आंखें हमारे शरीर का अहम अंग हैं और इनमें दर्द किसी बड़ी परेशानी को जन्म दे सकता है। आंख में दर्द कई कारणों से होता है और इसको नजरअंदाज करना बहुत भारी पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, आंख में दर्द का सीधा मतलब दर्द नहीं होता है यानी आंख में दर्द कई तरह से हो सकता है जैसे - आंख में जलन, चुभन, आंख का फड़फड़ाना या अचानक उठने वाला तेज दर्द या हमेशा यह महसूस होते रहना कि आंख में कुछ है।’ अगर दर्द स्थायी और तीव्र हो या इसके साथ आंखों की रोशनी कम हो गई हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यहां जानिए आंखों में दर्द के संकेत और इसे दूर करने के उपाय -

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आंख में दर्द के संकेत
आंखों में दर्द का सबसे बड़ा और सामान्य संकेत सिरदर्द या सिर का भारी होना है। इसके अलावा आंख या इसके आस-पास दर्द, जलन, नजर कमजोर पड़ना, दो-दो चीजें दिखना (दोहरी दृष्टि), रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, जहां से रोशनी या लाइट आ रही है वहां धुंधला दिखना या कौंध होना, हवा में बुलबुले, धब्बे या छाया दिखना, आंखों को घुमाने में अक्षमता या आंखों को घुमाने में दर्द, आंख से पानी बहना भी आंख से जुड़े संकेत हैं।’

आंख में दर्द के कारण
आंखों या इसके आसपास दर्द के कई कारण हो सकते हैं। कुछ आम कारण हैं - कंजक्टिविटी (पिंक आई) या पलकों में सूजन, कॉन्टेक्ट लेंस कंप्लीकेशन्स, आंखों में बाहरी किसी चीज का होना, संक्रमण, चोट, कॉर्निया पर चोट या घाव (बाहरी कोई चीज), ग्लूकोमा (आंखों पर दबाव बढ़ना), पलक पर फुंसी (होर्डिओलम)।

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आंख दर्द होने पर कब डॉक्टर से मिलना चाहिए
यदि देखने में अचानक परेशानी शुरू हो गई है, आंख में दर्द के साथ पेट में दर्द हो रहा है, उल्टी आ रही है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क साधना चाहिए। आंख में सामान्य दर्द होने पर पहले घरेलू उपाय किया जा सकता है, लेकिन परेशानी लंबे समय से बनी हुई है या बार-बार आ रही है तो लापरवाही करने के बजाए डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर को बताएं कि दर्द कब शुरू हुआ, कहां दर्द है, कितनी देर तक रहता है, किस वजह से दर्द बढ़ता या घटता है, क्या आप कॉन्टेक्ट लेंस का उपयोग करते हैं, पहले आंखों में कोई चोट लगी है या कोई सर्जरी हुई है तो उससे जुड़ी जानकारी जरूर दें। डॉक्टर आंखों की पूरी जांच करेंगे और जरूरी इलाज करेंगे।

असल समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ तरह की जांच करवाते हैं जैसे - ऑप्थेल्मोस्कोप के द्वारा आंखों की जांच, स्लिट लैंप परीक्षण (इससे पता चलता है कि कॉर्निया में घर्षण या अल्सर/घाव तो नहीं है), अगर ग्लूकोमा का संदेह हो तो स्लिट लैंप या टोनोपेन् नाम के उपकरण से जांच की जाती है। इसके अलावा फ्लोरेसिन जांच होती है। इसमें आंख में फ्लोरेसिन नाम की दवा डाली जाती है, जिससे घर्षण, घाव या कॉर्निया में किसी तकलीफ का पता लगाया जा सकता है।

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जर्नल ऑफ न्यूरो-ऑप्थेल्मोलॉजी की सितंबर 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, आंख में दर्द का कारण न्यूरोलॉजिकल भी हो सकता है। इसलिए समस्या बढ़ने पर नेत्र विशेषज्ञ के साथ ही न्यूरोलॉजिकल टेस्ट भी करना चाहिए।

आंख में दर्द हो तो करें ये घरेलू उपाय
आंख में दर्द या अन्य समस्याओं से जुड़े कई घरेलू उपाय भी मौजूद हैं। मसलन -

  • आंखों की थकान और जलन दूर करने के लिए खीरे का इस्तेमाल किया जाता है। खीरा काटकर आंखों पर रखने से ठंडक मिलती है। खीरे के पतले-पतले टुकड़े काटकर उन्हें फ्रिज में रख दें। कुछ देर के लिए इन टुकड़ों को आंखों पर रखकर लेट जाएं। ऐसा ही कच्चे आलू की स्लाइस करके भी कर सकते हैं। (और पढ़ें - आंखों की थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
  • कैस्टर ऑयल का उपयोग भी बहुत कारगर है। रूई के एक टुकड़े को कैस्टर ऑयल में डुबोकर हल्के हाथों से निचोड़ लें। इसके बाद इन्हें आंखों पर रखकर लेट जाएं। चाहें तो उंगलियों में कैस्टर ऑयल लगाकर हल्के हाथों से मसाज भी कर सकते हैं।
  • सबसे सामान्य इलाज है गुलाब जल का इस्तेमाल। गुलाब जल में रूई डुबोकर पैच बना सकते हैं और इन्हें आंखों पर रखकर लेट सकते हैं। गुलाब जल की एक या दो बूंद को आंखों में भी डालकर कुछ देर के लिए लेट सकते हैं। इससे आंखें साफ हो जाएंगी और थकान भी दूर हो जाएगी।
  • एक और देसी तरीका ठंडे दूध से आंखें साफ करना भी है। दूध में मौजूद कई तत्व आंखों के संक्रमण और थकान को दूर करने में मददगार होते हैं।

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