जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से जेनकर डायवर्टिकुलम को निकाला जाता है। जेनकर डायवर्टिकुलम एक थैलीनुमा संरचना है, जो किल्लन ट्रायंगल नामक कमजोर जगह पर विकसित होता है। किल्लन ट्रायंगल गले व भोजननली के बीच में स्थित होता है और इसकी परत में कोई मांसपेशी नहीं होती है। जब खाना निगलते समय भोजन इस कमजोर हिस्से पर बार-बार दबाव डालता है, तो इस हिस्से में एक असामान्य थैली बन जाती है। ऐसे में जब आप भोजन निगलते हैं, तो यह इस थैली में जमा होने लगता है, तो उससे खांसी व निगला हुआ खाना वापस आना (रिगर्जिटेशन) आदि लक्षण होने लगते हैं।

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, जिसकी मदद से आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में सो जाते हैं। जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी को एंडोस्कोपिक या ओपन सर्जरी के रूप में किया जाता है। एंडोस्कोपिक सर्जरी में मुंह के अंदर से गले में एक लचीली ट्यूब डाली जाती है और ओपन सर्जरी प्रोसीजर में गर्दन में चीरा लगाया जाता है। ओपन सर्जरी की तुलना में एंडोस्कोपिक सर्जरी के कई फायदे होते हैं, जैसे सर्जरी के बाद जल्दी स्वस्थ हो जाना, घाव न बनना, कम समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता और सर्जरी के बाद दर्द कम दर्द होना आदि।

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  1. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी क्या है - What is Zenker's Diverticulectomy in Hindi
  2. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी किसलिए की जाती है - Why is Zenker's Diverticulectomy done in Hindi
  3. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी से पहले - Before Zenker's Diverticulectomy in Hindi
  4. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी के दौरान - During Zenker's Diverticulectomy in Hindi
  5. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी के बाद - After Zenker's Diverticulectomy in Hindi
  6. जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी की जटिलताएं - Complications of Zenker's Diverticulectomy in Hindi

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी क्या है?

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसकी मदद से गले में मौजूद जेनकर डायवर्टिकुलम नामक एक असामान्य थैली को निकाला जाता है।

गले के निचले हिस्से को हाइपोफेरिंक्स कहा जाता है, जिसकी मांसपेशियां भोजन को गले से भोजन नली में पहुंचाने का काम करती है। भोजन नली के ऊपरी हिस्से में मौजूद मांसपेशियों को क्रिकोफेरिंजियल (सीपी) मसल्स कहा जाता है, जिसमें लगातार रहने वाला खिंचाव भोजन को स्थिर रखता है। जिस दौरान आप भोजन निगल रहे होते हैं, आपका मस्तिष्क हाइपोफेरिंक्स को संकेत भेजता है, जिससे वह भोजन को इसोफेगस (फूड पाइप) की तरफ धकेलता है। अगले ही मिली-सेकंड के भीतर मस्तिष्क सीपी मांसपेशियों को खुलने का संकेत भेजता है, जिससे भोजन भोजन नली में जा पाता है।

हालांकि, इस बीच एक कमजोर हिस्सा होता है, जिसे किल्लन ट्रायंगल कहा जाता है। यह गले के निचले और भोजन नली के ऊपरी हिस्से में मौजूद होता है, जिसमें कोई मांसपेशी नहीं होती है। इस हिस्से में बार-बार भोजन का दबाव पड़ने पर एक थैलीनुमा संरचना बन जाती है, जिसे जेनकर डायवर्टिकुलम कहा जाता है।

जेनकर डायवर्टिकुलम से ग्रस्त लोगों में निगला हुआ भोजन इस थैली में अटक जाता है, जिससे मुंह से बदबू आना, खांसी और निगलने में कठिनाई जैसे लक्षण होने लगते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर 50 से 70 साल के लोगों में देखे जाते हैं। जेनकर डायवर्टिकुलम के इलाज में आमतौर पर आहार में बदलाव, दवाएं और सर्जरी आदि शामिल हैं।

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी की सर्जरी प्रोसीजर में जेनकर डायवर्टिकुलम को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है। हालांकि, जिन लोगों की यह सर्जरी की गई है, उनमें से अधिकतर लोगों को इसके लक्षण फिर से विकसित हो जाते हैं। बार-बार लक्षण विकसित होने की समस्या से निजात पाने के लिए सीपी मांसपेशियों को ही निकाल दिया जाता है, जिस सर्जरी प्रोसीजर जेनकर मायोटमी कहा जाता है। जेनकर मायोटमी को जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी के साथ-साथ किया जाता है, जिससे काफी प्रभावी परिणाम मिलता है।

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जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी क्यों की जाती है?

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी आमतौर पर जेनकर डायवर्टिकुलम से ग्रस्त लोगों में की जाती है। जेनकर डायवर्टिकुलम से निम्न लक्षण होते हैं -

  • खांसी
  • मुंह से बदबू आना
  • गड़गड़ाने जैसी आवाज आना
  • निगलने में दर्द होना (और पढ़ें - निगलने में कठिनाई का इलाज)
  • गले में भोजन अटकने जैसा महसूस होना
  • निगला हुआ भोजन वापस आना
  • शारीरिक वजन कम होना
  • श्वासनली में कोई बाहरी चीज फंस जाना (पल्मोनरी एस्पिरेशन)
  • पल्मोनरी एस्पिरेशन के कारण फेफड़ों में संक्रमण होना

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियां हैं, जिनमें जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी नहीं की जाती है और यदि यह सर्जरी करनी जरूरी है तो ध्यानपूर्वक की जाती है -

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जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी से पहले तैयारी कैसे की जाती है?

सर्जरी से कुछ समय पहले डॉक्टर आपको अस्पताल बुलाते हैं, जिस दौरान आपका शारीरिक परीक्षण व कुछ अन्य टेस्ट किए जाते हैं। इस सभी टेस्टों की मदद से यह पता लगाया जाता है कि आपका शरीर यह सर्जरी करवाने के योग्य है या नहीं। इनमें निम्न टेस्ट शामिल हैं -

  • ब्लड टेस्ट
  • बेरियम स्वॉलो - इसमें एक विशेष द्रव पिलाया जाता है और फिर एक्स रे किया जाता है)
  • इसोफेजियल मेनोमेट्री - इसे इसोफेगस के संकुचित व ढीला होने के समय व ताकत का आकलन किया जाता है)
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी - इस टेस्ट में एक लचीली ट्यूब को पाचन प्रणाली में डाला जाता है, जिसकी मदद से अंदरूनी संरचना को देखा जाता है।
  • 24 अवर पीएच मेट्री - इसकी मदद से गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज की जांच की जाती है।

इसके अलावा आपको सर्जरी से पहले की तैयारियां करने के लिए कुछ विशेष सलाह भी दी जा सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं -

  • आपको स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी देने को कहा जाएगा, यदि आपको वर्तमान में या पहले कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई है, तो डॉक्टर को बता दें।
  • यदि आप कोई दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर आपको इनमें से कुछ दवाएं लेने से मना कर सकते हैं, जिनमें रक्त पतला करने वाली दवाएं (एस्पिरिन, वार्फेरिन व विटामिन ई) आदि शामिल हैं।
  • यदि आप सिगरेट या शराब पीते हैं, तो सर्जरी से कुछ दिन पहले इस बारे में डॉक्टर को बता दें। धूम्रपान व शराब का सेवन सर्जरी के बाद जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़ें - शराब छुड़ाने के उपाय)
  • यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें।
  • ऑपरेशन वाले दिन अस्पताल जाने से पहले नहा लें और कोई मेकअप आदि न करें। यदि आपने कोई आभूषण या घड़ी आदि पहनी है, तो उसे उतारकर घर पर ही रख दें।
  • यदि सर्जरी से एक या दो दिन पहले आपको खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण होने लगे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। ऐसे में डॉक्टर कुछ दिन के लिए सर्जरी को टाल सकते हैं।
  • सर्जरी वाले दिन आपको खाली पेट अस्पताल आने को कहा जाता है, ऐसे में आपको आधी रात के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए, ताकि सुबह आप खाली पेट अस्पताल जा सकें।
  • अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को अस्पताल ले जाएं, जो सर्जरी से पहले व बाद के कार्यों में आपकी मदद करेंगे।

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जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी कैसे की जाती है?

जब आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो मेडिकल स्टाफ आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को देते हैं, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान दवाएं व अन्य आवश्यक द्रव दिए जाते हैं। इसके बाद आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे आप गहरी नींद में सो जाते हैं। जब एनेस्थीसिया का असर शुरू हो जाता है, तो जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी का प्रोसीजर शुरू किया जाता है। जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी को दो अलग-अलग सर्जरी प्रोसीजर के अनुसार किया जाता है -

एंडोस्कोपिक सर्जरी -

  • इसमें एंडोस्कोप नामक उपकरण को मुंह से होते हुए गले में डाला जाता है। एंडोस्कोप एक लचीली ट्यूब जैसा उपकरण होता है, जिसके एक सिरे पर कैमरा व लाइट लगी होती है।
  • छोटे-छोटे मेडिकल उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए मांसपेशियों की कुछ परतों को काट दिया जाता है, ताकि जेनकर डायवर्टिकुलम आपकी भोजन नली से अलग हो जाए।
  • इसके बाद मांसपेशी को स्टेपलर के साथ क्लिप कर दिया जाता है, ताकि सतह में कोई छिद्र न बन पाए।

(और पढ़ें - एंडोस्कोपिक क्या है)

ओपन सर्जरी -

  • इस सर्जरी प्रोसीजर में गर्दन के बाईं ओर एक चीरा लगाया जाता है, जिसकी मदद से जेनकर डायवर्टिकुलम तक पहुंचा जाता है।
  • इसके बाद जेनकर डायवर्टिकुलम को इसोफेगस से अलग कर दिया जाता है।

जिन लोगों की जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी की जाती है, उनमें से अधिकतम को उसी दिन छुट्टी मिल जाती है। हालांकि, कुछ लोग जो विशेष रूप से किसी अन्य गंभीर रोग से ग्रस्त हैं, उन्हें एक या दो दिन तक अस्पताल रुकना पड़ सकता है। सर्जरी होने के 24 घंटे बाद आप सामान्य रूप से खा-पी सकते हैं।

ओपन सर्जरी के मामलों में आपको दो या तीन दिन तक भी अस्पताल रुकना पड़ सकता है, जिस दौरान निम्न प्रक्रियाएं की जाती हैं -

  • हॉस्पिटल स्टाफ आपकी नाक से होते हुए पेट में एक विशेष ट्यूब डालते हैं, जिसके माध्यम से आपको खाने-पीने की चीजें दी जाती हैं। यह ट्यूब लगभग एक हफ्ते तक ऐसे ही रह सकती है, ताकि सर्जरी वाला हिस्सा स्वस्थ हो सके। फीडिंग ट्यूब को एंडोस्कोपिक प्रोसीजर के बाद भी लगाया जा सकता है।
  • सर्जरी होने के एक दिन बाद लीक स्टडी नामक एक टेस्ट किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि इसोफेगस से बाहर द्रव का रिसाव नहीं हो रहा है। यह टेस्ट एंडोस्कोपिक सर्जरी के बाद भी किया जाता है।

(और पढ़ें - गर्दन में दर्द के लक्षण)

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी के बाद की देखभाल कैसे करें?

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी के बाद जब आप घर आ जाते हैं, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • यदि जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी को ओपन सर्जरी के रूप में किया गया है, तो ऑपरेशन वाले हिस्से को कम से कम पांच दिन तक सूखा रखना चाहिए।
  • आपको सर्जरी होने के 48 घंटों बाद नहाने व शॉवर लेने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, पूल व बाथटब में नहाने के लिए कम से कम एक हफ्ते तक प्रतीक्षा करें। नहाते समय भी कम से कम पांच दिन तक घाव को ढक लें या नहाने के तुरंत बाद साफ कपड़े से सुखा लें।
  • आपको कुछ दर्दनिवारक व एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेते रहना चाहिए।
  • सर्जरी वाली जगह पर दर्द होने के साथ-साथ कान व गले में दर्द होना भी एक सामान्य स्थिति है। (और पढे़ं - गले में दर्द के घरेलू उपाय)
  • यदि आपको कब्ज की शिकायत है, तो आपको लेक्सेटिव दवाएं दी जा सकती हैं।
  • सर्जरी के बाद एक हफ्ते तक डॉक्टर आपको सोते समय अपना सिर ऊपर उठाकर रखने की सलाह देते हैं। ऐसा करने के लिए आप अपने सिर के नीचे दो या तीन तकिये लगा सकते हैं।
  • कम से कम 14 दिन तक कोई अधिक मेहनत वाली एक्सरसाइज या अन्य शारीरिक गतिविधि न करें और न भारी वस्तु उठाएं।
  • सर्जरी के बाद आपको दो से चार दिनों के लिए गला बैठने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, कम से कम सात दिन तक खांसी करने या गला साफ करने की कोशिश न करें। (और पढ़ें - गला बैठने के घरेलू उपाय)
  • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें गाड़ी न चलाएं और न ही कोई अन्य मशीन ऑपरेट करें।

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी से निम्न फायदे होते हैं -

  • कम समय तक अस्पताल में भर्ती रहना
  • सर्जरी के बाद घाव जल्दी ठीक हो जाना
  • कम समय में ही सामान्य गतिविधियां व आहार शुरू कर देना
  • ऑपरेशन के बाद दर्द कम रहना
  • गर्दन पर कोई बाहरी चीरे का निशान न लगना

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर से बात कर लें

  • तेज बुखार होना
  • सर्जरी वाले हिस्से में लालिमा, सूजन व छूने पर दर्द होना
  • सर्जरी वाले घाव से बदबूदार द्रव रिसना
  • गर्दन, सीने और पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होना
  • खांसी से रक्त आना (और पढ़ें - बलगम में खून आना)
  • उल्टी में खून आना
  • पेशाब न कर पाना
  • सांस लेने में दिक्कत

(और पढ़ें - पेशाब कम आने का कारण)

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जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी सर्जरी के क्या जोखिम हो सकते हैं?

जेनकर डायवर्टिकुलेक्टॉमी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

(और पढ़ें - दांत में दर्द का कारण)

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