कोविड-19 कितनी ज्यादा संक्रामक बीमारी है और कितनी तेजी से फैल रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 3 महीने के अंदर इस बीमारी ने दुनिया के सभी 199 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है और वैसे सभी देश जो कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वहां इस इंफेक्शन को और ज्यादा फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

इसी के साथ-साथ दुनियाभर के डॉक्टर, वैज्ञानिक, महामारी विशेषज्ञ इस नए कोरोना वायरस इंफेक्शन को लेकर रिसर्च करने में जुटे हैं ताकि इस बीमारी को नियंत्रित करने के साथ ही इसके वैश्विक प्रभाव को भी कम किया जा सके। चूंकि अब तक इस बीमारी का कोई इलाज या टीका खोजा नहीं जा सका है, ऐसे में इस इंफेक्शन से बचने के लिए बेहद जरूरी है कि WHO की ओर से जारी किए गए रोगनिरोधी दिशा निर्देशों का पूरी सख्ती के साथ पालन किया जाए।

WHO की ओर से जारी किए सुरक्षात्मक उपायों में से एक सबसे अहम सुझाव है सोशल डिस्टेंसिंग यानी दूसरों से दूरी बनाकर रखना। यही वजह है कि भारत समेत दुनिया के कई देशों की सरकारों ने अपने यहां आंशिक या संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है ताकि लोग अपने घरों से बाहर न आएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। इसका नतीजा यह है कि इस वक्त ज्यादातर लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ या तो अपने घरों में बंद हैं या फिर घर से ही ऑफिस का काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को मानसिक सेहत से जुड़ी कई समस्याएं जैसे- केबिन फीवर भी हो सकता है।

कोविड-19 महामारी के इस खतरे के बीच आपको यह भी याद रखना होगा कि इस नए कोरोना वायरस के अलावा कुछ मौसमी बीमारियां, इंफेक्शन और स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी समस्याएं भी हैं जिनसे निपटने की जरूरत है। ये बीमारियां आपको घर पर रहते हुए भी हो सकती हैं। जैसे- मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफायड और जॉन्डिस आदि। ऐसे में कोविड-19 इंफेक्शन से बचने के लिए सभी तरह के जरूरी ऐहतियाती कदम उठाने के साथ-साथ आपको इन बीमारियों से भी बचने की जरूरत है।

  1. कोविड-19 महामारी के बीच दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से बचना क्यों जरूरी है?
  2. कोविड-19 महामारी के बीच इन बीमारियों से भी बचें
  3. सामान्य सर्दी-जुकाम
  4. मलेरिया
  5. फूड पॉइजनिंग
  6. किसी तरह की चोट लग जाए
  7. डेंगू बुखार
  8. टाइफाइड
  9. जॉन्डिस या पीलिया
  10. चिकनगुनिया
  11. चिकनपॉक्स
कोविड-19 महामारी के बीच इन बीमारियों को न भूलें, इनसे भी बचना है जरूरी के डॉक्टर

इस समय जब दुनियाभर में कोविड-19 महामारी का संक्रमण फैला हुआ है, ऐसे में 2 कारणों से आपको अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखने की जरूरत है-

  • वैसे लोग जिनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत (इम्यून सिस्टम) कमजोर होता है उन्हें इंफेक्शन और बीमारियां होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में कोविड-19 इंफेक्शन जैसी महामारी के बीच यह जरूरी है कि आपकी इम्यूनिटी कहीं से भी कमजोर न पड़े। अगर ऐसा हुआ तो आपको न सिर्फ कोविड-19 इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाएगा बल्कि साथ में कई और कॉम्प्लिकेशन्स भी हो सकते हैं।
  • कोविड-19 महामारी के इस समय में ज्यादातर डॉक्टर्स, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारी और अस्पतालों पर मरीजों का बोझ बढ़ गया है। लिहाजा यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी सेहत का अच्छी तरह से ख्याल रखें और बचाव के सभी उपाय अपनाएं ताकि हमें अपनी किसी और बीमारी या स्वास्थ्य समस्या की वजह से अस्पताल न जाना पड़े।
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कोविड-19 महामारी जिस समय में दुनिया केस भी देशों में फैली है वह है जनवरी से मार्च 2020 का समय। इन महीनों में सर्दी का मौसम खत्म हो रहा होता है, बसंत ऋतु कुछ दिन के लिए रहती है और गर्मियों का मौसम शुरू होने लगता है, खासकर भारत में। ऐसे में जाहिर सी बात है इन महीनों में मौसम में होने वाले बदलाव की वजह से कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इतना ही नहीं कोविड-19 की वजह से हर वक्त घर में बंद रहने की वजह से भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन बीमारियों के बारे में जिनका ध्यान आपको इस वक्त रखना चाहिए।

वयस्कों को आमतौर पर एक साल में 2 से 3 बार कॉमन कोल्ड यानी सामान्य सर्दी-जुकाम हो सकता है जबकी बच्चों को तो यह बीमारी और ज्यादा बार हो सकती है। इसमें छींक आना, गले में दर्द, खांसी, नाक बहना जैसे लक्षण नजर आते हैं। सर्दी-जुकाम ऊपरी श्वसन तंत्र यानी अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में होने वाला संक्रमण है जो वायरस की वजह से होता है।

आमतौर पर यह राइनोवायरस की वजह से होता है और अगर बदलते मौसम में आपकी बीमारियों से लड़ने की ताकत कमजोर है तो आपको कॉमन कोल्ड की यह बीमारी हो सकती है। चूंकि कॉमन कोल्ड और कोविड-19 के लक्षण एक दूसरे से काफी मिलते जुलते हैं, ऐसे में अगर कोविड-19 महामारी के दौरान आपको सर्दी-जुकाम भी हो गया तो आपको अपनी सेहत को लेकर हद से ज्यादा चिंता, डर और घबराहट महसूस होने लगेगी। यही वजह है कि इस समय सामान्य सर्दी-जुकाम से भी बचकर रहना बेहद जरूरी है।

कैसे करें बचाव: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी से धोते रहें ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा खूब सारे तरल पदार्थ का सेवन करें, अपनी डाइट में विटामिन, मिनरल्स खासकर विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं ताकि आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।

मलेरिया, एक ऐसी बीमारी है जो प्लासमोडियम नाम के पैरासाइट से होता है जो मच्छरों से खासकर मादा मच्छरों से फैलता है। मलेरिया होने पर भी मरीज में फ्लू जैसे लक्षण ही नजर आते हैं जैसे- फीवर, सिरदर्द, उल्टी आना, कंपकंपी लगना और बहुत ज्यादा थकान महसूस होना।

अगर किसी व्यक्ति को सेरेब्रल मलेरिया हो जाए तो उसके लक्षण और ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। मलेरिया न सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देता है बल्कि अगर यह गंभीर स्थिति में पहुंच जाए तो अस्पताल में भर्ती करने की भी नौबत आ सकती है। यही वजह है कि इस वक्त मलेरिया से बचना बेहद जरूरी है।

कैसे बचें: जहां तक संभव हो घर में मच्छरों को आने से रोकें, मच्छर आपको काटें इससे बचें, घर में कहीं भी पानी जमा न होने दें, खासकर नवजात शिशु, बच्चों और बुजुर्गों को मच्छरों से सुरक्षित रखें।

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आमतौर पर घर के बाहर का कुछ खाने-पीने पर फूड पॉइजनिंग हो सकती हैं, खासकर तब जब खाना किसी ऐसी सामग्री से बना हो जो पहले से ही बैक्टीरिया या फिर किसी और रोगाणु से दूषित है। अगर आप जो खा रहे हैं वह ठीक से पका नहीं है, खासकर मछली, चिकन या मीट तो आफको सैल्मोनेला इंफेक्शन या लिस्टेरियोसिस हो सकता है।

वैसे तो कोविड-19 का संक्रमण खाने की चीजों से नहीं फैलता, लेकिन इस महामारी के दौरान अगर आप अपना खाना बाहर से मंगवा रहे हैं या फिर घर में खाना बनाते वक्त उसे सही ढंग से पका नहीं रहे तो आपको फूड पॉइजनिंग होने का खतरा हो सकता है। वैसे तो फूड पॉइजनिंग होने पर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत कम ही आती है। लेकिन अगर पेट दर्द, उलटी, डायरिया जैसी दिक्कतें न संभलें तो अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। आमतौर पर एंटीबायोटिक और इलेक्ट्रोलाइट्स के सेवन से पीड़ित मरीज जल्दी ही ठीक हो जाता है।

कैसे बचें : फूड पॉइजनिंग से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप घर पर बना खाना ही खाएं और जहां तक संभव हो खाने को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं।

लॉकडाउन के दौरान हर वक्त घर में बंद रहना मुश्किल है। ऐसे में हो सकता है आप घर की साफ-सफाई या कुछ मरम्मत के काम में जुट जाएं। ये सब काम करने में हो सकता है आपको चोट लग जाए। वैसे तो आम दिनों में भी चोट लगने का खतरा रहता है लेकिन कोविड-19 जैसी महामारी के समय आपको और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अगर आपको कोई गंभीर चोट लग जाती है, जैसे- गंभीर रूप से जलना, हड्डी टूटना या फिर कोई ऐसा कट जिसमें टांके लगाने की जरूरत हो तो आपको इमरजेंसी में अस्पताल जाना पड़ सकता है।

महामारी के समय अस्पताल जाने से आपको भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आपको ऐसी चोट लग जाए जिसमें डॉक्टरों की मदद की जरूरत हो तो आप अस्पताल न जाएं। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि आप पहले से ज्यादा सावधानी बरतें।

कैसे बचें : किसी भी तरह का काम करते वक्त पूरी सावधानी बरतें और सभी प्रिकॉशन्स लें ताकि चोट गंभीर न हो।

मलेरिया के अलावा एक और बीमारी जिसे मच्छर फैलाते हैं वह है- डेंगू बुखार जो एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। इस बीमारी का इलाज इस वक्त मुश्किल है क्योंकि इस वक्त एंटीवायरल ट्रीटमेंट को लेकर खास तरह का प्रोटोकॉल अपनाया जा रहा है।

डेंगू के लक्षणों की बात करें तो इसमें अचानक तेज बुखार आना, सिर में तेज दर्द होना, जी मिचलाना, आंखों के पीछे दर्द होना, जोड़ों में दर्द, थकान, बदन में दर्द, भूख न लगना और स्किन पर रैशेज दिखना शामिल है। यह भी एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण काफी हद तक कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। इसलिए अगर आपको खुद में कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कैसे बचें : घर में कहीं भी पानी को जमा न होने दें, मच्छरों के काटने से बचें, मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी, मॉस्क्यूटो रेप्लेंट, लिक्विड या कीटनाशकों का छिड़काव करें।

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टाइफाइड, बैक्टीरिया से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो सैल्मोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया की वजह से होती है जो आमतौर पर मल-मूत्र या मुंह से निकलने वाली दूषित चीजों से फैलता है। टाइफाइड की बीमारी दूषित खाना और पानी, साफ-सफाई न रखना, खुले में शौच के लिए जाना जैसे कारणों से होती है। इसके लक्षणों की बात करें तो इसमें बुखार, पेट दर्द, भूख न लगना, सिरदर्द, डायरिया और कफ शामिल है।

टाइफाइड का इलाज एंटीबायोटिक से किया जाता है लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न हो तो थकान, खून निकलना और मौत तक हो सकती है। यह एक ऐसी बीमारी जिसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। आमतौर पर यह मॉनसून के सीजन में फैलती है लेकिन यह गर्मी में भी हो सकती है।

कैसे बचें : ध्यान रखें कि आपके पीने का पानी बिलकुल साफ हो, सब्जी और फलों को अच्छे से धोकर ही खाएं और साथ ही अपने आसपास साफ-सफाई बनाकर रखें।

जब हमारे शरीर में बिलिरुबिन का लेवल बढ़ जाता है तो जॉन्डिस या पीलिया होता है जिसमें आपकी स्किन, आंखो के अंदर का सफेद हिस्सा, नाखून आदि सबकुछ पीले रंग का हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति को जॉन्डिस हो जाए तो उसे पेट में दर्द होने लगता है, भूख नहीं लगती और मल-मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है। वैसे तो खासकर नवजात शिशु को जॉन्डिस होने का खतरा रहता है लेकिन यह वयस्कों को भी हो सकता है। अगर इसका समय पर इलाज न हो तो सेप्सिस, लिवर फेलियर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर दिक्कतें भी हो सकती हैं।

कैसे बचें : स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करें, साफ पानी पिएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और एल्कोहल के सेवन से बचें।

मलेरिया और डेंगू के अलावा चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली बीमारी है और इस वजह से कई बार इसका गलत डायग्नोसिस भी हो जाता है। चिकनगुनिया के लक्षणों की बात करें तो इसमें अचानक तेज बुखार होना, जोड़ों में तेज दर्द होना, मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द, हद से ज्यादा थकान लगना, मुंह में छाले हो जाना, हाइपर-पिग्मेंटेशन और शरीर में चकत्ते पड़ना शामिल है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को चिकनगुनिया का खतरा ज्यादा रहता है लिहाजा उनके साथ खास सावधानी बरतें।

कैसे बचें : मच्छरों के काटने से बचना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी मच्छरों को घर में आने से रोकना भी है।

अगर आप ये सोचते हैं कि एक बार वैरिसेला वैक्सीन लेने से आपको कभी भी चिकनपॉक्स नहीं होगा तो ऐसा नहीं है। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाएं तो आपको भी चिकनपॉक्स हो सकता है फिर चाहे आप जवान हों या बूढ़े। चिकनपॉक्स भी वायरल इंफेक्शन है जिसमें फ्लू जैसे लक्षणों के अलावा शरीर में गोल-गोल चकत्ते और दाने हो जाते हैं। अगर आपने वैक्सीन ले रखी है तो चिकनपॉक्स मामूली बीमारी है लेकिन अगर इसका इलाज न हो तो इन्सेफेलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। अगर किसी को चिकनपॉक्स हो जाए तो उसे कई दूसरे इंफेक्शन का भी खतरा रहता है।

कैसे बचें : वैक्सीन लेकर रखें और चिकनपॉक्स से संक्रमित किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

Siddhartha Vatsa

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संदर्भ

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  2. Roy, Vandana. et al. Fixed-dose Combinations for Cough and Common Cold in India: An Assessment of Availability and Rationality. Fundam Clin Pharmacol , 25 (2), 258-66. PMID: 20584201
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