प्राणायाम कब करें या प्राणायाम करने का सही समय क्या है?
प्राणायाम सुबह के समय खाली पेट करें। प्राणायाम ताजा हवा और ऊर्जा से मन और शरीर को भरने का तरीका है। इसलिए, सुबह इसके लिए सही समय है। प्राणायाम करने से पहले स्नान अवश्य करें। स्नान के बाद हम ताजा महसूस करते हैं तो यह प्राणायाम के लाभों को पूर्ण रूप से महसूस करने में मदद करता है। ऐसा करने से आपके तन और मन में प्राण पूरी तरह से भर जाते हैं।
(और पढ़ें - ध्यान लगाने के नियम)
प्राणायाम कहां करें या प्राणायाम करने का सही स्थान क्या है?
आप जहाँ प्राणायाम करें उस जगह में पर्याप्त हवा और प्रकाश होने चाहिए। ताज़ी हवा बहुत ही आवश्यक है, तो अगर किसी कमरे में प्राणायाम कर रहें हो तो खिड़कियां खुली रखें वरना अक्सर यह चक्कर आने का कारण बनता है। जगह शोर मुक्त होनी चाहिए ताकि आप अपने अभ्यास पर ध्यान दे सकें।
प्राणायाम करने के लिए कैसे बैठें?
फर्श पर चटाई या योगा मैट बिछा कर किसी भी ध्यान करने के आसान में बैठ जायें जैसे की पद्मासन, सुखासन, सिद्धासन या वज्रासन। अगर आपको कोई भी समस्या हो या जमीन पर बैठने में परेशानी हो तो एक कुर्सी पर बैठ सकते हैं।
प्राणायाम करते समय आंखें खुली हों या बंद?
आखें बंद रखें। हो सके तो दृष्टि को नाक की नोक पर केंद्रित करें और फिर आखें बंद करें। अगर नाक की नोक पर दृष्टि केंद्रित करने या रखने में परेशानी हो तो ऐसा ना करें।
प्राणायाम करते समय क्या मानस्कीता होनी चाहिए?
मानसिक स्तिथि एकदम शांत होनी चाहिए। कोई जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। एकदम रिलैक्स रहें। कोई अतिरिक्त विचार नहीं आने चाहिए दिमाग़ में। यदि आपका बहुत ही विचलित हो, या यदि आप जल्दी में हैं, तो उस दिन के लिए प्राणायाम ना करें।
प्राणायाम की अवधि क्या होनी चाहिए?
शुरुआत में दो मिनट से अधिक ना करें। अभ्यास होने पर धीरे-धीरे अवधि बढ़ा सकते हैं।
क्या प्राणायाम रोजाना किया जाना चाहिए?
रोजाना इसे करना बेहतर होता है। अगर मन बहुत अधिक विचलित हो, या जब आपकी तबीयत ठीक ना हो तो प्राणायाम ना करें।