अंडकोष प्रमुख रूप से वीर्य और टेस्टोस्टेरोन सेक्स हार्मोन के उत्पादन करने का कार्य करता है. अंडकोष में गांठ, नसों में सूजन, आकार बढ़ना, दर्द होना व वायु भर जाना जैसी विभिन्न समस्याओं से पुरुष की यौन क्रियाओं, शारीरिक विकास और कार्य प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

आयुर्वेद में अंडकोष से जुड़ी पुरानी और नई विकार संबंधी रोगों के लिए वृद्धिवाधिका वटी लाभकारी मानी जाती है. यह ऐसी विशेष औषधि है, जिससे अंडकोष सहित अन्य अहम अंगों में अनियमित वृद्धि और उनसे जुड़े विकारों के उपचार के लिए किया जाता है.

इस लेख में आप वृद्धिवाधिका वटी का अर्थ, फायदे, नुकसान और सेवन करने तरीकों के बारे में जानेंगे -

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  1. वृद्धिवाधिका वटी क्या है?
  2. वृद्धिवाधिका वटी के फायदे
  3. वृद्धिवाधिका वटी के नुकसान
  4. वृद्धिवाधिका वटी के उपयोग
  5. वृद्धिवाधिका वटी का सेवन कैसे करें?
  6. सारांश
वृद्धिवाधिका वटी के डॉक्टर

वृद्धिवाधिका वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो प्रमुख रूप से अंडकोष के विकार से जुड़े विभिन्न रोगों के उपचार में काम आती है. इसे बनाने में कई प्रकार की जड़ी-बूटियों का प्रयोग होता है. यह हर तरह की वृद्धि संबंधी रोगों के उपचार में काम आती है. 

वृद्धिवाधिका वटी में कई मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं. इसके सेवन से शरीर में मिनरल्स और आयरन की कमी पूरी होती है. वृद्धिवाधिका वटी से पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है, शारीरिक संतुलन बना रहता है और ऊर्जा शक्ति भी बढ़ती है.

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वृद्धिवाधिका वटी मुख्य रूप अंडकोष के विकारों से जुड़ी समस्याओं के उपचार में फायदेमंद होता है, लेकिन इससे अन्य शारीरिक फायदे भी हो सकते हैं, जैसे -

  • वृद्धिवाधिका वटी के नियमित सेवन से आपको वृद्धि से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इसके सेवन से शरीर में मौजूद अनावश्यक कोशिकाएं और उत्तक खत्म हो जाते हैं.
  • इसके नियमित सेवन से आप वात और कफ दोनों को नियंत्रित कर सकते हैं.
  • अगर आपके शरीर में मिनरल्स और विटामिन की कमी है, तो यह वटी आपको काफी लाभ दे सकती है. इसके सेवन से शरीर में इनकी कमी पूरी होती और शरीर चुस्त-दुरुस्त बना रहता है.
  • थायराइड रोग से ग्रस्त लोगों के लिए यह वटी असरदार साबित हो सकती है, जिससे श्वास नली पर होने वाले बुरे प्रभाव में कमी आती है.
  • यह हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करती है, जिससे आपको तमाम बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.

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आमतौर पर वृद्धिवाधिका वटी सुरक्षित मानी जाती है. फिर भी कुछ अपवादों में इसके सेवन से नुकसान संभव हैं, जो इस प्रकार हैं -

  • वृद्धिवाधिका वटी बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती, इसलिए केवल डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही इसका सेवन उन्हें करने देना चाहिए, वरना इससे रिएक्शन होने की आशंका रहती है.
  • वृद्धिवाधिका वटी का असर गर्म होता है, जिससे गर्भवती महिलाओं के सेवन करने से होने वाले बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या से ग्रस्त लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह इस समस्या को बढ़ाने का काम करती है.
  • इसके अत्यधिक सेवन से अपच, पेट में गैस और उल्टी की समस्या हो सकती है.

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वृद्धवधिका वटी हार्निया, मधुमेह व हाइपरलिपिडिमिया जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में फायदेमंद हो सकती है. इसका उपयोग अन्य बीमारियों के उपचार, नियंत्रण, रोकथाम और सुधार और उन बीमारियों के लक्षणों के लिए भी किया जाता है, जैसे -

  • वृद्धवधिका वटी विभिन्न हृदय विकारों जैसे हाइपरलिपिडिमिया, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस में उपयोगी है.
  • यह मधुमेह की समस्या को दूर करने के लिए असरदार मानी जाती है. इसलिए, कई आयुर्वेदाचार्य डायबिटीज रोगियों को वृद्धिवाधिका वटी का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं.
  • यह सभी प्रकार के हर्निया व हाइड्रोसील के लिए भी लाभकारी होती है. इसलिए, आयुर्वेद में इस दवा का उपयोग किया जा सकता है. .
  • अस्थमातपेदिक जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं में वृद्धवाधिका वटी लाभकारी मानी जाती है. ऐसे में आयुर्वेदाचार्य इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं. 
  • पेट फूलना, पेट में भारीपन, पेप्टिक अल्सर, पेट दर्द, सूजन और पेट में ऐंठन जैसे पाचन रोगों के उपचार के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है.

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इस औषधि को लेने विभिन्न तरीके हैं, जिनके बारे में यहां बताया गया है-

  • वृद्धिवाधिका वटी का सेवन भोजन करने के बाद ही करना चाहिए. इसका सेवन दिन में 2 से 3 बार गर्म पानी या दूध के साथ करने से इससे पूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. इसका सबसे अधिक लाभ आपको सुबह नाश्ते के बाद या रात के भोजन के बाद सेवन करने से मिलता है.
  • वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि वृद्धिवाधिका वटी को 375 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं लेना चाहिए. साथ ही इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.

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वृद्धिवाधिका वटी एक विशेष आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके माध्यम से मुख्य रूप से अंडकोष से जुड़ी समस्याओं के उपचार में प्रभावी मदद मिलती है. यह प्रयोग में पूरी तरह सुरक्षित और प्राकृतिक है, क्योंकि यह विभिन्न जड़ी-बूटियों से बनती है. इसके अलावा, यह शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों की कमी दूर कर शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करती है. हालांकि, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए. यदि आप पहली बार वृद्धिवाधिका वटी का उपयोग करने जा रहे हैं, तो डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य लें.

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