ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस - Glomerulonephritis in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

November 05, 2018

November 20, 2020

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस क्या है?

किडनी के ग्लोमेरूली में सूजन को ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis/ GN) कहा जाता है। ग्लोमेरूली सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं से बना गुच्छा होता है। ग्लोमेरूली रक्त को साफ करने व शरीर के अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर करने का काम करता है।

यदि ग्लोमेरूली क्षतिग्रस्त हो जाए तो इससे किडनी सही तरह से कार्य नहीं कर पाती है और इसकी वजह से व्यक्ति को किडनी फेलियर भी हो सकता है। कभी-कभी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस को नेफ्राइटिस (Nephritis) भी कह दिया जाता है। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस एक गंभीर और घातक रोग है, जिसका तुरंत इलाज करना जरूरी होता है।

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ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षण क्या हैं?

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षण मुख्य रूप से स्थिति के अंदरूनी कारण, गंभीरता और इस पर निर्भर करती है कि रोग कितने समय से है। यदि यह रोग लंबे समय से चल रहा है, तो इसे क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस कहा जाता है और अचानक से होने वाली स्थिति को एक्युट ग्लोमेरुलोनेफ्राटिस कहा जाता है। कुछ स्थितियों के अनुसार इसके निम्न लक्षण हो सकते हैं -

डॉक्टर को कब दिखाएं?

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस एक गंभीर रोग है और इससे होने वाले कुछ शुरुआती लक्षण सामान्य समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में लोग इन लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और बाद में स्थिति घातक हो जाती है। इसलिए यदि आपको ऊपरोक्त में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस क्यों होता है?

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किस कारण से होता है अभी इसके पीछे की सटीक वजह के बारे में विशेषज्ञ पता नहीं लगा पाए हैं। लेकिन कुछ अध्ययनों में यह पता चला है कि यह कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले संक्रमणों के कारण ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस हो सकता है जैसे वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल संक्रमण आदि। बैक्टीरियल संक्रमण में आमतौर पर स्ट्रेप्टोकॉकल नामक बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण ही ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का कारण बनते हैं जैसे स्ट्रेप थ्रोट आदि। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का कारण बनने वाले वायरल संक्रमणों में आमतौर पर हेपेटाइटिस व एचआईवी एड्स आदि शामिल हैं।

इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाले कुछ रोग भी हैं, जो ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का कारण बन सकते हैं। इन रोगों को ऑटोइम्यून रोग कहा जाता है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के स्वस्थ ऊतकों और कोशिकाओं को ही क्षति पहुंचाने लगती है। ऑटोइम्यून रोगों में निम्न शामिल हैं -

  • लुपस
  • गुडपैस्चर सिंड्रोम
  • आईजीए नेफ्रोपैथी

(और पढ़ें - गुर्दे के संक्रमण का इलाज)

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस​ का इलाज कैसे होता है?

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस का इलाज उसके अंदरूनी कारणों, रोग की गंभीरता और उसमें महसूस हो रहे लक्षणों के अनुसार किया जाता है। वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाले ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कुछ मामले, जो अधिक गंभीर नहीं होते हैं। डॉक्टर अक्सर इन मामलों का इलाज करना आवश्यक नहीं समझते हैं, क्योंकि ये कुछ निश्चित समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालांकि, इस दौरान लक्षणों को कम करने की दवाएं दी जा सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार इन मामलों में हाई बीपी जैसी समस्याएं भी देखी जा सकती हैं।

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के इलाज का सबसे मुख्य लक्षण गुर्दे में लगातार हो रही क्षति को रोकना होता है। इसके इलाज में कुछ मेडिकल थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्युट ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस और एक्युट किडनी फेलियर के मामलों में डायलिसिस का उपयोग किया जाता है। डायलिसिस एक मशीन होती है, जिसे शरीर से जोड़ा जाता है और यह शरीर से अपशिष तरल पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। इस मशीन की मदद के रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।

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संदर्भ

  1. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Glomerulonephritis.
  2. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Glomerulonephritis.
  3. National Kidney Foundation. [Internet]. New York, United States; What is Glomerulonephritis?.
  4. The American Kidney Fund. [Internet]. North Bethesda, Maryland, United States; Glomerulonephritis.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Glomerulonephritis.

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Glomerulonephritis in Hindi

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹494.0

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