आजकल अधिकतर लोग डायबिटीज रोग से जूझ रहे हैं. यह एक मेटाबॉलिक डिजीज है, जिसमें ब्लड शुगर हाई हो जाता है. दरअसल, इंसुलिन हार्मोन रक्त से शुगर को कोशिकाओं में संग्रहित या ऊर्जा में बदलने के लिए ले जाता है.

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वहीं, जब डायबिटीज की समस्या होती है, तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या फिर शरीर जो इंसुलिन बनाता है, उसका सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. ऐसे में डायबिटीज का इलाज करने के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना जरूरी हो जाता है. डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए लोगों को कार्ब्स व शुगर लेने से मना किया जाता है. ऐसे में अधिकतर लोगों के मन में सवाल आता है कि डायबिटीज रोगी चाय पी सकते हैं या नहीं? डायबिटीज में चाय पीने के फायदे और नुकसान क्या है?

आज इस लेख में आप डायबिटीज में चाय पीने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. डायबिटीज में चाय पीने के फायदे
  2. डायबिटीज में फायदेमंद चाय
  3. डायबिटीज में चाय पीने के नुकसान
  4. सारांश
  5. डायबिटीज में चाय पीने के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

अक्सर लोग दूध और चीनी से बनी चाय पीना पसंद करते हैं, लेकिन डायबिटीज रोगी को चीनी वाली चाय नहीं पीनी चाहिए. इस चाय को पीकर ब्लड शुगर लेवल अधिक हो सकता है. डायबिटीज रोगियों के लिए हर्बल टी लाभकारी मानी जाती है. हर्बल चाय डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. डायबिटीज में चाय पीने के फायदे इस प्रकार हैं -

  1. फायदेमंद कंपाउंड्स
  2. ब्लड शुगर करे कम
  3. शरीर रहे हाइड्रेट
  4. इंसुलिन-सेंसिटाइजिंग गुण

फायदेमंद कंपाउंड्स

हर्बल टी में पावरफुल कंपाउंड्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. ऐसे में रिसर्च से पता चला है कि हर्बल टी पीने से डायबिटीज रोगियों को लाभ पहुंच सकता है.

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ब्लड शुगर करे कम

हर्बल टी में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं, जो सेलुलर डैमेज को रोक सकते हैं. इससे सूजन और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है. इसलिए, डायबिटीज रोगी ब्लैक या हर्बल टी का सेवन कर सकता है.

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शरीर रहे हाइड्रेट

डायबिटीज रोगियों के लिए हाइड्रेट रहना जरूरी होता है. चीनी वाली चाय बॉडी को डिहाइड्रेट कर सकती है. ऐसे में ब्लड शुगर बढ़ सकता है, लेकिन अगर बिना चीनी की चाय पी जाए, तो इससे शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिल सकती है. हाइड्रेशन डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत जरूरी होता है.

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इंसुलिन-सेंसिटाइजिंग गुण

हर्बल टी में एंटी इंफ्लेमेटरी, ब्लड शुगर लोअरिंग और इंसुलिन-सेंसिटाइजिंग गुण होते हैं. ऐसे में इस चाय को पीने से डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है. 

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डायबिटीज रोगी को हमेशा बिना चीनी की चाय पीनी चाहिए. डायबिटीज रोगियों के लिए निम्न प्रकार की चाय फायदेमंद हो सकती हैं -

  1. ग्रीन टी
  2. ब्लैक टी
  3. हिबिस्कस टी
  4. दालचीनी की चाय
  5. हल्दी की चाय
  6. कैमोमाइल चाय

ग्रीन टी

अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो वह ग्रीन टी का सेवन कर सकता है. ग्रीन टी सेलुलर डैमेज को कम करती है. साथ ही इस चाय को पीने से सूजन कम होती है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल होता है. अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन टी पीने से डायबिटीज को बढ़ने से रोका जा सकता है. डायबिटीज रोगी प्रतिदिन 3-4 कप ग्रीन टी पी सकते हैं.

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ब्लैक टी

डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लैक टी भी फायदेमंद हो सकती है. इस चाय में थियाफ्लेविन्स नामक कंपाउंड होता है. साथ ही एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और ब्लड शुगर कम करने वाले गुण होते हैं. रिसर्च में पता चला है कि ब्लैक टी पीने से कार्ब्स के अवशोषण को रोका जाता है. इससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है.  

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हिबिस्कस टी

हिबिस्कस टी पीने से भी डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रह सकता है. इसमें पॉलीफेनोल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. इस चाय के नियमित सेवन से ब्लड शुगर और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है. आप इस चाय को एक महीने तक लगातार प्रतिदिन 2 बार पी सकते हैं. अध्ययन में पता चला है कि इस चाय को पीने से इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद मिल सकती है.

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दालचीनी की चाय

दालचीनी एक लोकप्रिय मसाला है, जिसमें डायबिटीज को कंट्रोल करने वाले गुण होते हैं. ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए आप दालचीनी की चाय बनाकर पी सकते हैं. अध्ययन से पता चला है कि 40 दिन तक रोजाना 6 ग्राम दालचीनी की खुराक लेने से शर्करा के स्तर में कमी हो सकती है. 

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हल्दी की चाय

हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसे एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरिण गुणों के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में असरदार साबित हो सकता है.

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कैमोमाइल चाय

कैमोमाइल चाय पोषक तत्वों से भरपूर होती है. अक्सर ही लोग कैमोमाइल टी पीते हैं. कैमोमाइल चाय पीने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है. साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल कर सकता है. इसलिए, डायबिटीज रोगी भी कैमोमाइल टी का सेवन आसानी से कर सकते हैं.

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अगर डायबिटीज रोगी बिना चीनी के हर्बल टी या अन्य चाय पीते हैं, तो इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. वहीं, कई लोग चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए चीनी या शहद मिला लेते हैं. इसका असर डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर लेवल पर पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि चाय कोई नुकसान न पहुंचाए, तो इसके लिए बिना चीनी के चाय पीना ही फायदेमंद होता है.

चीनी वाली चाय वजन बढ़ाने के साथ ही ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ा सकती है. ऐसे में हर व्यक्ति को बिना चीनी की ही चाय पीनी चाहिए. आप चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू का रस मिला सकते हैं या फिर दालचीनी का पाउडर डाल सकते हैं.

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नैचुरल और हर्बल टी में पावरफुल कंपाउंड होते हैं, जो डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी हो सकते हैं. शोधों से पता चलता है कि ग्रीन टी, हल्दी की चाय, ब्लैक टी, दालचीनी की चाय और कैमोमाइल टी डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकती है. ये चाय ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रख सकती है, लेकिन डायबिटीज रोगियों को भूलकर भी चीनी वाली चाय नहीं पीनी चाहिए. इससे ब्लड शुगर लेवल ट्रिगर हो सकता है और समस्याएं बढ़ सकती हैं.

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Dt. Priti Kumari

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