पेट दर्द एक आम लक्षण है, जो किसी को भी हो सकता है और यह दिन के समय कभी भी हो सकता है. हालांकि, रात में पेट दर्द का अनुभव करना विशेष रूप से परेशान करने वाला हो सकता है, खासकर अगर यह नींद में बाधा डालता है. आमतौर पर रात के समय पेट में दर्द गैस के कारण होता है, लेकिन पित्त की पथरी जैसे गंभीर कारणों के चलते भी दर्द हो सकता है. इसके अलावा, कब्ज, क्रोन रोग व सीलिएक रोग भी रात में पेट दर्द का कारण बन सकते हैं.

आज इस लेख में आप पेट दर्द के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानेंगे और यह भी जानेंगे कि इनका इलाज क्या है -

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  1. रात में पेट दर्द के कारण
  2. रात में पेट दर्द का इलाज
  3. सारांश
रात में पेट दर्द - कारण व इलाज के डॉक्टर

रात के समय अचानक से पेट दर्द शुरू होने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

गैस

गैस को पेट में दर्द का सबसे आम कारण माना गया है. इसके कारण डायजेशन या फिर ब्लॉटिंग की समस्या हो सकती है. आमतौर पर पेट में गैस फलियों, कार्बोनेटेड पेय या डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करने से होती है. इससे पेट में बेचैनी व सूजन हो सकती है, जो रात में और गंभीर रूप ले सकती है.

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एसिड रिफ्लक्स

एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट का एसिड वापस फूड पाइप में आ जाता है. इससे छाती और गले में जलन होती है. यह समस्या शराब पीने, जरूरत से ज्यादा खाने, खाना खाते ही लेट जाने, ओवरवेट होने और अधिक मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से होता है.

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गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी)

जीईआरडी एक सामान्य बीमारी है. ऐसा तब होता है जब एसिड रिफ्लक्स की समस्या बार-बार या फिर गंभीर रूप से होती है. इससे एसोफैगस में सूजन आ सकती है, जिस कारण हार्टबर्न और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है.

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गैस्ट्रिटिस

जब पेट की परत में सूजन आ जाती है, तो उसे गैस्ट्राइटिस कहा जाता है. इसके चलते दर्द व जलन की समस्या महसूस हो सकती है. साथ ही उल्टी भी हो सकती है और गैस भी बन सकती है.

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पित्त की पथरी

पित्ताशय में बनने वाली पथरी को पित्त की पथरी कहा जाता है, जो छोटी व कठोर होती है. जब यह पथरी पित्त की नलिकाओं को ब्लॉक कर देती है, तो पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द हो सकता है, जो पीठ व कंधे तक फैल सकता है.

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इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम

आईबीएस डायजेशन से संबंधित विकार है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है. इसके चलते पेट दर्द, सूजन, कब्ज और दस्त जैसे कई प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं. आईबीएस की समस्या रात के समय गंभीर हो सकती है.

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सीलिएक रोग

सीलिएक रोग ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील हो जाती है. इससे छोटी आंत को नुकसान हो सकता है और पेट में दर्द, सूजन व दस्त जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं.

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क्रोन रोग

क्रोन रोग को क्राेनिक इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज माना गया है, जो पाचन तंत्र के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. क्रोन रोग के लक्षणों में पेट में दर्द, दस्त, वजन घटना और थकान शामिल है.

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मासिक धर्म में ऐंठन

मासिक धर्म के समय कई महिलाओं को पेट में ऐंठन की समस्या का सामना करना पड़ता है, जो सामान्य है. इसके चलते पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होती है, जो रात के समय गंभीर रूप ले सकती है.

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एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस ऐसी स्थिति है, जिसमें टिश्यू गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं. यह अन्य लक्षणों के साथ दर्द, भारी मासिक धर्म और बांझपन का कारण बन सकता है.

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फूड इंटॉलरेंस

जब किसी व्यक्ति को कुछ खास प्रकार के खाद्य पदार्थों को पचाने में कठिनाई होती है, तो उसे फूड इंटॉलरेंस कहा जाता है. इससे पेट में दर्द, सूजन और दस्त जैसी समस्या हो सकती हैं.

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कब्ज

कब्ज ऐसी स्थिति है, जिसमें मल त्याग करना मुश्किल हो जाता है. कब्ज के चलते मल सख्त हो जाता है इससे पेट में बेचैनी और दर्द महसूस हो सकता है, जो रात में बढ़ सकता है.

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रात में पेट दर्द का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करेगा. कई मामलों में, जीवनशैली में बदलाव करने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. उदाहरण के लिए, थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार खाना, लक्षणों को ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों से बचना और सोने से करीब 2 घंटे पहले खाना खाना, ताकि अपच और एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मदद मिल सके.

पेट दर्द के इलाज में ओवर-द-काउंटर दवाएं भी प्रभावी हो सकती हैं. एंटासिड पेट के एसिड को बेअसर करने में मदद कर सकता है, जबकि सिमेथीकॉन जैसी दवाएं आंतों में गैस के बुलबुले को तोड़ने में मदद कर सकती हैं.

अधिक गंभीर मामलों में, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेने से फायदा हो सकता है. उदाहरण के लिए, प्रोटॉन पंप इनहेबिटेटर पेट में बनने वाले एसिड को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि प्रोकाइनेटिक एजेंट पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन की गति को तेज करने में मदद कर सकता है.

वहीं, अगर पेट में दर्द पेप्टिक अल्सर या आईबीएस जैसी अधिक गंभीर चिकित्सा स्थिति के कारण होता है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं जैसे अतिरिक्त उपचारों की सिफारिश कर सकते हैं.

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रात में पेट दर्द कई कारकों के कारण हो सकता है और इन कारणों को समझना जरूरी है. कई मामलों में, जीवनशैली में परिवर्तन करने और ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. अगर फिर भी दर्द बना रहता है या अन्य लक्षणों के साथ होता है, तो अधिक गंभीर मेडिकल कंडीशन से बचने के लिए डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है.

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