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जब हमारा शरीर थक जाता है या हमें नींद आने लगती है तो हमारे शरीर में एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है जिसे जम्हाई लेना या उबासी लेना कहते हैं। हालांकि कभी-कभी हम चिंता और तनाव के कारण भी जम्हाई लेते हैं। आपने भी यह महसूस जरूर किया होगा कि जब हम किसी और को जम्हाई लेते हुए देखते हैं तो हमें भी जम्हाई आने लगती है। कुछ जम्हाई कम समय के लिए या छोटी अवधि की होती है जबकि कुछ जम्हाई लंबी भी हो सकती है।

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जम्हाई लेना एक छोटी और अनैच्छिक गतिविधि है और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मुंह इतना खुल जाता है जितने में आप गहराई से सांस ले पाएं। जब हम बहुत थके हुए होते हैं या जब हमें नींद आ रही होती है तो इसकी प्रतिक्रिया में ही हम जम्हाई लेते हैं। एक व्यक्ति जितना अधिक जम्हाई लेता है, वह उतना ही अधिक थका हुआ होता है।

जम्हाई लेने की प्रक्रिया के साथ जुड़े स्वास्थ्य पहलुओं के बारे में अधिक जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़ें।

(और पढ़ें- अच्छी और गहरी नींद के घरेलू उपाय)

  1. जम्हाई आने का कारण
  2. बहुत ज्यादा जम्हाई क्यों लेते हैं?
  3. अत्यधिक जम्हाई लेने को डायग्नोज कैसे करते हैं?
  4. जम्हाई आने का इलाज
  5. आखिर में ये बातें याद रखें
जम्हाई आने का कारण के डॉक्टर

यह बात तो दृढ़ता के साथ साबित हो चुकी है कि जम्हाई लेना एक अनैच्छिक क्रिया है, लेकिन जम्हाई के बारे में आपको जितना पता है या जितना नजर आता है उससे कहीं अधिक जानकारी इसके बारे में मौजूद है। ऐसे कई सिद्धांत हैं जो इस बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर हम जम्हाई या उबासी क्यों लेते हैं, लेकिन इस सवाल का विश्लेषण करने के लिए बहुत ज्यादा अध्ययन मौजूद नहीं है। इंटरनैशनल जर्नल ऑफ अप्लाइड एंड बेसिक मेडिकल रिसर्च में साल 2013 में प्रकाशित एक अध्ययन ने सुझाव दिया कि जम्हाई लेने से मस्तिष्क में तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

वैज्ञानिकों ने कई जानवरों (ज्यादातर कशेरूकी जानवर) के अवलोकन के बाद इस सिद्धांत को सामने रखा और पाया कि जम्हाई लेने पर जबड़े की मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे खून का प्रवाह सिर, गर्दन और चेहरे तक बढ़ जाता है। जम्हाई लेते समय जब व्यक्ति गहरी सांस लेता है जो रीढ़ की हड्डी में मौजूद तरल पदार्थ और रक्त का प्रवाह मस्तिष्क से नीचे आ जाता है और जम्हाई लेते वक्त जो ठंडी हवा शरीर के अंदर प्रवेश करती है वह शरीर के इन तरल पदार्थों को ठंडा करने में मदद करती है।

1982 में अर्ली ह्यूमन डिवलपमेंट नाम के जर्नल में गर्भ के अंदर एक भ्रूण की गतिविधि पर कुछ शोध किए गए जिसमें यह बताया गया कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में ही भ्रूण 16 से अधिक अलग-अलग तरह की गतिविधियों से जुड़े पैटर्न का प्रदर्शन करने में सक्षम होता है और सहज रूप से जम्हाई लेना इन्हीं में से एक है। एक तरफ जहां कुछ वैज्ञानिकों ने इसके पीछे शारीरिक कारणों का प्रस्ताव दिया है कि हम क्यों जम्हाई लेते हैं (जबड़े में खिंचाव के बारे में जो ऊपर सिद्धांत बताया गया है), तो वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि जम्हाई लेना, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से संचार के साधन के रूप में कार्य करता है। यह सिद्धांत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि जम्हाई लेने को एक अत्यंत संक्रामक गतिविधि (इकोफिनॉमेना) के रूप में देखा जाता है।

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कुछ विशेषज्ञों के अनुसार जम्हाई की संक्रामकता यह भी बताती है कि यह सहज जम्हाई के समान नहीं है बल्कि यह अचेतन अवस्था में किया गया व्यवहार है। इससे यह भी पता चलता है कि जो लोग किसी और को देखने के बाद या जम्हाई के बारे में पढ़ने के बाद जम्हाई लेते हैं, उनमें उच्च स्तर की सामाजिक सहभागिता और सहानुभूति का संकेत मिलता है। जम्हाई लेने से कानों में वायुमार्ग को खोलने में भी मदद मिलती है, जिससे आप बेहतर तरीके से सुन पाते हैं। हालांकि, भले ही जम्हाई को शरीर की एक प्राकृतिक अनैच्छिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाता हो, लेकिन अत्यधिक जम्हाई लेना किसी साधारण प्रतिक्रिया से कुछ अधिक का संकेत हो सकता है।

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अत्यधिक जम्हाई लेने का मतलब है कि किसी व्यक्ति को एक मिनट में एक से अधिक बार जम्हाई आ रही है। ज्यादातर मामलों में, अत्यधिक जम्हाई लेने का अर्थ है कि या तो आप बहुत ज्यादा थके हुए हैं या ऊबा हुआ या अनमना महसूस कर रहे हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, यह स्वास्थ्य समस्याओं का एक संकेत भी हो सकता है। अत्यधिक जम्हाई लेने के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • थकान या ऊंघाई: जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि जम्हाई लेने का प्रमुख कारण है बहुत ज्यादा थकान महसूस होना या सुस्ती आना या ऊंघाई आना।
  • नींद से जुड़ी समस्याएं: नींद से जुड़ी बीमारियां जैसे- स्लीप एपनिया, अनिद्रा आदि के कारण भी व्यक्ति को बार-बार जम्हाई आती है क्योंकि नींद की कमी के कारण व्यक्ति को बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।
  • बेचैनी या डिप्रेशन: आपका शरीर जम्हाई के जरिए कुछ तनावपूर्ण स्थितियों जैसे- बेचैनी, चिंता और डिप्रेशन के प्रति प्रतिक्रिया देता है। (और पढ़ें- बेचैनी कैसे दूर करें)
  • कुछ दवाइयां: कुछ दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टामिन्स (एलर्जी के लिए) और कुछ दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने पर भी अत्यधिक जम्हाई आ सकती है।
  • आंतरिक रक्तस्राव: हृदय के अंदर या आसपास अगर आंतरिक रक्तस्राव होने लगे तो इस कारण भी व्यक्ति को बहुत जम्हाई आ सकती है।
  • शरीर के तापमान के संकेत: शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में असमर्थता भी जम्हाई का कारण बन सकती है।
  • नसें: जब शरीर की वेगस तंत्रिका उत्तेजित होती है तो एक तरह की वैसोवेगल प्रतिक्रिया होती है। इस प्रतिक्रिया के कारण हृदय की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है जिस कारण हृदय गति और रक्तचाप में अचानक गिरावट जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
  • मस्तिष्क की समस्याएं: बहुत अधिक जम्हाई लेना मस्तिष्क विकारों से भी जुड़ा हो सकता है जैसे- स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, मिर्गी या एमएस (मल्टिपल स्केलेरोसिस)

कई बार ऐसा होता है कि हम अत्यधिक जम्हाई ले रहे होते हैं लेकिन इसे थकावट महसूस करने के साथ जोड़कर इसकी अनदेखी कर देते हैं। लेकिन अगर आप हाल के दिनों में बहुत अधिक जम्हाई ले रहे हैं और बिना किसी कारण के ज्यादा जम्हाई ले रहे हैं तो बेहतर यही होगा कि आप किसी डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं। डॉक्टर जांच की शुरुआत इस सवाल के साथ करेंगे आपकी नींद का पैटर्न क्या है यानी आप कब और कितना सोते हैं।

अगर आपको एक बार में पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है यानी जितनी जरूरत है उतनी नींद आपकी पूरी नहीं हो रही खासकर रात के समय में तो यह आपके अत्यधिक जम्हाई लेने का एक कारण हो सकता है। यदि नींद से जुड़ी कोई बीमारी इस समस्या की जड़ में है, तो इसे उचित चिकित्सीय मदद (उदाहरण के लिए, स्लीप ऐप्निया की समस्या के लिए CPAP कन्टीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर मशीन का इस्तेमाल करना) के साथ दूर किया जा सकता है।

इसके बाद डॉक्टर आपको ईईजी यानी इलेक्ट्रोएन्सेफैलोग्राम करवाने की सलाह दे सकते हैं ताकि आपके ब्रेन की इलेक्ट्रिकल ऐक्टिविटी को मापा जा सके। इस तरह के टेस्ट इसलिए करवाए जाते हैं ताकि यह पता चल सके कि व्यक्ति को ब्रेन संबंधी कोई बीमारी जैसे- मिर्गी आदि तो नहीं है। इसके अलावा डॉक्टर एमआरआई स्कैन करवाने का भी सुझाव दे सकते हैं क्योंकि इससे डीटेल तस्वीरें मिल सकती हैं जिससे यह पता चल सकता है कि व्यक्ति के शरीर के अंदर क्या कुछ हो रहा है जिससे डॉक्टर को आपकी सेहत को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिलेगा।

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एमआरआई के जरिए ब्रेन से जुड़ी कोई बीमारी या रीढ़ की हड्डी में किसी दिक्कत का भी पता चल सकता है। साथ ही इस टेस्ट से आपके हृदय की स्थिति का भी पता चल जाएगा जिससे डॉक्टर यह आसानी से पता लगा पाएंगे कि आपके द्वारा अत्यधिक जम्हाई लेने के पीछे कोई गंभीर कारण है या नहीं।

बहुत अधिक जम्हाई आने का कारण क्या है इसके आधार पर ही डॉक्टर अत्यधिक जम्हाई की घटनाओं को कम करने के लिए इलाज क्या होना चाहिए इस बारे में आगे कोई फैसला ले सकते हैं:

  • किसी तरह की अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति के मामले में, डॉक्टर दवा और थेरेपी की मदद से पहले उस बीमारी को ठीक करने का सुझाव देते हैं।
  • अत्यधिक जम्हाई आना कुछ निश्चित दवाओं की प्रतिक्रिया भी हो सकती है। इस मामले में, डॉक्टर या तो आपकी दवा को बदल सकते हैं या समस्या का समाधान करने के लिए दवा की खुराक को कम कर सकते हैं।
  • नींद से जुड़ी कोई बीमारी होने की स्थिति में, चिकित्सक शारीरिक व्यायाम, आहार और दैनिक आदतों में बदलाव के साथ-साथ कुछ नींद लाने वाली दवाओं के उपयोग से मरीज को अपने नींद के पैटर्न में बदलाव लाने का सुझाव दे सकते हैं।
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जैसा कि ऊपर बताया गया है, जम्हाई आने के पीछे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारण होते हैं। भले ही शरीर के तापमान और नींद को नियंत्रित रखना जम्हाई आने के प्रमुख कारणों में से एक हो, लेकिन इसे एक सामाजिक व्यवहार के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि यह किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति (जैसे चिंता) और स्वास्थ्य का संकेतक हो सकता है क्योंकि यह कुछ शारीरिक स्थितियों (जैसे आंतरिक रक्तस्राव) का संकेत भी देता है। जम्हाई आना अपने आप में शरीर की एक प्राकृतिक अनैच्छिक क्रिया है, लेकिन अत्यधिक जम्हाई लेना किसी गहरी, अंतर्निहित चिकित्सीय समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

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