यह एक वनस्पति तेल है और इसका पौधा मूल रूप से अफ्रीका और भारत में पाया जाता है। अरंडी का वैज्ञानिक नाम रिसीनस कम्युनिस (Ricinus communis) है। भारत में अरंडी के तेल को कई नामों से जाना जाता है- तेलुगु में अमुदामु, मराठी में इरांदेला टेला, तमिल में अमानकु एनी, मलयालम में अवानाककेना और बंगाली में रिरिरा टेला। उपयोग के हिसाब से अरंडी तेल एक बहुत पुराना औषधीय तेल है जो कई समस्याओं के इलाज के रूप में उपयोग होता है। इस तेल को बनाने के लिए इसके बीजों का उपयोग किया जाता है, इसके बीजो को दबाकर तेल निकाला जाता है। लेकिन इसके सूजन को कम करने और जीवाणुरोधी गुणों के कारण यह तेल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, वस्त्र, मालिश तेलों और प्रतिरक्षा प्रणाली, फंगल संक्रमण का इलाज, त्वचा पिग्मेंटेशन का इलाज, बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करना, मुंहासों का इलाज करना और आंखों के इलाज में इस्तेमाल होता है। यहां तक कि दवाओं में प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह आपकी त्वचा, बालों और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल, थोड़ा गाढ़ा और दिखने में हल्के पीले रंग का होता है। अरंडी के तेल में रेजिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) और कई अन्य फैटी एसिड शामिल होते हैं जिनमें कुछ ऐसे गुण होते हैं जो इसे विशेष रूप से चेहरे के लिए उपयोगी बनाते हैं।

  1. अरंडी के तेल के फायदे - Castor oil ke Fayde in Hindi
  2. अरंडी का तेल उपयोग करने का सही तरीका - Right way to use Castor oil in Hindi
  3. अरंडी के तेल के अन्य फायदे - Other benefits of Castor oil in Hindi
  4. बच्चों के लिए अरंडी के तेल के नुकसान - Baccho ke Liye Arandi ke Tel ke Nuksan in Hindi
  5. बच्चों के लिए अरंडी के तेल के फायदे - Bachon ke Liye Castor oil ke Fayde in Hindi
  6. अरंडी के तेल के नुकसान - Arandi ke Tel ke Nuksan in Hindi

अरंडी के तेल के गुण हैं लंबे बालों के लिए - Arandi Oil for Hair Growth in Hindi

केस्टर ऑयल बालों के विकास को बढ़ाने के लिए एक अच्छा उपाय है। इसके साथ सिर की मालिश करने से आपको घने और लंबे बाल मिल सकते हैं। यह तेल रोम के रक्त परिसंचरण को बढ़ा देता है, जिससे बालों का विकास तेज हो जाता है। तेल में ओमेगा 9 आवश्यक फैटी एसिड है जो बालों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। स्कॅल्प संक्रमण बालों के पैच, रूसी और खुजली जैसी प्रमुख बाल समस्याओं का कारण हो सकता है। अरंडी का इस्तेमाल करके इन समस्याओं से छुटकारा पाया सकता है।

(और पढ़े - बालों को लम्बा करने का तरीका)

एरंड के तेल का उपयोग पीठ दर्द के लिए - Castor oil ke Fayde for Backache in Hindi

पीठ दर्द के इलाज के लिए अरंडी ऑयल सबसे अच्छा प्राकृतिक उपाय है। अपनी पीठ पर अरंडी के तेल से मालिश करना किसी भी दर्द और कठोरता से छुटकारा पाने का एक स्वाभाविक तरीका है। अपनी पीठ के दर्द स्थान पर अरंडी का तेल लगाएँ, इसके बाद एक साफ और मुलायम कपड़े के साथ क्षेत्र को कवर कर लें, इसके अलावा आप इस क्षेत्र को प्लास्टिक के साथ कवर कर सकते हैं। एक घंटे के लिए पीठ पर एक गर्म पानी के थैली को रखें। तीन दिनों के बाद इस प्रक्रिया को फिर दोहराएं। पीठ दर्द के लिए अरंडी ऑयल का उपयोग करना एक आसान और सुरक्षित घरेलू उपाय है। बेशक, इस क्षेत्र को प्लास्टिक के साथ कवर करने में थोड़ी परेशानी होती है और इसे लंबे समय तक आपको शरीर में बांधना पड़ता है, लेकिन इसका परिणाम बहुत ही अच्छा होता है। 

(और पढ़े - पीठ दर्द का घरेलू उपाय)

कैस्टर ऑयल बनाए प्रतिरक्षा को मजबूत - Castor Oil Boosts the Immune System in Hindi

नेचुरोपैथी (Naturopathy) चिकित्सकों का मानना है जब इसका ऊपरी त्वचा पर उपयोग किया जाता है तब अरंडी का तेल प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। यह आपके शरीर के रक्षा तंत्र को भी बढ़ाता है। बाहरी रूप से इस्तेमाल करने पर टी -11 कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है, जो शरीर में रक्षा तंत्र में वृद्धि करती है। टी -11 कोशिकाओं में रोगजनकों और विषाक्त पदार्थों के खिलाफ एंटीबॉडी होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

(और पढ़े - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ)

गठिया का इलाज है अरंडी का तेल - Castor Oil Benefits for Arthritis in Hindi

गठिया के कारण दर्द का इलाज करने के लिए अरंडी का तेल एक बहुत अच्छा उपाय है। अरंडी का तेल जोड़ो और ऊतको के दर्द से राहत प्रदान कर सकता है। एक कपड़े का टुकड़ा लें और उसे अरंडी के तेल में भिगोएँ। अतिरिक्त तेल को दबाकर निकाल दे और प्रभावित जोड़ो पर कपड़ा रखें। एक प्लास्टिक रॅप से इस कवर करें। अब इस पर एक गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड रखें और एक घंटे के लिए लगाकर छोड़ दें। अरंडी तेल में मौजूद सूजन को कम करने वाले गुणों की वजह से यह जोड़ों के दर्द, तंत्रिका सूजन और गले की मांसपेशियों को राहत देता है।

(और पढ़ें - गठिया का घरेलू उपाय)

अरण्डी का तेल है घावों को भरने में प्रभावी - Castor Oil for Wound Healing in Hindi

अरंडी का तेल कट्स और खरोंच पर एक अच्छे एंटीसेप्टिक (Antiseptic) के रूप में काम करता है। अध्ययनों से पता चला है कि जिन मरहम में अरंडी का तेल मौजूद होता है वे विशेष रूप से अल्सर (एक प्रकार का घाव) को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं। इसके रोगाणुरोधी गुण छोटे कट्स और खरोंच के उपचार के लिए इस प्रभावी बनाते हैं। और क्योंकि इसमें सूजन को कम करने वाले गुण हैं तो यह दर्द को दूर करने में भी मदद करता है। बहुत लोगों में ऐसा पाया है कि जिनके घावों का अरंडी के तेल के साथ इलाज किया गया, उन्हें अन्य उपचारों के मुकाबले कम समय में ज्यादा अच्छे परिणाम का अनुभव हुआ है।

(और पढ़ें - घाव ठीक करने के उपाय)

 

 

अरंडी के तेल का उपयोग करे दाद का इलाज - Castor Oil to Treat Ringworm in Hindi

अरंडी का तेल प्रभावी ढंग से सभी आयु समूहों के लोगों में दाद जैसी एक आम और जिद्दी समस्या का इलाज करता है। 2 चम्मच अरंडी तेल और 4 चम्मच नारियल तेल को मिक्स करके दाद वाली जगह पर लगाएँ। इस तेल में अंडरएलेनेनिक एसिड नामक एक सक्रिय यौगिक पाया जाता है जो दाद के उपचार में मदद करता है।

(और पढ़े - दाद का घरेलू उपाय)

अरंडी के तेल के लाभ रोके सफेद बालों को - Castor Oil for Premature Grey Hair in Hindi

यदि आपके बालों ने सफेद होने के संकेत दिखाना शुरू कर दिए हैं, तो एरंड का तेल लगाने से आपके बालों के रंग को खोने से रोका जा सकता है। एरंडर ऑयल का प्रयोग, समय से पहले बालों के सफेद होने को रोकने के लिए एक लोकप्रिय तरीका है। यह आपके बालों का रंग बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा अरंडी का तेल शुष्क और क्षतिग्रस्त बालों के उपचार में बहुत उपयोगी हो सकता है।

(और पढ़े - सफेद बालों को काला करने के उपाय)

कैस्टर ऑयल के फायदे हैं स्ट्रेच मार्क्स के लिए - Castor Oil Uses for Stretch Marks in Hindi

स्ट्रेच मार्क्स आम तौर पर गर्भावस्था के कारण होते हैं। अधिक लोचदार त्वचा का मतलब है कम स्ट्रेच मार्क्स होना। अरंडी का तेल फैटी एसिड में समृद्ध हैं इसलिए गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों के दौरान इसका उपयोग किया जाता है जो स्ट्रेच मार्क्स होने से रोक सकता है। अरंडी का तेल फैटी एसिड में समृद्ध है। जब यह गर्भावस्था के अंतिम दो महीनों के दौरान प्रयोग किया जाता है, तो यह खिंचाव के निशान को रोक सकता है। अरंडी के तेल को हाथ पर रखें और प्रभावित हिस्से पर 15-20 मिनट तक मसाज करें। अच्छा परिणाम पाने के लिए इस प्रक्रिया को रोज़ करें। 

(और पढ़े - स्ट्रेच मार्क्स हटाने का तरीका)

अरण्डी के तेल का उपयोग मिटाए दाग धब्बों को - Castor Oil for Face Blemishes in Hindi

अरंडी के तेल का उपयोग अक्सर काले धब्बों और निशानों के लिए किया जाता है। अरंडी के तेल में मौजूद फैटी एसिड की मदद से यह चेहरे को साफ़ करता है। ये फैटी एसिड त्वचा के स्कार टिश्यू (Scar tissue) में प्रवेश करते हैं और इसके चारों ओर स्वस्थ टिश्यू का विकास करते हुए इसे बाहर निकाल देते हैं। यह धीरे-धीरे काम करता है और इसलिए प्रमुख परिणाम देखने के लिए इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें - काले दाग हटाने के घरेलू उपाय)

एरंड का तेल है त्वचा मॉइस्चराइज़र - Castor Oil for Moisturizing Skin in Hindi

अरंडी के तेल में रिकिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) और अन्य ऐसे फैटी एसिड पाए होते हैं जो त्वचा को नरम बनाने में मदद करते हैं। अरंडी का तेल आपको चिकनी और कोमल त्वचा प्रदान करता है। इसलिए यदि आप एक सस्ते और प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर की तलाश में है तो अरंडी का तेल सबसे बेहतर है। आप अच्छी तरह से अपने चेहरे को साफ कर लें और इस तेल से धीरे धीरे मालिश करें। यह तेल एक अद्भुत मॉइस्चराइज़र है जो अत्यधिक सुखी त्वचा को निकालने में मदद करता है। 

(और पढ़े - त्वचा की देखभाल कैसे करें)

एरंडेल तेल का उपयोग करे मुहाँसो को दूर - Castor Oil Cures Acne in Hindi

जिन लोगों की मुँहासे वाले त्वचा होती है वो ज्यादातर तेलों से दूर भागते है क्योंकि तेल रोम छिद्रों और उनकी समस्या को बढ़ाते हैं। अरंडी के तेल का प्रयोग मुँहासे को कम करने में लाभकारी साबित हो सकता है। इसके लिए गर्म पानी से अपना चेहरा धो लें यह आपके छिद्र को खोलने में मदद करेगा। फिर तेल से परिपत्र गति में अपने चेहरे की मालिश करें और रातभर लगाने के बाद अगले दिन ठंडे पानी से अपना चेहरा धो लें। अरंडी का तेल राइसिनोलिक एसिड में समृद्ध है जो मुँहासे से उत्पन्न बैक्टीरिया से लड़ता है। यह प्रभावी रूप से त्वचा की परतों में प्रवेश करता है, जिससे यह मुँहासो के लिए यह एक उत्कृष्ट उपाय है।

(और पढ़ें - मुँहासे का घरेलू उपाय)

कैस्टर तेल रोकें त्वचा को बूढ़ा होने से - Castor Oil for Anti Aging in Hindi

त्वचा के लिए अरंडी के तेल के अद्भुत लाभ में से एक है कि यह त्वचा को बूढ़ा होने से रोक सकता है। अरंडी के तेल को जब त्वचा पर लगाया जाता है तो यह त्वचा के अंदर गहराई से प्रवेश करता है और कोलेजन और ईलेस्टिन के उत्पादन को बढ़ाता है। यह बदले में त्वचा को नरम करने और हाइड्रेट करने में मदद करता है। यह झुर्रियाँ और फाइन लाइन्स की उपस्थिति को कम करता है और त्वचा को चिकनी, नरम बनाता है। चेहरे की सारी अशुद्धियाँ हटाने के लिए मुँह को पहले अच्छी तरह पानी से धो लें और पौंछ लें, अब अरंडी के तेल को चेहरे पर थोड़ा-थोड़ा करके लगाएं और चेहरे पर अच्छे से मसाज करें। इस प्रक्रिया को रोज़ रात में सोने से पहले करें और प्रभावशाली असर देखें।

(और पढ़े – झुर्रियों के लिए फेस पैक)

अरंडी के तेल के फायदे हैं त्वचा की सूजन के लिए - Castor Oil for Inflamed Skin in Hindi

अरंडी के तेल में पाए जाने वाले एक मुख्य फैटी एसिड, रिकिनोलिक एसिड ((Ricinoleic acid)) में प्रभावशाली गुण मौजूद होता है जो सूजन को कम करने का काम करता है। अध्ययन के अनुसार अरंडी का तेल सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। त्वचा की सूजन का उपचार करने के लिए केस्टर ऑयल एक वरदान है जो सनबर्न, मुँहासे और सूखी त्वचा के कारण हो सकती है। इसके लिए आप केस्टर ऑयल में कॉटन बॉल को डुबोकर प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। इसे एक घंटे के बाद धो लें। केस्टर ऑयल में उपचार करने वाले गुण होते हैं जो कि सभी तरह की त्वचा की सूजन में मदद करते हैं। 

(और पढ़े - आंखों की सूजन कम करने का उपाय)

  • अरंडी का तेल दाद के इलाज में भी उपयोग हो सकता है। 2 चमच अरंडी के तेल को 4 चमच नारियल के तेल में मिलाएं और उसे दाद पर हलके हाथों से लगाएं। 
  • शैम्पू करने के बाद 1 चमच अरंडी के तेल को बालों में लगाएं। यह आपके बालों को मुलायम करता है। 
  • अरंडी के तेल की कुछ बूंदों में हाथ में रखें और चेहरे की मसाज करें, यह आपकी त्वचा पर मॉइस्चराइजर का काम करेगा।
  •  अपने मुँह को गरम पानी से धोएं और अरंडी के तेल को चेहरे पर लगाएं, रातभर इसे ऐसे ही रहने दें और सुबह ठंडे पानी से मुँह धो लें। इससे आपके चेहरे के मुहांसे कम होंगे।
  • अरंडी का तेल सूजन को भी कम कर सकता है। तेल की कुछ बूंदों को हाथ में रखें और पीड़ित हिस्से पर तेल की मालिश करें।

(और पढ़ें - सूजन कम करने का तरीका)

(और पढ़ें -

जैसे की आप सभी लोग जानते ही हैं, एक सिक्के के दो पहलू होते हैं: यदि अरंडी के तेल के अनेक फायदे हैं, तो नुक्सान भी हैं। जिस पेड़ के बीज से अरंडी के तेल का उत्पादन किया जाता है, उस पेड़ में एक विषाक्त प्रोटीन होता है। हालांकि इसका आज तक कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं देखा गया है, पर फिर भी आपको इसका इस्तेमाल शिशु के मुँह या फिर आँख के आस-पास क्षेत्र पर नहीं करना चाहिए।

तो है ना अरंडी का तेल आपके शिशु के स्वास्थ्य का राज़!

ना जाने कितने ही युगों से अरंडी का तेल शिशुओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए वरदान माना गया है। प्राचीन युग में जब चिकित्सक प्रणाली उतनी विकसित नहीं थी, अरंडी का तेल शिशु स्वास्थ्य हेतु दादी माँओं के लिए सर्वोप्रिय होता था। इस तेल के बहु-मुख्य लाभ हैं और यही वजह है कि अच्छी गंध ना होने पर भी यह घर-घर में इस्तेमाल किया जाता था। तो आइये हम भी जानें इसकी लोक-प्रियता का कारण:

बच्चों को मांसपेशियों के दर्द से दिलाए आराम कैस्टर ऑयल - Castor oil for muscle pain in babies in hindi

चूँकि शिशु की मांशपेशियां विकसित हो रही होती हैं, इसलिए उनमें दर्द होता है। परंतु एक माँ अपने अंश को पीड़ा में कैसे देख सकती है, इसलिए अरंडी के तेल के पास माँ की इस पीड़ा का भी हल है। अरंडी के तेल से मालिश करने से माशपेशियों में हो रहा दर्द चंद पलों में फुर्र हो जाता है और शिशु फिर से अपनी मनोहर मुस्कान से पुरे घर को आनंदित कर देता है।

(और पढ़ें - मांसपेशियों के दर्द का उपचार)

शिशुओं को कोलिक पेन से राहत दिलाने में है लाभदायक अरंडी का तेल - Castor oil massage for colic pain in hindi

कई बार जब दो हफ्ते से चार महीने तक का बच्चा अकारण ही दिन में एक या दो बार कुछ घंटे लगातार रोता है, तो ऐसे में बच्चे के रोने का कारण मुख्य रूप से कोलिक पेन कहलाता है। ऐसे में बच्चे के पेट में गैस इकट्ठा होने के कारण बच्चा रोने लगता है। शिशुओं में कोलिक पेन (उदरशूल) में पीड़ा होना बहुत ही आम बात है और अरंडी का तेल कोलिक पेन में होने वाली पीड़ा का एक सफल प्राकृतिक उपचार है। इस पीड़ा का उपचार करने के लिए गैस पर एक कटोरे में पानी उबालने के लिए चढ़ा दें। अरंडी के तेल की बोतल के ढक्कन को खोल कर उस पानी में आधा डुबा दें और उसे गर्म होने दें। तेल बहुत अधिक गर्म ना हो, बस हल्का गर्म होने पर नम्र हाथों से बच्चे के पेट की मालिश करें। इससे बच्चे को हो रही पीड़ा से राहत मिलेगी। 

(और पढ़ें – पेट में गैस के घरेलू उपचार)

एरंड का तेल है बच्चों के लिए एक प्रभावी रेचक - Castor oil as laxative for babies in hindi

अरंडी के बीज बहुत ही प्रभावी एवं प्रसिद्ध रेचक हैं जो मल-त्याग क्रिया को उत्तेजित एवं नियमित करने के लिए जाने जाते हैं। इसकी दुर्गन्ध की वजह से बड़े (वयस्क) लोग इसका सेवन कैप्सूल के रूप में करते हैं और बच्चे तरल रूप में। परंतु यदि आप इसे शिशु के मलद्वार के आस-पास क्षेत्र पर लगा देंगे तो शिशु को मल-त्यागने में अति सरलता महसूस होगी।

(और पढ़ें - कब्ज का इलाज)

अरण्डी के तेल का उपयोग करता है बच्चों के बालों का विकास - Castor oil for baby hair in hindi

शिशुओं की त्वचा एवं बाल बहुत ही सूक्ष्म होते हैं और इन पर रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित उत्पादों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं होता। अरंडी का तेल ना केवल त्वचा के लिए फायदेमंद है अपितु यह बालों को जड़ों से सिंचित कर उन्हें सुन्दर, घना व मज़बूत बनाता है। बस थोड़ा सा तेल अपने हाथ में लें, उससे शिशु के सिर की प्यार से मालिश करें और अपने बच्चे को स्वस्थ एवं मज़बूत बाल प्रदान करें। अरण्डी का तेल बालों को तो पोषित करता ही है, साथ ही यह सिर की त्वचा का भी संरक्षण करता है। यह उसे पोषित एवं मोइस्चराइज़ कर बालों के विकास को बढ़ाता है। यह बैक्टीरियल एवं फंगल इन्फेक्शन से लड़कर सिर की त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे डैंड्रफ, दोमुंहे बाल इत्यादि सम्यसाओं का भी हल हो जाता है और बालों में एक प्राकृतिक ग्लो आता है।

(और पढ़ें - हेयर फॉल टिप्स)

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बच्चों में कैस्टर ऑयल का फायदा बचाए डायपर के रैशेस से - Castor oil for diaper rash in hindi

पहले के ज़माने में माताएँ अपने बच्चों को सूती कपड़े का लंगोट पहनाती थीं और चूँकि सूती कपड़ा एक प्राकृतिक उत्पाद है, इससे बच्चों को भी कोई हानि नहीं पहुंचती थी। परंतु ज़माना बदल गया है और सूती कपड़ों के लंगोट की जगह डाइपर ने ले ली है। आज कल के युग में शिशुओं का डायपर पहनना बहुत ही आम बात हो गई है। परंतु यह शिशु की त्वचा के लिए उपयुक्त नहीं होता है और शिशु की त्वचा पर रैशेस (rashes) हो जाती हैं। अरंडी के तेल में उंडिक्लेनिक एसिड (undecylenic acid) बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है जो फंगल और बैक्टीरियल संक्रमणों (infections) से लड़ने के लिए प्रसिद्ध है। तेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से, यह शिशुओं की त्वचा में डायपर की वजह से हो रही खुजली और जलन से राहत दिलाता है और उनकी त्वचा को पोषित भी करता है। यह विकृत त्वचा (Blemished skin) को भी ठीक करने में सक्षम है।

(और पढ़ें - डायपर रैश के उपचार)

अरंडी के तेल करता है बच्चों की त्वचा को नमी प्रदान - Castor oil for baby skin in hindi

त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए बरसों से माताओं की लिस्ट में अरंडी के तेल का प्रथम स्थान पर रहा है। अरण्डी का तेल अपने सर्वागीण एवं बहु-मुख्य लाभों की वजह से जाना जाता है। अरंडी के तेल से मालिश करने से ना केवल शिशुओं की त्वचा मोइस्चराइज़ होती है अपितु उनकी त्वचा में एक अनोखा सा ग्लो भी आ जाता है। बच्चों की त्वचा बहुत ही शुष्क होती है, विशेष रूप से नाख़ून, ऊसन्धि (पेट और जांघ के बीच का भाग), मलद्वार एवं जनन-अंग का आस-पास क्षेत्र। अरंडी के तेल से मालिश करने से शुष्क त्वचा पोषित हो जाती है और त्वचा खूबसूरत और मुलायम बन जाती है। यह शिशुओं को चकत्ते (rashes), रूखी व बेजान त्वचा से होने वाली असुविधा से राहत दिलाता है। यह शिशुओं को किसी भी प्रकार के त्वचा सम्बंधित समस्याओं से दूर रखता है और यही कारण है कि दादियों को यह तेल अति-प्रिय होता है।

(और पढ़ें - त्वचा रोग का इलाज)

वैसे तो अरंडी के तेल में भरपूर फ़ायदे हैं लेकिन फिर भी अरंडी के तेल के कुछ नुकसान हो सकते हैं जैसे:

  •  इसकी गर्म प्रकृति के कारण, अरंडी के तेल के अधिक सेवन से दस्त या पेचिश हो सकता है। (और पढ़ें –  दस्त का घरेलू इलाज)
  •  अरंडी के तेल के साथ अन्य आम साइड इफेक्ट्स हैं - पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, चक्कर आना।
  •  यह गर्भावस्था के दौरान इसके संकेत विपरीत हैं और स्तनपान करने वाली माताओं और बच्चों को यह डॉक्टर की सलाह के अनुसार देना चाहिए।
  •  स्किन पर रैश, खुजली और सूजन इसके मुख्य लक्षण होते हैं। इसलिए यदि आपको इस आयिल से एलर्जी है तो इसे कभी भी उपयोग ना करें। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
  •  अपने गर्म प्रकृति के कारण यह डिलीवरी जल्दी करवा सकता है और इसके अधिक सेवन से कुछ गर्भपात के मामले भी देखे गए हैं।
     

उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें अरण्डी का तेल है

संदर्भ

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