स्वस्थ रहने के लिए सभी उम्र के लोगों के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी होता है. खासकर बच्चों को नींद की अधिक जरूरत होती है. जब बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है, तो वो चिड़चिड़े हो सकते हैं. उन्हें तनाव व स्कूल में परेशानी आदि का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं जो बच्चे पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन का जोखिम भी अधिक रहता है. ऐसे में अधिकतर माता-पिता बच्चों की स्थिति को समझ नहीं पाते हैं, लेकिन क्या आप जाते हैं कि मेलाटोनिन बच्चों की नींद को प्रभावित होने से बचा सकता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि मेलाटोनिन किस प्रकार बच्चों के लिए फायदेमंद है -

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  1. क्या है मेलाटोनिन?
  2. छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन के फायदे
  3. छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन के नुकसान
  4. छोटे बच्चों को मेलाटोनिन की कितनी मात्रा दें?
  5. सारांश
छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

मेलाटोनिन एक हार्मोन है, जिसका निर्माण मस्तिष्क में मौजूद पीनियल ग्रंथि में होता है. मेलाटोनिन को स्लीप हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि रात को सोते समय मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाता है और इससे रात को अच्छी नींद आने में मदद मिलती है. वहीं दिन के समय शरीर में मेलाटोनिन का स्तर कम होने लगता है. बच्चों के शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन रात में भी कम होता है. इसकी वजह से उन्हें अनिद्रा या नींद न आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में मेलाटोनिन सप्लीमेंट फायदेमंद हो सकता है यानी मेलाटोनिन सप्लीमेंट वयस्कों के साथ ही छोटे बच्चों में भी नींद की समस्या का समाधान करने में मदद कर सकता है.

(और पढ़ें - मेलाटोनिन बढ़ाने के सप्लीमेंट्स)

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वयस्क हो या बच्चे, सभी के लिए मेलाटोनिन जरूरी होता है. मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन शरीर में प्राकृतिक रूप से होता है. यह नींद के लिए जरूरी होता है. छोटे बच्चों के लिए मेलाटोनिन के फायदे इस प्रकार हैं -

तेजी से नींद लाने में मदद करे

कई बार बच्चों के शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है. ऐसे में उनके सोने और जागने का चक्र पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है. मेलाटोनिन का कम स्तर नींद न आने की समस्या का कारण बन सकता है. 

अगर आपके बच्चे को भी रात में नींद नहीं आती है, तो आप उसे मेलाटोनिन सप्लीमेंट दे सकते हैं. मेलाटोनिन बच्चों को सोने में होने वाली कठिनाई का इलाज कर सकता है. मेलाटोनिन बच्चों को तेजी से नींद लाने में मदद कर सकता है. साथ ही नींद की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकता है.

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स्लीप ऑनसेट इनसोम्निया का इलाज

2017 के एक अध्ययन में साबित हुआ कि मेलाटोनिन बच्चों में होने वाले क्रोनिक स्लीप ऑनसेट इनसोम्निया (SOI) का इलाज करने में भी असरदार हो सकता है. इस स्थिति में बच्चों को रात में सोने में कठिनाई होती है. इस स्थिति में बच्चे को प्रतिदिन 3 मिलीग्राम मेलाटोनिन देना फायदेमंद हो सकता है.

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अन्य समस्याओं से भी छुटकारा दिलाए

मेलाटोनिन नींद के अलावा भी कई अन्य कार्यों में अहम भूमिका निभाता है. मेलाटोनिन ब्लड प्रेशर, शरीर के तापमान और सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर जैसी समस्याओं का इलाज करने में भी मदद कर सकता है. इसके अलावा, बच्चे को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डरअस्थमा, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर व एटॉपिक डर्मेटाइटिस होने पर भी मेलाटोनिन दिया जा सकता है. इससे बच्चे को आसानी से सोने में मदद मिलती है.

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अध्ययनों से पता चलता है कि मेलाटोनिन की कम खुराक बच्चों के लिए सुरक्षित होती है. वहीं, अगर बच्चों को अधिक मात्रा में लंबे समय तक मेलाटोनिन सप्लीमेंट दिया जाता है, तो इससे कुछ हल्के साइड इफेक्ट्स महसूस हो सकते हैं. ये नुकसान कुछ इस प्रकार हैं -

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बच्चों को मेलाटोनिन लिक्विड में दिया जा सकता है. अगर बच्चों के शरीर में मेलाटोनिन की कमी है, उन्हें नींद आने में कठिनाई होती है, तो प्रतिदिन 5 मिलीग्राम मेलाटोनिन खुराक दी जा सकती है. इससे अधिक मेलाटोनिन देने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. बच्चों को सोने से 30 से 60 मिनट पहले मेलाटोनिन दिया जा सकता है.

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कई शोध बताते हैं कि मेलाटोनिन नींद न आने की समस्या से परेशान बच्चों की मदद कर सकता है. इसके अलावा, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, अस्थमा, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर व एटॉपिक डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं से भी कुछ राहत मिल सकती है. वहीं, अधिक खुराक देने पर बच्चे को सिरदर्द, मतली व अधिक पसीना आना जैसी परेशानी हो सकती है. इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को मेलाटोनिन बिल्कुल नहीं देना चाहिए.

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