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लेसिक लेजर सर्जरी एक विशेष सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से दृष्टि में कुछ सुधार किया जाता है। इस सर्जरी को आमतौर पर दूर दृष्टि दोष, निकट दृष्टि दोष और धुंधला दिखना आदि समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी को आमतौर पर नजर के चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है।

इस सर्जरी प्रोसीजर में कंप्यूटराइज्ड लेजर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आंख के रिफ्रैक्टिव इंडेक्स के आधार पर कॉर्निया को फिर से आकृति दी जाती है। हालांकि, सर्जरी के बाद आपको कुछ समस्याएं महसूस हो सकती हैं जैसे आंखों में लालिमा होना, धुंधला दिखना, रोशनी सहन न कर पाना और आंखों में सूखापन आदि। लेकिन सर्जरी के बाद होने वाले ये लक्षण सामान्य होते हैं और धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। यदि आपको सर्जरी के बाद दृष्टि कम होना, आंख में दर्द या अन्य कोई तकलीफ होने जैसे लक्षण होते हैं, तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। सर्जरी के बाद आपको कुछ दिन तक आईशील्ड (आंख को सुरक्षित रखने वाला एक उपकरण) का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है और साथ ही किसी भी खेल-कूद जैसी गतिविधि में भाग लेने से मना किया जाता है। साथ ही जब तक सर्जरी वाली आंख पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती, तब तक रगड़ने या मलने से मना किया जाता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको कई बार अस्पताल बुलाते हैं, जिस दौरान आंख की जांच की जाती है।

​(और पढ़ें - आंख लाल होने पर क्या करना चाहिए)

  1. लेसिक लेजर सर्जरी क्या है - What is Lasik surgery in Hindi
  2. लेसिक लेजर सर्जरी किसलिए की जाती है - Why is Lasik surgery done in Hindi
  3. लेसिक लेजर सर्जरी से पहले - Before Lasik surgery in Hindi
  4. लेसिक लेजर सर्जरी के दौरान - During Lasik surgery in Hindi
  5. लेसिक लेजर सर्जरी के बाद - After Lasik surgery in Hindi
  6. लेसिक लेजर सर्जरी की जटिलताएं - Complications of Lasik surgery in Hindi

लेसिक लेजर सर्जरी क्या है?

लेसिक लेजर को "लेजर एसिस्टेड इन सिटू केराटोमाइलियसिस सर्जरी" भी कहा जाता है, जिसे दृष्टि संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। लेसिक लेजर सर्जरी की मदद से नजर के चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस के नंबर को कम किया जाता है और कुछ मामलों में इनकी जरूरत ही नहीं पड़ती है।

सामान्य रूप से जब रोशनी कॉर्निया (आंख के ऊपर एक पारदर्शी परत) और लेंस के अंदर से गुजरती है, तो यह मुड़ जाती है और जिसका फोकस रेटिना पर पड़ता है। लेंस, प्युपिल के ठीक पीछे होता है, जो रोशनी को रेटिना पर डालता है। आंख के पिछले हिस्से में मौजूद ऊतकों की परत को रेटिना कहा जाता है। रेटिना में विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, जो रोशनी व रंगों की समझती हैं और उन्हें संकेत में बदलकर मस्तिष्क तक भेजती हैं।

यदि आपकी आंख के कॉर्निया, लेंस या आंख की पुतली की आकृति सामान्य नहीं है, तो रोशनी का फोकस रेटिना पर नहीं हो पाता है और परिणामस्वरूप दृष्टि प्रभावित हो जाती है जैसे धुंधला दिखना या फोकस न कर पाना।

(और पढ़ें - आंख आने पर क्या करना चाहिए)

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लेसिक लेजर सर्जरी क्यों की जाती है?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है और दवाओं या अन्य किसी इलाज प्रक्रिया से उसे ठीक नहीं किया जा रहा है, तो डॉक्टर यह सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं -

  • मायोपिया (निकट दृष्टि दोष)
  • हाइपरोपिया (दूर दृष्टि दोष)
  • एस्टिग्मेटिज्म (धुंधला दिखना)

इन समस्याओं से आमतौर पर निम्न लक्षण हो सकते हैं -

  • धुंधला दिखना
  • देखते समय धब्बे बीच में आना
  • दोहरा दिखना
  • सिरदर्द
  • देखने के लिए आंखों को सिकोड़ने की आवश्यकता पड़ना
  • चमकती रोशनी के आसपास अन्य चीजें जैसे (सितारे या प्रभामंडल) दिखना
  • आंखों पर जोर पड़ना
  • कंप्यूटर पर काम करते समय या पढ़ते समय फोकस न कर पाना

हालांकि, कुछ लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता है।

लेसिक लेजर सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई समस्या है, तो यह सर्जरी नहीं की जा सकती है -

  • गंभीर ग्लूकोमा
  • डायबिटीज नियंत्रित न हो पाना
  • आंखों में गंभीर रूप से सूखापन होना
  • मोतियाबिंद के कारण दृष्टि प्रभावित होना
  • पहले कभी आंख में गंभीर संक्रमण हुआ होना
  • अस्थिर अपवर्तक दोष
  • कॉर्निया अत्यधिक पतला होना या शंकु की आकृति का होना
  • यदि आप गर्भवती हैं या फिर स्तनपान कराती हैं

(और पढ़ें - स्तनपान से जुड़ी समस्याएं)

लेसिक लेजर सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है, जिसमें निम्न शामिल हैं -

  • करीब से जांच करना
  • प्यूपिल के आकार और कॉर्निया की मोटाई की जांच करना
  • आंख के रिफ्रैक्टिव एरर की जांच करना
  • आंखों के आसूं की मात्रा व गुणवत्ता की जांच करना

टेस्ट के अलावा आपको निम्न की सलाह भी दी जाती है -

  • कॉन्टेक्ट लेंस को पहनना बंद कर दें। यदि आप रिजिड गैस परमेबल कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें सर्जरी से तीन हफ्ते पहले ही छोड़ा जाता है। जबकि अन्य किसी कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल को सर्जरी से कम से कम तीन दिन पहले ही बंद कर देना चाहिए।
  • आपको अपने साथ नजर वाला चश्मा लाने को कहा जाता है, ताकि उसके नंबर आदि की जांच की जा सके।
  • आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के बारे में पूछा जाता है और यदि आपको कोई रोग या एलर्जी है या पहले हुई है तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • अस्पताल आने से पहले नहा लें और कोई मेकअप आदि न करें। यदि आपने कोई आभूषण पहना है, तो उसे भी घर पर ही उतारकर रख दें।
  • आपको किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को अपने साथ अस्पताल में लाने को कहा जाता है, ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपको मदद मिल सके।
  • अंत में आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति देते हैं।

सर्जरी वाले दिन निम्न तैयारियां की जाती हैं -

  • यदि आप कोई दवाएं लेते हैं, तो उन्हें लेने की अनुमति दी जाती है
  • सर्जरी के लिए अस्पताल जाने से पहले हल्का खाना खा लें
  • बालों पर कोई भी क्लिप या सुई आदि न लगाएं

यदि आप सर्जरी वाले दिन अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। ऐसे में इस सर्जरी को कुछ दिनों को लिए टाला जा सकता है।

(और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या होता है)

लेसिक लेजर सर्जरी कैसे की जाती है?

लेसिक लेजर सर्जरी को अस्पताल में ही किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले आई ड्रॉप के माध्यम से एनेस्थीसिया दी जाती है, जिससे आंख पूरी तरह से सुन्न हो जाती है। इसके बाद एक कंप्यूटराइज्ड लेजर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कॉर्निया को फिर से आकृति दी जाती है -

लेसिक लेजर सर्जरी का प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

  • जब आंख सुन्न हो जाती है, तो सर्जन आंख पर एक विशेष सक्शन रिंग लगाते हैं। यह रिंग आंख को हिलने-ढुलने से रोकती है और कॉर्निया को स्थिर रखा जाता है। इस रिंग से आपको आंख में थोड़ा सा दबाव महसूस हो सकता है, इसमें ऐसा भी महसूस हो सकता है जैसे आपकी आंख पर किसी ने उंगली से दबाव डाला हुआ है।
  • इसके बाद आंखों के सर्जन (ऑफ्थैलमोलॉजिस्ट) लेजर या ब्लेड जैसे एक विशेष उपकरण की मदद से कॉर्निया के उतकों में चीरा लगाकर एक पतला सा पल्ला बनाते हैं। इस पल्ले को उठाकर पीछे मोड़ दिया जाता है, जिससे वे स्ट्रोमा तक पहुंच पाते हैं जो कॉर्निया का बीच वाला हिस्सा होता है।
  • इसके बाद आपको एक रोशनी की तरफ देखने को कहा जाएगा, जिससे आपकी आंख को हिलने से रोका जाता है।
  • इसके बाद लेजर मशीन की मदद से कॉर्निया को फिर से आकृति दी जाती है। लेजर मशीन को आंख के आकार के अनुसार पहले ही प्रोग्राम कर दिया जाता है। इस दौरान आप चटकने की आवाज सुन सकते हैं।
  • जब कॉर्निया को सही आकृति दे दी जाती है, तो सर्जन मोड़े हुए पल्ले को वापस खोल देते हैं और किनारों को चिकना कर देते हैं। इसे कुछ समय के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है, ताकि घाव भर सके।
  • अंत में सर्जन आंख पर धातु या पारदर्शी प्लास्टिक से बनी एक शील्ड लगा देते हैं, जो फ्लैप (पल्ले) को सुरक्षित रखती है। आपको यह शील्ड कुछ दिन तक लगाकर रखने की सलाह दी जाती है।
  • इस सर्जरी को करने में एक आंख पर 15 मिनट का समय लगता है और इसके बाद कोई टांके लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कई बार दोनों आंखों की सर्जरी एक ही साथ की जाती है, जबकि कुछ मामलों में एक आंख की सर्जरी करके कुछ समय का अंतराल दिया जाता है। ऐसा आमतौर पर इसलिए किया जाता है ताकि यह पता लग जाए कि सर्जरी से समस्या में कितना सुधार आया है।

सर्जरी के बाद यदि आपका स्वास्थ्य स्थिर है, तो आपको उसी दिन घर के लिए छुट्टी दी जा सकती है। हालांकि, यदि आप स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं, तो आपको एक दिन के लिए अस्पताल में भी रखा जा सकता है।

(और पढ़ें - घाव की पट्टी कैसे करें)

लेसिक लेजर सर्जरी के बाद की देखभाल कैसे करें?

जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है, तो घर पर निम्न देखभाल करने की सलाह दी जाती है -

  • सर्जरी के बाद कुछ समय तक आपकी आंखों में खुजली व जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए डॉक्टर विशेष आई ड्रॉप देते हैं, जो इन समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं। इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • आपको सर्जरी के बाद एक-दो दिन तक धुंधला दिखना व अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जो धीरे-धीरे ठीक हो जाती हैं।
  • आपको लगातार दो हफ्तों तक सोते समय शील्ड पहनने की सलाह दी जाती है, ताकि आंख के घाव अच्छे से ठीक हो जाएं। 
  • डॉक्टर आपको बार-बार पलकें झपकाने की सलाह देते हैं, ताकि आंखों में सूखापन न रहे।
  • सर्जरी के बाद वापस ऑफिस या स्कूल आदि जाने से पहले आपको लगातार एक हफ्ते तक आराम करने की सलाह दी जाती है।
  • सर्जरी के तीन दिन बाद आप अपनी दिनचर्या के सामान्य कार्य कर सकते हैं। हालांकि, खेलकूद में भाग लेने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लें।
  • सर्जरी के बाद कम से कम दो हफ्तों तक अपनी आंखों को रगड़ें नहीं और न ही पानी के छींटे मारें। आपको दो हफ्तों तक सिर गीला करते समय आंखों को बंद रखने की सलाह दी जाती है।
  • सर्जरी के बाद जब तक डॉक्टर अनुमति न दें तब तक ड्राइविंग न करें और न ही अन्य कोई मशीन ऑपरेट करें।
  • आपको लगभग एक महीने तक कोई भी आई मेकअप (काजल व लाइनर आदि) करने से मना किया जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको लेसिक लेजर सर्जरी करवाने के बाद निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए -

  • आंख में दर्द, लालिमा व अन्य तकलीफ होना
  • दृष्टि संबंधी कोई नया लक्षण विकसित होना, जो सर्जरी से पहले नहीं था
  • बुखार
  • नजर कमजोर होना
  • लक्षण जो लगातार गंभीर होते रहते हैं और इलाज के साथ कम नहीं हो पाते
  • अचानक से लक्षण गंभीर होना

(और पढ़ें - दूर दृष्टि दोष दूर करने के उपाय)

लेसिक लेजर सर्जरी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

लेसिक लेजर सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • आंखों में सूखापन
  • दृष्टि में बदलाव होना
  • आंख में दर्द व अन्य तकलीफ होना
  • धुंधला दिखना
  • चमकती रोशनी दिखना
  • रोशनी के आसपास अन्य रोशनी दिखना
  • आंखों में तकलीफ होना
  • आंखों में सूजन
  • आंख के सफेद हिस्से में लाल व गुलाबी रंग के धब्बे दिखाई देना
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता अधिक बढ़ जाना

हालांकि, सर्जरी के बाद उपरोक्त लक्षण होना सामान्य है, जो आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। लेसिक लेजर सर्जरी से कुछ अन्य जोखिम भी हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • सर्जरी के बाद दृष्टि में सुधार होने की बजाय उल्टा खराब हो जाना
  • अंधापन
  • आंख में संक्रमण
  • दृष्टि में आवश्यकता से अधिक बदलाव हो जाना

(और पढ़ें - आंखों की सूजन दूर करने के उपाय)

संदर्भ

  1. American Academy of Ophthalmology [Internet]. California. US; LASIK — Laser Eye Surgery
  2. Federal Trade Commission Consumer Information [Internet]. Washington DC. US; The Basics of LASIK Eye Surgery
  3. National Eye Institute [Internet]. National Institute of Health. US Department of Health and Human Services; Refractive Errors
  4. Cleveland Clinic [Internet]. Ohio. US; LASIK (Laser in situ Keratomileusis): Procedure Details
  5. US Food and Drug Administration [Internet]. Maryland. US; LASIK
  6. Harvard Health Publishing: Harvard Medical School [Internet]. Harvard University, Cambridge. Massachusetts. USA; LASIK
  7. UCSan Diego Health [Internet]. University of California San Diego. California. US; Refractive Surgery: LASIK
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