हृदय रोग या दिल की बीमारी में हमारे हृदय को प्रभावित करने वाली कई स्थितियां शामिल की जाती है। जैसे - रक्त वाहिका रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, जन्म से होने वाले हृदय दोष आदि। हृदय रोग की आशंका को कम करने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे कि आप क्या खा रहे हैं, क्या खाना जरूरी है और क्या न खाएं इत्यादि। इस लेख में हमने हृदय रोग में क्या खाएं, क्या न खाएं और परहेज के बारें में विस्तार से बताया है।

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तो चलिए जानते हैं हृदय रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं -

(और पढ़ें - हृदय रोग के कारण)

  1. ह्रदय रोग में क्या खाएं - Hriday rog me kya khaye
  2. ह्रदय रोग में क्या न खाएं - Hriday rog me kya na khaye
  3. ह्रदय रोग में परहेज - Hriday rog me parhej
  4. सारांश

हार्ट से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने से फायदा हो सकता है -

ह्रदय रोग में पिएं ग्रीन टी - Hriday rog me piye green tea

एक स्टडी का कहना है कि जो लोग पूरे दिन में दो कप ग्रीन टी पीते हैं, उनमें मृत्यु दर (mortality rate) का स्तर उन लोगों के मुकाबले 16% कम हो जाता है, जो ग्रीन टी कम पीते हैं। ग्रीन टी पीने से आपका हृदय स्वस्थ रहता है और हृदय रोग की समस्या नहीं होती।

(और पढ़ें - दिल की कमजोरी के इलाज)

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ह्रदय रोग में नट्स खाना चाहिए - Hriday rog me nuts khana chahiye

ड्राई फ्रूट्स में मोनोअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है जो हृदय तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि अगर आप मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स रोजाना खाते हैं तो कोरोनरी बीमारी का जोखिम लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है। यदि आप चीनी या अधिक ट्रांस फैट वाले स्नैक्स की जगह इन नट्स को खाते हैं तो यह प्रभाव अधिक लाभकारी हो सकता है। 

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ह्रदय रोग कम करने के लिए खाना चाहिए स्वस्थ प्रोटीन - Hriday rog kam karne ke liye khana chahiye swasth protein

मीट, चिकन, समुद्री भोजन, सूखी मटर, दाल, नट्स और अंडे - प्रोटीन, विटामिन बी, आयरन और अन्य विटामिन व खनिज पदार्थों के अच्छे स्रोत होते हैं। दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी, राइबोफ्लाविन और विटामिन एविटामिन डी के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। अगर आप चीज, दही और छाछ का इस्तेमाल करते हैं तो वे वसा मुक्त होने चाहिए या उनमें वसा कम होनी चाहिए।

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ह्रदय रोग में खाएं साबुत अनाज - Hriday rog khaye sabut anaj

साबुत अनाज फाइबर का बेहद अच्छा स्रोत है और इसमें कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं। हृदय रोग की डाइट में आप साबुत अनाज की मात्रा को बढ़ा भी सकते हैं।

ब्राउन ब्रेड, पास्ता, ब्राउन राइस, स्टार्च वाली सब्जियां जैसे मटर, आलू, मकई आदि खा सकते हैं। यह खाद्य पदार्थ विटामिन बी, आयरन और फाइबर से समृद्ध होते हैं। अधिक मात्रा में अनाज खाने से, खासकर रिफाइन ग्रेन फूड (जैसे वाइट ब्रेड, पास्ता आदि) से आपका वजन बढ़ सकता है, इसलिए सारी चीजों का सेवन बराबर मात्रा में करें।

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ह्रदय रोग कम करने के लिए खाएं फल और सब्जियां - Hriday rog kam karne ke liye khaye fal aur sabjiya

फल और सब्जियां हृदय को स्वस्थ बनाने के लिए बेहद जरूरी हैं। फल और सब्जियों में कई फाइबर, विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। कई फल और सब्जियों में फैट, कैलोरी, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होता है। ऐसे फल और हरी सब्जियों को पूरे दिन में कई बार खाएं।

फलों से फाइबर पाने के लिए जूस की जगह फलों को खा सकते हैं। सब्जियों को धोकर उन्हें काटकर फ्रिज में रख दें और फिर उन्हें पूरे दिन स्नैक की तरह खाते रहें। आप सब्जियों को उबालकर या कच्चा भी खा सकते हैं। इसके अलावा फलों को काटकर एक कटोरी में रखकर आराम से खाएं। साथ ही ऐसी रेसिपी का चयन करें जिनमें फल व सब्जियां सबसे ज्यादा हो जैसे सूप या मिक्स सलाद इत्यादि।

(और पढ़ें - हृदय रोग से बचने के उपाय)

हृदय रोग से ग्रस्त मरीज को इन चीजों से परहेज करना चाहिए -

ह्रदय रोग में न खाएं लाल मीट - Hriday rog me na khaye laal meat

कई तरह की मीट में पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए जरुरी नहीं है कि आप मीट पूरी तरह छोड़ दें। हालांकि, आपको लाल मीट की जगह मछली और चिकन, यानि वाइट मीट (White meat) खानी चाहिए। लाल मीट में अधिक मात्रा में सेचुरेडेड फैट होता है जिसके कारण आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

लाल मीट खराब नहीं होती है। लेकिन इसमें जिंक, विटामिन बी6, विटामिन बी12, एमिनो एसिड और आयरन वाइट मीट के मुकाबले अधिक होता है। अगर आप लाल मीट खाते हैं तो उसे बहुत कम मात्रा में खाएं।

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ह्रदय रोग में अंडे की जर्दी नहीं खानी चाहिए - Hriday rog me ande ki jardi

आजकल की डाइट में अंडों को खाने के लिए मना किया जाता है, क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में होता है। हालांकि, अंडे की जर्दी में सेचुरेटेड फैट होता है न कि अंडे के सफेद भाग में। सभी सेचुरेटेड फैट खराब नहीं होते और कुछ आपके शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।

अंडे की जर्दी या अंडे के बीच वाले भाग को खाना पूरी तरह से न छोड़े। क्योंकि उसमें विटामिन ए व विटामिन बी होता है और यह ऊर्जा देने में मदद करता है। अगर आप कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो अंडे की जर्दी को कम मात्रा में खाएं।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय​)

ह्रदय रोग में ट्रांस फैट न खाएं - Hriday rog me trans fat na khaye

विभिन्न अध्ययनों का यही निष्कर्ष है कि ट्रांस फैट हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है। ट्रांस फैट प्रोसेस्ड और पैकेट बंद उत्पादों में पाया जाता है। खासकर उन उत्पादों में जिन्हें लंबे वक़्त तक रखा जाता है। ट्रांस फैट का स्तर जानने का सबसे आसान तरीका है कि आप उत्पाद के लेबल पर 'हाइड्रोजेनेटेड आयल' लिखा हुआ देखें। ध्यानपूर्वक उत्पाद पर लिखे लेबल को पढ़ें और हाइड्रोजेनेटेड आयल लिखे उत्पादों को जितना हो सके उतना कम खरीदें। 

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ह्रदय रोग में नहीं खाना चाहिए चीनी और नमक - Hriday rog me nahi khana chahiye cheeni aur namak

खाने में नमक बेहद जरूरी सामग्री माना जाता है। इससे आपके खाने में स्वाद बढ़ जाता है। हालांकि अधिक नमक खाने से आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही अधिक मात्रा में चीनी भी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। अधिक मात्रा में सोडियम और चीनी खाने से हाई बीपी की समस्या होती है। रोजाना आपको सोडियम की 1500 मिलीग्राम से कम मात्रा का ही सेवन करना चाहिए।

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ह्रदय रोग होने पर कुछ काम की बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जैसे -

तंबाकू का इस्तेमाल न करें

तंबाकू का उपयोग ह्रदय रोग और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा देता है। धूम्रपान करने से ह्रदय और रक्त वाहिकाएं खराब हो जाती हैं, जिससे ह्रदय रोग से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं जैसे ट्राइग्लिसराइड्स और हार्ट अटैक। साथ ही, निकोटीन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है। जो व्यक्ति धूम्रपान नहीं करते हैं और वो धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के सम्पर्क में आते हैं तो उनमें भी ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है।

(और पढ़ें - नशे की लत के इलाज)

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शराब न पिएं

शराब पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। शराब पीने से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी बढ़ जाता है, यह कोलेस्ट्रॉल का एक रूप है, जो कि आपकी धमनियों को सख्त बना देता है।

(और पढ़ें - शराब की लत के कारण)

मोटापा कम करें

मोटापे का मतलब शरीर पर अत्यधिक चर्बी। मोटापे में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है। साथ ही मोटापे से हाई ब्लड प्रेशर और शुगर भी हो सकता है। मोटापा कम करने के लिए अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर करें और स्वस्थ डाइट को अपनाएं। इस तरह आपका ह्रदय रोग का जोखिम कम होगा।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

शारीरिक गतिविधियां करें

पर्याप्त शारीरिक गतिविधियां न करने से ह्रदय रोग हो सकता है। इससे अन्य चिकित्सीय स्थितियों का जोखिम भी बढ़ जाता है जैसे मोटापाहाई बीपीहाई कोलेस्ट्रॉल और शुगर। रोजाना शारीरिक गतिवधियां करने से ह्रदय रोग का जोखिम कम हो जाता है।

(और पढ़ें - शुगर के लिए योगासन)

अस्वस्थ डाइट न लें

डाइट अगर सेचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल से अधिक है तो इससे ह्रदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है और ह्रदय से संबंधित बीमारियां शुरू हो सकती हैं जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस। साथ ही, डाइट में अत्यधिक नमक (सोडियम) होने से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डाइट चार्ट)

हृदय रोग होने के बाद मरीज को अपने खान-पान पर खासतौर से ध्यान देना चाहिए। उसे अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जो हृदय की सेहत के लिए सही हों, जैसे नट्स, फल, सब्जियां, ग्रीन टी, साबुत अनाज आदि। साथ ही शराब, नमक, चीनी और लाल मीट से परहेज करना चाहिए। इन सभी के अलावा, हृदय रोगी को नियमित एक्सरसाइज व योग भी जरूर करना चाहिए।

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