पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी - Peripartum Cardiomyopathy in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

November 02, 2022

February 20, 2023

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी

गर्भावस्था में महिला को अपना ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. इस दौरान उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्या होने का जोखिम बना रहता है. इनमें से कुछ सामान्य होती हैं, तो कुछ जोखिम भरी. इन्हीं में से एक है पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी. यह समस्या गर्भावस्था के आखिरी महीने में या डिलीवरी के बाद हाे सकती है. यह समस्या अधिक वजन होने या डायबिटीज के कारण हो सकती है. इस अवस्था में महिला को टखनों में सूजन या फिर सांस लेने में परेशानी महसूस हो सकती है.

हृदय रोग का इलाज जानने के लिए आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करें.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के लक्षण, कारण व इलाज क्या-क्या हैं -

(और पढ़ें - हृदय रोग से बचने के उपाय)

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी क्या है? - What is Peripartum Cardiomyopathy in Hindi

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी एक दुर्लभ प्रकार की हार्ट फेलियर की स्थिति है. यह समस्या प्रेगनेंसी के वक्त या प्रसव के तुरंत बाद हो सकती है. इस स्थिति में हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हृदय के आकार को बढ़ा देती है. नतीजतन, हृदय शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड ठीक से पंप नहीं कर पाता है. इसका पता गर्भावस्था के अंतिम महीने के दौरान या प्रसव के 5 महीने के भीतर चलता है.

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के लक्षण - Peripartum Cardiomyopathy Symptoms in Hindi

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के लक्षण हार्ट फेलियर के लक्षणों के समान ही हो सकते हैं. जो इस प्रकार हैं -

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए प्राणायाम)

आयरन की कमी, एनीमिया, थकान जैसी समस्या के लिए Sprowt Vitamin B12 Tablets का उपयोग करें -

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के कारण - Peripartum Cardiomyopathy Causes in Hindi

गर्भावस्था के दौरान महिला का हृदय 50 प्रतिशत अधिक रक्त पंप करता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि गर्भवती महिला के साथ-साथ होने वाले शिशु को भी ऑक्सीजन व महत्वपूर्ण पोषक तत्व की जरूरत होती है. पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी का कोई निश्चित कारण नहीं है. डॉक्टरों का मानना ​​​​है कि यह स्थिति तब होती है, जब रक्त की अतिरिक्त पंपिंग अन्य जोखिम कारकों के साथ मिलती है. इससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पैदा होता है. ये जोखिम कारक निम्न प्रकार से हैं -

(और पढ़ें - हृदय रोग में क्या खाएं)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Medarodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को वजन कम करने के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी का इलाज - Peripartum Cardiomyopathy Treatment in Hindi

अगर किसी महिला को पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी है, तो डॉक्टर समस्या को नियंत्रित करने के लिए निम्न प्रकार की दवाएं दे सकते हैं -

  • बीटा-ब्लॉकर्स - ऐसी दवाइयां जो रक्तचाप को कम करती हैं और एड्रेनालाईन हार्मोन को ब्लॉक करके रक्त प्रवाह में सुधार करती हैं.
  • डिजिटलिस - इससे हृदय मजबूत होता है, ताकि पंपिंग और सर्कुलेशन की प्रक्रिया सामान्य हो सके.
  • मूत्रवर्धक - ये दवाएं शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक को हटाकर रक्तचाप को सामान्य कर सकती हैं.

दवाओं के अलावा डॉक्टर डाइट में बदलाव करने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे कि सोडियम की मात्रा कम करना. इसके अलावा, डॉक्टर गर्भवती महिला को किसी विशेष तरह की शारीरिक गतिविधि बंद करने, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और वजन चेक करने और समय-समय पर चेकअप करवाने के लिए कह सकते हैं. कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी कर बैलून हार्ट पंप लगाया जा सकता है या फिर हार्ट ट्रांसप्लांट तक किया जा सकता है.

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए योगासन)

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी का जोखिम कैसे कम करें? - How to Reduce the Risk of Peripartum Cardiomyopathy in Hindi

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के जोखिम को जीवनशैली में बदलाव करके कम किया जा सकता है. ये कुछ इस प्रकार है -

  • लो फैट डाइट
  • सीमित मात्रा में नमक या नमक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन 
  • नियमित व्यायाम, गर्भावस्था में व्यायाम से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें और किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही एक्सरसाइज करें. 
  • धूम्रपान से परहेज.
  • शराब के सेवन से परहेज.

(और पढ़ें - महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण)

सारांश – Summary

गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला को पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी की समस्या हो सकती है. लक्षण के तौर पर अधिक थकान और दिन की धड़कन का तेज होना शामिल है. वहीं, इसके पीछे मुख्य कारण कुपोषण व अधिक वजन आदि को माना गया है. ऐसे में इस लेख में बताए गए लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और किसी भी तरह की गंभीर जटिलता से बचना चाहिए. 

(और पढ़ें - कोरोनरी आर्टरी डिजीज का इलाज)



cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ