

दूसरा तरीका -

  1. लौंग को क्रश करके और इलाइची की बराबर मात्रा उसमे मिक्स करके खाने से एसिड की समस्या में कमी आएगी और मुँह से आने वाली बदबू को भी ताज़गी मिलेगी।

(और पढ़ें - लौंग के फायदे

जीरा एसिड का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। जीरा एक एसिड न्यूट्रलाइज़र की तरह काम करता है। इसके साथ ही ये पाचन को ठीक रखता है और पेट के दर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है।

जीरे का इस्तेमाल तीन तरीको से करें -

पहला तरीका -

  1. सबसे पहले कुछ जीरे के बीज को भुन लें और फिर उन्हें क्रश कर लें।
  2. क्रश करने के बाद इन्हे पानी में डाल दें।
  3. अब इस मिश्रण को खाना खाने के बाद रोज़ाना पियें।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप एक चम्मच जीरे के बीज को एक कप पानी में कुछ मिनट के लिए उबलने को रख दें।
  2. अब इसे छान लें और फिर इस मिश्रण को खाना खाने के बाद पी लें।

(और पढ़ें - जीरे के पानी के फायदे)

तीसरा तरीका -

  1. इसके अलावा एक चम्मच धनिये के बीज, जीरे के बीज, सौफ के बीज और कुछ चीनी को एक या आधा कप पानी में मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद खाली पेट पी जाएँ।

(और पढ़ें - जीरे के फायदे

अदरक में मौजूद सूजनरोधी गुण एसिडिटी का इलाज करने में मदद करते हैं। अदरक का जूस भी पेट के एसिड को कम करता है।

अदरक का इस्तेमाल तीन तरीकों से करें -

पहला तरीका -

  1. एसिडिटी के दौरान अदरक के कुछ टुकड़ों को अच्छे से चबाएं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप एक कप पानी में अदरक के टुकड़ों को कुछ मिनट के लिए उबलने को डाल दें।
  2. फिर इस मिश्रण को पी जाएँ।

तीसरा तरीका -

  1. इसके अलावा पूरे दिन में अदरक के जूस की दो या तीन चम्मच भी आपको एसिडिटी से राहत दिलाएंगी।

(और पढ़ें - अदरक के फायदे

गुड़ पाचन का इलाज करता है और पाचन क्रिया में एल्कलाइन को बनाता है जिससे एसिडिटी की समस्या दूर होती है। आपको गुड़ हर किराने की दूकान में मिल जाएगा। जब तक एसिडिटी नहीं चली जाती तब तक खाना खाने के बाद हमेशा गुड़ के कुछ टुकड़ों को चूसें। ये उपाय उन लोगो के लिए पर्याप्त नहीं है जिन्हे शुगर की बिमारी है।

(और पढ़ें - गुड़ के फायदे)

सौफ के बीज में कार्मिनेटिव गुण मौजूद होते हैं जो पाचन का इलाज करने में मदद करते है और पेट की गैस से जल्द राहत दिलाते हैं।

सौफ का इस्तेमाल दो तरीकों से करें -

पहला तरीका - 

  1. मसालेदार और ज़्यादा खाना खाने के बाद हमेशा कुछ सौफ के बीज को चबाएं।

दूसरा तरीका -

  1. इसके अलावा आप एक कप पानी में एक या दो चम्मच सौफ के बीज को मिलाकर उबालने के लिए रख दें।
  2. अब इस मिश्रण को छान लें और पी जाएँ।
  3. इस मिश्रण को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें।

(और पढ़ें - सौंफ के फायदे

दूध गैस्ट्रिक एसिड को स्थिर करने में मदद करता है और आपको एसिडिटी से राहत दिलाता है। दूध कैल्शियम से समृद्ध होता है जो पेट की एसिडिटी को बढ़ने से रोकता है। एसिडिटी को रोकने और उससे आराम पाने के लिए हमेशा ठंडा दूध पियें। अगली बार जब भी आप एसिडिटी से पीड़ित हो तो इन उपायों का इस्तेमाल ज़रूर करें। अगर आपको दो या तीन दिन के भीतर आराम नहीं मिलता तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।

(और पढ़ें - दूध के फायदे)

संदर्भ

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