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फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी (पीआरके) और लेजर एसिस्टेड सब-एपिथेलियल केराटेक्टॉमी (एलएएसईके) दो सर्जरी प्रोसीजर हैं, जो आपकी दृष्टि में सुधार करने और आपकी चश्में व कॉन्टेक्ट लेंस पर निर्भरता को कम करने में मदद करती हैं। इन दोनों सर्जरियों की मदद से कॉर्निया को फिर से आकार दिया जाता है, जो आंख के बाहरी हिस्से पर लगी एक पारदर्शी परत होती है। एलएएसईके का पूरा नाम लेजर एसिस्टेड सब-एपिथीलियल केराटेक्टॉमी है, जो वास्तव में फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी (पीआरके) प्रोसीजर का हल्का का सुधार है। डॉक्टर आपकी आंख का इलाज करने के लिए इन दोनों सर्जरी प्रोसीजरों में से किसी एक को चुनते हैं।

पीआरके सर्जरी में कॉर्निया की ऊपरी परत को निकाला जाता है, जिसे एपीथीलियम कहा जाता है जबकि एलएएसईके सर्जरी में कॉर्निया को सही आकृति देने के लिए एपीथीलियम को आवश्यकता अनुसार मोड़ दिया जाता है। यह परत सर्जरी होने के कुछ समय बाद फिर से बन जाती है।

ऑपरेशन से पहले डॉक्टर आपकी आंख का अच्छे से परीक्षण करते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपकी आंख की सर्जरी करना सुरक्षित है या नहीं। फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके करने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है और आपको उसी समय छुट्टी मिल जाती है। हालांकि, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी कई बार आपको अस्पताल में जांच कराने के लिए जाना पड़ सकता है।

(और पढ़ें - लेसिक लेजर सर्जरी क्या है)

  1. पीआरके एंड एलएएसईके क्या है - What is PRK and LASEK in Hindi
  2. पीआरके एंड एलएएसईके क्यों की जाती है - Why is PRK and LASEK done in Hindi
  3. फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी से पहले - Before PRK and LASEK in Hindi
  4. पीआरके एंड एलएएसईके के दौरान - During PRK and LASEK in Hindi
  5. पीआरके एंड एलएएसईके के बाद - After PRK and LASEK in Hindi
  6. पीआरके एंड एलएएसईके की जटिलताएं - Complications of PRK and LASEK in Hindi
फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके के डॉक्टर

फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड लेजर एसिस्टेड सब-एपिथेलियल केराटेक्टॉमी आंख की सर्जरी प्रोसीजर हैं, जिनका इस्तेमाल दृष्टि में सुधार करने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी का मुख्य उद्देश्य चश्में व कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल को कम करना है। इस सर्जरी की मदद से एपीथीलियल नामक ऊपरी पारदर्शी परत चीरा लगाकर कॉर्निया को फिर से आकृति दी जाती है ताकि आंख में सुधार हो सके।

सामान्य आंख में रौशनी कॉर्निया का अंदर से गुजरती हैं। कॉर्निया में अपर्तक गुण होते हैं, जो इस रौशनी को प्युपिल (पुतली) की तरफ मोड़ देती है। पुतली रौशनी को रेटिना पर केंद्रित कराता है, जो रौशनी को आवेगों में परिवर्तित कर देती है। इन आवेगों को लाखों तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क में पहुंचाया जाता है और मस्तिष्क इन्हें पढ़ कर पता लगाता है कि आंखें क्या देख रही हैं। कुछ स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जिसमें आपका नेत्रगोलक सामान्य से छोटा या बड़ा हो सकता है, जिसके कारण कॉर्निया की आकृति भी खराब हो जाती है। एक असामान्य आकार वाला कॉर्निया रौशनी को सीधे प्युपिल तक नहीं पहुंचा पाता है और परिणामस्वरूप दृष्टि संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।

पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी के माध्यम से कॉर्निया की आकृति को सही किया जाता है, ताकि रौशनी सीधे प्युपिल पर पड़े और देखने की पूरी प्रक्रिया सामान्य हो जाए।

(और पढ़ें - आंखों में दर्द के कारण)

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यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या हो रही है, तो आंखों के डॉक्टर आपको पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी कराने की सलाह दे सकते हैं -

यदि आप निम्न मांपदंडों को पूरा करते हैं, तो आपको फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी के पात्र हैं -

  • उम्र 18 या उससे अधिक है
  • आंख की नजर में 1 साल तक कोई बदलाव नहीं हुआ है
  • कॉर्निया व आंख में कोई रोग नहीं है
  • समस्या का इस सर्जरी से इलाज संभव है

पीआरके और एलएएसईके सर्जरी किसे नही करानी चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो डॉक्टर आपको फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी कराने से मना कर सकते हैं -

  • पहले कभी आंख में संक्रमण हुआ होना
  • रोग जो सर्जरी के बाद होने वाले घाव को प्रभावित करते हैं या फिर ठीक होने की गति को धीमा करते हैं।
  • ब्लड शुगर का स्तर बढ़ना (डायबिटीज के मरीजों में)
  • बार-बार आंख चश्में का नंबर बदलना
  • गंभीर ग्लूकोमा (आंख को मस्तिष्क से जोड़ने वाली तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाला रोग)
  • कॉर्निया की ऊपरी सतह पर खरोंच आना (जो आमतौर पर आंख रगड़ने, नाखून लगने या मेकअप ब्रश के कारण होता है)
  • ड्राई आई सिंड्रोम जैसे रोग जो कॉर्निया को नुकसान पहुंचा देते हैं।
  • मोतियाबिंद (लेंस में धब्बे बनने के बाद धुंधला दिखाई देना)

(और पढ़ें - मोतियाबिंद का ऑपरेशन)

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऑपरेशन से पहले ही आपसे सर्जरी से होने वाले लाभ व जोखिम के बारे में बता देते हैं। अधिकतर लोग इस सर्जरी के बाद आमतौर पर पूरी तरह से सही दृष्टि की उम्मीद करते हैं, हालांकि ऐसा सभी मामलों में संभव नहीं हो पाता है। पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी के बाद आप अपनी अधिकतर गतिविधियां बिना चश्में या कॉन्टेक्ट लेंस के पूरी कर पाते हैं, हालांकि, पढ़ने व ड्राइव करने जैसे कार्यों के लिए आपको चश्में या कॉन्टेक्ट लेंस की आवश्यकता पड़ सकती है।

ऑपरेशन से पहले ही आंख के कुछ परीक्षण किए जाते हैं, जिससे यह पता लगाया जाता है कि सर्जरी आपके लिए उचित है या नहीं। इस दौरान आमतौर पर दृष्टि, कॉर्निया की मोटाई और आंख संबंधी अन्य समस्याओं का पता लगाया जाता है। डॉक्टर आपको सर्जरी से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह भी दे सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • यदि आप गैस परमीबल कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो सर्जरी से कम से कम एक हफ्ते पहले ही इनका उपययोग करना छोड़ दें।
  • यदि आप कोई अन्य कॉन्टेक्ट लेंस लगाते हैं, तो भी ऑपरेशन से तीन दिन पहले ही आपको इनका इस्तेमाल करना छोड़ना पड़ता है।

इसके अलावा आपको सर्जरी वाले दिन निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह भी दी जाती है -

  • सर्जरी के लिए अस्पताल जाते समय हल्का खाना खाएं
  • वे सभी दवाएं अपने साथ अस्पताल ले जाएं जो आप वर्तमान में ले रहे हैं
  • आंख पर काजल न लगाएं और न ही कोई अन्य मेकअप करें
  • सिर पर टोपी या अन्य कुछ न पहनें
  • यदि ऑपरेशन वाले दिन आपकी तबीयत खराब हो जाती है, तो ऑफ्थैलमोलॉजिस्ट को इस बारे में बता दें

अस्पताल में अपने साथ किसी परिवार के सदस्य या मित्र को ले जाएं, ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में वह आपकी मदद कर सके। अस्पताल जाने से पहले नहा लें क्योंकि हो सकता है सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको दो से तीन दिन तक नहाने से मना कर दें। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो सर्जरी से कुछ समय पहले ही उसे छोड़ दें ताकि सर्जरी के घाव जल्द से जल्द ठीक हो सकें।

(और पढ़ें - सिगरेट पीना छोड़ने के घरेलू उपाय तरीके नुस्खे)

फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी को लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, यह एक विशेष दवा है जिससे किसी निश्चित क्षेत्र को सुन्न किया जा सकता है। पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी में एक विशेष लेजर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से कॉर्निया को फिर से आकृति दी जाती है। 

फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी सर्जरी प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

  • सबसे पहले एनेस्थीसिया आईड्रॉप दी जाती है, जिससे आंख सुन्न हो जाती हैं
  • आंख पर लिड रिटेनर नाम एक विशेष उपकरण लगा दिया जाता है, ताकि पलकें खुले रहें और झपक न पाएं
  • ब्लेड, लेजर मशीन व एल्कोहल सॉल्यूशन आदि का इस्तेमाल करके एपीथीलियम परत को हटा दिया जाता है।
  • सर्जरी के दौरान आपको एक रौशनी की तरफ लगातार देखने को कहा जाता है, ताकि आप बार-बार अपनी आंखों को न हिलाएं। इस दौरान विभिन्न उपकरणों व मशीनों की मदद से कॉर्निया को फिर से आकृति दे दी जाती है।

लेजर एसिस्टेड सब-एपिथेलियल केराटेक्टॉमी प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

एलएएसईके सर्जरी प्रोसीजर में कॉर्निया को नहीं हटाया जाता है, इसकी बजाय कॉर्निया पर एल्कोहल सॉल्यूशन लगा दिया जाता है जिससे ऊपरी सतह नरम पड़ जाती है। इसके बाद एपीथीलियम को मोड़ कर एक तरफ कर दिया जाता है। कॉर्निया को आकृति देने के बाद एपीथीलियम को फिर से सीधा कर दिया जाता है।

पीआरके और एलएएसईके दोनों सर्जरी प्रोसीजरों में आमतौर पर 30 मिनट का समय लगता है। सर्जरी होने के बाद बैंडेज वाला कॉन्टेक्ट लेंस लगा दिया जाता है, ताकि कॉर्निया जल्द से जल्द  ठीक हो जाए। आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।

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फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी होने के बाद सर्जन आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं -

  • सर्जरी के कुछ दिन बाद तक आपको धुंधला दिखता है, जो धीरे-धीरे सुधरता रहता है और लगभग 1 महीने में पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इस दौरान आंख को अधिक से अधिक आराम देने की कोशिश करें।
  • जब तक आपकी दृष्टि पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती है तब तक आपको ड्राइविंग करने, टीवी देखने, किताबें पढ़ने व अन्य कोई भी ऐसा काम करने से मना किया जाता है जिससे आंख पर जोर पड़ता हो।
  • ऑपरेशन के बाद कुछ दिन सर्जरी वाली जगह व उसके आस-पास दर्द महसूस हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर कुछ आईड्रॉप्स व अन्य दवाएं दे देते हैं, जिनका डॉक्टर के निर्देशानुसार ही उपयोग करना है।
  • आंख के घावों को जल्द ठीक करने और संक्रमण होने से रोकने के लिए भी विशेष  दवाएं व  आई ड्रॉप्स दी जा सकती हैं, जिनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करते रहना चाहिए।
  • सर्जरी के बाद कोई भी अधिक शारीरिक मेहनत वाला काम न करें, ताकि डॉक्टर आपको क्योंकि इससे घाव के ठीक होने की गति धीमी पड़ जाती हैं। ऑपरेशन के बाद कम से कम एक हफ्ते तक शरीर को पूरी तरह से बेडरेस्ट दें ताकि घाव को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
  • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें आंख व उसके आस-पास कोई भी मेकअप न लगाएं और न ही डॉक्टर की सलाह के बिना कोई अन्य दवा, क्रीम या आईड्रॉप का इस्तेमाल करें।
  • डॉक्टर आपको ऑपरेशन के बाद कुछ दिन तक ऑफिस या स्कूल से छुट्टी लेने की सलाह भी दे सकते हैं, क्योंकि काम करते समय आपकी आंखों पर अधिक जोर पड़ सकता है जो ठीक होने की प्रक्रिया को धीमा बनाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी कराने के बाद यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या महसूस होती है, जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए -

  • आंखों में लालिमा होना
  • दर्द
  • आंख से पानी या अन्य कोई द्रव निकलना
  • अचानक से धुंधलापन महसूस होना
  • दृष्टि संबंधी कोई अन्य समस्या महसूस होना

(और पढ़ें - आंख लाल होने पर क्या करना चाहिए)

फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी कराने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं -

  • धुंधला या धब्बेदार दिखना -
    पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी कराने वाले कई लोगों में ऑपरेशन के बाद लंबे समय तक दृष्टि में धुंधलेपन की समस्या देखी गई है। यह समस्या अधिकतर उन लोगों में देखी गई है, जिन्हें पहले से ही निकट दृष्टि दोष है।
     
  • चमक लगना -
    पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी कराने के बाद कुछ लोग प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे में वे किसी भी चमकती रौशनी की तरफ देख नहीं पाते हैं।
     
  • रात को दृष्टि संबंधी समस्या -
    कुछ लोगों को रौशनी के स्रोत (जैसे बल्ब या दीपक आदि) के आसपास रौशनी या चमक का चक्र दिखाई देने लगता है। इसे प्रभामंडल कहते हैं, जो फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी कराने वाले कुछ लोगों को प्रभावित कर सकता है।
     
  • दोहरी दृष्टि रोग -
    जिस आंख के लिए पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी की गई है, उस आंख से दोहरा दिखाई देने लगता है अर्थात् हर चीज दो दिखाई देती हैं। यह सर्जरी होने के बाद दोहरी दृष्टि दोष की समस्या हो सकती है।
     
  • रिग्रेशन -
    पीआरके एंड एलएएसईके सर्जरी के दौरान जहां से आकृति बदली जाती है वहां पर कई बार फिर से कोशिकाएं बन जाती हैं, जिस स्थिति को रिग्रेशन कहा जाता है। कई बार कॉर्निया की मोटाई बढ़ जाती है।
     
  • दृष्टिवैषम्य -
    फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके कराने वाले कुछ लोगों को एस्टिग्मेटिज्म की समस्या हो सकती है।

हालांकि, कुछ मामलों में फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टोमी एंड एलएएसईके सर्जरी सफलतापूर्वक नहीं हो पाती है या फिर दृष्टि में अधिक बदलाव आ जाता है। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में आपकी दृष्टि पहले से भी ज्यादा खराब हो सकती है। इसके अलावा कुछ अन्य दुर्लभ जटिलताएं भी हैं, जो पीआरके और एलएएसईके सर्जरी में देखी जा सकती हैं जिनमें निम्न शामिल हैं -

(और पढ़ें - केराटोकोनस के लक्षण)

Dr. Vikram Bhalla

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6 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. American Academy of Ophthalmology [internet]. California. US; What Is Photorefractive Keratectomy (PRK)?
  2. National Keratoconus Foundation [internet]. California. US; How Does The Human Eye Work?
  3. Prevent Blindness [Internet]. Illinois. US; Eye Diseases and Conditions
  4. UW Health: American Family Children's Hospital [Internet]. Madison (WI): University of Wisconsin Hospitals and Clinics Authority; PRK, LASEK, and Epi-LASIK for Nearsightedness
  5. Stanford Health Care [internet]. Stanford Medicine. Stanford Medical Center. Stanford University. US; Photorefractive Keratectomy (PRK)
  6. M Health [Internet]. University of Minneasota Medical Center. University of Minneasota. US; Refractive Surgery: LASEK
  7. Flaum Eye Institute: UR Medicine [Internet]. University of Rochester Medical Center. University of Rochester. US; PRK (Photorefractive Keratectomy)
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