गठिया एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें जोड़ों में सूजन आ जाती है. साथ ही जोड़ों में अकड़न की वजह से दर्द भी होता है. कुछ लोगों के लिए इस स्थिति में चल पाना भी मुश्किल हो जाता है.

वैसे तो यह बीमारी किसी भी उम्र में देखने को मिल सकती है, लेकिन अधिकतर बढ़ती उम्र या 60 साल से ऊपर के लोग इसका शिकार होते हैं. क्या आप जानते हैं गठिया में चने की दाल, मसूर की दाल, फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करके गठिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है?

आज इस लेख में जानेंगे गठिया में कौन-सी दाल खानी चाहिए.

(और पढ़ें - गठिया संबंधी विकार)

  1. शरीर के किन अंगों में हो सकता है गठिया?
  2. गठिया में कौन सी दाल खानी चाहिए?
  3. सारांश
गठिया में किस दाल का करें सेवन के डॉक्टर

गठिया का यह रोग जोड़ों पर हमला करता है. इसकी वजह से दर्द और उस जगह पर सूजन हो सकती है. पैरों, हाथों, कूल्हों, घुटनों व कमर के निचले हिस्से में गठिया की समस्या हो सकती है.

(और पढ़ें - गठिया के दर्द का इलाज)

शोध के मुताबिक, अगर आप बींस, मटर या दालों का सेवन करते हैं, तो आपको भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन, फोलेट, पोटेशियममैग्नीशियम मिल सकता है. वहीं, मसूर की दाल और चने की दाल को गठिया में सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है. आइए विस्तार से जानते हैं कि गठिया में ये की दालें कैसे फायदेमंद हैं.

(और पढ़ें - गठिया में परहेज)

मसूर की दाल

  • मसूर की दाल में फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम व फोलेट होता है. इसमें मौजूद प्रोटीन हमारी हड्डियों के मजबूत होने का आधार होता है. 
  • इससे बनने वाली रेसिपी आपको अधिक समय तक भूख नहीं लगने देती. जिससे आपको वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है.
  • वजन संतुलित रहेगा, तो आपके जोड़ों में भी ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा और इनसे आपका दर्द भी कम होगा. 
  • यह दाल कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और डायबिटीजपेट के कैंसर से बचा सकती है.
  • इसमें मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र से वेस्ट को बाहर निकालता है और कब्ज को कम करता है.
  • अन्य दालों की तरह इसे भी बिना पानी में भिगोके बनाया जा सकता है. बस बनाने से पहले मसूर की दाल को अच्छी प्रकार से धोएं.

(और पढ़ें - गठिया में कौन सा फल खाना चाहिए)

चने की दाल

  • चने की दाल गठिया के रोग में फायदेमंद है. इसमें कई पोषक तत्व मौजूद हैं, जैसे कि प्रोटीन और फाइबर, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करते हैं.
  • साथ में इसमें विटामिन-सी, व फास्फोरस होता है. शरीर में हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फास्फोरस जरूरी कंपाउंड है. इसलिए, अर्थराइटिस में इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है.
  • यह एक फायदेमंद एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट है. इसके सेवन से सूजन कम होती है.
  • इस दाल का सेवन करने से पहले कुछ देर पानी में जरूर भिगोयें.
  • इसके सेवन से काफी समय तक पेट भरा महसूस होता है. इसलिए, यह वजन कम करने में भी सहायक है.

(और पढ़ें - गठिया के घरेलू उपाय)

गठिया में ये दोनों ही दाल पोषक तत्व जैसे कि विटामिन, मिनरल्स, फास्फोरस, फोलेट व पोटेशियम से भरपूर होती है. इसलिए, आपकी हड्डियों की सेहत के लिए ये दालें फायदेमंद है. साथ ही एक बात का ध्यान रखें कि डाइट में किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

(और पढ़ें - गठिया के लिए योग)

Dr. Navroze Kapil

Dr. Navroze Kapil

ओर्थोपेडिक्स
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Abhishek Chaturvedi

Dr. Abhishek Chaturvedi

ओर्थोपेडिक्स
5 वर्षों का अनुभव

Dr. G Sowrabh Kulkarni

Dr. G Sowrabh Kulkarni

ओर्थोपेडिक्स
1 वर्षों का अनुभव

Dr. Shivanshu Mittal

Dr. Shivanshu Mittal

ओर्थोपेडिक्स
10 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें