आंखों का अंदर धंसना - Sunken Eyes in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

February 21, 2022

February 21, 2022

आंखों का अंदर धंसना
आंखों का अंदर धंसना

कई बार महसूस होता है कि आंखें थोड़ी अंदर की ओर चली गई हैं. इसे आंखों का अंदर धंसना कहते हैं, लेकिन कुछ समय बाद यह स्थिति सामान्य हो जाती है. अंदर की ओर धंसी हुई आंखें कई चीजों का परिणाम हो सकती हैं, जैसे- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, पूरी नींद न लेना. वहीं, कुछ मेडिकल स्थिति, जैसे - साइनसआनुवंशिक विकार जैसे कारण हो सकते हैं. इस समस्या को दवाइयों, डर्मा फिलर या घरेलू उपचारों जैसे- टी बैग या बादाम के तेल के प्रयोग से ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में आंखों के अंदर धंसने के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - आंखों की सूजन)

आंखों के अंदर धंसने के लक्षण - Sunken Eyes Symptoms in Hindi

कभी-कभी आंखों के अंदर धंसने से आंखों के नीचे काले घेरे बनने लगते हैं. इसके अलावा, आंखों के अंदर धंसने के निम्न लक्षण हो सकते हैं-

  • आंखों के नीचे गड्ढे होना.
  • निचली पलक के ऊपर कालापन आना.
  • आंखों के नीचे स्किन का पतला लगना.
  • चेहरे पर थकान.
  • ड्राई आई.
  • एसिमेट्रिकल आइस.

आंखों के अंदर धंसने के कारण - Sunken Eyes Causes in Hindi

आंखों के अंदर धंसने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- एजिंग, सन एक्सपोजरएलर्जी आदि. आइए, विस्तार से आंखों के अंदर धंसने के कारण जानते हैं -

एनोफ्थाल्मोस

आंखों के अंदर धंसने की समस्या एक या दोनों आंखों में हो सकती है. अगर एक आंख धंसी हुई है, तो यह ऑन सेट एनोफ्थाल्मोस हो सकता है. यह स्थिति आंख की हड्डी में कोई चोट या एजिंग के कारण हो सकती है. एनोफ्थाल्मोस के निम्न कारण हो सकते हैं -

जेनेटिक

आंखों का अंदर धंसना कुछ लोगों में जेनेटिक यानी आनुवंशिक भी हो सकता है. यदि परिवार में किसी की आंखें अंदर धंसी हुई हैं या आंखों के नीचे गड्ढे हैं, तो ऐसा परिवार के अन्य व्यक्ति के साथ भी हो सकता है.

डिहाइड्रेशन

सबसे आम कारण जिस वजह से आंखें अंदर की ओर धंसती चली जाती हैं, वह है शरीर में पानी की कमी होना. अगर ज्यादा मात्रा में कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स या सोडा का सेवन किया जाता है, तो भी आंखें अंदर की ओर धंसती रहती हैं. इसका कारण यह है कि इस प्रकार की ड्रिंक्स से अधिक पेशाब आता है. इससे भी शरीर में डिहाइड्रेशन होता है. इसलिए, इन ड्रिंक्स की बजाए पानी पीने पर ज्यादा जोर देना चाहिए.

पर्याप्त नींद न लेना

सही तरह से न सोने के कारण भी आंखें अंदर की ओर धंस सकती हैं. इससे आंखों के नीचे की स्किन के रंग में भी बदलाव देखने को मिल सकता है.

वजन कम होना

आमतौर पर वजन कम करते समय सबसे पहले चेहरे से वजन कम होना शुरू होता है. इस वजह से आंखों के नीचे की स्किन भी पतली हो जाती है, जिससे यह महसूस होता है कि आंखें अंदर की ओर धंसती जा रही हैं. किसी बीमारी या फिर पोषण की कमी से होने वाले वेट लॉस में यह लक्षण अधिक देखने को मिलता है. इसलिए, वजन कम करते समय हेल्दी डाइट लेते रहना जरूरी है.

(और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय)

विटामिन की कमी

अगर डाइट में विटामिन-सी, विटामिन-के और जिंक जैसे तत्वों की कमी है, तो इस वजह से भी आंखें प्रभावित हो सकती हैं. इसलिए, ये लक्षण दिखने के तुरंत बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शरीर में विटामिन की कमी पूरी हो रही हो. अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो सप्लीमेंट या डाइट के माध्यम से इस कमी को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए.

उम्र बढ़ना

स्किन को टाइट और फ्लेक्सिबल रहने के लिए कोलेजन नाम के तत्व की जरूरत पड़ती है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, स्किन से इस तत्व की मात्रा लगातार कम होती जाती है. कोलेजन की कमी का सबसे पहला असर आंखों में दिखता है. इससे आंखे काफी बीमार और अंदर धंसी हुई प्रतीत होती हैं.

आंखों के अंदर धंसने के निम्न कारण भी हो सकते हैं -

  • सन एक्स्पोजर होना
  • एलर्जी
  • साइनस इनफेक्शन
  • स्किन का पतला पड़ना

(और पढ़ें - आंखों की सूजन के घरेलू उपाय)

आंखों के अंदर धंसने का इलाज - Sunken Eyes Treatment in Hindi

आंखों का अंदर धंसना मेडिकल स्थितियों, जैसे एलर्जी और साइनस आदि के कारण भी हो सकता है, जिसे निम्न उपचारों से ठीक किया जा सकता है -

साइनस इंफेक्शन

साइनस इंफेक्शन के लिए एंटीबायोटिक और एलर्जी के लिए आई ड्रॉप का प्रयोग किया जाता है. डॉक्टर ओटीसी एंटीहिस्टामाइन (यदि धसी हुई आंखें एलर्जी के कारण हैं) दे सकते हैं. इसके अलावा, अन्य निम्न तरीकों से भी आंखों के अंदर धंसने का उपचार किया जा सकता है.

(और पढ़ें - साइनस के घरेलू उपाय)

उम्र बढ़ना या जेनेटिक कारण

उम्र बढ़ने या जेनेटिक कारणों की वजह से अगर यह स्थिति देखने को मिल रही है, तो सर्जरी या डर्मा फिलर्स, फैट ग्राफ्टिंग व कॉस्मेटिक सर्जरी बेस्ट विकल्प हैं. डर्मा फिलर्स में आंखों के नीचे टिश्यू में ह्यालुरोनिक एसिड के इंजेक्शन लगाए जाते हैं. इनके भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

आई फ्रैक्चर

आई फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए सर्जिकल तरीका बेस्ट है. यह आंखों की इंजरी की स्थिति में इंजर्ड ऑर्बिट के वॉल्यूम को बैलेंस करता है.

(और पढ़ें - आंखों के सूजन की होम्योपैथिक दवा)

सारांश – Summary

अगर आंखें अंदर धंस गई हैं, तो इसका कारण डिहाइड्रेशन व कम नींद लेना हो सकता है. इससे निचली पलक के ऊपर कालापन या आंखों के नीचे की स्किन पतली हो जाती है. ऐसा जेनेटिक या एजिंग के कारणों से हो सकता है. इसके उपचार के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक, फैट ग्राफ्टिंग कर सकते हैं.