नस पर नस चढ़ने की स्थिति को नस चढ़ना भी कहा जाता है। नस पर नस चढ़ने से शरीर की प्रभावित मांसपेशियों में एक तीव्र दर्द उठता है। दरअसल इस दौरान शरीर के किसी हिस्से की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं या उनमें किसी प्रकार की मरोड़ आ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उनके बीच में एक कठोर गांठ बन जाती है। नस पर नस चढ़ने से होने वाला दर्द आमतौर पर कुछ ही देर में गायब हो जाता है। इस स्थिति में नस केवल कुछ ही समय के लिए काम करना बंद करती है।

कई बार नस पर नस चढ़ने के सही कारण का पता नहीं चल पाता है। मांसपेशियों को सामान्‍य से ज्‍यादा स्‍ट्रेच करने या लंबे समय तक एक ही दिशा में किसी हिस्‍से को रखना जैसे कि देर तक हाथ को ऊपर उठाए रखना आदि की वजह से नस पर नस चढ़ सकती है। वैसे तो नस पर नस केवल कुछ सेकेंड के लिए ही होती है लेकिन कई बार यह स्थिति 15 मिनट तक भी रह सकती है।

कई बार यह दर्द बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है, जिसका मुख्य कारण हमारी मांसपशियों में तंतुओं (फाइबर) की कमी होती है। अगर आपको भी नस पर नस चढ़ने की शिकायत बहुत ज्यादा रहती है और आए दिन आप इस परेशानी से रूबरू होते रहते हैं तो घरेलू उपायों की मदद से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

  1. कैमोमाइल है नस चढ़ने का घरेलू उपाय - Chamomile hai nas chadne ka gharelu upay
  2. नस चढ़ने से छुटकारा दिलाता है पुदीने का तेल - Nas chadne se chuthkara dilata hai peppermint oil
  3. नस चढ़ने का घरेलू नुस्खा है हल्दी, दालचीनी और अदरक - Turmeric, Cinnamon aur Ginger hai Nas chadne ka gharelu nuskha
  4. कैप्साइसिन है नस पर नस चढ़ने का रामबाण इलाज - Capsaicin hai Nas chadne ka rambaan ilaj

कैमोमाइल एक ऐसी औषधि है, जो एस्टरेसिया फूलों के परिवार से संबंधित है। इसे कई वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कैमोमाइल को तेज बुखार, जलन, सूजन,  नींद न आना, छाले, नस पर नस चढ़ना व अन्य प्रकार के दर्द आदि को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह औषधि बेहद प्राचीन होने के साथ बहुत ही असरदार भी है। इसे अलग-अलग प्रकार के दर्द को दूर करने के लिए अलग-अलग तरह से तैयार किया जा सकता है।

पहला तरीका - कैमोमाइल तेल की मालिश

आवश्यक सामग्री

  • 5 से 6 चम्मच कैमोमाइल का तेल
  • एक छोटा बर्तन जैसे कि कोई छोटी कटोरी

इस्तेमाल का तरीका

आपको जिस हिस्से पर नस पर नस चढ़ने की शिकायत ज्यादा रहती है, उस हिस्से पर कैमोमाइल तेल से 10-15 मिनट तक मालिश करें।

कब इस्तेमाल करें

इस तेल से दिन में कम से कम दो बार, लगातार 10 से 15 मिनट तक मालिश करें

दूसरा तरीका - कैमोमाइल की हर्बल चाय

आवश्यक सामग्री

  • 3-4 चम्मच कैमोमाइल फूल
  • पुदीने की कुछ पत्तियां
  • 1 गिलास पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • सबसे पहले एक बर्तन लें
  • अब चाय बनाने से पहले हर्ब्स तैयार कर लें
  • इसके लिए कैमोमाइल के ताजे फूल लें और उनके नीचे के तने को तोड़ कर अलग कर दें
  • इसके बाद बर्तन के अंदर 1 गिलास पानी के साथ कैमोमाइल फूल और पुदीने के पत्ते डालें और उसे 5 मिनट के लिए उबाल लें। आपकी हर्बल चाय तैयार है।

कब इस्तेमाल करें 

कैमोमाइल चाय के इस प्रयोग से बेहतर परिणाम पाने के लिए इसका सुबह के समय सेवन करने की सलाह दी जाती है और साथ ही रात में सोने से पहले भी इसका सेवन कर सकते हैं। 

कैसे काम करता है

कैमोमाइल के फूल में 36 फ्लैवोनोइड्स पाए जाते हैं, इन यौगिकों में दर्द निवारक गुण होते हैं जो नस पर नस चढ़ने की स्थिति को कम करने में मदद करते हैं।

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मांसपेशियों के दर्द को दूर करने के लिए पुदीना एक लोकप्रिय घरेलू नुस्खा है। 2018 में किए गए एक अध्ययन में यह बताया गया था कि पुदीने को खाने से भी दर्द से आराम मिलता है। आमतौर पर इस औषधि को खाने-पीने की चीजों में खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल कुछ प्रकार की दवाओं के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा पुदीने का अन्य तरीकों से भी उपयोग किया जा सकता है जैसे कि स्किन क्रीम या मलम।

आवश्यक सामग्री

  • 10 से 12 ताजा पुदीने के पत्ते
  • ऑलिव ऑयल
  • 1 चम्मच
  • 1 खाली जार

इस्तेमाल का तरीका

  • पुदीने के पत्तों को चम्मच की मदद से अच्छी तरह पीस लें
  • पीसे हुए पत्तों से जार को ऊपर तक भर दें
  • अब जार में सारी पत्तियों पर ऑलिव ऑयल डालें 
  • पीसे हुए पत्तों को तेल के अंदर भीगने के लिए छोड़ दें
  • अगर आप गर्म जगह पर रहते हैं तो जार को 2 दिन के लिए धूप में रख दें साथ ही जार को हर 12 घंटे बाद अच्छे से हिलाएं।
  • इस प्रक्रिया के पूरे होने पर तेल को से छान लें
  • आपका पुदीने का तेल तैयार है
  • अब इस तेल से प्रभावित हिस्से की रोजाना मालिश करें
  • आप चाहें तो पुदीने का तेल बाजार से भी खरीद सकते हैं

कैसे काम करता है

ऐसे कई प्रमाण हैं जो ये दावा करते हैं कि पुदीने के तेल से मोच, जोड़ों में दर्द, नस पर नस चढ़ने जैसी परेशानियां ठीक हो सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें ठंडक प्रदान करने के गुण पाए जाते हैं और साथ ही ये मांसपेशियों को आराम पहुंचाने का काम भी करता है।

कब इस्तेमाल करें

इस प्रक्रिया को रोजाना एक हफ्ते तक दिन में कम से कम दो से तीन बार करना चाहिए।

हल्दी, दालचीनी और अदरक तीनों में ही करक्यूमिन पाया जाता है। यह एक ऐसा यौगिक है जो जलन, दर्द, सूजन, मोच, आर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्याओं को खत्म करने में कारगर है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि करक्यूमिन कसरत करने के बाद मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। आप इन तीनों औषधियों को अपने आहार में मिलाकर नस चढ़ने जैसी समस्याएं होने के खतरे को कम कर सकते हैं। हल्दी, दालचीनी और अदरक को भारत में हजारों सालों से दर्द, सूजन, मोच, जलन आदि के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

आवश्यक सामग्री 

  • 2 चम्मच हल्दी
  • 2 चम्मच दालचीनी
  • 2 चम्मच पीसा हुआ अदरक

इस्तेमाल का तरीका

यह सभी औषधियां आपको बड़ी ही आसानी से घर में मिल जाएंगी। 2 चम्मच हल्दी रोज दूध में डालकर पीने से  नस पर नस चढ़ने की स्थितियां काफी कम हो जाती हैं।

दालचीनी का सेवन आपको न केवल नस चढ़ने से छुटकारा दिलाएगा बल्कि दालचीनी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी मदद करती है। 2 चम्मच दालचीनी किसी भी तरह से भोजन में मिलाकर खाया जा सकता है, जैसे सैंडविच या किसी सब्जी में मिलाकर खाना या फिर चाय में डाल कर पीना।

अदरक के गुणों के बारे में तो लगभग हम सभी जानते हैं कि यह लगभग हर तरह के दर्द से राहत पहुंचाने में कारगर होता है, अदरक को हर्बल चाय में डालकर पीना सबसे अधिक फायदेमंद माना जाता है और इस से नस पर नस चढ़ने की समस्या भी ठीक हो जाती है।

कैसे काम करता है

इन तीनों औषधियों में करक्यूमिन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। विज्ञान तक यह साबित करता है कि करक्यूमिन हृदय रोग, अल्जाइमर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव आर्थराइटिस, सूजन, मोच और नस पर नस चढ़ने में आराम पहुंचाते हैं।

कब इस्तेमाल करें

इन तीनों औषधियों को किसी भी समय और कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि इनसे स्वास्थ्य अच्छा रहता है और किसी प्रकार का साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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कैप्साइसिन प्राकृतिक रूप से लाल मिर्च में पाया जाता है और इसे एक अद्भुत दर्दनिवारक औषधि माना जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार कैप्साइसिन हमारी मांसपेशियों के दर्द से मुक्त कराता है। इस अद्भुत औषधि के बाजार में कई प्रोडक्ट्स मिलते हैं जैसे की कैप्साइसिन क्रीम जो जोड़ों के दर्द, मोच और सूजन को ठीक करने में मदद करती है।

इस्तेमाल का तरीका 

आप कैप्साइसिन को लाल मिर्च पाउडर के रूप में अपने खाने में मिला सकते हैं या फिर आप 1 चम्मच लाल मिर्च को अपने किसी ड्रिंक में भी मिलाकर पी सकते हैं। खाना जैसे दाल, आलू की सब्जी, सैंडविच आदि में 1 चम्मच लाल मिर्च कैप्साइसिन के सेवन का अच्छा आहार साबित होगा।

कुछ अध्ययनों की मानें तो कैप्साइसिन मोच, सूजन या जोड़ों के दर्द के लिए तेल के साथ लगाई जाए तो दर्द से राहत दिलाती है। इसके अलावा आप चाहें तो दर्द से आराम पाने के लिए कैप्साइसिन क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको यह क्रीम बाजार में आसानी से मिल जाएगी।

कैसे काम करता है

कैप्साइसिन त्वचा पर लगाने से नसों को मैसेज भेजने से रोकता है जिससे हमें दर्द का एहसास नहीं होता और जल्द ही दर्द से आराम मिलने लगता है। ठीक इसी तरह अगर इसका आहार में मिलाकर सेवन किया जाए तो भी यह प्रभावित नस को सिग्नल भेजने से रोकता है।

कब-कब इस्तेमाल करें

आप कैप्साइसिन को अपने आहार में मिलाकर 2 से 3 दिन तक खाएं जब तक दर्द पूरी तरह से खत्म न हो जाए।

अगर आपको नस पर नस चढ़ने जैसी समस्या बहुत ज्यादा बार होती है, तो इसका मुख्य कारण पानी की कमी हो सकता है। खासतौर पर कसरत करने वाले लोगों में यह समस्या काफी आम होती है। हर 2 घंटे में 2 गिलास पानी सभी के लिए आवश्यक होता है। अगर आप रोजाना कसरत करते हैं तो आपको कसरत से 2 घंटे पहले एक गिलास पानी चाहिए और फिर उसके बाद कसरत के समय हर 15 मिनट में 125 से 250 मिलीलीटर पानी पीते रहें। इससे आपके शरीर में पानी की मात्रा सही बनी रहेगी।

इन उपायों की मदद से नस पर नस चढ़ने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है लेकिन अगर आपको उपरोक्त घरेलू नुस्खे आजमाने के बाद भी इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है तो ऐसे में आपको डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। माना जाता है कि मांसपेशियों में कमजोरी की वजह से भी नस पर नस चढ़ने की समस्या होने लग जाती है इसलिए इस परेशानी से बचने के लिए आपको अपनी डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

नस पर नस चढ़ने के घरेलू उपाय से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे गर्दन के पीछे की नस चढ़ गई है, मुझे बहुत दर्द होता है। मैं अपनी गर्दन को हिला भी नहीं पा रहा हूं, इसके लिए मुझे कोई घरेलू उपाय बताएं?

Dr. Anand Singh MBBS , सामान्य चिकित्सा

नस पर नस चढ़ जाने पर नसों को आराम की जरूरत होती है इसलिए नस को ठीक करने के लिए नींद लेना जरूरी है। नींद के दौरान शरीर अपने आप ही इसे ठीक कर देता है। इसलिए नस चढ़ने पर थोड़ी लंबी नींद लेनी चाहिए। इससे लक्षणों को बहुत जल्दी कम करने में मदद मिल सकती है। अधिकतर मामलों में, प्रभावित क्षेत्र को आराम देना और चढ़ी हुई नस को खुद ठीक होने में लंबी नींद लेना काफी महत्वपूर्ण है। चढ़ी हुई नस के ठीक होने के दौरान, यह भी जरूरी है कि आप उस नस का अधिक इस्तेमाल न करें। उस नस का ज्यादा इस्तेमाल करने से यह और भी बुरा हो सकता है। जिस व्यक्ति की नस पर नस चढ़ी होती है उसे उन गतिविधियों से दूर रहना चाहिए जिनसे उसे तकलीफ हो और सोते समय उस पोजीशन (करवट) में सोने की कोशिश करनी चाहिए जिससे नस पर किसी तरह का दवाब न बने।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे पैर की नस चढ़ गई है और मुझे इसमें बहुत दर्द हो रहा है। मैं इसे ठीक करने के लिए क्या करूं? मुझे इसके कोई उपाय बताएं?

Dr. Ram Saini MD, MBBS , सामान्य चिकित्सा

इससे बचने के लिए आपको अपने बैठने और खड़े होने के तरीके में बद्लाव करना होगा। इसके लिए आप उस पोजीशन (स्थिति) को देखें जिससे आपको बेहतर महसूस होता है। इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैं एक कंप्यूटर ऑपरेटिंग कंपनी में काम करता हूं, कल मेरे हाथ और गर्दन की नस चढ़ गई थी और तभी से मुझे दर्द हो रहा है, मुझे कमर में भी दर्द होता है और यह समस्या अभी भी बनी हुई है। मुझे यह प्रॉब्लम कई बार हो जाती है। मुझे कोई तरीका बताएं जिससे मैं इसे ठीक कर सकता हूं?

Dr. Prakash kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर आपके हाथों और गर्दन की नस पर नस चढ़ जाती है तो आपको अपने वर्कस्टेशन में बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए। आप एर्गोनॉमिक माउस और कीबोर्ड का प्रयोग करें, यह हाथों और कलाई पर पड़ने वाले दवाब को कम करता है और कंप्यूटर मॉनिटर को आंखों के लेवल जितना ऊपर रखने से गर्दन के दर्द और इन लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। स्टैंडिंग वर्क स्टेशन का इस्तेमाल रीढ़ को गतिशील और लचीला बनाए रखने में भी मदद कर सकता है जिससे कमर में होने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है। अपनी प्रॉब्लम से आराम पाने के लिए उस पोजीशन को देखें जिससे प्रभावित नस पर दवाब न बनता हो और आराम मिलता है। आपको ये प्रॉब्लम ऑफिस में गलत बैठने की वजह से हो रही है इसलिए अपनी पोजीशन ठीक करें।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरे पैर की नस चढ़ गई है, मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा है और दर्द भी हो रहा है। मैं इसे कैसे ठीक कर सकता हूं?

Dr. Abhijit MBBS , सामान्य चिकित्सा

हल्की स्ट्रेचिंग और योग प्रभावित हिस्से में बनने वाले दवाब और तकलीफ को कम कर सकता है। यह जरूरी है कि आप बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग न करें वरना इससे लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। अगर आपको एक्सरसाइज करते समय दर्द महसूस हो रहा या बेचैनी होती है तो तुरंत इसे रोक दें ताकि आगे नस डैमेज न हो।

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