औसतन एक महिला के पीरियड्स का साइकल 28 दिन का होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह साइकल 24 से 38 दिन का भी हो सकता है. अगर मेन्स्ट्रूअल साइकल छोटा होता है, तो एक महिला को 1 माह में 2 बार पीरियड्स आ सकते हैं. इसके कारण में एंडोमेट्रिओसिस, पेरिमेनोपॉज और थाइरायड संबंधी दिक्कतें शामिल हैं. प्यूबर्टी की वजह से तुरंत शुरू हुए पीरियड्स या फाइब्रॉइड जैसी चिकित्सकीय स्थितियों के चलते भी 1 माह में 2 बार पीरियड्स आने का जोखिम रहता है. 1 माह में 2 बार पीरियड्स का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि 1 माह में 2 बार पीरियड्स के क्या कारण, जोखिम और इलाज क्या-क्या हैं -

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  1. 1 माह में 2 बार पीरियड्स के कारण
  2. 1 माह में 2 बार पीरियड्स के जोखिम
  3. 1 माह में 2 बार पीरियड्स का इलाज
  4. सारांश
1 माह में 2 बार पीरियड्स : कारण, जोखिम, इलाज के डॉक्टर

एक औसत पीरियड साइकल 28 दिन के बीच का माना जाता है, लेकिन किसी को 24 दिन में पीरियड्स आ जाते हैं, तो किसी को 38 दिन भी लग जाते हैं. कभी-कभार आने वाले बदलाव ठीक हैं, लेकिन अगर 1 माह में 2 बार पीरियड्स आते हैं, तो इसका कुछ न कुछ कारण जरूर होता है. एंडोमेट्रिओसिस, पेरिमेनोपॉज और थायराइड इसके छिपे हुए कारण हैं. आइए, 1 माह में 2 बार पीरियड्स आने के कारण के बारे में विस्तार से जानते हैं -

कम उम्र

कम उम्र की लड़कियों को 1 माह में 2 बार पीरियड्स आ सकते हैं, खासकर जिनके पीरियड्स प्यूबर्टी के बाद शुरू ही हुए हैं. इस समय हार्मोन का स्तर तेजी से बदलता रहता है. शोध के अनुसार, कम उम्र की लड़कियों के मेन्स्ट्रूअल साइकल के शुरू होने के बाद नियमित होने में 6 साल का समय लग सकता है. 

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एंडोमेट्रिओसिस

एंडोमेट्रिओसिस ऐसी कंडीशन है, जिसमें यूटरिन टिश्यू से मेल खाते टिश्यू शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित हो जाते हैं. एंडोमेट्रिओसिस के वजह से पेट में दर्द और अनियमित ब्लीडिंग हो सकती है. कई बार ब्लीडिंग इतनी ज्यादा होती है कि ऐसा लगता है कि मानो दूसरी बार पीरियड्स हो गए. पेल्विक जांच और अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर कुछ मामलों में एंडोमेट्रिओसिस का पता लगा सकते हैं. इस स्थिति की सटीक जांच के लिए लेप्रोस्कोपी बेहतर तरीका है.

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पेरिमेनोपॉज

पेरिमेनोपॉज उस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें महिला मेनोपॉज की ओर बढ़ रही होती है. इस समय महिला के हार्मोन बदलने शुरू हो जाते हैं. पेरिमेनोपॉज 10 सालों तक चल सकता है. इस दौरान महिलाओं का मेन्सट्रूअल साइकल अमूमन अनियमित हो जाता है.

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थायराइड

थायराइड शरीर में हार्मोन प्रक्रिया को नियमित करता है. यह छोटा तितली के आकार का ग्लैंड होता है, जो गले के ठीक सामने होता है और शरीर के तापमान व मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है. अनियमित मेन्स्ट्रूअल साइकल थायराइड समस्याओं का एक आम लक्षण है. फिर चाहे यह हाइपोथायरायडिज्म हो या हाइपरथायरायडिज्म. इन दोनों का इलाज हो सकता है, जिसमें डॉक्टर की भूमिका अहम रहती है. 

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यूटरिन फाइब्रॉयड

यूट्रस में यूटरिन फाइब्रॉयड विकसित होता है, जो कैंसर तो नहीं होता, लेकिन ब्लीडिंग खासकर हैवी मेन्सट्रूअल ब्लीडिंग का कारण जरूर बन सकता है. डॉक्टर यूटरिन फाइब्रॉयड के विकास का कारण तो नहीं जानते, लेकिन यह हार्मोन स्तर में बदलाव और आनुवंशिक की वजह से जरूर हो सकता है. पेल्विक जांच और अल्ट्रासाउंड के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है. 

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जब कम उम्र में लड़कियों को तुरंत पीरियड्स शुरू होते हैं, तो यह संभव है कि यह एक-दो साल तक अनियमित रहे. इसका मतलब यह है कि 1 माह में 2 बार पीरियड्स होने की आशंका ज्यादा रहती है. यही नहीं, अगर परिवार में किसी को फाइब्रॉयड, सिस्ट या जल्दी मेनोपॉज हुआ है, तो इसका मतलब यह है कि उस महिला को भी 1 माह में 2 बार पीरियड्स आने की आशंका रहती है.

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1 माह में 2 बार पीरियड्स का इलाज उसके पीछे के कारण पर निर्भर करता है. अगर इसकी शुरुआत तुरंत ही हुई है, तो इसके इलाज की जरूरत नहीं है. वहीं, एनीमिया, हाइपोथायरायडिज्म हो या हाइपरथायरायडिज्म व मेनोपॉज की स्थिति में उस दिक्कत का इलाज करके इसे भी ठीक किया जा सकता है. आइए, 1 माह में 2 बार पीरियड्स के इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

एनीमिया

अगर एनीमिया की वजह से 1 माह में 2 बार पीरियड्स आ रहे हैं, तो इसके लिए डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं. हार्मोनल बर्थ कंट्रोल से भी पीरियड्स को नियमित और एनीमिया की परेशानी को ठीक करने में मदद मिल सकती है. 

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हाइपोथायरायडिज्म

हाइपोथायरायडिज्म का मतलब है कि उस व्यक्ति का शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन का निर्माण नहीं कर पा रहा है. ऐसे में डॉक्टर थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराने की सलाह दे सकते हैं.

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हाइपरथायरायडिज्म

इस स्थिति में शरीर ज्यादा थायराइड हार्मोन का निर्माण करने लगता है. इसके लिए कई इलाज मौजूद हैं, जो डॉक्टर बताते हैं.

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मेनोपॉज

मेनोपॉज की शुरुआत में भी कई बार 1 माह में 2 बार पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं. इसके इलाज के लिए डॉक्टर हार्मोन थेरेपी और एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं. 

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फाइब्रॉइड्स और सिस्ट्स

यूटरिन फाइब्रॉयड और सिस्ट के लिए डॉक्टर इंट्रायूटरिन डिवाइस, एमआरआई गाइडेड अल्ट्रासाउंड सर्जरी, यूटरिन आर्टरी एम्बोलाइजेशन, मायोमेक्टोमीहिस्टेरोस्कोपीहिस्टेरेक्टॉमीएंडोमेट्रियल एब्लेशनडाइलेशन और क्यूरेटेज जैसे इलाज विकल्प के लिए कह सकते हैं.

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तनाव

तनाव की वजह से भी 1 महीने में 2 बार पीरियड्स आ सकते हैं, इसे ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरूरत होती है. तनाव को कम करने के लिए एक्सरसाइजमेडिटेशन या बातचीत की मदद ली जा सकती है.

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असंतुलित वजन

वजन में बहुत ज्यादा बदलाव भी 1 माह में 2 बार पीरियड्स का कारण हो सकता है. इस स्थिति में डॉक्टर वजन को संतुिलत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.

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1 माह में 2 बार पीरियड्स कई स्थितियों में हो सकते हैं, जिसके कारण प्यूबर्टी और पेरिमेनोपॉज हैं. प्यूबर्टी के तुरंत बाद होने वाले पीरियड्स इसका एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है. 1 माह में 2 बार पीरियड्स के इलाज के तौर पर उस कारण का इलाज किया जाता है, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है. जैसे हाइपोथायरायडिज्म, एनीमिया व तनाव का इलाज करने से 1 माह में 2 बार पीरियड्स का इलाज भी अपने आप हो जाता है. बेहतर तो यह होगा कि 1 माह में 2 बार पीरियड्स की स्थिति आने पर डॉक्टर से सलाह लेकर उसी अनुसार इलाज पर ध्यान दिया जाए.

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